Tuesday, May 1, 2018

ये है वैज्ञानिक कारण की किस दिशा में रात को सोना चाहिए, ज़रूर जाने


आज हम आपको अपनी इस  पोस्ट के  माध्यम से किस दिशा में सोना चाहिए उसका वैज्ञानिक कारण सहीत फ़ायदे और किस दिशा में नही सोना चाहिए उसके हानिकारक प्रभाव के बारे में बताएँगे।  उत्तर दिशा में सिर रख कर सोने के लिए अकसर हमें मना किया जाता है।
क्या ये नियम पूरी दुनिया में सभी स्थानों पर लागू होता है?
क्या है इसका विज्ञान?
कौनसी दिशा सोने के लिए सबसे अच्छी है?

सोते वक़्त दिशाओ का बहुत परभाव पड़ता है

किस दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए-

आपका दिल शरीर के निचले आधे हिस्से में नहीं है, वह तीन-चौथाई ऊपर की ओर मौजूद है क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ रक्त को ऊपर की ओर पहुंचाना नीचे की ओर पहुंचाने से ज्यादा मुश्किल है। जो रक्त शिराएं ऊपर की ओर जाती हैं, वे नीचे की ओर जाने वाली धमनियों के मुकाबले बहुत परिष्कृत हैं। वे ऊपर मस्तिष्क में जाते समय लगभग बालों की तरह होती हैं। इतनी पतली कि वे एक फालतू बूंद भी नहीं ले जा सकतीं।

अगर एक भी अतिरिक्त बूंद चली गई, तो कुछ फट जाएगा और आपको हैमरेज (रक्तस्राव) हो सकता है। ज्यादातर लोगों के मस्तिष्क में रक्तस्राव होता है। यह बड़े पैमाने पर आपको प्रभावित नहीं करता मगर इसके छोटे-मोटे नुकसान होते हैं। आप सुस्त हो सकते हैं, जो वाकई में लोग हो रहे हैं। 35 की उम्र के बाद आपकी बुद्धिमत्ता का स्तर कई रूपों में गिर सकता है जब तक कि आप उसे बनाए रखने के लिए बहुत मेहनत नहीं करते। आप अपनी स्मृति के कारण काम चला रहे हैं, अपनी बुद्धि के कारण नहीं। पारंपरिक रूप से आपसे यह भी कहा जाता है कि सुबह उठने से पहले आपको अपनी हथेलियां रगड़नी चाहिए और अपनी हथेलियों को अपनी आंखों पर रखना चाहिए।

दक्षिण दिशा की ओर सिर रखने के फायदे –

दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोना बेहतर माना गया है. ऐसी स्थ‍िति में स्वाभाविक तौर पर पैर उत्तर दिशा में रहेगा. शास्त्रों के साथ-साथ प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, सेहत के लिहाज से इस तरह सोने का निर्देश दिया गया है। यह मान्यता भी वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।क्योकि सोते समय सही दिशा का बहुत परभाव पड़ता है

उत्तर की ओर क्यों न रखें सिर
दरअसल, पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है. इसमें दक्षिण से उत्तर की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है. जब हम दक्षिण की ओर सिर करके सोते हैं, तो यह ऊर्जा हमारे सिर ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है. ऐसे में सुबह जगने पर लोगों को ताजगी और स्फूर्ति महसूस होती है।इसलिए दक्षिण की तरफ सिर कर के सोना चाहिए ताकि आप सुबह ताजगी महसूस करे

अगर इसके विपरीत करें सिर –

इसके विपरीत, दक्षिण की ओर पैर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करेगी है और सिर तक पहुंचेगी. इस चुंबकीय ऊर्जा से मानसिक तनाव बढ़ता है और सवेरे जगने पर मन भारी-भारी रहता है।और कई बार सिर दर्द जैसी समस्या भी हो जाती है

पूरब की ओर भी रख सकते हैं सिर 
दूसरी स्थ‍िति यह हो सकती है कि सिर पूरब और पैर पश्चिम दिशा की ओर रखा जाए. कुछ मान्यताओं के अनुसार इस स्थि‍ति को बेहतर बताया गया है. दरअसल, सूरज पूरब की ओर से निकलता है. सनातन धर्म में सूर्य को जीवनदाता और देवता माना गया है. ऐसे में सूर्य के निकलने की दिशा में पैर करना उचित नहीं माना जा सकता. इस वजह से पूरब की ओर सिर रखा जा सकता है।इसलिए कभी भी पूरब की तरफ पैर  कर के ना सोये

कुछ जरूरी निर्देश

शास्त्रों में संध्या के वक्त, खासकर गोधूलि बेला में सोने की मनाही है।सोने से करीब 2 घंटे पहले ही भोजन कर लेना चाहिए। सोने से ठीक पहले कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए।अगर बहुत जरूरी काम न हो तो रात में देर तक नहीं जागना चाहिए।जहां तक संभव हो, सोने से पहले चित्त शांत रखने की कोशि‍श करनी चाहिए।सोने से पहले प्रभु का स्मरण करना चाहिए और इस अनमोल जीवन के लिए उनके प्रति आभार जताना चाहिए।

