Tuesday, May 23, 2017

Healthy Tips: स्वास्थ्य निर्देश (पारंपरिक)


आवश्यक निर्देश:

चैत्र माह में नया गुड़ न खाएं
बैसाख माह में नया तेल न लगाएं
जेठ माह में दोपहर में नहेम चलना चाहिए
अषाढ़ माह में पका बेल न खाएं
सावन माह में साग न खाएं
भादों माह में दही न खाएं
क्वार माह में करेला न खाएं
कार्तिक माह में जमीन पर न सोएं
अगहन माह में जीरा न खाएं
पूस माह में धनिया न खाएं
माघ माह में मिश्री न खाएं
फागुन माह में चना न खाएं

अन्य निर्देश:

स्नान के पहले और भोजन के बाद पेशाब जरूर करें ।

भोजन के बाद कुछ देर बायी करवट लेटना चाहिये ।

रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठाना चाहिये ।

प्रातः पानी पीकर ही शौच के लिए जाना चाहिये ।

सूर्योदय के पूर्व गाय का धारोष्ण दूध पीना चाहिये ।

व्यायाम के बाद दूध अवश्य पियें।मल, मूत्र, छीक का

वेग नही रोकना चाहिये ।ऋतु (मौसमी) फल खाना चाहिये ।

रसदार फलों के अलावा अन्य फल भोजन के बाद खाना चाहिये ।

रात्रि में फल नहीं खाना चाहिये ।

भोजन के समय जल कम पियें ।

नेत्रों में सुरमा / काजल अवस्य लगायें ।

स्नान रोजाना अवश्य करना चाहिये ।

सूर्य की ओर मुह करके पेशाब न करें ।

बरगद, पीपल, देव मन्दिर, नदी व् शमशान में पेशाब न करें ।

गंदे कपड़े न पहने, इससे हानि होती है ।

भोजन के समय क्रोध न करें बल्कि प्रसन्न रहें।

आवश्यकता से अधिक बोलना भी नहीं चाहिये व बोलते समय भोजन करना रोक दें |

ईश्वर आराधना अवश्य करनी चाहिये ।

आवश्यक बातें :

बासी मांस न खायें .

वृद्धा औरत के साथ सहवास (sex) न करें .

तुरंत का जमा दही न खाएं .

गर्भवती औरत के साथ सहवास (sex) न करें .

दही और मुली एक साथ न खायें .

लौकी और उरद की दाल एक साथ न खायें .

मछली और दूध एक साथ न खायें .

बच्चों के सामने गुप्त बातें और अश्लील बातें न करें .

चिकित्सक (doctor) से भूलकर भी बैर न करें .

इच्छा न होने पर यात्रा न करें .

मनुष्य नियमों का पालन करके ही मनुष्य होता हैं . अनियमित रहने वाला मनुष्य पशु से भी गया-गुजरा होता हैं . इसलिए सफल जीवन और स्वास्थ्य रक्षा हेतु नियमों का पालन करें .

मित्रों ये जीवन के सरल परन्तु आवश्यक निर्देश हैं जो हमारी परंपरा से जन्मे हैं कृप्या इससे अपने मित्रों व संबंधियों से शेयर जरुर करें!

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