Sunday, September 10, 2017

डायपर का प्रयोग कितना उचित- कितना अनुचित​

दुनिया दिन ब दिन सुविधा भोगी होती जा रही है। और इसी सुविधा भोगी मानसिकता की तीव्र उत्कंठा के हजारों उदाहरणों में से एक है अपने नवजात बच्चों के लिए डायपर इस्तेमाल करना ! आज की बहुत सी महिलाओं को पता ही नहीं कि डायपर पहनाने पर बहुत से दुष्प्रभाव नवजात बच्चों को झेलने पड़तें है। इसलिए ऐसी ही महिलाओं के लिए हम यह लेख लिख रहें हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द समझ आ सके जिससे जाने अनजाने उन्ही के छोटे मासूम बच्चे के प्रति उन्ही के द्वारा हो रही ज्यादती को वो तुरंत रोक सकें !


बच्चों के मामलें में लगभग सभी माताएँ बहुत ही सावधान होतीं हैं इसलिए उन्हें जैसे ही पता लगता है कि किसी चीज से उनके छोटे बच्चे को दिक्कत हो रही है तो वो तुरंत उस चीज से बच्चे का बचाव निश्चित करती हैं । पर कुछ ऐसी भी बेहद आलसी मानसिकता की महिलायें होतीं हैं जिनके लिए उनका अपना आराम ही सर्वोपरि होता है इसलिए उन्हें कोई लाख समझाए कि डायपर पहनाने के कई तुरंत के एवं दूरगामी दुष्प्रभाव होतें हैं तब भी वो डायपर पहनाना नहीं छोड़तीं हैं और उल्टा समझाने वाले से ही बहस करने लगतीं हैं कि सभी माँ बाप तो डायपर पहनातें हैं आदि आदि।

कोई भी महिला जो थोड़ा भी समझदार होगी नीचे लिखे कारणों को जानने के बाद निश्चित ही अपने बच्चे को डायपर पहनाना छोड़, सूती कपड़ा पहनाना शुरू कर देगी लेकिन जिनके नस नस में आलस्य समा चुका है उनके ऊपर इन जानकारियों का कोई असर होगा या नहीं, कहना मुश्किल है !

वास्तव में बच्चों को पालना एक ऐसी कष्टसाध्य तपस्या होती है जिसमें कोई शार्ट कट नहीं होता है। इसलिए जो माताएं अपने बच्चों से सम्बंधित अधिकाँश कामों को खुद प्रेम से करने की बजाय नौकरों या अन्य स्त्रियों की अधिक से अधिक सहायता लेतीं हैं या बच्चों से सम्बंधित कई कामों को अक्सर अवॉयड कर जातीं हैं, उनके बच्चे बड़े होते ही आजाद पंक्षी की तरह अपना नया घोसला बसा लेतें हैं और उनके पर्सनल जीवन में उनकी माँ की विशेष अहमियत नहीं रह जाती है।

जबकि जो माताएं अपने बच्चों के छोटे से छोटे काम को भी खुद प्रेम से अपने हाथों से करतीं हैं, उनके बच्चे चाहे जितने भी बड़े हो जाएँ, वे अपना जीवन अपनी माँ के बिना हमेशा अधूरा मानतें हैं और अपनी माँ को भगवान् से भी बढ़कर दर्जा देतें हैं ! आईये हम आपको बतातें हैं विदेशी सभ्यता द्वारा कुछ वर्ष पूर्व विकसित किये गए डायपर के कुछ खतरनाक पहलू

डायपर में गीलापन तुरंत सोखने के लिए कुछ केमिकल कम्पोजीशन का इस्तेमाल होता है जिसका हर समय बच्चे की नाजुक त्वचा के सम्पर्क में रहने पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है, जिससे यूरिन और गुदा मार्ग का खतरनाक संक्रमण (इन्फेक्शन) भी हो सकता है तथा नितम्बों व कमर पर त्वचा के रोग जैसे रैशेश आदि अक्सर होने की संभावना बनी रहती है।

इस तरह के त्वचा रोग होने पर शुद्ध नारियल तेल या सरसों तेल या देशी घी की हल्की हल्की मालिश कर देनी चाहिए (अगर शुद्ध तेल या घी ना मिले तो पतंजलि के तेल या घी का बेहिचक इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि ये अति शुद्ध होतें हैं) !

बच्चे के मूत्रांग इतना ज्यादा नाजुक होता है कि उस पर हल्का सा भी दबाव पड़ने से बच्चे की पेशाब रुक सकती है और पेशाब रुकने की अवस्था में बच्चे की बेचैनी अंदर ही अंदर बढ़ने लगती है जिससे वो लगातार रोने लगता है पर उनकी अनाड़ी माँ को समझ में ही नहीं आता है कि आखिर उनका बच्चा रो क्यों रहा है।

ये तो छोटे बच्चों को हर समय महसूस होने वाला भगवान का साथ होता हैं जो उन्हें ज्यादातर मुसीबतों से बचा लेता है नहीं तो माँ बाप या किसी अन्य का भी अनाड़ीपन किसी भी बच्चे को कभी भी लाइफ टाइम का रोग पकड़ा सकता है !