विनम्र विनती :

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Tuesday, April 24, 2018

घर की रसोई में रखें इन वास्तु टिप्स का ध्यान, खुश रहेंगी पत्नी

   

घर में रसोई का वास्तु खराब होने पर उसका सबसे खराब असर उस घर की गृहणी पर पड़ता है जो कि अपना अधिकतम समय रसोई में ही बिताती है

घर में रसोई का वास्तु खराब होने पर उसका सबसे खराब असर उस घर की गृहणी पर पड़ता है जो कि अपना अधिकतम समय रसोई में ही बिताती है। ऐसे में रसोई को बनाते समय वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। इससे न केवल घर वरन घर में रहने वाली महिलाओं का स्वास्थ्य सही रहता है और घर में सौभाग्य का आगमन होता है। सामान्त तौर पर रसोई में इन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिएः

(1) रसोई को हमेशा घर के दक्षिण-पूर्व यानि अग्निकोण दिशा में ही बनवाना चाहिए। यदि इस कोण में रसोई बनाना संभव न हो तो वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) पर बनवा सकते हैं। साथ ही चूल्हा का स्थान भी रसोई के अग्नि कोण में ही रखना चाहिए।

(2) इसके अलावा रसोई में पानी का घड़ा, वाटर प्यूरीफायर आदि रसोई की ईशान कोण (उत्तर-पूर्वी दिशा) में होना चाहिए। परन्तु इस दिशा में सिंक न बनवाएं, अन्यथा घर में बिन बुलाई आपत्तियां आती रहती हैं। साथ ही रसोई से लगा हुआ कोई जल स्त्रोत नहीं होना चाहिए। रसोई के बाजू में बोर, कुआँ, बाथरूम बनवाना अवाइड करें, सिर्फ वाशिंग स्पेस दे सकते हैं।

(3) रसोई की दक्षिण दिशा में कभी भी कोई दरवाजा या खिड़की नहीं होने चाहिए। बाकी तीनों दिशाओं में खिड़की तथा दरवाजे रखे जा सकते हैं। खिड़की व दरवाजों का पूर्व व उत्तर दिशा में होना सबसे बेहतर रहता है। खिड़की भी पर्याप्त बड़ी होनी चाहिए ताकि रसोई में बाहर की ताजी हवा आ सकेंष

(4) रसोई बनवाते समय ध्यान रखना चाहिए वहां सूर्य की रोशनी तथा हवा के वेंटीलेशन का पूरा इंतजाम हो। रसोई में चूल्हे की गर्म हवा निकालने के लिए भी वेंटीलेटर होना चाहिए।

(5) रसोई में कभी भी शीशे (मिरर) का प्रयोग नहीं होना चाहिए। इससे घर में गृह-क्लेश का वातावरण बनता है।

(6) घर की रसोई में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही घर में पितृदेव भी प्रसन्न रहकर अपना आर्शीवाद देते हैं।

Sunday, April 22, 2018

☣ चिंता खत्म ✳ किचन टिप्स ☣

☣ माइक्रोवेव- माइक्रोवेव में एक कटोरे में दो कप पानी भरें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस डालें। अब माइक्रोवेव को पांच मिनट तक के लिए चला कर छोड़ दें। जब वह रुक जाए तब उसके भीतर को एक पेपर टॉवल लें कर साफ करें। इससे माइक्रोवेव भी साफ हो जाएगा और उसमें से अच्छी महक भी आने लगेगी।


☣ सिंक- सिंक से चिपचिपे ग्रीस को हटाने के लिए उसमें से कई बार गरम पानी का बहाव करना पड़ेगा। इसके बाद एक कप सफेद सिरका डालें और बेसिन को थोड़े से बेकिंग पाउडर सोडे से साफ करें।

☣ फ्रिज- अगर आपको फ्रिज के भीतर सफाई करनी है, तो गरम पानी और बेकिंग सोडा का प्रयोग करें। इसके बाद फ्रिजर को भी साफ करें।

☣ किचन कैबिनेट- कैबिनेट को साफ करने के लिए ल्किविड सोप और सफेद सिरका लें और पोंछे। जब अच्छे से पोंछ लें तब एक साफ कपड़ा लें और उसे गरम पानी में डुबो कर बचा हुआ साबुन का घोल कैबिनेट के अंदर से साफ करें।

☣ किचन की जमीन- अगर जमीन पर कोई चिपचिपी चीज गिर गई हो, तो उस पर ब्लीच डाल दें और फिर उसे ब्रश से रगड़े। जमीन को चमकदार बनाने के लिए एक कप सिरके में गरम पानी डाल कर सफाई करिये।

☣ यदि आप डेजर्ट बना रहे हों तो भारी तले का बर्तन इस्तेमाल करें। इससे बर्तन जलेगा नहीं और डेजर्ट का स्वाद भी बढ़ेगा।

☣ यदि आप डेजर्ट का क्रीमी टेक्चर चाहती हैं तो फुल क्रीम दूध का इस्तेमाल करें। 

☣ पतीले में थोड़ा पानी डालें इसके बाद दूध उबालें। इससे बर्तन की तली में दूध नहीं चिपकेगा।

