Sunday, September 3, 2017

बैन हो जाना चाहिए जंक फूड्स हर जगह, जानिए क्यों

वडा पाव, समोशा, पिज्‍जा,बर्गर, चाउमिन, रोल, मोमोज, चिली, फैंच फ्राइ  और कोलड्रिंक आदि ने लोगों की खानपान पर कब्जा कर लिया है। आज लोग पौष्टिक आहार को कम फास्ट फूड या जंक फूड को ज्यादा तवज्जों देने लगे हैं। लेकिन जंक फूड हमारी जिंदगी को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं आपको अंदाजा नहीं है। एक शोध की माने तो जंक फूड खाने से दिमाग में गड़बड़ी पैदा होने लगती है।

आइए जानते हैं जंक फूड का सेवन आपके लिए कितना नुकसानदेह है। 

1. निरंतर फास्ट फूड के सेवन से आप शिथिल होते जाओगे। आप खुद को थका हुआ महसूस करोगे। आवश्‍यक पोषक तत्‍व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से फास्ट फूड आपकी उर्जा के स्तर को कम कर देता है।

2. जंक फूड का लगातार सेवन टीनेजर्स में डिप्रेशन का कारण बन सकता है। बढती उम्र में बच्‍चों कई तर‍ह के बायोलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं। जंक फूड जैसे चौमिन, पिज्जां,बर्गर, रोल खाना बढते बच्चों के लिए एक समस्या बन सकता है और वह डिप्रेशन में भी जा सकता है।

3.मैदे और तेल से बने ये जंक फूड आपकी पाचन क्रिया को भी प्रभावित करता है। इससे कब्ज की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है। इन खानों में फाइबर्स की कमी होने की वजह से भी ये खाद्य पदार्थ पचने में दिक्‍कत करते हैं।

4. ज्यादा से ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करने वाले लोगों में 80 फीसदी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के आहार में ज्यादा फैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर में भी योगदान देता है।

5. वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ हृदय, रक्त वाहिकाओं, जिगर जैसे कई बीमारियों का कारण हैं। इससे तनाव भी बढ़ता है। कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ (कॉफी, चाय, कोला और चॉकलेट), सफेद आटा, नमक, संतृप्त वसा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ ये कुछ ऐसी चीजें है जो तनाव को बढ़ाने में मदद करती है।

Saturday, September 2, 2017

कैसे पाएं स्लिम फिगर ??

स्लिम फिगर:
वैसे तो वजन बढ़ कर मोटापा हो जाने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि आपका खानपान और जीवन शैली, कोई बीमारी या फिर शरीर में हारमोन का असन्तुलन आदि । कई बार तो कुछ विशिष्ट दवाओं के सेवन करने से भी शरीर पर मोटापा चढ़ जाता है । वजन बढ़ जाने के बाद जब शरीर बेडौल हो जाता है तो सभी की इच्छा होती है कि वापस स्लिम फिगर पाया जाये । लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि कैसे? चलिये हम आपको बताते हैं !स्लिम फिगर के लिये ये रखें ध्यान :-

सबसे पहले अपने खानपान पर ध्यान दीजिये । कोशिश कीजिये कि आपके भोजन में रेशेदार भोजन अर्थात फाईबर युक्त भोजन का ज्यादा सेवन करें । चूँकि रेशे दार भोजन से प्राप्त कैलोरी का अधिकतम भाग पेट को साफ करता हुआ आँतों के रास्ते से शरीर से बाहर निकल जाता है जिस कारण से शरीर अपनी कैलोरी की जरूरत को पूरा करने के लिये शरीर में संचित चर्बी पर प्रहार करके प्राप्त करता है जिस कारण से शरीर से अपेक्षा से अधिक वजन कम होकर स्लिम फिगर प्राप्ति की आपकी राह आसान होती है ।

स्लिम फिगर के लिये जरूरी नही है भूखा रहना :-
रेशेदार भोजन के द्वारा अपनी काया को सही शेप में लाने के लिये भूखे रहने की जरूरत नही होती है । चूँकि रेशेदार खाने से कम मात्रा में खाने से ही पेट भर जाता है और आप अधिक कार्बोहाइड्रेट के सेवन से भी बच जाते हैं । जिस कारण से शरीर का वजन और नही बढ़ पाता है और स्लिम फिगर पाने की आपकी राह आसान हो जाती है ।