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. कैरन एडोल्फ ने कई बच्चों पर शोध कर बताया है कि डायपर की वजह से बच्चों के पैरों के बीच दूरी अधिक हो जाती है जिससे उनकी चाल बिगड़ सकती है अर्थात उनकी चाल ही टेढ़ी हो सकती है !

डायपर मूत्र तो सोख लेता है लेकिन मल का क्या ? मल तो उसी में पड़ा पड़ा सूखकर कड़ा होता रहता है जिसकी वजह से गुदा मार्ग पर घाव व इन्फेक्शन होने की पूर्ण संभावना रहती है !

एक नयी समस्या डायपर पहनने वालों बच्चों के बारें में आजकल न्यूज़ पेपर्स में पढ़ने को मिलती है कि डायपर का इस्तेमाल करने वाले लड़के बड़े हो जाने पर भी अक्सर अपने पैंट में ही पेशाब कर देतें हैं।

मतलब उन्हें पैंट में ही पेशाब करने की पक्की आदत पड़ चुकी होती है ! कुल मिलाकर निष्कर्ष यही है कि डायपर पहनाने से माँ को तो आराम मिल जाता है किन्तु पूरी तरह से दूसरों पर ही आश्रित निरीह बच्चे की कई तरह से फजीहत हो सकती है।

इसलिए किसी भी शार्ट कट को अपनाने की बजाय बच्चे की सहूलियत को ही सर्वप्रथम प्राथमिकता देनी चाहिए तथा सिर्फ और सिर्फ कपड़ा (खासकर सूती कपड़ा) ही इस्तेमाल करना चाहिए तभी आज की एक ममतामयी माँ, भविष्य की एक आदरणीय माँ का दर्जा प्राप्त कर पाती हैं !

Wednesday, September 6, 2017

बाबा रामदेव के घरेलू नुस्खे, देसी उपाय और औषधि से उपचार


1. जिन लोगो को High Blood Pressure की समस्या है वो ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने के लिए रोजाना एक कप चुकंदर का जूस पिए. उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) के इलाज के लिए बादाम फायदेमंद है. रात को पानी में भिगोकर सुबह छिलके उतर कर खाए.

2. सर्वाइकल पेन (रीढ़ की हड्डी में दर्द) से छुटकारा पाने के लिए Divya Ekangaveer Rasa आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करे. इससे आपको दर्द और अकडन से छुटकारा मिल जायगा.

3. सिर दर्द का घरेलू इलाज के लिए अदरक, तुलसी की पत्तिया और काली मिर्च पीस ले. जिन्हें सर दर्द होता रहता है वो उससे बचने के लिए डेली एक गिलास में पानी में इस पाउडर की एक चुटकी डालकर मिला के पिए.

4. चेहरे पर फुंसी (पिम्पल), कील, मुहांसे हटाने के लिए पीसी हुई जल्दी और दूध मिलकर एक गाढ़ा पेस्ट बनाये. इस पेस्ट को फेस पर हुए pimples पर लगाये और आधा घंटे बाद साफ़ पानी से चहरे धो ले. पिम्पल जल्दी ठीक करने के लिए एक रुई को गुलाब जल में भिगोकर पुरे फेस पर लगाये.

5. वजन घटाने के लिए सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक निम्बू निचौड़ ले. और इसमें थोडा नमक मिलकर पिए. ये घरेलू नुस्खे हमारी बॉडी से फैट को ख़तम करने में मदद करता है. इसके आलावा अदरक के छोटे टुकड़े दिन में 2-3 बार चबाने से भी मोटापा कम करने में आसानी होती है. टेल हुए मिर्च मसालेदार फ़ास्ट फ़ूड से परहेज़ करे.

6. Divya Younamrit vati एक बाबा रामदेव की आयुर्वेदिक औषधि है जो मर्दानगी बढ़ाने में काफी असरदार है. जिन्हें शीघ्रपतन की समस्या है वो इसका दिव्या यौनाम्रित वती का सेवन करे.

7. महिलाओ में पीरियड्स (मासिक धर्म) समय पर और नियमित रूप से लाने के लिए प्याज़ के सूप में गुड मिलकर पिए. इसके साथ गाजर का रस भी पीते रहे.

8. बालो का झड़ना रोकने के लिए एलोवेरा और आमला का रस बनाकर बालो पर लगाये और सूखने पर पानी से सर धो ले. दही भी हमारे बालो के लिए काफी लाभकारी है. बालो में दही लगाकर उसे सूखने दे और फिर शेम्पू कर ले.

9. शुगर के इलाज के लिए दालचीनी और अदरक काफी प्रभावी है. ये हमारे शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को नियंत्रण में रखता है इसके अलावा जामुन खाने से भी शुगर के छुटकारा पाने में मदद मिलती है.

10. कब्ज़ ख़त्म करने के लिए बाबा रामदेव का त्रिफला चूरन से चमत्कारी देसी नूस्खा है जिससे रातो रात कब्ज़ तोड़ कर पेट साफ़ करने में कारगर है.

