Tuesday, December 25, 2018

लोहे के तवे पर ही बनाएं बिना चिपके, क्रिस्पी डोसा

साउथ इंडियन खाने के शौकीन हैं पर घर पर मार्केट जैसा अच्छा डोसा नहीं बना पाते हैं तो अपनाएं ये कारगर टिप्स.


टिप्‍स

- हमेशा रोटी और डोसा बनाने के लिए तवा अलग-अलग ही रखें. 
- डोसा बनाने से पहले तवे को अच्छी तरह से साफ कर लें. ध्यान रखें कि तवे पर जरा सा भी तेल चिपका हुआ न हो।
- धीमी आंच में तवा गर्म कर एक चम्मच तेल डालकर पूरे तवे पर लगा लें और जैसे ही हल्का धुंआ आने लगे तब आंच बंद कर दें.
ऐसा करने से तवा नॉन स्टिक जैसा तैयार हो जाएगा।
- इसके बाद तवा ठंडा कर दोबारा धीमी आंच में तवे पर तेल डालकर गर्म करें और तेल के गर्म होते ही आधे कटे प्याज से अच्छे से रगड़ कर साफ़ कर लें, अब तवा तैयार है डोसा बनाने के लिए।
- अगर डोसा पलटने में दिक्कत हो तो पलटे के जिस साइड से डोसा पलटेंगे उस साइड को जरा सा पानी में डूबो लें और फिर देखिए डोसा बहुत ही आसानी से पलट जाएगा. 
- तवे को चिकना करने के लिए आप आधे कटे प्याज की सहायता भी ले सकते हैं. प्याज को तेल में डूबोकर तवे पर तेल लगाने से डोसा बहुत क्रिस्पी बनता है।
- इतना करने के बाद भी अगर डोसा चिपकता है तो तवे पर थोड़ा सा आटा बुरककर अच्छे से रगड़ें और फिर पोंछ दें. तवा एकदम सही हो जाएगा. 
- नॉन- स्टिक तवे पर भी अगर डोसा चिपकता है तो इसके साथ भी यही स्टेप्स अपनाएं।

Thursday, December 20, 2018

प्लास्टिक की बोतल में पीते हैं पानी तो हो सकता है कैंसर, फर्टिलिटी पर भी पड़ता है असर

बाइसफेनॉल ए यानी कि बीपीए एक ऐसा केमिकल है जो बोतलों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है और तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बनता है।


☢ पानी की जगह कुछ चीजों का सेवन आपको हाइड्रेट रखने में मदद करता है।

भारत में जो प्लास्टिक के बोतल इस्तेमाल किए जाते हैं उनके निर्माण में बाइफेनॉल ए का प्रयोग पूरी तरह से वर्जित नहीं है। बाइसफेनॉल ए यानी कि बीपीए एक ऐसा केमिकल है जो बोतलों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है और तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बनता है। प्लास्टिक बोतलों के लगातार इस्तेमाल से दिल संबंधी समस्या, दिमाग को नुकसान, डाबिटीज तथा गर्भावस्था में समस्या जैसी दिक्कतें आने लगती हैं। ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि आप प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल बंद कर दें।

प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान –

कैंसर का खतरा – प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल कैंसर की वजह बन सकता है। एस शोध के मुताबिक जब ज्यादा तापमान या धूप की वजह से बोतल गर्म होती है तब उसके प्लास्टिक से डाई ऑक्सिन का स्राव शुरू हो जाता है। यह डाइ ऑक्सिन हमारे शरीर में घुलकर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। महिलाओं में यह ब्रीस्ट कैंसर का कारण बनता है।

दिमाग के लिए नुकसानदेह – प्लास्टिक को बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली बाइसफेनॉल ए यानी कि बीपीए की वजह से दिमाग की फंक्शनिंग प्रभावित होती है। इससे इंसान की याद्दाश्त क्षमता और समझने की शक्ति कमजोर होने लगती है। एक शोध में यह बताया गया है कि प्लास्टिक की बोतल में इस्तेमाल किए जाने वाले बीपीए की वजह से अल्जाइमर्स का भी खतरा बढ़ जाता है।

फर्टिलिटी होती है प्रभावित – बीपीए सिर्फ दिमाग के लिए नुकसानदेह नहीं है। इसकी वजह से महिला और पुरुष दोनों में गुणसूत्रों की संख्या कम होती है। इसकी वजह से शुक्राणु और अंडाणु दोनों प्रभावित होते हैं। ऐसे में प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से बचें।

गर्भवती महिलाओं के लिए – प्लास्टिक में मौजूद बीपीए गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को प्रभावित करता है। इसीलिए गर्भावस्था में महिलाओं को प्लास्टिक की बोतल न इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

दिल की बीमारी का कारक – प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से बीपीए केमिकल्स खून में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे में यह दिल को कमजोर बनाते हैं। इससे शरीर में रक्त संचार भी प्रभावित होता है।से नहीं हो पाता है।