Sunday, August 19, 2018

इंडियन टॉयलेट और वेस्‍टर्न टॉयलेट में कौन है बेहतर ?



Indian Toilet vs Western Toilet In Hindi इंडियन टॉयलेट और वेस्‍टर्न टॉयलेट को लेकर लोगों के मन में यह दुविधा बनी रहती है कि इन दोनों में से कौन बेहतर है। हम सभी लोग यह महसूस करते हैं कि आज कल पश्चिमी संस्‍कृति हमारे व्‍यक्तिगत जीवन मे अपना स्‍थान बना चुकी है। हम लोग अपना खान-पान, रहन-सहन, पोषाक आदि सभी चीजों में पश्चिमी सभ्‍यता का अनुकरण कर रहे हैं। यदि व्‍यक्तिगत जीवन की बात की जाए तो शौचालय जैसी चीजों में भी हम पश्चिमी देशों की पद्यतियों को अपनाते जा रहे हैं। लेकिन इनका उपयोग करने से पहले हमें इंडियन टॉयलेट का उपयोग और वेस्‍टर्न टॉयलेट के उपयोग के फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए। आइए जाने इंडियन टॉयलेट और वेस्‍टर्न टॉयलेट में क्‍या अंतर है और कौन सी व्‍यवस्‍था हमारे लिए अनुकूल है।

इंडियन टॉयलेट सीट के फायदे – Indian Toilet Ke Fayde In Hindi

भारत में सबसे ज्‍यादा इंडियन टॉयलेट का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग करते समय व्‍यक्ति अपने पैरों के सहारे बैठकर मल त्‍याग करता है। इस प्रकार की व्‍यवस्‍था को स्क्वेटिंग पोजिशन (Squatting Position) कहते हैं।

इंडियन टॉयलेट आपको फिट रखती हैं – Indian Toilet Makes You Fit In Hindi

आप व्‍यायाम के महत्‍व को जानते हैं, यह आपके जीवन में बहुत ही आवश्‍यक है। आप इंडियन टॉयलेट का उपयोग कर रोजाना व्‍यायाम कर सकते हैं जो आपकी आयु-संभाव्यता (Life Expectancy) को बढ़ा सकते हैं। कुछ लोग जो वेस्‍टर्न टॉयलेट  का उपयोग करते हैं वे भारतीय शौचालयों का महत्‍व नहीं समझते हैं। भारतीय शौचालयों का उपयोग करते समय आप न केवल अपने हाथों का उपयोग करते है बल्कि पैरों का भी उपयोग करते हैं। जिससे आपके शरीर में व्‍यायाम की स्थिति बनती और आपको पसीना भी आता है।

ऐसा माना जाता है कि जिस तरह से हम इंडियन टॉयलेट में बैठते हैं, इस स्थिति में रक्‍त परिसंचरण अच्‍छी तरह से होता है और आपके हाथों और पैरों को व्‍यायाम करने में भी मदद करता है।

भारतीय टॉयलेट गर्भावस्‍था के लिए है अच्‍छा – Bhartiya Sochalay Garbhavastha Ke Liye Achha Hai In Hindi

गर्भवती महिलाओं को इंडियन सीट का उपयोग करना चाहिए यह उनके स्‍वास्‍थ्‍य के अनुकूल होता है। इंडियन टॉयलेट का उपयोग उन्‍हें प्राकृतिक तरीके से फायदा पहुंचाता है। इंडियन टॉयलेट का उपयोग करने पर यह उनके गर्भाशय पर दबाव देने से बचाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि भारतीय शौचालयों का उपयोग गर्भवती महिला को प्राकृतिक डिलीवरी (Normal delivery) के लिए और प्रसव अधिक आसान और सुरक्षित बनाने में मदद करता है।

इंडियन सीट का उपयोग स्‍वच्‍छ और स्वास्थ्‍यकर होता है – Indian Toilet Benefits for Clean And Hygienic In Hindi

शौच क्रिया के बाद साफ-सफाई बहुत ही आवश्‍यक है जो भारतीय परंपरा के अनुरूप है। आपको शायद मालूम हो कि वेस्‍टर्न टॉयलेट का उपयोग करने के बाद पेपर या जेड स्प्रे का उपयोग किया जाता है। इंडियन टॉयलेट का उपयोग करने के बाद हम अपने अंगों को पानी से हाँथ से साफ करते हैं और उसके बाद साबुन और पानी के साथ अपने हाथों को साफ करते हैं। अपने गुदा द्वार को केवल पेपर से साफ करके आप पूरी तरह स्‍वच्‍छ नहीं रह सकते हैं। इसलिए अपने गुदा द्वार को साबुन से साफ करना बेहतर है ताकि बैक्‍टीरिया वहां न रहे। इसलिए इंडियन टॉयलेट का उपयोग बहुत ही फायदेमंद और स्‍वच्‍छ और स्वास्थ्‍यकर होता है।