हमारे द्वारा बताई गयी बाबा रामदेव के घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक औषधि लेने से पहले एक बार डॉक्टर या वैध से सलाह जरुर ले. किसी भी रोग का घरेलू उपचार से पहले दवा या नुस्खे की अच्छे से जानकारी ले.

बाबा रामदेव के अन्य घरेलू उपाय :

अगर आपकी स्किन पर सफ़ेद दाग है जो ख़त्म ना हो रहे तो 2 चमच्च हल्दी पाउडर में एक चमच्च सरसों के तेल की मिलाये और इस पेस्ट को सफ़ेद दाग पर लगाये और 15 मिनट के लिए छोड़ दे. दिन में 2-3 बार ये घरेलू उपाय करे.

लगभग 40 ग्राम बड़ी इलायची तवे पर रखकर अच्छे से भुन ले और उसे ठंडा होने पर पीस के चूर्ण बनाले. जो बवासीर से पीड़ित है वो इस चूरन को एक गिलास पानी में मिलकर रोजाना सेवन करे.

दिल के रोगों के घरेलू उपचार के लिए रामदेव की  Divya Arjuna Kwath औषधि का सेवन करे. ये हर्बल औषधि हमारे खून का दौरा अच्छा करके दिल की बीमारिया दूर रखती है. दिल को स्वस्थ बनाये रखने के लिए प्रणायाम योग भी करते रहे.

घुटनों और जोड़ो में दर्द के इलाज के लिए लहसुन असरदार नुस्खा है. लहसुन का पासे बनाकर उसे दर्द वाली लगाह पर लेप के रूप में लगाये और जल्दी ही आपक दर्द में आराम महसूस करेंगे.

पीलिया रोग से पीड़ित मरीज पका हुआ पपीता खाए. पीलिये से उभरने में पपीता काफी फायदेमंद है.

हाथ पैर गर्दन और चेहरे पर चमक लाने के लिए डेली सुबह शाम अलो वेरा से मसाज़ करे. कुछ ही दिनों में आपका चेहरा चमकने लगेगा.

अगर आपको पेट में एसिडिटी, जलन या तेजाब बनता है या कोई और लीवर सम्बधित समस्या है तो आयुर्वेद में Amlapittantak नाम की असरदार औषधि मौजूद है.  दिन में 1-2 टेबलेट शहद के साथ सेवन करने से आपके एसिडिटी कुछ ही समय में गायब हो जायगी.

सीने में जलन से छुटकारा पाने के लिए तरबूज, केले और खीरे का सलाद बनाकर खाए.

डेंगू का इलाज के लिए गिलोय एक रामबाण उपाय है . डेंगू से पीड़ित गिलोय का जूस पिए, इससे ब्लड प्लेटलेट की संख्या बढ़ेगी और बुखार कम होगा.

दोस्तों हमारे ये पोस्ट बाबा रामदेव के घरेलू नुस्खे, देसी उपाय और औषधि से उपचार इन हिंदी? के बारे में अगर आपके सवाल है तो जरुरी पूछे. अगर आपके पास दुसरे ‘Baba Ramdev Gharelu Nuskhe aur Upay‘ है जिनसे आपको पहले लाभ हुआ तो हमारे साथ जरुर साँझा करे.

Sunday, September 3, 2017

बैन हो जाना चाहिए जंक फूड्स हर जगह, जानिए क्यों

वडा पाव, समोशा, पिज्‍जा,बर्गर, चाउमिन, रोल, मोमोज, चिली, फैंच फ्राइ  और कोलड्रिंक आदि ने लोगों की खानपान पर कब्जा कर लिया है। आज लोग पौष्टिक आहार को कम फास्ट फूड या जंक फूड को ज्यादा तवज्जों देने लगे हैं। लेकिन जंक फूड हमारी जिंदगी को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं आपको अंदाजा नहीं है। एक शोध की माने तो जंक फूड खाने से दिमाग में गड़बड़ी पैदा होने लगती है।

आइए जानते हैं जंक फूड का सेवन आपके लिए कितना नुकसानदेह है। 

1. निरंतर फास्ट फूड के सेवन से आप शिथिल होते जाओगे। आप खुद को थका हुआ महसूस करोगे। आवश्‍यक पोषक तत्‍व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से फास्ट फूड आपकी उर्जा के स्तर को कम कर देता है।

2. जंक फूड का लगातार सेवन टीनेजर्स में डिप्रेशन का कारण बन सकता है। बढती उम्र में बच्‍चों कई तर‍ह के बायोलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं। जंक फूड जैसे चौमिन, पिज्जां,बर्गर, रोल खाना बढते बच्चों के लिए एक समस्या बन सकता है और वह डिप्रेशन में भी जा सकता है।

3.मैदे और तेल से बने ये जंक फूड आपकी पाचन क्रिया को भी प्रभावित करता है। इससे कब्ज की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है। इन खानों में फाइबर्स की कमी होने की वजह से भी ये खाद्य पदार्थ पचने में दिक्‍कत करते हैं।

4. ज्यादा से ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करने वाले लोगों में 80 फीसदी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के आहार में ज्यादा फैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर में भी योगदान देता है।

5. वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ हृदय, रक्त वाहिकाओं, जिगर जैसे कई बीमारियों का कारण हैं। इससे तनाव भी बढ़ता है। कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ (कॉफी, चाय, कोला और चॉकलेट), सफेद आटा, नमक, संतृप्त वसा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ ये कुछ ऐसी चीजें है जो तनाव को बढ़ाने में मदद करती है।

Saturday, September 2, 2017

कैसे पाएं स्लिम फिगर ??