स्लिम फिगर पाने के लिये खायें सही तरीके से :-
बहुत से लोग वजन घटाने के प्रयासों के तहत बहुत सारी योजना बनाकर कई तरह से अपनी डाईट को प्लान करते हैं । किन्तु विशेषज्ञों का मानना है कि जब भी आप वजन घटाने के बारे में सोचें तो सबसे पहले योजनाबद्ध तरीके से नही सही तरह से खाना शुरू करें । मीठा और चिकनाई बिल्कुल कम ना के बराबर लें और प्रतिदिन कुछ ना कुछ व्यायाम जरूर करें । दोनों समय के खाने के बीच में अनावश्यक रूप से अतिरिक्त कैलोरी वाला कुछ ना खायें । इस तरह बिना व्यर्थ चिन्ता और तकलीफ के आप स्लिम फिगर पाने का अपना सपना पूरा कर पाओगे ।

स्लिम फिगर पाने के लिये यह हो भोजन का सिद्धान्त :-
हर रोज आधा लीटर दूध जरूर पियें ना इससे कम और ना इससे ज्यादा । इतना जरूर ध्यान रखें कि दूध में से क्रीम और चिकनाई निकाल ली गयी हो । चपातियॉ हमेशा चोकर वाले आटे की खायें, मैदा वाले आटे की नही । हर रोज तीन फल जरूर खायें जिनमें से एक फल खट्टा जरूर हो । स्लिम फिगर पाने का सपना देखने वाले लोगों को अपनी डाईट सामान्य लोगों की तरह ही लेनी चाहिये । क्या चीजें आपको नही खानी चाहियें इसके बारें में अपने डाईटीशियन से सलाह ले सकते हैं ।
रस्सी कूदने की करें शुरुआत, बहुत लाभकारी होता है ये व्यायाम

स्लिम फिगर पाने के लिये इस तरह हो आपका नाश्ता :-
एक कटोरी ताजा जमाया गया गाय के दूध का दही और 10-12 मुनक्के को घोलकर उसमें दो खजूर और कुछ सूखे मेवे कतरकर डालें और सबसे ऊपर थोड़ा सा चोकर डालकर खायें । इसके अतिरिक्त गेहूँ, बाजरा और मक्के का एक साथ बनाया गया दलिया भी सेवन कर सकते हैं । या फिर हर रोज किसी एक चीज का दलिया नाश्ते में सेवन किया जा सकता है ।

स्लिम फिगर पाने के लिये इस तरह हो आपकी भोजन सामग्री :-
पालक, लोबिया, गाजर, बीन्स आदि सब्जियॉ आपको रोज खानी चाहिये इसके अतिरिक्त एक समय के भोजन में उबला राजमा, उबला लोबिया, के साथ कच्ची गाजर, खीरा, पालक और प्याज की चाट जैसा बना कर जरूर खाना चाहिये । सप्ताह में पाँच दिन चोकर वाले गेहूँ के आटे की रोटियॉ खायें और एक-एक दिन बाजरे और मक्के की रोटियॉ खायें । पूरे दिन में लगभग 8-10 गिलास ताजा पानी अथवा उबला पानी जरूर पियें । फ्रीज का बर्फीला ठण्डा पानी ना पियें ।

स्लिम फिगर पाने के लिये करें साईकिलिंग :-
साईकिलिंग करना स्लिम फिगर पाने के लिये सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है । साइकिलिंग करना एक ऐसा व्यायाम है जिसको पुरुष और स्त्री दोनों कर सकते हैं और जिनको साईकिल चलानी नही आती है वो भी स्टैण्ड वाली साईकिल आसानी से चला सकते हैं । अब सवाल उठता है कि कितनी देर साईकिलिंग करनी चाहिये । प्रारम्भ में केवल 20 मिनट के लिये एक बार रोज साईकिल चलायें । एक सप्ताह के बाद 20-20 मिनट के दो सत्र आपको पूरे करने चाहिये । तीसरे सप्ताह में किसी चढ़ाई वालीजगह पर 30 मिनट तक साईकिल चलायें जिस से सारे शरीर की माँसपेशियॉ टोन होती है । चौथे सप्ताह से रोज दो बार चालीस चालीस मिनट के लिये साईकिल चलायें इस क्रम को जारी रखें ।

स्लिम फिगर पाने के लिये साईकिलिंग ही क्यूँ :-
साईकिलिंग करने से आपके घुटनों और कूल्हों के जोड़ों में लचीलापन बना रहता है और कमर का निचला हिस्सा और पेट की माँसपेशियॉ मजबूत हो जाती!

