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Tuesday, June 13, 2017

तेजपत्ता के सेहत से जुड़े फायदे व नुकसान | Tej Patta Health benefits side effects in hindi

तेजपत्ता का एक लम्बा इतिहास रहा है. प्राचीन रोम तथा मिस्र में इसकी सहायता से लोग अपने महान और आदरणीय लोगों को पहनाने के लिये मुकुट बनाया करते थे. ये महान लोग मुख्यतः राजा, योद्धा अथवा बड़े ज्ञानी होते थे. भारत में तेज़ पत्ते का प्रयोग खाने में मसाले के रूप में तथा आयुर्वेदिक औशधि के रूप में भी होता है. सूखे हुए अच्छे तेज़ पत्ते का प्रयोग खाने को सुगन्धित बनाने के लिए होता है. इसके प्रयोग के पहले पत्ते को तोड़ दिया जाता है. ऐसे व्यंजन जिसे बनने में एक लम्बा समय लगता है, तेज़ पत्ते का प्रयोग किया जाता है. एक बार व्यंजन तैयार हो जाने पर परोसने के पहले तेज़ पत्ते को निकाल दिया जाता है. तेज़ पत्ते से आने वाली सुगंध इसके स्वाद से अधिक महत्वपूर्ण होती है.

तेजपत्ता के सेहत से जुड़े फायदे व नुकसान

Tej Patta health benefits side effects in hindi

तेज़ पत्ता पाया जाने वाला क्षेत्र (Tej patta plant)

तेज़ पत्ता एशिया के कई क्षेत्रों में पाया जाता है. इसके लिए गर्म जलवायु वाली जगह उत्तम है, अतः एशिया के मेडिटरेनीयन क्षेत्रों में इसकी बहुलता देखी जाती है. भौगोलिक रूप से इसे ‘मेडिटरेनीयन बे लीफ’ कहा जाता है. तेज़ पत्ते का पेड़ सदाबहार होता है, जिसकी ऊंचाई अधिकतम 12 मीटर की होती है. मूल रूप से तैयार एक तेज़ पत्ते का आकार 5 सेमी चौड़ा तथा 10 सेमी तक लम्बा होता है. इस पेड़ के अलावा कई और पेड़ है, जिनसे तेज़ पत्ता प्राप्त किया जाता है. स्थान के अनुसार इसे ‘कैलिफ़ोर्नियन बे लीफ’, ‘इन्डोनेशियाई बे लीफ’, ‘वेस्ट इंडियन बे लीफ़’, ‘इंडियन बे लीफ’ आदि कहा जाता है.

तेज़ पत्ते से स्वास्थ सम्बन्धी लाभ (Tej patta health benefits)

तेज़ पत्ते के कई स्वस्थ सम्बंधित लाभ है. प्राचीन काल से ही इसका प्रयोग लीवर, आंत और किडनी के इलाज में होता रहा है. कई बार इसका इस्तेमाल मधुमक्खि के काट लेने पर ज़ख्म के स्थान पर किया जाता है. इन दिनों कई लोग इसका इस्तेमाल कई छोटी बड़ी रोगों के निवारण के लिए कर रहे हैं.

सर्दी और बुखार से राहत : सर्दी अथवा बुखार होने पर तेज पत्ते को पानी के साथ उबाल लीजिये. इसके बाद इस उबले हुए पानी से एक साफ़ कपडा भिंगो कर रोगी के सर तथा छाती को सेंकने से उसे सर्दी- खांसी और छाती इन्फेक्शन से राहत मिलता है.

दर्द निवारण के लिए : तेज पत्ते के तेल का इस्तेमाल दर्द वाली जगह पर किया जा सकता है. इसके तेल में दर्द निवारक गुण है. इसके तेल के इस्तेमाल से सूजन, आमवती तथा अर्थराइटिक दर्द से आराम मिलता है.

बुखार से राहत : तेज पत्ते के असाव से पसीना आता है. यदि किसी को बुखार हो तो रोगी को इसका जल दिया जा सकता है. इससे पसीना आता है और रोगी का बुखार उतरने लगता है.