स्लिम फिगर:
वैसे तो वजन बढ़ कर मोटापा हो जाने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे कि आपका खानपान और जीवन शैली, कोई बीमारी या फिर शरीर में हारमोन का असन्तुलन आदि । कई बार तो कुछ विशिष्ट दवाओं के सेवन करने से भी शरीर पर मोटापा चढ़ जाता है । वजन बढ़ जाने के बाद जब शरीर बेडौल हो जाता है तो सभी की इच्छा होती है कि वापस स्लिम फिगर पाया जाये । लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि कैसे? चलिये हम आपको बताते हैं !स्लिम फिगर के लिये ये रखें ध्यान :-

सबसे पहले अपने खानपान पर ध्यान दीजिये । कोशिश कीजिये कि आपके भोजन में रेशेदार भोजन अर्थात फाईबर युक्त भोजन का ज्यादा सेवन करें । चूँकि रेशे दार भोजन से प्राप्त कैलोरी का अधिकतम भाग पेट को साफ करता हुआ आँतों के रास्ते से शरीर से बाहर निकल जाता है जिस कारण से शरीर अपनी कैलोरी की जरूरत को पूरा करने के लिये शरीर में संचित चर्बी पर प्रहार करके प्राप्त करता है जिस कारण से शरीर से अपेक्षा से अधिक वजन कम होकर स्लिम फिगर प्राप्ति की आपकी राह आसान होती है ।

स्लिम फिगर के लिये जरूरी नही है भूखा रहना :-
रेशेदार भोजन के द्वारा अपनी काया को सही शेप में लाने के लिये भूखे रहने की जरूरत नही होती है । चूँकि रेशेदार खाने से कम मात्रा में खाने से ही पेट भर जाता है और आप अधिक कार्बोहाइड्रेट के सेवन से भी बच जाते हैं । जिस कारण से शरीर का वजन और नही बढ़ पाता है और स्लिम फिगर पाने की आपकी राह आसान हो जाती है ।

स्लिम फिगर पाने के लिये खायें सही तरीके से :-
बहुत से लोग वजन घटाने के प्रयासों के तहत बहुत सारी योजना बनाकर कई तरह से अपनी डाईट को प्लान करते हैं । किन्तु विशेषज्ञों का मानना है कि जब भी आप वजन घटाने के बारे में सोचें तो सबसे पहले योजनाबद्ध तरीके से नही सही तरह से खाना शुरू करें । मीठा और चिकनाई बिल्कुल कम ना के बराबर लें और प्रतिदिन कुछ ना कुछ व्यायाम जरूर करें । दोनों समय के खाने के बीच में अनावश्यक रूप से अतिरिक्त कैलोरी वाला कुछ ना खायें । इस तरह बिना व्यर्थ चिन्ता और तकलीफ के आप स्लिम फिगर पाने का अपना सपना पूरा कर पाओगे ।

स्लिम फिगर पाने के लिये यह हो भोजन का सिद्धान्त :-
हर रोज आधा लीटर दूध जरूर पियें ना इससे कम और ना इससे ज्यादा । इतना जरूर ध्यान रखें कि दूध में से क्रीम और चिकनाई निकाल ली गयी हो । चपातियॉ हमेशा चोकर वाले आटे की खायें, मैदा वाले आटे की नही । हर रोज तीन फल जरूर खायें जिनमें से एक फल खट्टा जरूर हो । स्लिम फिगर पाने का सपना देखने वाले लोगों को अपनी डाईट सामान्य लोगों की तरह ही लेनी चाहिये । क्या चीजें आपको नही खानी चाहियें इसके बारें में अपने डाईटीशियन से सलाह ले सकते हैं ।
रस्सी कूदने की करें शुरुआत, बहुत लाभकारी होता है ये व्यायाम

स्लिम फिगर पाने के लिये इस तरह हो आपका नाश्ता :-
एक कटोरी ताजा जमाया गया गाय के दूध का दही और 10-12 मुनक्के को घोलकर उसमें दो खजूर और कुछ सूखे मेवे कतरकर डालें और सबसे ऊपर थोड़ा सा चोकर डालकर खायें । इसके अतिरिक्त गेहूँ, बाजरा और मक्के का एक साथ बनाया गया दलिया भी सेवन कर सकते हैं । या फिर हर रोज किसी एक चीज का दलिया नाश्ते में सेवन किया जा सकता है ।