ये कार्बोहाइड्रेट खाएं और अपना वजन घटाएं

वजन बढ़ाते नहीं बल्कि घटाते हैं ये कार्बोहाइड्रेट


कार्बोहाइड्रेट यानी खाद्य शर्करा ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत होता है। हम जो भी खाते हैं उसमें लगभग दो तिहाई मात्रा कार्बोहाइड्रेट की होती है और यहीं से पैदा होती है एक बड़ी चिंता। चिंता ये कि कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा देने के साथ आमतौर पर वजन भी बढ़ाता है। ऐसे में, जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उन्हें कार्बोहाइड्रेट कम खाने या फिर न खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन कुछ कार्बोहाइड्रेट ऐसे होते हैं जिन्हें खाने से वजन बढ़ता नहीं, बल्कि घटता है। आइये जानते हैं ऐसे ही सात कार्बोहाईड्रेटयुक्त खाद्य पदार्थों के बारे में जो वजन घटाने में आपकी मदद करते हैं।

2 आलू
आलू का मुख्य पौष्टिक तत्व रेसिस्टेंट स्टार्च होता है। इसमें कुछ मात्रा उच्च जैविक मान वाले प्रोटीन की भी होती है। आलू क्षारीय होता है, इसलिए यह शरीर में क्षारों की मात्रा बढ़ाने या उसे बरकरार रखने में बहुत सहायक होता है। यह शरीर में ऐसीडोसिस भी नहीं होने देता। आलू में सोडा, पोटाश और विटामिन 'ए' और 'डी' भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। आलू का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व विटामिन सी है। आलू खाने से कॉलेस्ट्रॉल घटता है।

3 बींस
बींस को वेट लॉस के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एक रिसर्च के अनुसार बींस में ऐसे तत्व होते हैं जो कॉलेसिस्टॉकिनिन नाम के डाइजेस्टिव हार्मोन को लगभग दो गुना बढ़ाने में मदद करते हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार बींस ब्लड शुगर के स्तर को मेंटेन करने में मदद करता है ताकि अगर आपको लंबे समय तक भूखा रहना पड़े तो आपके लिए नुकसानदेह न हो। बींस को हाई फाइबर डाइट माना जाता है जो कॉलेस्ट्राल को कम करने में भी मदद करता है। एक कप पकी हुई इन सब्जियों में कुल सात ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। इनमें से दो ग्राम फाइबर होता है। साथ ही बींस में मौजूद प्रोटीन भी वजन घटाने में कारगर होता है।

4 पास्ता
सालों से पास्ता के बारे में लोग ये धारणा बनाए बैठे हैं कि पास्ता खाने से मोटापा बढ़ता है। लेकिन अगर ऐसा सच होता तो इटली के ज्यादातर लोग मोटे होते क्योंकि वो हर साल ढेर सारा पास्ता खाते हैं। इसके उलट, पास्ता आपका वजन घटाने में आपकी मदद कर सकता है। जी हां, पास्ता! दरअसल, पास्ता में रेसिस्टेंट स्टार्च होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपको साथ में फाइबर भी मिले तो चने के आटे से बने नूडल्स ट्राई करें।

5 स्ट्राबेरी
स्ट्रॉबेरी के तत्व हमारे शरीर में 'एनआरएफ 2' नाम के एक प्रोटीन को सकारात्मक रूप से सक्रिय कर देता है। यह प्रोटीन रक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल को घटाने का काम करता है। साथ ही, यह प्रोटीन हमारे शरीर में एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य सुरक्षा गतिविधियों को बढ़ा देता है। इसके अलावा, स्ट्राबेरी में विटामिन सी, फाइबर और पोटैशियम भी होते हैं। इसे खाने से वजन बढ़ता नहीं बल्कि घटता है। इसमें प्राकृतिक शर्करा होती है इसलिए मीठा खाने की इच्छा भी पूरी हो जाती है।

6 चुकंदर
चुकंदर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व वसा से भरपूर होते हैं। साथ ही इसमें अनेक विटामिन, खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। इसका जूस सब्जियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह प्राकृतिक शुगर का सबसे अच्छा स्रोत है। इसमें सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, सल्फर, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन, विटामिन बी1, बी2, और सी पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होने के बावजूद चुकंदर से वजन नहीं बढ़ता। बल्कि इससे कैलोरी घटती है। जिम करने वाले लोगों को चुकंदर का जूस पीने की सलाह दी जाती है।

7 किनोआ
किनोआ एक प्रकार का अनाज होता है। ये दुनिया में "सुपरफूड" के नाम से मशहूर है। वजन कम करने के लिए इस बात की जरूरत होती है कि जितनी कैलोरी हम बर्न करते हैं, हम उससे कम का सेवन करें। चाहे मेटाबॉलिज्म बूस्ट करके या फिर ऐपेटाइट बढ़ाकर। किनोना में इस तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो ये काम कर सकतें।