पाचन में सहायक : तेज़ पत्ते के सेवन से पाचन तंत्र विकारों का इलाज हो सकता है. खाने में इसके इस्तेमाल से पेट फूलने से राहत मिलती है.

डायबिटीज 2 में राहत : तेज़ पत्ते का स्वाद कड़वा होता है. इसमें एक तरह का एंटी ओक्सिडेंट पाया जाता है, जो शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढाने तथा ग्लूकोज़ लेवल को नियमित रखने के लिए खूब आवश्यक होता है. डायबिटीज के मरीजों को दवा लेने के बाद इससे बने चाय का सेवन बहुत फायदा पहुंचाता है.

विटामिन ए का अच्छा स्त्रोत : तेज़ पता विटामिन ए का बहुत अच्छा स्त्रोत है. इससे आँख का रेटिना स्वस्थ रहता है और आँख कई बीमारियों से बच जाती है. क्योंकि इसमें एंटी ओक्सीडेंट पाया जाता है अतः इसका सेवन त्वचा को क्षति से बचाता है और त्वचा स्वस्थ रहती है.

तंत्रिका तंत्र के नियमन में सहायक : इसमें बी काम्प्लेक्स ग्रुप के लगभग सभी विटामिन मसलन नियासिन पायरीडॉक्साईन, पैन्टोथेनिक अम्ल, राइबोफ्लेविन आदि मौजूद है. अतः इससे बने हर्बल चाय के सेवन से तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से चलने में मदद मिलती है.

इम्युनिटी में सहायक : फ्रेश तेज़ पत्ते में विटामिन सी मौजूद होता है. ये विटामिन सी मानव शरीर से जीवाणुओं को नष्ट करता है. साथ ही इसमें बहुत अच्छे मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है. इन लौह तत्वों से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण होता है और इम्युनिटी बनी रहती है.

रक्त दाब का नियंत्रण : तेज़ पत्ते में पोटैशियम पाया जाता है. ये तत्व मानव शरीर रक्त प्रवाह के नियमन में सहायक है. अतः इससे बने चाय के सेवन से रक्त चाप के नियमन और नियंत्रण में सहायता मिलती है.

ह्रदय स्वास्थ : इसमें कैफफ़िक अम्ल, सैलीसिलेट आदि तत्व पाए जाते हैं. ये सभी तत्व ह्रदय स्वास्थ को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमे पाए जाने वाले रूटीन ह्रदय के कैपिलरी वाल को स्वस्थ रखता है. साथ ही केफिक अम्ल शरीर से अनावश्यक कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है.

वजन घटाने में सहायक : इसका सेवन शरीर में मेटाबोलिक दर को बढ़ा देता है. बीएमआर का स्तर बढ़ने से मोटापे को घटाने में सहायता मिलती है.

तेज़ पत्ते में पाए जाने वाले आवश्यक तत्व (Tej patta nutrition)

तेज पत्ते का इस्तेमाल मुख्यतः उसे सुखाकर किया जाता है. इस पत्ते में गहरी खुशबू तथा इसका स्वाद कड़वा होता है.

इसमें ‘यूकेलिप्टोल’ नामक आवश्यक तैलीय पदार्थ पाया जाता है. एक अध्ययन के अनुसार ये तत्व रसोईघर से कीड़े तथा तिलचट्टों को दूर रखने के लिए अतिउत्तम है.तेज़ पत्ते के तेल में लगभग 81 विभिन्न तत्व पाए जाते हैं, जो किसी न किसी तरह से स्वास्थ को लाभ पहुंचाता है.पोलीफिनोल नाम का एक सक्रीय तत्व इस पत्ते में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है.इसमें पाया जाने वाला इन विट्रो नामक तत्व जल में घुलनशील पदार्थ है.