इंडियन टॉयलेट का उपयोग करे पानी की बचत – Indian Toilet Benefits for Saves Water In Hindi

पानी को काफी हद तक भारतीय शौचालयों का उपयोग कर बचाया जा सकता है। पानी की बचत एक महत्‍वपूर्ण विषय है। यदि हम पानी की बचत नहीं करेगें तो निश्चित रूप से भविष्‍य में हमे पानी के संकट का सामना करना पड़ सकता है। जब हम इंडियन टॉयलेट का उपयोग करते हैं तो आमतौर पर केवल 2 या 4 मग पानी की आवश्‍यकता होती है। लेकिन यदि हम वेस्‍टर्न टॉयलेट  का उपयोग करते हैं तो हमें बहुत अधिक पानी की आवश्‍यकता होती है जो कि फ्लैश सिस्‍टम के द्वारा बर्बाद किया जाता है। इसलिए पानी की बर्बादी को रोकने के लिए इंडियन टॉयलेट का उपयोग करना फायदेमंद होता है।

भारतीय टॉयलेट विभिन्‍न कैंसरो को रोकता है – Indian Toilet Prevent Colon Cancer In Hindi

पेट से संब‍ंधित कोलन कैंसर और अन्‍य बीमारियों को रोकने में इंडियन टॉयलेट का उपयोग फायदेमंद होता है। इंडियन टॉयलेट सीट में बैठना (Squatting) हमारे शरीर में कोलन से मल को पूरी तरह से निकालने में मदद करता है। इस प्रकार यह कब्‍ज, एपेंडिसाइटिस, कोलन कैंसर और अन्‍य प्रकार की बीमारियों की संभावनाओं को कम करने में मदद करता है।

इंडियन टॉयलेट पर्यावरण अनुकूल होते हैं – Indian Toilet Benefits for Eco Friendly In Hindi

कुछ लोग इंडियन टॉयलेट और वेस्‍टर्न टॉयलेट में अंतर बताते हैं कि दोनों में इंडियन टॉयलेट पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। जब आप वेस्‍टर्न टॉयलेट का उपयोग करते हैं तो इसके साथ ही आपको पेपर की आवश्‍यकता होती है जिससे इस प्रकार के कागजों की बर्बादी होती है। वेस्‍टर्न टॉयलेट का उपयोग करने पर पानी भी अधिक मात्रा में खर्च किया जाता है। जबकि इंडियन टॉयलेट का उपयोग करने पर आपको बहुत ही कम मात्रा में पानी की जरूरत होती है और आप साबुन का उपयोग कर आपने आपको स्‍वच्‍छ भी रख सकते हैं। इंडियन टॉयलेट का उपयोग करने पर आपको किसी भी प्रकार के पेपरों को बर्बाद करने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए इंडियन टॉयलेट का उपयोग किया जाना फायदेमंद होता है।

इंडियन टॉयलेट का उपयोग पाचन को बढ़ाता है – Indian Toilet Benefits for Digest Properly In Hindi

यदि आप अपने दैनिक जीवन में इंडियन टॉयलेट का उपयोग करते हैं तो यह आपके पाचन के लिए अच्‍छा माना जाता है। जब आप इंडियन टॉयलेट मे बैठते हैं तो यह भोजन को पचाने में मदद करता है। क्‍योंकि बैठते समय आपके पेट में दबाव पड़ता है जिससे मल को बाहर निकालने में आसानी होती है। जबकि वेस्‍टर्न टॉयलेट में ऐसा नहीं होता है। इनका उपयोग करते समय पेट में किसी प्रकार का दबाव नहीं पड़ता है और उपयोगकर्ता सुविधाजनक स्थिति में बैठता है।

भारतीय टॉयलेट के फायदे कब्‍ज से बचने में – Indian Toilets Prevent Constipation In Hindi

हमारे शरीर में मौजूद अपशिष्‍ट पदार्थों को पूरी तरह से बाहर निकालने में इंडियन टॉयलेट मदद करते हैं। इंडियन टॉयलेट का उपयोग करने पर यह हमारे शरीर में पर्याप्‍त दबाव देता है जिससे हमारा पेट अच्‍छी तरह से साफ हो जाता है। डॉक्‍टरों द्वारा किये गए अध्‍ययनों से पता चलता है कि भारतीयों की तुलना में पश्चिमी देशों के लोगों में पेट से संबंधित समस्‍याओं का खतरा अधिक होता है। इस प्रकार इंडियन टॉयलेट का उपयोग करके कब्‍ज और अन्‍य पेट की समस्‍याओं को दूर किया जा सकता है।

इंडियन टॉयलेट सीट के फायदे संक्रमण से बचाए – Indian Toilet Seat Sankraman Se Bachaye In Hindi