स्लिम फिगर पाने के लिये इस तरह हो आपकी भोजन सामग्री :-
पालक, लोबिया, गाजर, बीन्स आदि सब्जियॉ आपको रोज खानी चाहिये इसके अतिरिक्त एक समय के भोजन में उबला राजमा, उबला लोबिया, के साथ कच्ची गाजर, खीरा, पालक और प्याज की चाट जैसा बना कर जरूर खाना चाहिये । सप्ताह में पाँच दिन चोकर वाले गेहूँ के आटे की रोटियॉ खायें और एक-एक दिन बाजरे और मक्के की रोटियॉ खायें । पूरे दिन में लगभग 8-10 गिलास ताजा पानी अथवा उबला पानी जरूर पियें । फ्रीज का बर्फीला ठण्डा पानी ना पियें ।

स्लिम फिगर पाने के लिये करें साईकिलिंग :-
साईकिलिंग करना स्लिम फिगर पाने के लिये सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है । साइकिलिंग करना एक ऐसा व्यायाम है जिसको पुरुष और स्त्री दोनों कर सकते हैं और जिनको साईकिल चलानी नही आती है वो भी स्टैण्ड वाली साईकिल आसानी से चला सकते हैं । अब सवाल उठता है कि कितनी देर साईकिलिंग करनी चाहिये । प्रारम्भ में केवल 20 मिनट के लिये एक बार रोज साईकिल चलायें । एक सप्ताह के बाद 20-20 मिनट के दो सत्र आपको पूरे करने चाहिये । तीसरे सप्ताह में किसी चढ़ाई वालीजगह पर 30 मिनट तक साईकिल चलायें जिस से सारे शरीर की माँसपेशियॉ टोन होती है । चौथे सप्ताह से रोज दो बार चालीस चालीस मिनट के लिये साईकिल चलायें इस क्रम को जारी रखें ।

स्लिम फिगर पाने के लिये साईकिलिंग ही क्यूँ :-
साईकिलिंग करने से आपके घुटनों और कूल्हों के जोड़ों में लचीलापन बना रहता है और कमर का निचला हिस्सा और पेट की माँसपेशियॉ मजबूत हो जाती!

ये कार्बोहाइड्रेट खाएं और अपना वजन घटाएं

वजन बढ़ाते नहीं बल्कि घटाते हैं ये कार्बोहाइड्रेट


कार्बोहाइड्रेट यानी खाद्य शर्करा ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत होता है। हम जो भी खाते हैं उसमें लगभग दो तिहाई मात्रा कार्बोहाइड्रेट की होती है और यहीं से पैदा होती है एक बड़ी चिंता। चिंता ये कि कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा देने के साथ आमतौर पर वजन भी बढ़ाता है। ऐसे में, जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उन्हें कार्बोहाइड्रेट कम खाने या फिर न खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन कुछ कार्बोहाइड्रेट ऐसे होते हैं जिन्हें खाने से वजन बढ़ता नहीं, बल्कि घटता है। आइये जानते हैं ऐसे ही सात कार्बोहाईड्रेटयुक्त खाद्य पदार्थों के बारे में जो वजन घटाने में आपकी मदद करते हैं।

2 आलू
आलू का मुख्य पौष्टिक तत्व रेसिस्टेंट स्टार्च होता है। इसमें कुछ मात्रा उच्च जैविक मान वाले प्रोटीन की भी होती है। आलू क्षारीय होता है, इसलिए यह शरीर में क्षारों की मात्रा बढ़ाने या उसे बरकरार रखने में बहुत सहायक होता है। यह शरीर में ऐसीडोसिस भी नहीं होने देता। आलू में सोडा, पोटाश और विटामिन 'ए' और 'डी' भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। आलू का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व विटामिन सी है। आलू खाने से कॉलेस्ट्रॉल घटता है।

3 बींस
बींस को वेट लॉस के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एक रिसर्च के अनुसार बींस में ऐसे तत्व होते हैं जो कॉलेसिस्टॉकिनिन नाम के डाइजेस्टिव हार्मोन को लगभग दो गुना बढ़ाने में मदद करते हैं। कुछ अध्ययनों के अनुसार बींस ब्लड शुगर के स्तर को मेंटेन करने में मदद करता है ताकि अगर आपको लंबे समय तक भूखा रहना पड़े तो आपके लिए नुकसानदेह न हो। बींस को हाई फाइबर डाइट माना जाता है जो कॉलेस्ट्राल को कम करने में भी मदद करता है। एक कप पकी हुई इन सब्जियों में कुल सात ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। इनमें से दो ग्राम फाइबर होता है। साथ ही बींस में मौजूद प्रोटीन भी वजन घटाने में कारगर होता है।

4 पास्ता
सालों से पास्ता के बारे में लोग ये धारणा बनाए बैठे हैं कि पास्ता खाने से मोटापा बढ़ता है। लेकिन अगर ऐसा सच होता तो इटली के ज्यादातर लोग मोटे होते क्योंकि वो हर साल ढेर सारा पास्ता खाते हैं। इसके उलट, पास्ता आपका वजन घटाने में आपकी मदद कर सकता है। जी हां, पास्ता! दरअसल, पास्ता में रेसिस्टेंट स्टार्च होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपको साथ में फाइबर भी मिले तो चने के आटे से बने नूडल्स ट्राई करें।