☣ किशमिश को एयरटाइट डिब्बे में बंद कर उसे रेफ्रीजरेट करने वे ज्यादा दिनों तक फ्रेश रहेंगे। जब इन्हें इस्तेमाल करना हो तब इन पर गर्म पानी डालें। इसके बाद किचन टॉवेल पर सुखा लें।

☣ चावल में एक टी स्पून तेल और कुछ बूंदे नींबू के रस की मिलाने से वह पकने के बाद खिलाखिला रहेगा।यदि आप रात को छोला या राजमा भिगोना भूल गए हो तो उबलते पानी में चना या राजमा को भिगोए। इसे आप एक घंटे के बाद पका सकती हैं।
☣ सख्त नींबू को अगर गरम पानी में कुछ देर के लिए रख दिया जाये तो उसमें से आसानी से अधिक रस निकाला जा सकता है।

☣ महीने में एक बार मिक्सर और ग्राइंडर में नमक डालकर चला दिया जाये तो उसके ब्लेड तेज हो जाते हैं।

☣ नूडल्स उबालने के बाद अगर उसमें ठंडा पानी डाल दिया जाये तो वह आपस में चिपकेंगे नही।

☣ पनीर को ब्लोटिंग पेपर में लपेटकर फ्रिज में रखने से यह अधिक देर तक ताजा रहेगा।

☣ मेथी की कड़वाहट हटाने के लिये थोड़ा सा नमक डालकर उसे थोड़ी देर के लिये अलग रख दें।

☣ एक टीस्पून शक्कर को भूरा होने तक गरम करे। केक के मिश्रण में इस शक्कर को मिला दे। ऐसा करने पर केक का रंग अच्छा आयेगा।

☣ फूलगोभी पकाने पर उसका रंग चला जाता है। ऐसा न हो इसके लिए फूलगोभी की सब्जी में एक टीस्पून दूध अथवा सिरका डाले। आप देखेगी कि फूलगोभी का वास्तविक रंग बरकरार है।

  आलू के पराठे बनाते समय आलू के मिश्रण में थोड़ी सी कसूरी मेथी डालना न भूले। पराठे इतने स्वादिष्ट होंगे कि हर कोई ज्यादा खाना चाहेगा।

☣ आटा गूंधते समय पानी के साथ थोड़ा सा दूध मिलाये। इससे रोटी और पराठे का स्वाद बदल जाएगा।

☣ दाल पकाते समय एक चुटकी पिसी हल्दी और मूंगफली के तेल की कुछ बूंदे डाले। इससे दाल जल्दी पक जायेगी और उसका स्वाद भी बेहतर होगा।


☣ बादाम को अगर 15-20 मिनट के लिए गरम पानी में भिगो दें तो उसका छिलका आसानी से उतर जायेगा।

☣ चीनी के डिब्बे में 5-6 लौंग डाल दी जाये तो उसमें चींटिया नही आयेगी।

☣ बिस्कुट के डिब्बे में नीचे ब्लोटिंग पेपर बिछाकर अगर बिस्कुट रखे जाये तो वह जल्दी खराब नही होंगे।

☣ कटे हुए सेब पर नींबू का रस लगाने से सेब काला नही पड़ेगा।

☣ जली हुए त्वचा पर मैश किया हुआ केला लगाने से ठंडक मिलती है।

☣ मिर्च के डिब्बे में थोड़ी सी हींग डालने से मिर्च लम्बे समय तक खराब नही होती।

☣ किचन के कोनो में बोरिक पाउडर छिड़कने से कॉकरोच नही आयेंगे।

☣ लहसुन के छिलके को हल्का सा गरम करने से वो आसानी से उतर जाते हैं।

☣ हरी मिर्च के डंठल को तोड़कर मिर्च को अगर फ्रिज में रखा जाये तो मिर्च जल्दी खराब नही होती।

☣ हरी मटर को अधिक समय तक ताजा रखने के लिए प्लास्टिक की थैली में डालकर फ्रिजर में रख दें।

☣ घर में अगर कटा प्याज रखें, तो वो आसपास के वातावरण में मौजूद सभी बैक्टेरिया सोख लेता है। अगर प्याज को खाया जाए, तो पेट के भी सभी कीड़े मर जाते हैं।

☣ खीर बनाते समय जब चावल पक जाए तो चुटकीभर नमक डालें। चीनी कम लगेगी व स्वादिष्ट खीर लगेगी। 

☣ टमाटर पर तेल लगाकर सेंकें इससे छिल्का आसानी से उतर जाएगा।


☣ भजिया-पकोड़ा, आलू बड़ा सर्व करते समय चाट मसाला छिड़कें व तली हरी मिर्च के साथ सर्व करें। मजा दोगुना हो जाएगा।

☣ पराठे बनाते समय आटे में एक उबला छिला पिसा आलू व एक टी स्पून अजवाइन डालें। पराठे मक्खन से सेंकें, कुरकुरे व स्वादिष्ट पराठे बनेंगे।

☣ अंकुरित अनाज को फ्रिज में रखने से पहले अनाज में 1 टी स्पून नींबू रस मिला लें तो अनाज में गंध नहीं आएगी।

