Wednesday, May 17, 2017

वायरल सच: क्या मोमो खाने से आंत का कैंसर होता है?

Last Updated: Friday, 16 June 2017 8:21 PM

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, मैसेज और वीडियो वायरल होती हैं. इन वायरल फोटो, मैसेज और वीडियो के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है. ये दावा जम्मू में बीजेपी एमएलसी रमेश अरोरा कर रहे हैं.


क्या है तेजी वायरल हो रहा दावा ?
जम्मू में बीजेपी के नेता रमेश अरोरा ने दावा किया है कि मोमो में अजीनोमोटो मिलाया जाता है जो लोगों को आंत के कैंसर का मरीज बना सकता है. एबीपी न्यूज़ ने रमेश अरोरा से बात की तो उन्होंने अपना दावा दोहराया कि मोमो से कैंसर होता है.

क्यों ऐसा दावा कर रहे हैं रमेश अरोरा?
रमेश अरोरा ने बताया, ”मोमो में मैदा रहता है, मैदा और अजीनोमोटो का कॉम्बिनेशन खतरनाक होता है. रिसर्च में साबित हुआ है कि इसके कई खतरे रहते हैं. उसके असर से शरीर का कोई हिस्सा नहीं बचता, इससे कैंसर की संभावना तक रहती है. यूएसए के फिजिशियन ने इसे साइलेंट किलर बताया है.
अल्कोहल, निकोटिन, ड्रग से भी ज्यादा खतरनाक बताया है. बच्चों को लगता है कि नॉर्मल कोर्स में खा रहे हैं.”

क्या है रमेश अरोरा के दावे का सच?
मोमो में अजीनोमोटो डाला जाता है या नहीं इस बात की पड़ताल के लिए एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली में मोमो बेचने वालों से संपर्क किया. मोमो बेचने वालों ने बताया कि हां मोमो में अजीनोमोटो का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उसके बिना तो स्वाद ही नहीं आता. अजीनोमोटो नहीं डालने से स्वाद बिगड़ जाता है, अजीनोमोटो स्वाद बनाए रखता है.

क्या है अजीनोमोटो?
अजीनोमोटो का कैमिकल का नाम अजीनोमोटो नहीं MSG है, MSG यानि mono sodium glumate. ये प्रोटीन का हिस्सा है जिसे अमीनो एसिड कहते हैं. अजीनोमोटो इसको सबसे ज्यादा बनाता है इसलिए इसे इसी नाम से जानते हैं.

अजीनोमोटो को लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर?
इसका फाइनल सच जानने के लिए एबीपी न्यूज़ ने गंगाराम अस्पताल में गैस्ट्रो विभाग के डॉक्टर नरेश बंसल से संपर्क किया. डॉक्टर नरेश बंसल ने हमने सवाल किया कि क्या अजीनोमोटो से शरीर को नुकसान होता है.

डॉ. बंसल ने बताया, ”इसमें सोडियम होता है, बहुत से लोगों को पता नहीं होता. हार्ट पेशेंट और बीपी पेशेंट को कम नमक की सलाह दी जाती है. इससे लंग फेलियर वाले मरीजों को भी नुकसान है. इससे माइग्रेन की टेंडेसी उभरती है, इसलिए माइग्रेन या सिरदर्द की शिकायत हो तो नहीं खाना चाहिए. डॉ नरेंद्र बंसल ने हमें बताया कि अजीनोमोटो का लगातार सेवन पेट की समस्या पैदा कर सकता है. यानि अगर आप मोमो जैसी चीजें खाते हैं तो गैस और एसिडिटी की समस्या हो सकती है. अल्सर की शिकायत वाले मरीजों के लिए ये ज्यादा खतरनाक है.”

अजीनोमोटो को लेकर क्या कहते हैं फूड एडल्टरेशन एक्सपर्ट?
डॉक्टर हमें मोमो जैसी चीजें खाने से होने वाले नुकसान के बारे में तो बता रहे थे लेकिन अब तक हमें मोमो से आंत के कैंसर पर सटीक जवाब नहीं मिला था. इसलिए हम पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए फूड एडल्टरेशन एक्सपर्ट यानि खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता के जानकार अशोक कंचन के पास पहुंचे.

