प्राचीनकाल से लोग पीपल के पेड़ की पूजा करते है क्योंकि पीपल का पेड़ कई सारे गुणों से भरपूर है। पीपल का वृक्ष चौबीसों घंटे ऑक्सीजन प्रदान कर वातावरण को शुद्ध करता है। इसलिए गांवों में प्रत्येक घर तथा मन्दिर के आस पास आपको पीपल या नीम का वृक्ष अवश्य मिल जाता है। पीपल की छाया बेहद शीतल होती है और इसके पत्ते कोमल, चिकने और हरे रंग के होते हैं।
पीपल का पत्ता और पीपल का फल दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर है इसलिए आयुर्वेद में पीपल को औषधि के रूप उपयोग किया जाता है। पीपल फेफड़ों के रोग जैसे तपेदिक, अस्थमा, खांसी तथा कुष्ठ, आदि रोगों से निजात दिलाता है। इसके अलावा यह रतौंधि, मलेरिया ज्वर, कान दर्द, खांसी, बांझपन, सर्दी व जुखाम आदि रोगों से भी बचाता है। तो आज हम लोग गुणकारी पीपल के पेड़ की जानकारी और उसके फ़ायदों के बारे में जानेंगे।
पीपल के औषधीय लाभ
1. वीर्य बढ़ाएं और नपुंसकता को दूर भगाएं
पीपल पर लगने वाला फल जिसे पिपरी कहते हैं; को छाया में सुखाकर पीस कर चलनी से छान लें। अब इस चूर्ण का एक चौथाई चम्मच 250 ग्राम दूध में मिलाकर नियमित रूप से पीने से वीर्य बढ़ता है तथा नपुंसकता दूर होती है।
2. आँखों के लिए लाभकारी
पीपल का दूध आंखों के अनेक रोगों को दूर करता है। पीपल के पत्ते या टहनी तोड़ने से जो दूध निकलता है उसे थोड़ी मात्रा में प्रतिदिन सलाई से लगाएं और आंखों में दर्द, जलन और सूजन में राहत पाएं।
पीपल के पत्ते के गुण
1. कान का दर्द दूर करें
पीपल की ताज़ी पत्तियों को निचोड़कर उसका रस कान में डालने से कान दर्द दूर होता है।
2. पैरों की बिवाई को ठीक करें
पीपल के पत्ते से निकलने वाले दूध को लगाने से पैरों की बिवाई ठीक हो जाती है।
3. खाँसी को छू मंतर करें
जब आप खांस खांस कर परेशान हो जाएं तब खांसी के रोग से छुटकारा पाने के लिए पीपल के पत्तों को छाया में सुखाकर कूट कर इसमें मिसरी मिला दें तथा कीकर का गोंद मिलाकर चने के आकार के बराबर गोली बना लें। दिनभर में 2 गोलियां कुछ दिनों तक चूसनें से खांसी छू मंतर हो जाएगी।
4. सर्दी जुखाम से बचाएं
सर्दी जुखाम होने पर पीपल की 2 कोमल पत्तियों को चूसने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।
5. दाद खाज खुजली भगाएं
पीपल के 4-5 कोमल, नरम पत्ते ख़ूब चबा-चबाकर खाने से तथा इसकी छाल का काढ़ा बनाकर आधा कप मात्रा में पीने से दाद, खाज, खुजली आदि चर्म रोगों में आराम मिलता है।
6. दमा रोग को ठीक करें
पीपल की छाल के अन्दर का भाग निकालकर सुखा लें और कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें, यह चूर्ण दमा रोगी को सेवन कराएं इससे दमा रोग में आराम मिलेगा।
7. पीपल का दातून करने से लाभ
पीपल के दातुन से दांतों के रोग जैसे दांतों में कीड़ा लगना, मसूड़ों में सूजन, ख़ून निकलना, दांतों का पीलापन आदि रोग दूर हो जाते है। पीपल की दातून करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
8. पीलिया रोग को दूर करें
अगर पीलिया का रोगी पीपल की नर्म टहनी के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर माला बना लें और इस माला को एक सप्ताह तक धारण करे तो पीलिया रोग चला जाता है।
पीपल के औषधीय गुणों से परिचित होने के बाद यक़ीनन आप भी इस पेड़ को लगायेंगे और इसके चमत्कारिक लाभ से फ़ायदा उठायेंगे।
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