☣ सबसे पहले तो आप अपने रसोई घर में नजर दौड़ा कर देखें की वहॉं कोई सामान बेवजह तो नहीं पड़ा है। अमूमन घरों में बेकार हो चुके या काम में न आने वाले टोस्ट, अवन आदि को भी रसोई से हटाया नहीं जाता, तो उसी सामान को रसोई में रखे जो ठीक हो और जिनकी जरूरत हो।

☣ अगर फ्रिज रसोई में ही रखा है तो उसे डाइनिंग टेबल के पास लगावा दें।

☣ मिक्सर, ग्राइंडर को रसोई में एक कोने में साफ जगह पर रखें जहॉं से स्विच बोर्ड पास हो और पानी की छिंटे न पहुँचे। छोटी अलमारी में भी रख सकती है ताकि जरूरत पड़ने पर ही निकाल सकें। इसके अलावा रोजाना काम में आने वाली चीजों को बाहर ही रखें। बाकी कम काम में आने वाला सामान, आप रसोई की अलमारियों और दराजों में रख सकती हैं।

☣ कप, बर्तन आदि को रखने के लिए स्टील का रैक आदि का प्रयोग बेहतर रहता है। संभव हो तो इसे दीवार पर अटैच करवा दें, इससे रसोई घर में ज्यादा जगह बचेगी।

☣ दहीबड़े बनाते समय हर बार हाथ में पानी लगाएँ, इससे पीठी चिपकती नहीं है और दहीबड़ा आसानी से तेल में सरक जाता है। 

☣ कढ़ी में जब तक उबाल न आ जाए तब तक उसे बराबर चलाएँ। न चलाने पर कढ़ी उबलकर बर्तन से बाहर निकल जाती है। एक- दो उबाल आने के बाद धीमी आँच पर पकने के लिए छोड़ी जा सकती है।

☣ पकौड़ियॉं बनाते समय घोल में जरा-सा गरम तेल अवश्य डाल लें। साथ ही घोल को अच्छी तरह फेंट लें।

☣ अरबी के पत्तों के पतोड़ बनाने के लिए पत्तों को बेलन से बेल कर समतल कर लें, फिर मसाला लगाएँ। इससे फोल्ड करने में पत्ता फटता नहीं है।

☣ बाजरे व मक्के की रोटी को पॉलीथिन के अंदर रखकर बेलने से यह अच्छी बनती है।

☣ खीर में जरा-सा कॉर्नफ्लोर मिला देने से खीर जल्दी गाढ़ी हो जाती है।

☣ रायते में हींग-जीरे का छौंक लगाएँ, स्वाद और बढ़ जाएगा। 
☣ जब बनाए कचोरी : कचोरी कभी भी चकले बेलन से न बेलें, इन्हें हथेली से दबाकरही बनाएँ।

☣ बालूशाही बनाने के लिए गोले को हथेली के ऊपरी उठे हिस्से से दबाकर बीच में हल्का-सा दबाव देकर तलें।

☣ रोटी को पलेथन लगाकर ऐसा बेलें कि रोटी चकले पर अपने आप घूमकर गोल बने। ऐसी बनी रोटी पूरी फूलती है।

☣ पराठों को परतदार बनाने के लिए गोल रोटी के ऊपर तेल लगाकर सूखा आटा बुरकें, हर मोड़ पर ऐसे करें।

☣ पूड़ी बेलते समय आटे का पलेथन न लगाकर जरा-सा घी या तेल चकले पर लगाकर बेलें। पलेथन लगी पूड़ी तलने पर तलने वाला घी या तेल में कालापन आ जाता है, जिससे तली पूड़ी देखने में सुंदर नहीं लगती।

☣ पत्ता गोभी के पूरी तरह से बनने के बाद उसमें मूँगफली के दानों को सेंककर मिला दें तो आप पाएँगी कि पत्ता गोभी का स्वाद जरा बढ़िया है।

☣ साबूदाने की टिकिया बनाते वक्त उसमें ब्रेड़ के दो बड़े-बड़े स्लाइस पानी में भिगोकर पानी को हथेलियों से दबाकर निकाल दें व पेस्ट में मिला दें तो टिकिया बिखरेगी नहीं व टिकिया का स्वाद जरा अलग होगा।

☣ गुलाब जामुन की चाशनी को ठंडी होने के बाद उस चाशनी में 6-7 बूँद केवड़ा एसेंस मिला दें व फिर चाशनी में गुलाब जामुन डालें।

☣ पूरी का आटा गूँथते वक्त उस आटे में मोयन के अलावा 2 बड़े आलू उबालकर आटे में अच्छी तरह से मिला दें। इससे पूरी तो मुलायम बनेगी ही और तेल भी कम लगेगा व साथ ही पूरी का स्वाद जरा...।

☣ भिंडी अधिक समय तक ताजा रखने के लिए उस पर हल्का सा सरसों का तेल लगा दें।

☣ जब बनानी हो खीर...खीर बनाने के लिए चावल धोकर थोड़ी देर के लिए कपड़े पर फैलाएँ। बाद में थोड़े से घी में भूनकर मिक्सी में दरदरा पीस लें और एयरटाइट डिब्बे में भर दें। आवश्यकतानुसार खीर बनाते समय उपयोग में लाएँ। ये तीन माह तक खराब नहीं होते।