8 आर्टिचोक

आर्टिचोक में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। आधा कप आर्टिचोक में तकरीबन तीन ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। लेकिन इसके सेवन से मोटापा नहीं बढ़ता। आर्टिचोक में कम कैलोरी और वसा होता है। इसमें फाइबर और एंटी-ऑक्सिटेंड की उच्च मात्रा मौजूद होती है। इसमें मौजूद कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।

इस जादुई पेय पदार्थ के 2 ग्लास पीएं, वजन घटाएं

खाने से पहले पानी पीने से भूख कम लगती है।पानी पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।पानी से शरीर में जमा टॉक्सिन निकल जाते हैं।पानी वैसे तो स्वास्थ्य से लेकर सौंदर्य तक के लिए सबसे गुणकारी दवा है, लेकिन इसी पानी को अगर थोड़ा गर्म करके यानी गुनगुने पानी के रूप में प्रयोग में लाया जाए तो यह शरीर के लिए और भी लाभप्रद साबित होता है।

दो-चार किलो वजन कम करने के लिए सिर्फ डाइट ही काफी नहीं बल्कि इसके लिए थोड़ा सा प्रयास भी जरूरी हैं। वजन कम करने का सरल और सस्ता तरीका है दो ग्लास पानी। आइए आपको बताते हैं दो ग्लास पानी से वजन कैसे कम किया जा सकता हैं।

हर रोज खाने से पूर्व दो ग्लास पानी पीने से वज़न कम हो सकता है। शोधों में भी ये बात साबित हो चुकी है कि खाने से पूर्व दो ग्लास पानी पीने से भूख कम हो जाती है और फिर आप खाने में कम कैलोरीज़ का सेवन करते हैं।

यदि आप दिन में कम से कम तीन बार खाना खाने से पूर्व दो ग्लास पानी पीएंगे तो निश्चित तौर पर आप अपने वजन पर नियंत्रण कर सकेंगे । इतना ही नहीं इससे आप किसी भी तरह के साइड इफेक्ट से भी बच सकेंगे।आमतौर पर प्रतिदिन भोजन से आधे घंटे पूर्व कम से कम दो गिलास पानी पीने से आप ढाई किलो तक वजन कम कर सकते हैं।

दरअसल, वजन का बढ़ना आपकी खुराक पर भी निर्भर करता हैं कि आप दिन भर में कितनी खुराक लेते हैं। यदि आप खुराक ज्यादा लेंगे और शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है तो आपका वजन बढ़ेगा।

हालांकि खाने से पहले पानी पीने से आपको कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे आपका वजन तेजी से घटने लगता हैं।

यदि आप वाकई अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आपको कम कैलरी वाली और कम चीनी वाले पेय पदार्थ लेने चाहिए साथ ही अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही चीनी वाले बोतल बंद पदार्थों से भी बचना चाहिए।

गुनगुने पानी को भी स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन नुस्खा माना जाता हैं, यह वजन कम करने का सरल और सस्ता तरीका है।

श्वेत प्रदर सफ़ेद पानी Leukorrhea की जानकारी और घरेलु उपचार – सभी स्त्रियों के लिए रामबाण

सफ़ेद पानी जानकारी
श्वेत प्रदर (सफेद पानी, ल्युकोरीया) महिलाओ की विशेष बीमारी हैं ,जिसमे औरतो के योनी में सफेद पानी निकला करता हैं, जो कई दिनो तक या कई महीनो तक जारी रहता हैं। इस से योनी में खुजली और जलन होती हैं, और ये बहुत बदबुदार होता हैं। इस से महिलाये निर्बल उदास परेशान और भरी जवानी में बूढी नज़र आने लगती हैं । ऐसे में जानिए इन घरेलु नुस्खों को, जिनको अपना कर आप इस बीमारी से मुक्ति पा सकती हैं।सफ़ेद पानी कारण

बहुत ज़्यादा आलसी जीवन, उत्तेजक पदार्थो का अधिक सेवन जैसे मांस, मछ्ली अंडा, शराब , चाय-काफी, कामोतेज़क और अशलील साहित्य, अत्यधिक सह्वास, सम्भोग में उल्टे आसनो का प्रयोग करना, सम्भोग काल में अत्यधिक घर्षण युक्त आघात, रोगग्रस्त पुरुष के साथ सहवास, गर्भ निरोधन गोलियो का ज़्यादा सेवन इत्यादि। बार-बार गर्भपात कराना भी एक प्रमुख कारण है।