5 स्ट्राबेरी
स्ट्रॉबेरी के तत्व हमारे शरीर में 'एनआरएफ 2' नाम के एक प्रोटीन को सकारात्मक रूप से सक्रिय कर देता है। यह प्रोटीन रक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल को घटाने का काम करता है। साथ ही, यह प्रोटीन हमारे शरीर में एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य सुरक्षा गतिविधियों को बढ़ा देता है। इसके अलावा, स्ट्राबेरी में विटामिन सी, फाइबर और पोटैशियम भी होते हैं। इसे खाने से वजन बढ़ता नहीं बल्कि घटता है। इसमें प्राकृतिक शर्करा होती है इसलिए मीठा खाने की इच्छा भी पूरी हो जाती है।

6 चुकंदर
चुकंदर कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व वसा से भरपूर होते हैं। साथ ही इसमें अनेक विटामिन, खनिज तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। इसका जूस सब्जियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह प्राकृतिक शुगर का सबसे अच्छा स्रोत है। इसमें सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, सल्फर, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन, विटामिन बी1, बी2, और सी पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होने के बावजूद चुकंदर से वजन नहीं बढ़ता। बल्कि इससे कैलोरी घटती है। जिम करने वाले लोगों को चुकंदर का जूस पीने की सलाह दी जाती है।

7 किनोआ
किनोआ एक प्रकार का अनाज होता है। ये दुनिया में "सुपरफूड" के नाम से मशहूर है। वजन कम करने के लिए इस बात की जरूरत होती है कि जितनी कैलोरी हम बर्न करते हैं, हम उससे कम का सेवन करें। चाहे मेटाबॉलिज्म बूस्ट करके या फिर ऐपेटाइट बढ़ाकर। किनोना में इस तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो ये काम कर सकतें।

8 आर्टिचोक

आर्टिचोक में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। आधा कप आर्टिचोक में तकरीबन तीन ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। लेकिन इसके सेवन से मोटापा नहीं बढ़ता। आर्टिचोक में कम कैलोरी और वसा होता है। इसमें फाइबर और एंटी-ऑक्सिटेंड की उच्च मात्रा मौजूद होती है। इसमें मौजूद कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।

इस जादुई पेय पदार्थ के 2 ग्लास पीएं, वजन घटाएं

खाने से पहले पानी पीने से भूख कम लगती है।पानी पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।पानी से शरीर में जमा टॉक्सिन निकल जाते हैं।पानी वैसे तो स्वास्थ्य से लेकर सौंदर्य तक के लिए सबसे गुणकारी दवा है, लेकिन इसी पानी को अगर थोड़ा गर्म करके यानी गुनगुने पानी के रूप में प्रयोग में लाया जाए तो यह शरीर के लिए और भी लाभप्रद साबित होता है।

दो-चार किलो वजन कम करने के लिए सिर्फ डाइट ही काफी नहीं बल्कि इसके लिए थोड़ा सा प्रयास भी जरूरी हैं। वजन कम करने का सरल और सस्ता तरीका है दो ग्लास पानी। आइए आपको बताते हैं दो ग्लास पानी से वजन कैसे कम किया जा सकता हैं।

हर रोज खाने से पूर्व दो ग्लास पानी पीने से वज़न कम हो सकता है। शोधों में भी ये बात साबित हो चुकी है कि खाने से पूर्व दो ग्लास पानी पीने से भूख कम हो जाती है और फिर आप खाने में कम कैलोरीज़ का सेवन करते हैं।

यदि आप दिन में कम से कम तीन बार खाना खाने से पूर्व दो ग्लास पानी पीएंगे तो निश्चित तौर पर आप अपने वजन पर नियंत्रण कर सकेंगे । इतना ही नहीं इससे आप किसी भी तरह के साइड इफेक्ट से भी बच सकेंगे।आमतौर पर प्रतिदिन भोजन से आधे घंटे पूर्व कम से कम दो गिलास पानी पीने से आप ढाई किलो तक वजन कम कर सकते हैं।

दरअसल, वजन का बढ़ना आपकी खुराक पर भी निर्भर करता हैं कि आप दिन भर में कितनी खुराक लेते हैं। यदि आप खुराक ज्यादा लेंगे और शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं है तो आपका वजन बढ़ेगा।

हालांकि खाने से पहले पानी पीने से आपको कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे आपका वजन तेजी से घटने लगता हैं।

यदि आप वाकई अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आपको कम कैलरी वाली और कम चीनी वाले पेय पदार्थ लेने चाहिए साथ ही अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। इसके साथ ही चीनी वाले बोतल बंद पदार्थों से भी बचना चाहिए।

गुनगुने पानी को भी स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन नुस्खा माना जाता हैं, यह वजन कम करने का सरल और सस्ता तरीका है।

श्वेत प्रदर सफ़ेद पानी Leukorrhea की जानकारी और घरेलु उपचार – सभी स्त्रियों के लिए रामबाण

