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Saturday, September 2, 2017

एक्सरसाइज़ या डायट प्लान के बावजूद अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है, तो होम्योपैथी भी ट्राई करें!

वजन घटाने के लिए होम्योपैथी इलाज

तमाम एक्सरसाइज़ या डायट प्लान के बावजूद भी अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है, तो आप होम्योपैथी भी ट्राई कर सकते हैं। यूरोप और दक्षिण एशिया में वजन घटाने के लिए कई सालों से होम्योपैथी का सहारा लिया जा रहा है।


मुंबई स्थित इम्पीरियल क्लीनिक के निर्देशक और होमियोपैथ डॉक्टर श्रीपद खेड़ेकर के अनुसार, वास्तव में वजन कम करने के लिए होम्योपैथी कोई चमत्कार इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए सही खान-पान और व्यायाम ज़रूरी है। वजन घटाने के लिए होम्योपैथिक उपचार संवैधानिक है और इसके लिए मरीज़ की केस ऑफ़ हिस्ट्री और उचित मूल्यांकन बहुत ज़रूरी है।

होम्योपैथी ही क्यों
आमतौर पर चिकित्सक सिर्फ लक्षणों की पहचान के आधार पर अन्य परंपरागत दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन होम्योपैथी में मोटापे के लिए गड़बड़ी का पता लगाने के लिए केस हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री की जरूरत होती है। डॉक्टर के अनुसार, चिकित्सक होम्योपैथी के इलाज के दौरान मरीज से उसके खानपान, जीवनशैली संबंधी आदतों और अन्य स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछ सकते हैं। अधिक मात्रा में खाना, खाने में वसा का अधिक उपयोग और शरीर में वसा को आसानी से पचाना आदि सभी आदतें आनुवंशिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं। किसी व्यक्ति का फूडी होना और मोटापे से संबंधित परिस्थिति भी आनुवंशिक हो सकती है।

होम्योपैथी वजन घटाने के लिए कैसे काम करता है?
होम्योपैथिक उपचार पौधों के रस, जड़ी बूटियों और अन्य प्राकृतिक पदार्थ से तैयार किये जाते हैं। इसलिए वजन घटाने की गोलियाँ या उपचार के दौरान इनका शरीर पर किसी भी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है। डॉक्टर के अनुसार, होम्योपैथी पाचन संबंधी विकार को दूर करने, चयापचय (metabolism) में सुधार लाने और मलत्याग (elimination) में मदद करने में सहायक है। वजन कम करने के लिए इन तीनों चीजों का सही होना बहुत ज़रूरी है। चिकित्सक रोगी में लक्षणों के पहचान करने के बाद ही दवाओं की सलाह देता है। दूसरी दवाएं पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रतिबंधित करके आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती हैं लेकिन होम्योपैथी दवाएं वजन बढ़ने के लक्षणों का इलाज करती हैं। डॉक्टर के अनुसार, होम्योपैथी एक जादू नहीं है। वजन कम करने के लिए आपको उचित आहार और व्यायाम की भी जरूरत होती है। होम्योपैथिक उपचार बहुत ज्यादा जरूरत पर ही लेना चाहिए।

यह हैं होम्योपैथिक दवाएं

कैल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica)- यह उन लोगों को दी जाती है, जो मोटापे से ग्रस्त है, पेट की चर्बी अधिक है, चयापचय कमजोर है, माथे से पसीना बहता है, अपच और कब्ज से पीड़ित है और जिसे भूख को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है। यह दवा अंडरलाइनिंग थायराइड से पीड़ित लोगों को भी दी जाती है।

नेट्रम म्यूर (Natrum Mur)- यह दवा उन लोगों को दी जाती है, जिनकी जांघों (thighs) और नितंबों (buttocks) जैसे क्षेत्रों में अधिक वजन होता है। ऐसे लोग जिन्हें धुप बर्दाश्त नहीं, खून की कमी है और वजन होने के साथ-साथ अवसाद से ग्रस्त हैं, उन्हें भी यह दवा जी सकती है।

लाइकोपोडियम (Lycopodium)- पेट फूलना और कब्ज जैसी समस्याओं से पीड़ित और जांघों व नितंबों में अत्यधिक वजन वाले लोगों को इसकी सलाह दी जाती है। ऐसे लोग जिन्हें मीठे से ज्यादा प्यार है और वो मीठा क्षमता से ज्यादा खाते हैं, उन्हें भी ये दवा दी जा सकती है।

नक्स वोमिका (Nux Vomica)- ये उपाय ऐसे लोगों के लिए है, जिनके शरीर में खराब जीवनशैली के चलते अधिक वसा जमा हो गया है। ऐसे लोग आमतौर पर मसालेदार और वसायुक्त खाद्य पदार्थों के अलावा कॉफी और मादक पेय का ज्यादा सेवन करते हैं। इससे उन्हें कब्ज़ जैसी समस्या हो जाती है।

एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium Crudum)- यह दवा आमतौर पर बहुत मोटे बच्चों को दी जाती है। ऐसी बच्चों को भी जिनमें ज्यादा चिड़चिड़ापन और गुस्सा होता है। इसके अलावा ऐसे बच्चों को जिन्हें दस्त और कब्ज की समस्या है। ऐसे बच्चे ज्यादातर अचार या अन्य मसालेदार व्यंजन पसंद करते हैं। ऐसे लक्षणों को दबाने के लिए इस दवा से फायदा हो सकता है।

उपरोक्त दवाइयां डॉक्टर परामर्श के साथ ही शुरू करें। वैसे तो होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में कोई साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता, परन्तु डॉक्टर परामर्श से आप को बेहतर परिणाम मिलेंगे और निराश नहीं होना ​पड़ेगा।