☣ सूजी को गुलाबी भूनकर वेट जार में रखें। हलवा या उपमा झटपट बनेगा।


☣ चॉंदी के बर्तनों पर पड़े धब्बों को मिटाने के लिए उनको आलू के साथ उबालें। या इमली के पानी में थोड़ी देर भिगोने के बाद धो लें। दाग-धब्बों से छुटकारा मिल जाएगा।

☣ रसीले पफ बनाने के लिए पफ (कच्चे) काटकर डिब्बे में भरकर फ्रीज में रखें। जरूरत पड़ने पर बेलकर, तलकर, चाशनी में डालें। कच्चे पफ आठ दिनों तक खराब नहीं होंगे।


☣ हरे टमाटरों को ब्राउन पेपर अथवा अखबार में लपेटकर स्टोर में रखें, वे जल्दी पक जाएँगे।

☣ केसरिया भात का मेनू यदि रात के खाने में है तो सादे चावल सुबह पकाकर रख लें। रात को पिसी शक्कर मिलाकर चावल गर्म करें। केसरिया भात जल्दी बनेगा ।

कुछ अन्य प्रचलित कुकिंग टिप्स ☣

1)🌺**समोसे का आटा गूथते समय आप उसमें थोडा सा चावल का आटा भी मिलादें तो समोसे अधिक कुरकुरे बनेगे

2)🌺***भटूरे के आटे में खमीर उठाने के लिये ब्रेड के २,३ स्लाइस तोडकर मिला दीजिये देखियेगा कितनी जल्दी खमीर उठजाता है

3)🌺***दही बडे बनाने के लिये पिसी हुई दाल में थोडी सी सूजी भी फ़ेटकर मिलादे, बडॆ अधिक नरम बनेगे।

4)🌺***आलू की टिकिया बनाते वक्त थोडे से कच्चे केले को उबाल कर उस्क गूदा भी मिला दीजिये टिकिया बहुत अधिक स्वादिष्ट बनेगी।

5)🌺***अगर प्याज अधिक कट जाए या कटा हुआ बच जाये तो उसे नमक लगा कर थो्डा सा सिरका डाल कर रखदीजिये खाने के साथ खाएं स्वादिष्ट लगेगा।

6)🌺***कच्चा केला काटते समय हाथ काले पड जाते है।उन्हे साफ़ करने के लिए कुछ बुदें नीम्बू का रस व जरा सा नमक लगा कर साफ़ करे हाथ तुरन्त साफ़ हो जाएगे।

7)🌺****बथुआ उबाल कर उसका पानी फ़ेकें नही, उस से पैर साफ़ करे चिकने हो जाएगें

8)🌺***यदि दूध में खटास आने लगेऔर फ़टने का खतरा लगे तो,उसमें१ चम्मच पानी में १/२चम्मच खाने का सोडा मिलाकर डाल दीजिये दूध नही फ़टेगा

9)🌺 **कई बार घी बनाते समय घी जल जाता है जले हुये घी में एक ताजा कटा हुआ आलू का टुकडा डालकर आग पर रखें जला हुआ घी साफ़ होजाएग।

10)🌺***करेले टिन्डे भिन्डी तोरईआदी सब्जिया नरम पड गई होतो इन्हे थोडी देर पानी में भीगो कर रखें फ़ीर ये आसानी से कट जायेगी व छिल जायेगी

11)🌺***हाथो से प्याज की दुर्गन्ध दुर करने के लिए कच्चे आलू मले ,दुर्गन्ध दुर हो जायेगी|

12)🌺***कोफ्ते तलते समय तेल पर्याप्त गरम होना चाहिये, इन्हें धीमी आग में मततलिये. कम गरम तेल में कोफ्ते डालने से वे तेल में फट सकते हैं. पनीर में अरारोट कम होने पर कोफ्ते तेल में फट सकते हैं.

13)🌺****अगर सब्जी मे नमक अधिक पड जाता है तो उबला आलु डाल कर सब्जी ओर थोडी देर पका लीजियेन नमक ठीक होजायेग

14)🌺***मूंग की दाल की मंगोडी की दाल गीली हो गई है तो आप उबले आलू को मसल कर दाल मे मिला दीजिये मंगोडी और भी खस्ता बनेगी

15)🌺***आलू के चिप्स आप लोग सब बनाते ही होगें उनको स्टोर करनेपर कई बार उनमे से अजीब सी गध आने लगती हैइस के लिये आप उसमें सूखी हुई लाल मिर्च व नीम की सूखी पत्तियां रखीये डिब्बा बदं होने पर भी गधं नही आयेगी।

16)🌺*** आलू के पराठे बनाने जा रही है तो थोडा सा आम के अचार का मसाला डाल कर बनाये पराठे बहुत स्वादिष्ट बनेगे।

17)🌺***आलू उबाल ने के बाद पानी नही फ़ेके,उस पानी से नीम्बु मिला कर उस पानी से सर धोये बाल चमक जाएगे