सफ़ेद पानी में क्या खाये क्या ना खाये ।

क्या खाये :- हरी सब्जिया , फल जसे केले, पके मीठे अंगूर, सेब, फालसा, नारंगी, अनार, आंवला, पपीता, चीकू, मौसमी आदि , पुराने गेहु की रोटी, सिंघाडे का आटा, पुराने चावल, चावल का मांड, दलिया, देसी गाय का दूध, घी, छाछ, मक्खन, अरहर, मूंग की दाल, कच्चे केले की सब्जी।

सफ़ेद पानी मे क्या ना खाये : –
तेज मिर्च मसाले दार, तेल मे तले पदार्थ, गुड, खटाई, अरबी, बैंगन, अधिक सह्वास ।

सफ़ेद पानी के लिए घरेलु नुस्खे
१. केला और घी : –
एक पका हुआ केला छील कर 6 ग्राम गाय के शुध देसी घी के साथ रोज़् सुबह और शाम को खाये, 8 से 15 दिन के अंदर ये सम्स्या स्मापत हो जायेगी, यदि केला और घी ठंडा असर करे तो 4-6 बूंदे शहद मिला ले, मगर ध्यान रहे शहद और घी समान मात्रा मे कभी ना मिलाये अन्यथा ये विष तुल्य हैं ।

२. चावलो का मांड : –
आधी कटोरी चावल पानी मे उबाल ले और इस पानी को जो ना ज़्यादा ग़ाढा हो और ना ज़्यादा पतला, हर रोज़ शाम को 5-6 बजे खाना खाने से 2 घंटे पह्ले ले और ध्यान रहे इस के 1-2 घंटे पह्ले और बाद मे कुछ ना खाये ना पिये, ये इस रोग का सदियो पुराना सफल उप्चार हैं ।

३. आंवला  : –
1. सूखे आंवले और मिश्री को अलग अलग बारीक पीसकर मिला ले और सुबह शाम खाली पेट 1-1 चम्मच ले, सिर्फ 10-15 दिन लेने से ही ये रोग सही हो जायेगा। 2. आंवला पिसा एक चम्मच 2 – 3 चम्मच शहद रोज दिन में एक बार खायें। 30दिनों तक खटाई से परहेज करें। 3. आंवले का रस व शहद लगातार एक माह तक लें। श्वेत प्रदर ठीक होगा। आंवला में विटामिन सी होने से आपकी त्वचा ग्लो भी करेगी। 4. हरे आंवले को पीसकर इसको जौ के आटे में गूंथ कर इसकी रोटी कम से कम एक महीना खाने से ये रोग नष्ट होता हैं। कुल मिला कर ये कह सकते हैं के आंवला प्रदर रोग में रामबाण की तरह हैं। चाहे आप इसकी सब्जी खाए, मुरब्बा खाए, चटनी खाए।  मगर औरतो को ये नियमित सेवन करना चाहिए। 

4. अशोक की छाल :-
श्वेत प्रदर में अशोक की छाल का चूर्ण और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार कुछ हफ्ते तक सेवन करते रहने से श्वेत प्रदर नष्ट हो जाता है। खूनी प्रदर में अशोक की छाल, सफेद जीरा, दालचीनी और इलायची के बीज को उबालकर काढ़ा तैयार करें और छानकर दिन में 3 बार सेवन करें।

5. नागकेशर :-
नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।

6. गुलाब के फूल :-
गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से सुखा लें, फिर इसे बारीक पीसकर बने पाउडर को लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह और शाम दूध के साथ लेने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) से छुटकारा मिलता है।

7. मुलहठी :-
मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी नष्ट हो जाती है।

8. बड़ी इलायची और माजूफल :-
बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।

9. जीरा और मिश्री :-
जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को चावल के धोवन के साथ प्रयोग करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।

10. सेंके हुए चने :-
सेंके हुए चने पीसकर उसमें खांड मिलाकर खाएं। ऊपर से दूध में देशी घी मिलाकर पीयें, इससे श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) गिरना बंद हो जाता है।

11. जामुन की छाल या गुठली :-
छाया में सुखाई जामुन की छाल का चूर्ण या जामुन की गुठली का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी के साथ कुछ दिन तक रोज खाने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।

12. फिटकरी :-
चौथाई चम्मच पिसी हुई फिटकरी पानी से रोजाना 3 बार फंकी लेने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग ठीक हो जाते हैं। फिटकरी पानी में मिलाकर योनि को गहराई तक सुबह-शाम धोएं और पिचकारी की सहायता से साफ करें। ककड़ी के बीजों का गर्भ 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम पीसकर उसमें जीरा और शक्कर मिलाकर 7 दिनों तक सेवन करने से स्त्रियों का श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग मिटता है।