यदि आप इंडियन टॉयलेट का उपयोग करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद है क्‍योंकि इसका उपयोग करने पर आपको मूत्र पथ संक्रमण या यूटीआई आदि की संभावनाएं कम होती है। ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि टॉयलेट सीट से आपका सीधा संबंध नहीं होता है। आप अपने पैरों के सहारे इंडियन टॉयलेट का उपयोग करते, जबकि वेस्‍टर्न टॉयलेट  से आपका सीधा संपर्क होता है जिसके कारण आपको ऊपर बताए गए संक्रमणों का खतरा ज्‍यादा होता है।

इंडियन टॉलेट के नुकसान – Indian Toilet Ke Nuksan In Hindi

आपके द्वारा यदि इंडियन टॉयलेट का इस्‍तेमाल किया जाता है तो यह आपके लिए फायदेमंद होता है। लेकिन इसका उपयोग कुछ विशेष लोगों के लिए नुकसान दायक भी हो सकता है। आइए जाने इंडियन टॉयलेट किन लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है।

बुर्जुग लोग, ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगीयों के लिए इंडियन टॉयलेट आरामदायक नहीं होता है।इंडियन टॉयलेट का इस्‍तेमाल करते समय अधिक दबाव डालने पर ब्रेन ऐन्यरिज़म (Brain Aneurysm) कोशिकाओं को क्षति पहुंच सकती है जिससे मृत्‍यु तक होने की संभावना होती है।

वेस्‍टर्न टॉयलेट कैसा होता है – Western Toilet Kaisa Hota Hia In Hindi

प‍श्चिमी सभ्यता के टॉयलेट सीट शौच क्रिया करने का ऐसा स्‍थान है जहां पर आप आसानी के साथ अपने कूल्‍हों की सहायता से बैठकर मल त्‍याग कर सकते हैं। वेस्‍टर्न टॉयलेट आजकल बहुत ही प्रचलित हो रहे हैं। इसे मुख्‍य रूप से ब्रिटेन में प्रारंभ किया गया था जो पश्चिमी देशों से होते हुए भारत जैसे अन्‍य देशों में भी उपयोग किया जाने लगा है। मल त्‍याग करने की इस व्‍यवस्‍था को सिट डाउन पॉजिशन (Sit Down Position) कहा जाता है।

वेस्‍टर्न टॉयलेट के फायदे – Western Toilet Ke Fayde In Hindi

आप जानते हैं कि भारत में भी वेस्‍टर्न टॉयलेट का उपयोग काफी प्रचलित है। इसका उपयोग करने के कुछ विशेष फायदे होते हैं जो इसकी उपयोगिता को बढ़ाते हैं। आइए जाने वेस्‍टर्न टॉयलेट के फायदे क्‍या हैं।

इंडियन टॉयलेट की अपेक्षा वेस्‍टर्न टॉयलेट को अधिक आराम दायक माना जाता है। इसका उपयोग करने पर आपको किसी भी प्रकार से मांसपेशियों में तनाव नहीं आता है। वेस्‍टर्न टॉयलेट विशेष रूप से वृद्धावस्‍था वाले लोगों के लिए सुविधा जनक होता है। इसके फायदे उन लोगों के लिए भी होते हैं जो ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगी हैं और जिन्‍होंने हाल ही में सर्जरी कराई है।

पश्चिमी टॉयलेट के नुकसान – Western Toilet Ke Nuksan In Hindi

यदि आप इंडियन टॉयलेट का उपयोग करते हैं लेकिन वेस्‍टर्न टॉयलेट का इस्‍तेमाल करने की सोच रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि वेस्‍टर्न टॉयलेट का उपयोग करने पर आपको किस प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।

 वेस्‍टर्न टॉयलेट का उपयोग करने पर आपकी त्‍वचा का सीधा संपर्क टॉयलेट सीट से होता है जिसके कारण आपको संक्रमण फैलने की संभावना ज्‍यादा होती है।इंडियन टॉयलेट की अपेक्षा आपको वेस्‍टर्न टॉयलेट में अधिक पानी की आवश्‍यकता होती है।भारतीय शौचालयों की तुलना में मल त्यागने की प्रक्रिया में अधिक ताकत लगनी पड़ती है।

कुल मिलाकर, दोनों टॉयलेट सीट के अपने फायदे और नुकसान हैं। हालांकि, हमें हमेसा पानी की बचत और अपने शरीर की साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। यह आपके ऊपर है कि आप किसे चुनते हैं, कोई भी आपको मजबूर नहीं कर रहा है। लेकिन जब भी आप टॉयलेट सीट के लिए किसी दुकानदार के पास जाते हैं तो भारतीय और पश्चिमी शौचालयों (वेस्‍टर्न टॉयलेट) के फायदे और नुकसान के बारे में उनसे बात करें और अपनी जरुरत के हिसाब से दोनों में से किसी को भी चुन सकते हैं।

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