Wednesday, June 7, 2017

सात प्राणघातक बिमारियों डायबिटीज़, कैंसर, पत्थरी, ह्रदय बिमारियों का इलाज एक – शहद और तुलसी

तुलसी प्रकृति माँ तथा हमारी संस्कृति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। हमारे बालयकाल से लेकर हमारे आज के मौजूदा समय में हमने हमारे माता-पिता तथा बढे बज़ुर्गों को तुलसी की अपने घर में पूजा करते हुए देखा होता है। तुलसी में समाए गुण इसको पूजने के प्रमुख कारण हैं। यह घर में आसानी से उपलब्ध हो जाती है, इसलिए यह सबसे किफायती औषधि है। तुलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इंफेक्शन जैसे सर्दी-जुकाम से राहत देते हैं। तुलसी हमें कईं प्रकार के प्राणघातक बिमारियों से बचाती है, इसके रस से पथरी तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है।

Treatment of seven diseases like diabetes, cancer, stones, heart, by honey basil


तुलसी के रस में शहद मिलाकर पीने के फायदे

1. मधुमेह(डायबिटीज़) को करती है कम:- 

पवित्र तुलसी की पत्तियां एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एसेंशियल ऑयल से भरपूर होती हैं, यह मेथाइल युगेनॉल, कार्योफेलिन और युगेनॉल का निर्माण करती हैं। यह सभी पदार्थ पैनक्रियाटिक बेटा सेल्स(शरीर में सेल्स जो इंसुलिन को स्टोर करते हैं और उसे बाहर निकालते हैं) को सही प्रकार से कार्य करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन की सेंसिविटी को बढ़ाते हैं तथा साथ ही यह शरीर में खून से शकर्रा के स्तर(शुगर लेवल) को भी कम करते हैं, जिससे यह मधुमेह(डाइबिटीज़) का ठीक प्रकार से उपचार करते हैं।

2. पथरी निकालने में मददगार:- 

किडनी की पथरी को निकालने के लिए तुलसी की पत्तियों के जूस को शहद के साथ मिलाकर 6 महीने तक रोज पिएं। हमारी किडनी के लिए भी तुलसी की पत्तियां काफी अच्छी होती हैं। यह किडनी को साफ़ करती हैं और तुलसी किडनी में पथरी बनने की मुख्य वजह यूरिक एसिड के स्तर को खून में घटाती है, इसके साथ ही इस में उपस्थित एसेटिक एसिड तथा अन्य तत्व किडनी में बनी पथरी को गलाने का कार्य भी करते हैं। यह दर्द निवारक(पेनकिलर) के तौर पर किडनी में पथरी के दर्द को भी ठीक करती है।

3. दिल का रखती है ख्याल:-

तुलसी में युगेनॉल नामक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जोकि हमारे हृदय में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है तथा रक्तचाप(ब्लड प्रेशर)को नियंत्रित कर हमारे हृदय की देखभाल करता है। हार्ट को हेल्दी बनाने के लिए रोज खाली पेट सूखी तुलसी की पत्तियां चबाएं। इससे किसी भी तरह के हृदय संबंधी रोग दूर रहते हैं।

4. बुखार उतारने में मदद करती है:-

आयुर्वेद के अनुसार, बुखार से पीड़ित मनुष्य को तुलसी का काढ़ा अत्यधिक लाभ करता है।

विधि: इसको तैयार करने के लिए तुलसी की कुछ पत्तियों को आधे लीटर पानी में इलायची पाउडर के साथ मिलाकर तब तक के लिए जब तक यह मिक्सचर आधा न रह जाए। तुलसी की पत्तियों और इलायची पाउडर का अनुपात (1:0:3) होना चाहिए। 

तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तथा किटाणुनाशक गुण होते हैं, जिससे यह इंफेक्शन के कारण होने वाले रोगों तथा मलेरिया से भी राहत देती है और एंटी-बायोटिक बुखार कम करने के लिए भी ज़रूरी होता है।

5. धूम्रपान(स्मोकिंग) छोड़ने में करती है मदद:-

विदेशो में तूलसी की पत्तियां तथा शहद मिलाकर मिलते है, लोग इस को बहुत पसंद करते हैं। लोग तनाव(स्ट्रेस) के कारण धूम्रपान करने के आदि हो जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए तुलसी धूम्रपान छोड़ने का सबसे बढ़िया रास्ता है। तुलसी में शक्तिशाली एंटी-स्ट्रेस अर्थात तनाव दूर करने वाला तत्व होने की वजह से यह धूम्रपान(स्मोकिंग) छुड़वाने में सहायक होती है। तुलसी की पत्तियां आपके तनाव के स्तर(स्ट्रेस लेवल) को घटा देती हैं।

6. थकान दूर करती है:-

जो लोग बहुत थकाऊ नौकरी करते हैं उन्हें तुलसी की लगभग 12 पत्तियां रोज़ाना दो बार खानी चाहिए। एक शोध के अनुसार, तुलसी कोर्टिसोल नामक तनाव(स्ट्रेस) पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को संतुलित रखती है। तुलसी की पत्तियों में मौजूद शक्तिशाली एटॉप्टोजन गुण को तनाव विरोधी(एंटी-स्ट्रेस) एजेंट भी कहते हैं। यह हमारे ब्लड सर्कुलेशन तथा नर्वस सिस्टम को नियमित रखता हैं और साथ ही थकान के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स को घटता है।

7. कैंसर  रोधी होती है तुलसी:-

कैंसर से बचने के लिए तथा इसके प्रभाव को कम करने के लिए रोज़ाना तुलसी का सत्व उपयोग करें। तुलसी के घटक ट्यूमर तक रक्त के प्रवाह को नहीं पहुंचने देते। तुलसी में एंटी-कार्सिनोजेनिक तथा एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे शक्तिशाली गुण होने की वजह से इसकी पत्तियां मुंह के कैंसर(तंबाकू खाने की वजह से होने वाला कैंसर) और ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ने को रोकती है।

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