13. गाजर, पालक, गोभी और चुकन्दर के रस
गाजर, पालक, गोभी और चुकन्दर के रसको पीने से स्त्रियों के गर्भाशय की सूजन समाप्त हो जाती है और श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग भी ठीक हो जाता है।

14. गूलर :-
रोजाना दिन में 3-4 बार गूलर के पके हुए फल 1-1 करके सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में लाभ मिलता है मासिक-धर्म में खून ज्यादा जाने में पांच पके हुए गूलरों पर चीनी डालकर रोजाना खाने से लाभ मिलता है। गूलर का रस 5 से 10 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर महिलाओं को नाभि के निचले हिस्से में पूरे पेट पर लेप करने से महिलाओं के श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में आराम आता है। 1 किलो कच्चे गूलर लेकर इसके 3 भाग कर लें। एक भाग कच्चे गूलर उबाल लें। उनको पीसकर एक चम्मच सरसों के तेल में फ्राई कर लें तथा उसकी रोटी बना लें। रात को सोते समय रोटी को नाभि के ऊपर रखकर कपड़ा बांध लें। इस प्रकार शेष 2 भाग दो दिन तक और बांधने से श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।

15. नीम और बबूल :-
नीम की छाल और बबूल की छाल को समान मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर, इसके चौथाई भाग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम को सेवन करने से श्वेतप्रदर में लाभ मिलता है। रक्तप्रदर (खूनी प्रदर) पर 10 ग्राम नीम की छाल के साथ समान मात्रा को पीसकर 2 चम्मच शहद को मिलाकर एक दिन में 3 बार खुराक के रूप में पिलायें।

16. बबूल की छाल :-
बबूल की 10 ग्राम छाल को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब यह 100 मिलीलीटर शेष बचे तो इस काढ़े को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पीने से और इस काढ़े में थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर योनि में पिचकारी देने से योनिमार्ग शुद्ध होकर निरोगी बनेगा और योनि सशक्त पेशियों वाली और तंग होगी। बबूल की 10 ग्राम छाल को लेकर उसे 100 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगोकर उस पानी को उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर बोतल में भर लें। लघुशंका के बाद इस पानी से योनि को धोने से प्रदर दूर होता है एवं योनि टाईट हो जाती है।

17. मेथी :-
मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है। रात को 4 चम्मच पिसी हुई दाना मेथी को सफेद और साफ भीगे हुए पतले कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर अन्दर जननेन्द्रिय में रखकर सोयें। पोटली को साफ और मजबूत लम्बे धागे से बांधे जिससे वह योनि से बाहर निकाली जा सके। लगभग 4 घंटे बाद या जब भी किसी तरह का कष्ट हो, पोटली बाहर निकाल लें। इससे श्वेतप्रदर ठीक हो जाता है और आराम मिलता है। मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से श्वेतप्रदर से छुटकारा मिल जाता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इससे गर्भाशय की गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है। गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से प्रदर बंद हो जाता है।

18. पीपल :-
पीपल के पत्ते तोड़ कर इसमें से बहने वाला दूध की 10 से 12 बूंदे बताशे में डाल कर एक महीने तक नियमित सुबह खाली पेट खाए। और ऊपर से गाय का गर्म दूध पिए। ये प्रयोग सुबह और शाम दोनों समय करे। एक महीने में समस्या समाप्त होगी।

एक्सरसाइज़ या डायट प्लान के बावजूद अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है, तो होम्योपैथी भी ट्राई करें!

वजन घटाने के लिए होम्योपैथी इलाज

तमाम एक्सरसाइज़ या डायट प्लान के बावजूद भी अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है, तो आप होम्योपैथी भी ट्राई कर सकते हैं। यूरोप और दक्षिण एशिया में वजन घटाने के लिए कई सालों से होम्योपैथी का सहारा लिया जा रहा है।


मुंबई स्थित इम्पीरियल क्लीनिक के निर्देशक और होमियोपैथ डॉक्टर श्रीपद खेड़ेकर के अनुसार, वास्तव में वजन कम करने के लिए होम्योपैथी कोई चमत्कार इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए सही खान-पान और व्यायाम ज़रूरी है। वजन घटाने के लिए होम्योपैथिक उपचार संवैधानिक है और इसके लिए मरीज़ की केस ऑफ़ हिस्ट्री और उचित मूल्यांकन बहुत ज़रूरी है।

