सुबह काम नाश्ता – Morning Breakfast
सुबह का नाश्ता दिन के शुरुआत का पहला आहार होता है। यह बहुत जरुरी है और उठने के बाद घंटे के अंदर कर लेना चाहिए। कुछ लोग इसे बिल्कुल महत्व नहीं देते। विशेषकर महिलाएं सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए , बिना रुके 4-5 घंटे तक घर के काम में लगी रहती है।
यह बहुत नुकसानदायक होता है। इससे कुछ समय बाद बहुत कमजोरी महसूस होने लगती है। गुस्सा भी आता रहता है और चिड़ भी मचतीर रहती है। हाथ पैर कांपने लगते है।
इसी प्रकार कुछ लोग ऑफिस जाने की जल्दी के कारण या देर से उठने के कारण सुबह का नाश्ता नहीं कर पाते। कुछ लोग सिर्फ चाय पीते
रहते है इसलिए नाश्ता नहीं करते। कुछ लोग भूख नहीं होने का बहाना बना कर सुबह का नाश्ता टाल देते है। लेकिन सुबह नाश्ता नहीं करने
के बहुत से शारीरिक और मानसिक नुकसान हो सकते है। यदि आपको बेवजह थकान और कमजोरी महसूस होती है और ऐसा लगता है
की कुछ याद नहीं रहता तो हो सकता है कि यह सुबह नाश्ता नहीं करने के कारण होता हो। कुछ दिन सुबह नियमित पौष्टिक नाश्ता लेकर देखें। हो सकता है कि समस्या का समाधान हो जाये।
नाश्ता नहीं करने का मतलब है कि पिछले दिन रात को किये गए भोजन के बाद से पेट में कुछ नहीं गया।
यानि लगभग 12 -14 घंटे से शरीर को और दिमाग को पोषक तत्व नहीं मिले है। नाश्ता नहीं करने से ब्लड शुगर लेवल पर असर पड़ता है
गुस्सा आने लगता है , चिड़ सी मचने लगती है । यह खुद के लिए और घर या ऑफिस के लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
ऐसा ब्लड में शुगर कम होने की वजह से होता है। जब ब्लड शुगर लेवल कम होता है तो गुस्सा आना स्वाभाविक होता है क्योकि इसके असर से थकान भी लगती है और सोचने समझने की शक्ति पर भी असर पड़ता है। नाश्ता समय से करने से गुस्सा और चिड़चिड़ाहट से बचा जा सकता है।
कुछ लोगों को सुबह काम की अत्यधिक व्यस्तता के कारण नाश्ता करने भी का समय नहीं मिलता। लेकिन इससे बाद में रक्त में ग्लूकोस की कमी हो जाती है। जिसे हाइपो ग्लाइसीमिया कहते है। इसके कारण धुंधला दिखना , घबराहट , चिड़चिड़ाहट , कमजोरी , सिरदर्द ,कंपकंपी , थरथराहट ( Vibration ) , चक्कर आना , पसीने छूटना , त्वचा में झुनझुनाहट आदि हो सकते है।यहाँ तक की बेहोशी भी हो सकती है। यह लक्षण नजर आते हो तो नाश्ता समय पर लेना अवश्य शुरू कर देना। शाम के वक्त भी ऐसा हो सकता है।
जब भी भूख लगती है तो पेट में एसिड बनता है। नाश्ता नहीं करने पर यह एसिड पेट की दिवार तथा भोजन नली को नुकसान पहुंचाता है।
इसके कारण एसिडिटी की समस्या पैदा हो सकती है।
सुबह नाश्ता नहीं करने वाले लोगों में इन्सुलिन रेसिस्टेंस , टाइप 2 डायबिटीज तथा मोटापा बढ़ने का खतरा अधिक होता है।
इससे ब्लडप्रेशर बढ़ने तथा ह्रदय रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
दिमाग को रात के समय भी पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज़ की आवश्यकता होती है। जब हम खाना नहीं खाते तब ऊर्जा के लिए ग्लूकोज लीवर से
प्राप्त होता है। यह ग्लूकोज लीवर में ग्लाइकोजेन के रूप में संग्रह किया हुआ रहता है। हो सकता है कि जरुरत के समय ग्लूकोज़ की
सप्लाई के लिए लीवर में पर्याप्त मात्रा में ग्लाइकोजेन का संग्रह ना हो। ऐसा होने से शरीर में कोर्टिसोल नामक तनाव का हार्मोन बढ़ जाता है।
दिमाग को ग्लूकोज के रूप में ऊर्जा नहीं मिलने के कारण सिरदर्द या सुस्ती महसूस होने लगते है। सुबह जल्दी नाश्ता कर लेने से इससे बचाव हो सकता है ।
नाश्ता या ब्रेकफास्ट नहीं करने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता चला जाता है , इससे इन्सुलिन प्रतिरोध पैदा होता है। और ज्यादा भूख लगती रहती है। अतः दिन भर की भूख और थकान से बचने के लिए नाश्ता जरुरी है।
