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Saturday, June 10, 2017

गाय के घी से 30 रोगों का रामबाण इलाज

गाय की घी पागलपन दूर कर सकता है, कैंसर से लड़ने​ की अचूक क्षमता होती है…गाय का घी दिमाग बढ़ाता है, तो कोमा से चेतना में ला सकता है…गाय पूज्यनीय है। वंदनीय है। यदि हम यह कहें कि गाय हमारे जीवन में खुशियां भर सकती है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। गाय का कच्चा दूध पीने से शरीर के अंदर की कई सारी बीमारियां स्वत: ही खत्म हो जाती हैं। गाय का मूत्र कई बीमारियों में कारगर है। गाय को सुबह-शाम रोटी खिलाने से कई ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। गाय को चारा खिलाने से बुध ग्रह की शुभता मिलती है। जहां तक गाय के घी की बात है, तो इससे दर्जनों बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

जी हां, गाय का न सिर्फ पागलपन दूर कर सकता है, बल्कि ऐसे दर्जनों बीमारियां हैं, जो लोखों - करोड़ो रुपए खर्च करके भी आराम नहीं मिल रहा है, वह घी के साधारण प्रयोग से आप ठीक हो सकते हैं। तो यहां हम आपको तीस ऐसी बीमारियों का उल्लेख कर रहे हैं, जो अमूमन होती ही हैं। इन रोगों को गाय के घी से कैसे ठीक किया जा सकता है।

1.गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।

2.गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।

3.गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।

4.घी (20-25 ग्राम) व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।

5.गाय का घी कान में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।

6.नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरो-ताजा हो जाता है।

7.गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है।

8.गाय का घी नाक में डालने से बाल झडऩा समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।

9.गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।

10.हाथ पांव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।

11.हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।

12.गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।

13.गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है

14.गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।

15.अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।

16.हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।

17.गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।

18.जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है, तो गाय का घी खाएं, हार्ट मजबूत होता है।

19.देसी गाय के घी में कैंसर से लडऩे की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।

20.घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बांध लें। प्रात: खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूंट-घूंट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।

21.फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।

22.गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।

23.सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जाएगा।

24.दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है।

25.सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।

26.यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।

27.एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।

28.गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है।

29.गाय का घी एक अच्छा (रुष्ठरु) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है।

30.अगर आप गाय के घी की कुछ बूंदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।