सफ़ेद पानी जानकारी
श्वेत प्रदर (सफेद पानी, ल्युकोरीया) महिलाओ की विशेष बीमारी हैं ,जिसमे औरतो के योनी में सफेद पानी निकला करता हैं, जो कई दिनो तक या कई महीनो तक जारी रहता हैं। इस से योनी में खुजली और जलन होती हैं, और ये बहुत बदबुदार होता हैं। इस से महिलाये निर्बल उदास परेशान और भरी जवानी में बूढी नज़र आने लगती हैं । ऐसे में जानिए इन घरेलु नुस्खों को, जिनको अपना कर आप इस बीमारी से मुक्ति पा सकती हैं।सफ़ेद पानी कारण

बहुत ज़्यादा आलसी जीवन, उत्तेजक पदार्थो का अधिक सेवन जैसे मांस, मछ्ली अंडा, शराब , चाय-काफी, कामोतेज़क और अशलील साहित्य, अत्यधिक सह्वास, सम्भोग में उल्टे आसनो का प्रयोग करना, सम्भोग काल में अत्यधिक घर्षण युक्त आघात, रोगग्रस्त पुरुष के साथ सहवास, गर्भ निरोधन गोलियो का ज़्यादा सेवन इत्यादि। बार-बार गर्भपात कराना भी एक प्रमुख कारण है।

सफ़ेद पानी में क्या खाये क्या ना खाये ।

क्या खाये :- हरी सब्जिया , फल जसे केले, पके मीठे अंगूर, सेब, फालसा, नारंगी, अनार, आंवला, पपीता, चीकू, मौसमी आदि , पुराने गेहु की रोटी, सिंघाडे का आटा, पुराने चावल, चावल का मांड, दलिया, देसी गाय का दूध, घी, छाछ, मक्खन, अरहर, मूंग की दाल, कच्चे केले की सब्जी।

सफ़ेद पानी मे क्या ना खाये : –
तेज मिर्च मसाले दार, तेल मे तले पदार्थ, गुड, खटाई, अरबी, बैंगन, अधिक सह्वास ।

सफ़ेद पानी के लिए घरेलु नुस्खे
१. केला और घी : –
एक पका हुआ केला छील कर 6 ग्राम गाय के शुध देसी घी के साथ रोज़् सुबह और शाम को खाये, 8 से 15 दिन के अंदर ये सम्स्या स्मापत हो जायेगी, यदि केला और घी ठंडा असर करे तो 4-6 बूंदे शहद मिला ले, मगर ध्यान रहे शहद और घी समान मात्रा मे कभी ना मिलाये अन्यथा ये विष तुल्य हैं ।

२. चावलो का मांड : –
आधी कटोरी चावल पानी मे उबाल ले और इस पानी को जो ना ज़्यादा ग़ाढा हो और ना ज़्यादा पतला, हर रोज़ शाम को 5-6 बजे खाना खाने से 2 घंटे पह्ले ले और ध्यान रहे इस के 1-2 घंटे पह्ले और बाद मे कुछ ना खाये ना पिये, ये इस रोग का सदियो पुराना सफल उप्चार हैं ।

३. आंवला  : –
1. सूखे आंवले और मिश्री को अलग अलग बारीक पीसकर मिला ले और सुबह शाम खाली पेट 1-1 चम्मच ले, सिर्फ 10-15 दिन लेने से ही ये रोग सही हो जायेगा। 2. आंवला पिसा एक चम्मच 2 – 3 चम्मच शहद रोज दिन में एक बार खायें। 30दिनों तक खटाई से परहेज करें। 3. आंवले का रस व शहद लगातार एक माह तक लें। श्वेत प्रदर ठीक होगा। आंवला में विटामिन सी होने से आपकी त्वचा ग्लो भी करेगी। 4. हरे आंवले को पीसकर इसको जौ के आटे में गूंथ कर इसकी रोटी कम से कम एक महीना खाने से ये रोग नष्ट होता हैं। कुल मिला कर ये कह सकते हैं के आंवला प्रदर रोग में रामबाण की तरह हैं। चाहे आप इसकी सब्जी खाए, मुरब्बा खाए, चटनी खाए।  मगर औरतो को ये नियमित सेवन करना चाहिए। 

4. अशोक की छाल :-
श्वेत प्रदर में अशोक की छाल का चूर्ण और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर गाय के दूध के साथ 1-1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार कुछ हफ्ते तक सेवन करते रहने से श्वेत प्रदर नष्ट हो जाता है। खूनी प्रदर में अशोक की छाल, सफेद जीरा, दालचीनी और इलायची के बीज को उबालकर काढ़ा तैयार करें और छानकर दिन में 3 बार सेवन करें।

5. नागकेशर :-
नागकेशर को 3 ग्राम की मात्रा में छाछ के साथ पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।

6. गुलाब के फूल :-
गुलाब के फूलों को छाया में अच्छी तरह से सुखा लें, फिर इसे बारीक पीसकर बने पाउडर को लगभग 3 से 5 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह और शाम दूध के साथ लेने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) से छुटकारा मिलता है।

7. मुलहठी :-
मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ सुबह-शाम पीने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) की बीमारी नष्ट हो जाती है।

8. बड़ी इलायची और माजूफल :-
बड़ी इलायची और माजूफल को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर समान मात्रा में मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 2-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को लेने से स्त्रियों को होने वाले श्वेत प्रदर की बीमारी से छुटकारा मिलता है।

