कद्दू की सब्जी बनाते समय इसे काटने के बाद अन्दर से जो बीज निकलते हैं, आपके घर में भी उन्हें फेंक ही दिया जाता होगा। लेकिन अगर हम कहें कि कद्दू के बीजों में कद्दू से कहीं ज्यादा पोषक तत्व होते हैं तो..। ..तो शायद आप अगली बार कद्दू के बीज फेंकेंगे नहीं। कद्दू के बीजों में मैंगनीज़, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता और विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरे हुए हैं।
एक शोध के अनुसार कद्दू के बीज में सामान्य तौर पर 44% जिंक, 22% तांबा, 42% मैग्नेशियम, 16% मैंगनीज, 17% पोटेशियम और लगभग 17% लौह तत्व पाए जाते हैं।
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पहले जानिए, क्या हैं इन तत्वों के लाभ
मैंगनीज के फायदे
मैंगनीज का मुख्य काम शरीर के मेटाबोलिज़म को नियंत्रित करना होता है। हड्डियों के पूर्ण विकास के लिए भी मैंगनीज बहुत जरूरी होता है।
जिंक (Zinc) के फायदे
ज़िंक दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में सहायक होता है।
तांबे (Copper) के फायदे
गठिया के रोग को दूर करने में तांबा काफी फायदेमंद होता है।
मैग्नीशियम (Magnesium) के फायदे
मैग्नीशियम सर दर्द, अनिद्रा और अस्थमा जैसी बीमारियों में काफी फायदेमंद होता है।
पोटेशियम (Potassium) के फायदे
पोटेशियम ब्लड शुगर को नियंत्रित और माँसपेशियों को दुरुस्त रखता है।
उपरोक्त जानकारी आपको ये बताने के काफी है कद्दू के बीजों में बेहद पोषक तत्व समाहित होते हैं। तो चलिए आगे हम आपको बताते हैं कि कद्दू के बीजों से आपको क्या-क्या लाभ होते हैं-
मधुमेह यानि शुगर का खतरा कम करने में
साल 2010 में जर्नल ऑफ़ डायबिटीज एंड इट्स कॉम्प्लीकेशन्स (Journal of Diabetes and its Complications) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कद्दू का बीज इंसुलिन को नियमित करता है। इसके अलावा कद्दू बीज के तेल में मौजूद फाइटोकेमिकल्स यौगिक डायबिटिक नेफ्रोपैथी (Diabetic Nephropathy) को रोकने में मदद करता है। शुगर के रोगी को रोजाना नाश्ते में 2 बड़े चम्मच कद्दू के भुने हुए बीज का सेवन करना चाहिए।
प्रोस्टेट वृद्धि को रोकने में
साल 2008 में यूरोलोजिया इंटरनेशनलिस (Urologia Internationalis) नामक जर्नल में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के अनुसार कद्दू के बीजों के तेल से प्रोस्टेट वृद्धि कम होती है। इससे परेशान रोगी को रोजाना कम से कम 4-5 ग्राम बीजों का सेवन जरूर करना चाहिए।
इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में
कद्दू के बीजों में मौजूद जिंक (जस्ता) इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को दुरुस्त रखता है और वायरल, सर्दी-खांसी-जुकाम जैसे संक्रमणों से शरीर को सुरक्षित रखता है।
रजोनिवृति और उससे जुड़ी समस्याएं
वर्ष 2008 में प्रकाशित जर्नल फाईटोथेरापी रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार जिन महिलाओं को 12 सप्ताह तक कद्दू के बीजों के तेल (2 मिली) का सेवन कराया गया उनमें रजोनिवृति पर होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं जैसे ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्राल का बढ़ना तथा हारमोंस की कमी आदि में काफी सुधार देखा गया।
जोड़ों के दर्द यानि गठिया के इलाज में
कद्दू के बीज के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-Inflammatory) गुण पाया जाता है जो गठिया के इलाज में फायदेमंद होता है।
इसके अलावा कद्दू के बीज पथरी, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा तथा तनाव आदि समस्याओं में भी काफी फायेमंद होते हैं। तो अब कद्दू के बीजों को फेंकना है या नहीं ये आपकी मर्जी।
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