18)🌺***अगर आखें थकी-थकी हो तो कच्चे आलु का गोल गोल काट कर आखो पे रखें आंखो की थकान गयब हो जायेगी

19)🌺****निम्बू का अचार अगर खराब होने लगे तो अचार को किसी बर्तन मे निकाल कर सिरका डाल कर पका लीजिये, अचार फिर से नया हो जायेगा।

20)🌺***निम्बू के अचार में नमक के दाने पड जाते हैअचार डालते समय ही थोडी पीसी चीनी भी बुरक दे तो ये दाने नही पडेगें | और अगर पड गये है तो भी थोडी पीसी चीनी बुरक दीजिये अचार नया सा हो जायेगा।

21)🌺***आम का अचार बनाते समय जब फांको में नमक हल्दी लगाकर रखती है तब उनपर १-२ चम्मच पीसी चीनी भी बुरक दीजिये इससे जहा सारी फाकें पानी छोड देगीं वही अचार की रगतं भी साफ़ सुथरी बनी रहे गी अचार चमकीला बनेगा।

22)🌺***आम के मीठे अचार में थोडा सा अदरक भी कस कर मिला दीजिये अचार अधिक पौष्टिक व चटपटा बनेगा। बनाने से पहले यदी साबुत मसुर की दाल को कडाही मे हल्का सा भुन कर फिर बनाइये अधिक सोंधी बनेगी।

23)🌺***कई बार गर्मी में दोसे का घोल बहुत खट्टा हो जाता है अगर दोसे का घोल ज्यादा खट्टा हो गया है तो--उस में२,३ गिलास पानी दाल कर रख दें १/२ घटें बाद उपर का पानी धीरे से निकाल दें खटास कम होजाएगी।

24)🌺***सलाद बनाने से पहले सब्जीयों में को कुछ देर फ़्रीजर मे रखें फिर सलाद काटें आसानी से कटेगा खुबसुरत दिखेगा।

25)🌺***टमाटर, पपीता, खरबूजा, सेव आदी फ़ल काटते समय उनका जो रस हाथ म पर लग जाता है उसे चेहरे पर व कोहनियों पर मल लें सुखने पर स्नान कर लें त्वचा कमनीय हो जाएगी

26)🌺***सेव केला आदि फ़ल काटने के बाद काले पडजाते है अत: उनमे नीम्बू के रस का छिड्काव कर दें तो काले नही पडेगें।

Wednesday, April 18, 2018

You Will Never Throw Away Watermelon Rinds After Reading This // आप यह पढ़ने के बाद तरबूज के​ छिलकों को कभी नहीं फेंका करेंगे।

According to some scientists, even 95% of the nutritional value of watermelon is contained in the husk.

The watermelon peel is part of this fruit that is high in citrulline, an essential amino acid for the health of your muscles. With the help of citrulline, you can gain muscle mass very quickly and with little effort. In addition to that, libido and fiber present in this part of the fruit will stimulate weight loss.

Studies proved that another benefit of citrulline is reducing of anxiety, making you feel satisfied for longer period of time. This substance possesses diuretic properties and in same time eliminates excess fluid from the body. In addition to that, by ingesting the shell of this fruit you can increase the defenses of your immune system.

Probably many of you are aware of the fact that this part of the watermelon has no taste. Our suggestion is to chop it into small pieces and add it to salads. For example, you can combine it with tuna or turkey breast. You can prepare an infusion with these rinds and take it two times a day.

In fact, the white, hard and tasteless part of the peel of watermelon is even more powerful and beneficial for the health than the watermelon’s own flesh. In today’s article we are going to explain you all the details about it. Once you read how powerful the shell is and how it is beneficial for your health, probably you would never again throw it away.

In certain countries such as South Asia and the United States, people are consuming this part of the watermelon by adding it in various salads, and the reason for that are numerous health benefits it offers.

Well, the watermelon shell offers so many benefits and you should not keep wasting some of the most nutritious part of watermelons.

हिंदी में ( ट्रांसलेटेड​)

कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार, तरबूज से मिलने वाले पोषण का 95% इसके छिलके में शामिल है।

तरबूज का छिलका इस फल का हिस्सा है जो कि आपकी मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक अमीनो एसिड है। सीट्रूलाइन की सहायता से, आप मांसपेशियों को बहुत जल्दी और थोड़े प्रयास के साथ हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा, फलों के इस हिस्से में मौजूद कामेच्छा और फाइबर वजन घटाने को प्रोत्साहित करेगा।

अध्ययनों से साबित हुआ कि सीट्रूलाइन का एक अन्य लाभ चिंता का कम हो रहा है, जिससे आप लंबे समय तक संतुष्ट महसूस कर सकते हैं। इस पदार्थ में मूत्रवर्धक गुण होते हैं और एक ही समय में शरीर से अतिरिक्त द्रव समाप्त होता है। इसके अलावा, इस फल के खोलने से आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली की सुरक्षा बढ़ा सकते हैं।