जो लोग सुबह का नाश्ता नहीं करते वे लोग नाश्ता करने वालों से ज्यादा मोटापे से ग्रस्त होते है क्योकि नाश्ता नहीं करने से दिन भर भूख और शक्करकी जरुरत महसूस होती रहती है। इसलिए दिन भर खाना पीना चलता रहता है और वजन बढ़ जाता है। अतः वजन कम करना चाह रहे हों तो सुबह का नाश्ता अवश्य लें।
सुबह नाश्ता नहीं करने से 10 बजे के आसपास एकदम से तेज भूख लगने लग जाती है। भूख के कारण सामने कुछ जो कुछ भी दिखाई दे आप खाना शुरू कर देते है चाहे वो पोटेटो चिप्स , नमकीन , भुजिया , कचोरी , समोसा आदि कुछ भी हो । इससे कई प्रकार के शारीरिक नुकसान होने लगते है। सुबह एक पौष्टिक नाश्ता नियम से लेने पर इस नुकसान से बचाव हो जाता है।
नाश्ता नहीं करने से मुंह से बदबू आना शुरू हो सकती है।
नाश्ता करने की आदत नहीं हो तो भी सुबह कुछ पौष्टिक जरूर खा लेना चाहिए जैसे अंकुरित अनाज , दलिया , ओट्स या चपाती आदि।
ताकि ब्लड प्रेशर लेवल सन्तुलित रहे तथा लंबे अंतराल के बाद शरीर को आवश्यक पोषत तत्व मिल जाएँ। नाश्ते का समय भोजन से पोषक
तत्व जैसे विटामिन , खनिज तथा फाइबर प्राप्त करने का सबसे अच्छा समय होता है। नाश्ते का समय निकलने के बाद इनकी कमी
स्वास्थ्य के लिए नुकसान दायक हो सकती है। यदि सुबह उठते ही भूख ना लगे तो एक आध घंटे इंतजार करें फिर नाश्ता कर सकते है ।
नाश्ता लेने से सोई हुई अवस्था के कारण धीमा पड़ा मेटाबोलिज्म भी जाग्रत अवस्था में आ जाता है।
सुबह का नाश्ता कैसा होना चाहिए –
सुबह नाश्ते में पौष्टिक चीजें शामिल करनी चाहिए जिसमे प्रोटीन, विटामिन , खनिज , कार्बोहाइडेट तथा फाइबर का अच्छा मेल हो।
— दूध , दही , छाछ ले सकते है। ये फुल फैट युक्त ना हो। दही से रायता बना कर खाये।
— छाछ के साथ बाजरे की राबड़ी या जौ की राबड़ी अच्छे विकल्प है।
— पोहा
— उपमा
— इडली
— अंकुरित चने , मूंग या अंकुरित अनाज
— खमन ढ़ोकला
— आजकल ओट्स का बहुत चलन है। बाजार के कई प्रकार के ओट्स मिलने लगे है। इन्हें ले सकते है।
— कॉर्न फ्लेक्स और दूध अच्छा नाश्ता है।
— ड्राई फ्रूट्स, मेवे
— दलिया , खिचड़ी
— हर मौसम में अलग फल आता है। खट्टे फल के अलावा दूसरे फल नाश्ते में शामिल किये जा सकते है।
— फलों से बने शेक या सलाद आदि बना कर नाश्ते में ले सकते है।
— व्हीट ब्रेड या इससे बने सैंडविच
— ब्राउन राइस
सर्दियों के मौसम में आयुर्वेदिक पौष्टिक नाश्ते बना कर अवश्य खाने चाहिए। ये बहुत लाभदायक होते है तथा पूरे वर्ष भर इनका फायदा शरीर
को मिलता रहता है। नीचे दिए नाश्ते पर क्लीक करके इन्हें बनाने की विधि जान सकते है।
जैसे : –
— मूंगफली की चिक्की ,
— गोंद के लड्डू ,
— मेथी के लड्डू ,
— गाजर का हलवा
— बादाम का हलवा
— पिस्ते बादाम वाला स्पेशल दूध
— तिल पपड़ी या तिल के लडडू
— मिक्स आटा बर्फी आदि।
सुबह के नाश्ते में क्या नहीं लें –
जैसा की अब हमें पता है कि सुबह का नाश्ता पौष्टिक होना चाहिए इसलिए अधिक तेल-घी से बना , तला हुआ , तेज मिर्च मसाले वाला तथा मैदा से बना हुआ नाश्ता ना लें। बाजार में मिलने वाले कचोरी , समोसा , बर्गर , पकौड़ी , भुजिया , नमकीन आदि नुकसान दे सकते है। घर पर भी रोजाना नाश्ते में ढेर सारा घी डालकर कर बनाये गए पराठे , पूरी या चाट पकौड़ी आदि से नुकसान हो सकता है। पेस्ट्री , कोल्ड ड्रिंक , डिब्बा बंद ( रेडी टू ईट ) खाना , सफ़ेद ब्रेड , ज्यादा बटर, आलू की चिप्स , पिजा , बर्गर , मैदा से बने बिस्किट , मैदा से बने बेकरी आइटम आदि ना ही लें तो अच्छा है।
विकल्प बहुत सारे है। पौष्टिक नाश्ता करने की आदत डाल लीजिये और स्वस्थ रहिये।
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