अशोक कंचन ने बताया कि भारत और अमेरिका में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. पैकेज प्रोडक्ट में लिखना जरूरी है कि इसमें MSG है. 12 महीने से छोटे बच्चों को ना देने को कहा जाता है. इसके कैमिकल को लेकर विवाद रहा है. विवाद की वजह से यूरोप में इसके इस्तेमाल पर रोक है.

फूड एक्सपर्ट ने तो ये बताया ही कि पैकेज के ऊपर इसके इस्तेमाल के बारे में जानकारी देना जरूरी है. वहीं FSSAI के नियमों के अनुसार भी किसी भी चीज में अजीनोमोटो का इस्तेमाल किए जाने पर ये बताना अनिवार्य है कि उसमें अजीनोमोटो है और ये भी कि कितना अजीनोमोटो है. ऐसा ना करना नियमों का उल्लंघन माना जाता है.

क्या अजीनोमोटो खाने से कैंसर हो सकता है?
अशोक कंचन ने बताया कि इस पर स्टडी देखी हैं. अभी तक कैंसर का कोई प्रमाण नहीं है. जी मचलाना, सिर दर्द जैसे साइड इफेक्ट हो जाते हैं. जिसको एलर्जी है उन्हें नहीं खाना चाहिए. कई बार साइड इफेक्ट हो जाते हैं इसलिए संभलकर खाना चाहिए.

ABP न्यूज की पड़ताल में सामने आया

  • अजीनोमोटो एक जापानी कंपनी का नाम है
  • अजीनोमोटो MSG यानि मोनो सोडियम ग्लूटामेट नाम का केमिकल बनाती है
  • MSG प्रोटीन का हिस्सा है जिसे अमीनो एसिड कहते हैं
  • MSG के प्रयोग से साइड इफेक्ट हो सकता है
  • MSG के प्रयोग से कैंसर हो अब तक कोई रिसर्च सामने नहीं आई है

इसलिए हमारी पड़ताल में मोमो से आंत के कैंसर वाला दावा झूठा साबित हुआ है.





 लेकिन

अगर Momos के दीवाने हैं तो हो सकती हैं ये परेशानियां

 

सेहत : मैदे और सब्जियों से बने मोमोज बहुत स्वाद होते हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक कई लोगों को यह बहुत पसंद होते हैं। मोमोज बनाने के लिए मैदे की लोई बनाकर उसमें सब्जियों को बारीक काट कर भरा जाता है और इसे स्टीम देकर या फ्राई करके पकाया जाता है। मैदे में फाइबर नहीं होता, इसे सफेद और चमकदार बनाने के लिए बेंजोइल परऑक्साइड से ब्लीच किया जाता है जो शरीर को बहुत नुकसान देता है क्योंकि मोमोज में भी मैदे का ही इस्तेमाल होता है इसलिए इसको खाने के कई दुष्प्रभाव होते हैं। आइए जानिए इसके सेवन से और कौन सी समस्याएं हो सकती हैं।

- मैदे में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है इसलिए मोमोज खाने से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जिससे डायबिटीज होने का खतरा हो जाता है।

- इसमें फाइबर नहीं होता जिससे इसे खाने से कब्ज हो जाती है और सिर दर्द और गैस जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

मोमोज खाने से खून में ग्लूकोज जमने लगता है जिससे गठिया और दिल संबंधी बीमारियां हो जाती है।

- जो लोग रोजाना मोमोज या मैदे से बनी चीजें खाते हैं उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जिससे वह हमेशा बीमार रहते हैं।

मोमोज को जब पकाया जाता है तो मैदे में से प्रोटीन निकल जाता है और यह एसिडिक बन जाता है। इससे शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

- मोमोज एक Low Cost रोड साइड स्नैक्स है जिसमें प्रोफिट भी उस ही अनुपात में काफी कम हो जाता है तो उस प्रोफिट को बढ़ाने के लिए मोमोज की व इसमें प्रयोग कि​ जाने वाली सब्जियों की क्वालिटी से समझोता करते हैं!

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