शायद आप में से कई इस तथ्य से अवगत हैं कि तरबूज के इस हिस्से में कोई स्वाद नहीं है। हमारा सुझाव है कि इसे छोटे टुकड़ों में काट लें और इसे सलादों में जोड़ें। उदाहरण के लिए, आप इसे चिकन या वैज सलाद के साथ जोड़ सकते हैं आप इन छिलकों के साथ एक Detox Water भी तैयार कर सकते हैं और दिन में दो बार इसे ले सकते हैं।

वास्तव में, तरबूज के छील का सफेद, कठोर और बेस्वाद हिस्सा तरबूज के अपने लाल गूददे की तुलना में अधिक शक्तिशाली और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आज के लेख में हम आपको इसके बारे में सभी विवरण समझायेंगे। एक बार जब आप पढ़ते हैं कि शैल कितनी शक्तिशाली है और यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद क्यों है, शायद आप इसे फिर कभी नहीं फेंकेंगे।

कुछ देशों जैसे दक्षिण एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में, लोग इसे विभिन्न सलादों में जोड़कर तरबूज के इस हिस्से का उपभोग कर रहे हैं, और इसका कारण यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

खैर, तरबूज खोल बहुत लाभ प्रदान करता है और आपको​ तरबूज का सबसे पौष्टिक हिस्सा बर्बाद नहीं करना चाहिए।

Monday, April 9, 2018

बासी प्याज हो सकता हैं जानलेवा...

बासी प्याज का न करें सेवन क्योंकि...

अक्सर महिलाएं अपना समय बचाने के लिए खाने की तैयारी पहले से ही कर लेती है। कुछ तो अगले दिन खाना बनाने के लिए एक दिन पहले ही सब्जिया काट लेती है। यानि एक दिन पहले ही प्याज, टमाटर, लहसुन और अदरक आदि काट कर रख लेती है लेकिन उन्हें शायद यह नहीं पता कि प्याज का अगले दिन इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। जी हां यह बिल्कुल सच है कि कटे हुए प्याज का अगले दिन प्रयोग करना आपके लिए जानलेवा हो सकता है।

एक शोध के दौरान इस बात को सामने लाया गया है कि कटे हुए प्याज का अगले दिन इस्तेमाल आपकी जान भी ले सकता है। दरअसल 10 घंटे से ज्यादा प्याज काट कर रखने से उसमें खतरनाक बैक्टीरिया उत्पन हो जाते है। खाना बनाने पर भी यह बैक्टीरिया नरने की बजाए और भी बढ़ जाते है।

कटा हुआ प्याज बीमारियों के लिए चुबंक की तरह काम करता है। जिससे आपको  पेट की खतरनाक बीमारियां हो जाती है और ऐसे में आपकी जान भी जा सकती है। इस बीमारी का डॉक्टर्स को उस समय पता चला जब एक गांव में फ्लू फैलने के कारण बहुत से लोगों को मौत हो गई। जब उनके खाने की जांच की गई तो पता चला कि ऐसा कटे हुआ प्याज खाने के कारण हुआ है।

इसके अलावा प्याज को काट कर फ्रिज में रखना भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। प्याज को काट कर बाहर या फ्रिज में रखने से उसमें टॉक्सिक नाम के विषैले पदार्थ उत्पन हो जाते है जोकि आपको धीरे-धीरे बीमार करके जान भी ले सकते है। इसलिए एक दिन पहले प्याज काट कर रखने से पहले जरुर सोच लें कहीं समय बचाने के चक्कर में आपकी जान न चली जाएं।

Thursday, March 29, 2018

क्यों हैरान करता है इंसान का शरीर, वैज्ञानिकों को... अद्भुत है इंसान का शरीर

जबरदस्त फेफड़े
हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं. हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती. फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे.


ऐसी और कोई फैक्ट्री नहीं
हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है. साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं. एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं.

लाखों किलोमीटर की यात्रा
इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है. हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है.

धड़कन, धड़कन
एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है. साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है. दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है.

सारे कैमरे और दूरबीनें फेल
इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है. फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके.

नाक में एंयर कंडीशनर
हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है. यह गर्म हवा को ठंडा और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है.

400 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार
तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है. इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से ज्यादा तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं.

जबरदस्त मिश्रण
शरीर में 70 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकिल और सिलिकॉन होता है.

बेजोड़ झींक
झींकते समय बाहर निकले वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. आंखें खोलकर झींक मारना नामुमकिन है.

बैक्टीरिया का गोदाम
इंसान के वजन का 10 फीसदी हिस्सा, शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है. एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं.

ईएनटी की विचित्र दुनिया
आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता. वहीं नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं. कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं. कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं.

दांत संभाल के
इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं. लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मरम्मत खुद कर लेते हैं, वहीं दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते.

मुंह में नमी
इंसान के मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है. लार खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है.

झपकती पलकें
वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलके झपकती हैं.

नाखून भी कमाल के
अंगूठे का नाखून सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है. वहीं मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है.

तेज रफ्तार दाढ़ी
पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं. अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट लंबी हो सकती है.

खाने का अंबार
एक इंसान आम तौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है. हम ताउम्र अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं.