इसके अतिरिक्त प्रति सौ ग्राम तेज़ पत्ते में उपस्थित आवशयक तत्वों की मात्रा इस प्रकार है-

ऊर्जा 313 किलो कैलोरी 

कार्बो हाइड्रेट 74.97 ग्राम 

प्रोटीन 7.61 मिलीग्राम 

फैट 8.36 मिलीग्राम 

कोलेस्ट्रोल 0 मिलीग्राम 

फोलेट 180 एमसीजी

नियासिन 2.005 मिलीग्राम 

पायरीडॉक्सिन 1.740 मिलीग्राम 

विटामिन ए 6185 आई यू 

विटामिन सी 46.5 मिलीग्राम 

सोडियम 23 मिलीग्राम 

पोटैशियम 529 मिलीग्राम 

कैल्शियम 834 मिलीग्राम 

आयरन 43 मिलीग्राम 

मैंगनीज 8.167 मिलीग्राम 

फॉस्फोरस 113 मिलीग्राम 

जिंक 3.70 मिलीग्राम

तेज़ पत्ते के पेड़ का औषधीय रूप (Tej patta tree for medicinal use)

हरा या सूखा किसी भी तरह का तेज़ पत्ता औषधीय रूप तथा रसोई घर दोनों में ही बहुत अच्छे से प्रयोग किया जाता है. इसके फल से प्राप्त तेल का इस्तेमाल मुख्यतः साबुन बनाने में किया जाता है. इसके पत्ते से प्राप्त तेल का इस्तेमाल कई तरह के रोग निवारण तथा खाना बनाने के लिए किया जाता है.

तेज़ पत्ते का रसोई में प्रयोग (Tej patta uses in kitchen)

यद्यपि गहरे हरे रंग के तेज़ पत्ते का इस्तेमाल भी रसोई के लिए किया जा सकता है, किन्तु इसे कुछ दिन रख देने से इसका कडवापन कम होता जाता है. यदि खाना बनाते समय इसका इस्तेमाल किया गया है, तो परोसने के पहले इसे खाने से निकाल देना चाहिए. नीचे इसके प्रयोग के कुछ विशेष वर्णन दिए जा रहे हैं.

इसका इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जा सकता है. मसाले में इसके प्रयोग से सब्ज़ियाँ या अन्य व्यंजन बहुत ही शानदार सुगंध से भर जाते है.विभिन्न तरह के व्यंजनों मसलन सीफ़ूड, पोल्ट्री, मांस, पुलाव आदि में इसका विशेष रूप से प्रयोग होता है.ब्रेड सौस, टोमेटो सौस आदि बनाने के लिए भी इसका प्रयोग होता है.‘कोर्ट बुलियन’ नामक एक पेय बनाने के लिए भी इसका प्रयोग होता है. ‘कोर्ट बुलियन’ दरअसल वाइट वाइन, प्याज, अजवायन, पानी आदि मिलाकर बनाया जाता है.इन सबके अलावा कई मीठे व्यंजन जैसे स्वीटब्रेड, क्रीम आदि बनाने के लिए भी इसका प्रयोग होता है.

तेज पत्ते से नुकसान (Tej patta side effects)

यद्यपि तेज़पत्ते का इस्तेमाल बहुत लाभकारी होता है किन्तु अवश्यकता से अधिक इसके सेवन से कुछ परेशानियाँ ज़रूर होने लगती हैं.

तेजपत्ते का अत्यधिक सेवन करने से डायरिया अथवा वोमिटिंग होने की सम्भावना होती है.गर्भावस्था में हर्बल चाय में इसे प्रयोग में लाने के पहले एक बार डॉक्टर से मशविरा लेना बहुत ज़रूरी होता है.   

तेज पत्ते की सेवन विधि (How to eat Tej patta)

इस पत्ते को पानी के साथ उबाल कर उस उबले हुए पानी का इस्तेमाल कई तरह के औषधीय रूप में किया जाता है.इसका इस्तेमाल हर्बल चाय बनाने में होता है.इसके फल तथा पत्तों से आवश्यक तेल प्राप्त होता है. जिसका इस्तेमाल सरदर्द, जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस, सूजन आदि से राहत पाने के लिए किया जाता है.तेज़ पत्ते का कैप्सूल्स भी बाज़ार में उपलब्ध हो गया है, जिसके लगातार सेवन से स्वास्थ बेहतर सकता है.