9. जीरा और मिश्री :-
जीरा और मिश्री को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इस चूर्ण को चावल के धोवन के साथ प्रयोग करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ मिलता है।

10. सेंके हुए चने :-
सेंके हुए चने पीसकर उसमें खांड मिलाकर खाएं। ऊपर से दूध में देशी घी मिलाकर पीयें, इससे श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) गिरना बंद हो जाता है।

11. जामुन की छाल या गुठली :-
छाया में सुखाई जामुन की छाल का चूर्ण या जामुन की गुठली का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार पानी के साथ कुछ दिन तक रोज खाने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।

12. फिटकरी :-
चौथाई चम्मच पिसी हुई फिटकरी पानी से रोजाना 3 बार फंकी लेने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग ठीक हो जाते हैं। फिटकरी पानी में मिलाकर योनि को गहराई तक सुबह-शाम धोएं और पिचकारी की सहायता से साफ करें। ककड़ी के बीजों का गर्भ 10 ग्राम और सफेद कमल की कलियां 10 ग्राम पीसकर उसमें जीरा और शक्कर मिलाकर 7 दिनों तक सेवन करने से स्त्रियों का श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग मिटता है।

13. गाजर, पालक, गोभी और चुकन्दर के रस
गाजर, पालक, गोभी और चुकन्दर के रसको पीने से स्त्रियों के गर्भाशय की सूजन समाप्त हो जाती है और श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) रोग भी ठीक हो जाता है।

14. गूलर :-
रोजाना दिन में 3-4 बार गूलर के पके हुए फल 1-1 करके सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में लाभ मिलता है मासिक-धर्म में खून ज्यादा जाने में पांच पके हुए गूलरों पर चीनी डालकर रोजाना खाने से लाभ मिलता है। गूलर का रस 5 से 10 ग्राम मिश्री के साथ मिलाकर महिलाओं को नाभि के निचले हिस्से में पूरे पेट पर लेप करने से महिलाओं के श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) के रोग में आराम आता है। 1 किलो कच्चे गूलर लेकर इसके 3 भाग कर लें। एक भाग कच्चे गूलर उबाल लें। उनको पीसकर एक चम्मच सरसों के तेल में फ्राई कर लें तथा उसकी रोटी बना लें। रात को सोते समय रोटी को नाभि के ऊपर रखकर कपड़ा बांध लें। इस प्रकार शेष 2 भाग दो दिन तक और बांधने से श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है।

15. नीम और बबूल :-
नीम की छाल और बबूल की छाल को समान मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर, इसके चौथाई भाग का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम को सेवन करने से श्वेतप्रदर में लाभ मिलता है। रक्तप्रदर (खूनी प्रदर) पर 10 ग्राम नीम की छाल के साथ समान मात्रा को पीसकर 2 चम्मच शहद को मिलाकर एक दिन में 3 बार खुराक के रूप में पिलायें।

16. बबूल की छाल :-
बबूल की 10 ग्राम छाल को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब यह 100 मिलीलीटर शेष बचे तो इस काढ़े को 2-2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पीने से और इस काढ़े में थोड़ी-सी फिटकरी मिलाकर योनि में पिचकारी देने से योनिमार्ग शुद्ध होकर निरोगी बनेगा और योनि सशक्त पेशियों वाली और तंग होगी। बबूल की 10 ग्राम छाल को लेकर उसे 100 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगोकर उस पानी को उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर बोतल में भर लें। लघुशंका के बाद इस पानी से योनि को धोने से प्रदर दूर होता है एवं योनि टाईट हो जाती है।

17. मेथी :-
मेथी के चूर्ण के पानी में भीगे हुए कपड़े को योनि में रखने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) नष्ट होता है। रात को 4 चम्मच पिसी हुई दाना मेथी को सफेद और साफ भीगे हुए पतले कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर अन्दर जननेन्द्रिय में रखकर सोयें। पोटली को साफ और मजबूत लम्बे धागे से बांधे जिससे वह योनि से बाहर निकाली जा सके। लगभग 4 घंटे बाद या जब भी किसी तरह का कष्ट हो, पोटली बाहर निकाल लें। इससे श्वेतप्रदर ठीक हो जाता है और आराम मिलता है। मेथी-पाक या मेथी-लड्डू खाने से श्वेतप्रदर से छुटकारा मिल जाता है, शरीर हष्ट-पुष्ट बना रहता है। इससे गर्भाशय की गन्दगी को बाहर निकलने में सहायता मिलती है। गर्भाशय कमजोर होने पर योनि से पानी की तरह पतला स्राव होता है। गुड़ व मेथी का चूर्ण 1-1 चम्मच मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से प्रदर बंद हो जाता है।

18. पीपल :-
पीपल के पत्ते तोड़ कर इसमें से बहने वाला दूध की 10 से 12 बूंदे बताशे में डाल कर एक महीने तक नियमित सुबह खाली पेट खाए। और ऊपर से गाय का गर्म दूध पिए। ये प्रयोग सुबह और शाम दोनों समय करे। एक महीने में समस्या समाप्त होगी।