बाल गिरने से परेशान
एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं.

सपनों की दुनिया
इंसान दुनिया में आने से पहले ही यानी मां के गर्भ में ही सपने देखना शुरू कर देता है. बच्चे का विकास वसंत में तेजी से होता है.

नींद का महत्व
नींद के दौरान इंसान की ऊर्जा जलती है. दिमाग अहम सूचनाओं को स्टोर करता है. शरीर को आराम मिलता है और रिपेयरिंग का काम भी होता है. नींद के ही दौरान शारीरिक विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स निकलते हैं।

Sunday, February 11, 2018

सावधान !! सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक है अगरबत्ती का धुअां…ये है सबूत

आज हर घर में धूपबत्ती और अगरबत्ती का प्रयोग बहुत आम है. जहां हिन्दू घरों में इसका इस्तेमाल पूजा में होता है वहीँ मुस्लिम घरों में इसका इसका घर इस्तेमाल महक के लिए किया जाता है. लोगों का मानना होता है कि इससे घर में पोसिटिव एनर्जी का वास होता है।

हाल ही एक शोध में बताया गया है कि अगरबत्ती का धुआं सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा खतरनाक है. अगर आप अपने घर में इसका यूज़ करतें हैं तो थोडा सम्भल जाएं। क्योंकि अगरबत्ती में नुकसान दायक होती हैं इसकी लकड़ी जो कि बांस से बनी होती हैं।

वैज्ञानीक तथ्य:

बांस में लेड व  हेवी मेटल प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। लेड जलने पर लेड ऑक्साइड बनाता है जो कि एक खतरनाक नीरो टॉक्सिक है हेवी मेटल भी जलने पर ऑक्साइड्स बनाते हैं। लेकिन जिस बांस की लकड़ी को जलाना शास्त्रों में वर्जित है यहां तक कि चिता मे भी नही जला सकते, उस बांस की लकड़ी को हमलोग रोज़ अगरबत्ती में जलाते हैं। अगरबत्ती के जलने से उतपन्न हुई सुगन्ध के प्रसार के लिए फेथलेट नाम के विशिष्ट केमिकल का प्रयोग किया जाता है। यह एक फेथलिक एसिड का ईस्टर होता है जो कि श्वांस के साथ शरीर में प्रवेश करता है, इस प्रकार अगरबत्ती की तथाकथित सुगन्ध न्यूरोटॉक्सिक एवम हेप्टोटोक्सिक को भी स्वांस के साथ शरीर मे पहुंचाती है।

इसकी लेश मात्र उपस्थिति केन्सर अथवा मष्तिष्क आघात का कारण बन सकती है। हेप्टो टॉक्सिक की थोड़ी सी मात्रा लीवर को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है। शास्त्रो में पूजन विधान में कही भी अगरबत्ती का उल्लेख नही मिलता सब जगह धूप ही लिखा है हर स्थान पर धूप, दीप, नैवेद्य का ही वर्णन है। अगरबत्ती का प्रयोग भारतवर्ष में इस्लाम के आगमन के साथ ही शुरू हुआ है। इस्लाम मे ईश्वर की आराधना जीवंत स्वरूप में नही होती, परंतु हमारे यंहा होती है। मुस्लिम लोग अगरबत्ती मज़ारों में जलाते है, उनके यंहा ईश्वर का मूर्त रूप नही पूजा जाता। हम हमेशा अंधानुकरण ही करते है और अपने धर्म को कम आंकते है। जब कि हमारे धर्म की हर एक बातें वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार मानवमात्र के कल्याण के लिए ही बनी है। अतः कृपया सामर्थ्य अनुसार स्वच्छ धूप का ही उपयोग करें।

दरअसल, इसमें पाए जाने वाले पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन अस्थमा, कैंसर, सरदर्द और खांसी जैसी बीमारियों का कारण बन सकते है. इससे सांस की समस्याओं के साथ कई और समस्याएं हो सकती है. आइए जानते है अगरबत्ती का धुआं किन बीमारियों का कारण बन सकता है.

अस्थमा की समस्या :-

इसमें मौजूद नाइट्रोजन और सल्फर डाईऑक्साइड गैस सेहत के लिए हानिकारक होती है. इससे सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्थमा की समस्या भी हो सकती है.

आंखो के लिए हानिकारक :-

धुएं में मौजूद हानिकारक केमिलक आंखों में खुजली, जलन और स्किन एलर्जी का कारण बन सकते है. इसके धुएं के कारण आंखों की रोशनी खराब होने का डर भी रहता है.

फेफड़े के रोग:-

अगरबत्ती के धुएं से निकलने वाली कार्बनमोनो ऑक्साइड शरीर में जाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है. इसके वजह से फेफड़ों के रोग के साथ जुकाम और कफ की समस्या भी हो जाती है.

हार्ट अटैक का खतरा :-

इसके धुएं में लगातार सांस लेने से दिल की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती है. लगातार ऐसा होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

श्वसन कैंसर का खतरा :-

ज्यादा समय तक इसका धुआं शरीर में जाने से श्वसन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. धूम्रपान के साथ-साथ अगरबत्ती का धुआं भी इस कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।