Monday, October 16, 2017

फैटी लिवर के घरेलू उपचार

नई दिल्ली: यकृत या फिर जिगर की खराबी आने पर आप अक्सर डॉक्टरों के पास चक्कर लगाते हैं और ऐलोपैथी इलाज शुरू कर देते हैं। मगर अंग्रेजी दवाएं खाने से आपको साइड इफेक्ट का ख़तरा भी बना रहता है। ऐसे में आप कुछ करेलू नुस्खे आज़माकर फैटी लिवर जैसी समस्या का रामबाण इलाज कर सकते हैं।

अगर आपका लिवर छोटा, कठोर या फिर सूजा हुआ है तो घबराएं नहीं। आप आयुर्वेद के कुछ रामबाण इलाज से खुद को फिट कर सकते हैं। केजीएमयू के चिकित्सक अभिजीत चंद्रा ने बताया की तली हुई चीज़ें खाना, व्याव्याम न करने और खान पान में बरती जाने वाली असावधानियां ही फैटी लिवर की समस्या पैदा करती है। इस समस्या से उबरने के लिए एलोपैथी ट्रीटमेंट के साथ ही अगर आयुर्वेदिक नुस्खे का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

कागजी नींबू का प्रयोग
एक कागज़ी नींबू लेकर उसके दो टुकड़े कर लें। फिर बीज निकालकर आधे नींबू के बिना काटे चार भाग कर लें। ध्यान रहे की टुकड़े अलग न हों। इसके बाद नींबू के एक भाग में काली मिर्च का चूर्ण, दूसरे में काला नमक, तीसरे में सोंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण भर कर रख दें। रात भर यह प्लेट में रखे रहे। सुबह भोजन के एक घंटे पहले नींबू की फांक को धीमी आंच पर या फिर तवे पर रख कर गर्म करें और चूस लें।

इस प्रयोग से होने वाले लाभ
-आवश्यकतानुसार सात दिन से इक्कीस दिन लेने से लिवर सही होगा
-इससे यकृत विकार ठीक होने के साथ पेट दर्द और मुंह का जायका ठीक होगा
-यकृत के कठोर और छोटा होने के रोग में चूक है

इसलिए होता है यकृत रोग
पुराना मलेरिया, ज्वर, अधिक मिठाई खाना, अमेबिक पेचिश के रोगाणु का यकृत में प्रवेश करने से यकृत रोगों की उत्पत्ति होती है। बुखार ठीक होने के बाद भी यकृत की बीमारी बनी रहती है। यकृत कठोर और पहले से बड़ा हो जाता है। रोग के घातक रूप ले लेने से यकृत का संकोचन होता है।

यकृत रोगों के लक्षण
यकृत रोगों में आंख व् चेहरा रक्तहीन हो जाते हैं, जीभ सफ़ेद, रक्ताल्पता, नीली नसें, कमज़ोरी, कब्ज़, गैस , बिगड़ा स्वाद, दाहिने कंधे के बीचे दर्द, सौंच आंवयुक्त कीचड़ जैसा होना यह लक्षण हैं।

यह बरतें सावधानी
दो सप्ताह तक चीनी और मीठा इस्तेमाल न करें
दूध मीठा पीते हो तो चीनी की जगह दूध में मुनक्का दाल कर मीठा कर लें
रोटी भी कम खाएं
सब्जियों और फल से गुजारा करें
सब्जी में मसाला न डालें
टमाटर, पालक, गाजर, बथुआ, करेला, लौकी, पपीता, आंवला, जामुन, सेब, आलूबुखारा, लीची खाएं
छांछ का अधिक से अधिक प्रयोग करें
तली भुनी चीज़ें बंद कर दें
(ऐसा करने से 15 दिन में लिवर की समस्या ठीक हो जायेगी)

यह उपचार भी करें
- दिन में दो बार प्याज खाएं
-दोपहर में खाना खाने के बाद हींग का बगैर देकर, जीरा, कालीमिर्च और नमक मिलकर छांछ का सेवन करें
-आंवला का रस या फिर सूखे आंवले का चूर्ण बनाकर पानी के साथ लें, दिन में तीन बार इस चूर्ण का इस्तेमाल करके 15-20 दिन में यकृत रोग ठीक हो सकता है।

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