होम्योपैथी ही क्यों
आमतौर पर चिकित्सक सिर्फ लक्षणों की पहचान के आधार पर अन्य परंपरागत दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन होम्योपैथी में मोटापे के लिए गड़बड़ी का पता लगाने के लिए केस हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री की जरूरत होती है। डॉक्टर के अनुसार, चिकित्सक होम्योपैथी के इलाज के दौरान मरीज से उसके खानपान, जीवनशैली संबंधी आदतों और अन्य स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछ सकते हैं। अधिक मात्रा में खाना, खाने में वसा का अधिक उपयोग और शरीर में वसा को आसानी से पचाना आदि सभी आदतें आनुवंशिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं। किसी व्यक्ति का फूडी होना और मोटापे से संबंधित परिस्थिति भी आनुवंशिक हो सकती है।

होम्योपैथी वजन घटाने के लिए कैसे काम करता है?
होम्योपैथिक उपचार पौधों के रस, जड़ी बूटियों और अन्य प्राकृतिक पदार्थ से तैयार किये जाते हैं। इसलिए वजन घटाने की गोलियाँ या उपचार के दौरान इनका शरीर पर किसी भी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है। डॉक्टर के अनुसार, होम्योपैथी पाचन संबंधी विकार को दूर करने, चयापचय (metabolism) में सुधार लाने और मलत्याग (elimination) में मदद करने में सहायक है। वजन कम करने के लिए इन तीनों चीजों का सही होना बहुत ज़रूरी है। चिकित्सक रोगी में लक्षणों के पहचान करने के बाद ही दवाओं की सलाह देता है। दूसरी दवाएं पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रतिबंधित करके आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती हैं लेकिन होम्योपैथी दवाएं वजन बढ़ने के लक्षणों का इलाज करती हैं। डॉक्टर के अनुसार, होम्योपैथी एक जादू नहीं है। वजन कम करने के लिए आपको उचित आहार और व्यायाम की भी जरूरत होती है। होम्योपैथिक उपचार बहुत ज्यादा जरूरत पर ही लेना चाहिए।

यह हैं होम्योपैथिक दवाएं

कैल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica)- यह उन लोगों को दी जाती है, जो मोटापे से ग्रस्त है, पेट की चर्बी अधिक है, चयापचय कमजोर है, माथे से पसीना बहता है, अपच और कब्ज से पीड़ित है और जिसे भूख को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है। यह दवा अंडरलाइनिंग थायराइड से पीड़ित लोगों को भी दी जाती है।

नेट्रम म्यूर (Natrum Mur)- यह दवा उन लोगों को दी जाती है, जिनकी जांघों (thighs) और नितंबों (buttocks) जैसे क्षेत्रों में अधिक वजन होता है। ऐसे लोग जिन्हें धुप बर्दाश्त नहीं, खून की कमी है और वजन होने के साथ-साथ अवसाद से ग्रस्त हैं, उन्हें भी यह दवा जी सकती है।

लाइकोपोडियम (Lycopodium)- पेट फूलना और कब्ज जैसी समस्याओं से पीड़ित और जांघों व नितंबों में अत्यधिक वजन वाले लोगों को इसकी सलाह दी जाती है। ऐसे लोग जिन्हें मीठे से ज्यादा प्यार है और वो मीठा क्षमता से ज्यादा खाते हैं, उन्हें भी ये दवा दी जा सकती है।

नक्स वोमिका (Nux Vomica)- ये उपाय ऐसे लोगों के लिए है, जिनके शरीर में खराब जीवनशैली के चलते अधिक वसा जमा हो गया है। ऐसे लोग आमतौर पर मसालेदार और वसायुक्त खाद्य पदार्थों के अलावा कॉफी और मादक पेय का ज्यादा सेवन करते हैं। इससे उन्हें कब्ज़ जैसी समस्या हो जाती है।

एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium Crudum)- यह दवा आमतौर पर बहुत मोटे बच्चों को दी जाती है। ऐसी बच्चों को भी जिनमें ज्यादा चिड़चिड़ापन और गुस्सा होता है। इसके अलावा ऐसे बच्चों को जिन्हें दस्त और कब्ज की समस्या है। ऐसे बच्चे ज्यादातर अचार या अन्य मसालेदार व्यंजन पसंद करते हैं। ऐसे लक्षणों को दबाने के लिए इस दवा से फायदा हो सकता है।

उपरोक्त दवाइयां डॉक्टर परामर्श के साथ ही शुरू करें। वैसे तो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में कोई साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता, परन्तु डॉक्टर परामर्श से आप को बेहतर परिणाम मिलेंगे और निराश नहीं होना ​पड़ेगा।

Friday, September 1, 2017

ये ज़हर आपकी हड्डियों को गला देगा, फिर भी आप इसे रोज़ पीते हैं ??

