Tuesday, May 16, 2017

सिर्फ 15 मिनट ऊँगली को दबाएं और पाए ऐसा चमत्कार, जिसकी आपने नहीं की होगी कल्पना !


यूँ तो योगासन को प्राचीन काल से शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है. पर आज कल इसकी महत्ता कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है. वैसे योगासन की तरह नियमित योग मुद्रा लगा कर बैठना भी काफी फायदेमंद माना जाता है. अब यूँ तो योग मुद्रा कई प्रकार की होती है. पर सबसे उत्तम सूर्य मुद्रा होती है. वो इसलिए क्यूकि इसके कई फायदे है. दरअसल सूर्य की ऊँगली यानि अनामिका जिसे रिंग फिंगर भी कहा जाता है. उसका संबंध सूर्य और यूरेनस ग्रह से होता है.

set of 9 mudras. It includes such mudras: Prana mudra, Gyan mudra, Apan mudra, Prithvi mudra, Surya mudra, Shoonya mudra, Vayu mudra, Mudra “Shield of Shambhala” and Mudra “Flying lotus”. Gestures is isolated on white background.

इसके इलावा सूर्य ही ऊर्जा और स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है. तो वही यूरेनस कामुकता और बदलाव का प्रतीक है. ऐसे में इस मुद्रा को केवल 15 मिनट करने से आपको वो चमत्कारी फायदे होंगे जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. तो चलिए अब हम आपको बताते है, कि आपको इस मुद्रा में किस प्रकार बैठना है और ये मुद्रा कैसे बनानी है. सूर्य मुद्रा बनाने की विधि.. सबसे पहले सूर्य की ऊँगली को हथेली की तरफ मोड़ कर उसे अंगूठे से दबाएं. फिर बाकी बची तीनो अंगुलियों को सीधा रखे. बस इसे ही सूर्य मुद्रा कहते है.

इसके बाद अपने हाथ की अनामिका ऊँगली को अंगूठे की जड़ में लगा ले और बाकी बची उंगलियों को सीधा ही रहने दे. इस तरह से सूर्य मुद्रा बनती है. गौरतलब है, कि सूर्य मुद्रा को लगभग आठ से पंद्रह मिनट तक ही करना चाहिए, क्यूकि ज्यादा देर करने से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है. वैसे सर्दियों में इस मुद्रा को ज्यादा से ज्यादा चौबीस मिनट तक किया जा सकता है.

अब आपको बताते है, कि आपको इस मुद्रा में कैसे बैठना है. सबसे पहले सिद्धासन, पदमासन या सुखासन में बैठ जाये. फिर दोनों हाथ घुटनो पर रख ले और ध्यान रहे कि हथेलियां ऊपर की तरफ हो. इसके बाद अनामिका ऊँगली को मोड़ कर अंगूठे की जड़ में लगा ले या ऊपर से अंगूठे से दबा ले. इस दौरान बाकी की तीनो उँगलियाँ सीधी रखे. इस मुद्रा से आपको बहुत से फायदे होंगे, जो कुछ इस प्रकार है.

१. गौरतलब है, कि एक तो इस मुद्रा से वजन कम होता है और शरीर संतुलित रहता है. बता दे कि मोटापा कम करने के लिए यह बिना पैसे की दवा का काम करती है. पर जल्दी किसी चमत्कार की उम्मीद न रखे, क्यूकि ये अपना असर धीरे धीरे ही दिखाती है.

२.इसके इलावा इस मुद्रा का रोज दो बार पांच से पंद्रह मिनट तक अभ्यास करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल भी घटता है.

३. सूर्य मुद्रा के अभ्यास से मोटापा कम होने के साथ साथ शरीर की सूजन भी दूर होती है और इससे शरीर चुस्त दरुस्त भी महसूस करता है.

४. इसके साथ ही जिन महिलाओ के बच्चा होने के बाद उनका वजन बढ़ जाता है, उनके लिए इस मुद्रा का अभ्यास करना बेहद लाभकारी होता है. इससे उनका शरीर पहले जैसा हो जाता है.

५. इससे शरीर में ऊर्जा और गर्मी दोनों की मात्रा बढ़ती है. साथ ही शरीर में ताकत का संचार भी होता है. इसके इलावा गर्मियों में ये मुद्रा करने से पहले एक गिलास पानी जरूर पी ले.

६.गौरतलब है, कि कमजोर शरीर वाले व्यक्तियों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए, क्यूकि इससे अधिक कमजोरी आ जायेगी. बस जिनको अपना शरीर स्लिम रखना है, वो ये कर सकते है.

७. वैसे इसे नियमित रूप से करने से बेचैनी और चिंता कम होती है, और मन तथा दिमाग शांत रहता है,

८. बता दे कि यह मुद्रा भूख को संतुलित करके पाचन संबंधी कई समस्याओ से छुटकारा दिलाती है.

९. प्रात काल में सूर्योदय के समय स्नान आदि से निवृत्त होकर ही इस मुद्रा को करना ठीक और फायदेमंद रहता है. इसके इलावा शाम को सूर्यास्त से पहले यह मुद्रा कर सकते है.

१०. बता दे कि अनामिका ऊँगली पृथ्वी और अंगूठा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में इन तत्वों के मिलन से शरीर में ऊर्जा का वास होता है. साथ ही इस मुद्रा को करने से व्यक्ति में अंतर्ज्ञान जागरूक होता है.

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