नई दिल्लीः कोका कोला के टेस्ट से तो हर कोई जानता होगा. आज के लाइफ स्टाइल में कोल्ड ड्रिंक ने ऐसी जगह बना ली है कि कोई भी इससे दूर नहीं रह सकता. लेकिन एक खबर ने पूरी दुनिया में कोका कोला को लेकर खलबली मचा दी है।दी रेनिगेड फार्मासिस्ट' नाम से ब्लॉग चलाने वाले ब्रिटेन के पूर्व फार्मासिस्ट नीरज नाइक ने कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद शरीर के अंदर होने वाले प्रभावों को सबके सामने लाया है. अब इस खबर के बाद से पूरी दुनिया ने कोका कोला पर बने उनके ब्लॉग को सार्वजिनक किया है. जिसके कारण सोशल साइट्स पर ये फिलहाल ट्रैंडिंग टॉपिक में बदला हुआ है.

नीरज नाइक ने एक ग्राफिक के माध्यम से बताया कि कैसे ये ड्रिंक्स शरीर से जरूरी खनिज तत्व बाहर कर देते हैं और इंसान मानसिक और शारीरिक रूप से बदलने लगता है. उन्होंने एक कैन कोक के सेवन से अगले एक घंटे में होने वाले प्रभाव के बारे में बारी बारी से लिखा -

पहले 10 मिनट -  जब आप एक केन कोक पीते हैं तभी आपके शरीर में 10 चम्मच शुगर एकसाथ जाती है. ये मात्रा 24 घंटे में लिए गए शुगर के बराबार होती है. अचानक इतना मीठा खाने से आपको उलटी भी हो सकती है लेकिन इसमें मिले फॉस्फोरिक एसिड के कारण ऐसा नहीं होता. वो इसका टेस्ट बदल देता है।

20 मिनट बाद - पीने के 20 मिनट बाद ही पीने वाले की ब्लड शुगर एकदम से बढ़ जाती है. जिसके कारण शरीर से इंसुलिन तेजी से निकलता है. शरीर का लिवर इस पर प्रतिक्रिया करता है और इसे फैट में बदलने लगता है।

40 मिनट बाद- अब पीने वालों के शरीर में कैफीन की काफी मात्रा चली जाती है. दूसरी तरफ ब्लड प्रेशर भी बढने लगता है. इसे देखते हुए आपका लिवर खून में और शुगर भेजता है. मस्तिष्क में खून जाना कम होता है जिसके बाद झपकी आनी शुरु हो जाती है।

45 मिनट बाद - इतने समय बाद आपके शरीर को हिरोइन (मादक पदार्थ) लेने जैसा लगने लगता है. शरीर डोपामाइन का उत्पादन बढ़ा देता है. इससे मस्तिष्क का खुशी देने वाला हिस्सा सक्रिय हो जाता है।

50 मिनट बाद-

मैग्नीशियम, फॉस्फोरिक एसिड, कैल्शियम और जस्ता भोजन को पाचन में चलें जाते हैं। यह शक्कर और कृत्रिम मिठास की उच्च मात्रा से संबंधित है जो इसके अलावा मूत्र के माध्यम से कैल्शियम स्राव को सीमित करता है।

60 मिनट बाद- कोक पीने के एक घंटे के बाद तीन प्रक्रिया होती है -

1- फास्फोरिक एसिड आपके शरीर के निचले इंटेस्टाईन में कैल्शियम,मैग्निशियम और जिंक को इकट्ठा करता है. इससे मेटाबोलिज्म बढ़ता है. शुगर और अन्य आर्टिफिशियल स्वीटनर्स की बढ़ी मात्रा के कारण मेटाबोलिज्म और बढ़ता है. इसके बाद लोग यूरीन के लिए जाते हैं जिसमें कैल्सियम बाहर निकलता है.

2- कैफीन की तरल करने वाला गुण अपना असर दिखाना शुरु करता है और आप बार बार पेशाव के लिए जाते हैं. जिससे शरीर से कैल्शियम, मैग्निशियम, जिंक, सोडियम और पानी बाहर चला जाता है जो वास्तव में आपकी हड्डियों में जाना था.
 

3- जैसे ही यह प्रक्रिया होती है मीठेपन का अहसास बढ़ जाता है. आप चिड़चिड़े और आलसी हो जाते हैं. कोक में वास्तव में मौजूद पानी यूरिन के जरिए बाहर निकल जाता है. इस तरह कोक पीने से आपके शरीर में हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक खनिज शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
 

वहीं दूसरी तरफ कोका कोला के अधिकारियों ने इस बात को खारिज करते हुए कहा है कि ''हमे चाहने वाले पिछले 129 साल से इसे पी रहे हैं उन्हें कोई तकलीफ नहीं है. ये उसी तरह सेफ है जैसे दूसरे अन्य पेय पदार्थ.''