अधिकतार घरों में मूलत: सादी गेंहू रोटियां बनी हुई खाई जाती हैं, परंतु गेहूं की रोटी स्वादिष्ठ अधिक, पौष्टिक कम होती है. अगर गेहूं में यदि अन्य अनाज को मिला कर आटा पिसवाया जाए तो ऐसे आटे से बनी रोटी की पौष्टिकता बढ जाती है. इस प्रकार के आटे को मल्टीग्रेन आटा या कौबिनेशन फ्लोर कहा जाता है.
मल्टीग्रेन आटे से बनी रोटी विभिन्न प्रकार के रोगों में भी बहुत फायदेमंद साबित होता है.
• मल्टीग्रेन आटा का मतलब की अन्य अनाज जैसे दालों को गेहूं के आटे के साथ मिलाकर उसे मल्टी ग्रेन आटा बना दिया जाता है और यह बाजार में मल्टी ग्रेन आटे के नाम से बिकता है. लेकिन अगर आप यह आटा खरीद रहे हैं तो पहले उसमें मिला आई जाने वाली सामग्री को अच्छी तरह से जाचं कर लें.
• मल्टीग्रेन आटे में मक्का, चना, जौ, सोयाबीन आदि अनाज की मात्रा 500-500 ग्राम रखें.
• मधुमेह के व्यक्ति के लिए 5 किलोग्राम गेहूं के आटे में डेढ किलोग्राम चना, 500 ग्राम जौ व मेथीदाना मिलाकर पिसवाएं,मेथी,ब्लडशुगर,को,नियंत्रित,करती,है.
• पांच किलोग्राम गेहूं के आटे में प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत 500 जौ, 500 ग्राम सोयाबीन, 1 किलोग्राम चना मिलाकर पिसवाएं गए आटे की चापाती खाने से बढती उम्र के बच्चों विकास के लिए बहुत फायदेमंद है.
• मिक्स आटे से बनी यह रोटियां पौष्टिक सुबह का नाश्ता बनाती है जिसमें लोहातत्व, फायबर, प्रोटीन और विटामिन,बी 3 है. यह एक संपूर्ण पौष्टिक सुबह का नाश्ता है।
आइए जानते हैं किस तरह बनाए मिक्स ग्रेन आटा आपकी आवश्यकताओं के अनुसार
1. मोटापा और अधिक वजन
अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो सिर्फ गेहूँ के आटे से बनी रोटी का सेवन नही करना चाहिए। ऐसे में आपको बाजरा, चना और ज्वार जैसे अनाज से बने आटे की रोटी का प्रयोग करना चाहिए। इससे वजन संतुलित रहता हैं।
2. रक्तचाप
रक्तचाप के रोगियों को केवल गेहूँ के आटे की जगह इसमें कुछ दालों को मिला कर उनका सेवन करना चाहिए, जैसे 1 किलोग्राम गेहूँ में 100 ग्राम सोयाबीन, 250 ग्राम चना और 50 ग्राम अलसी मिला कर पिसवा लें। इस मल्टीग्रेन आटे का सेवन करने से रक्तचाप में लाभ होता हैं।
3. मधुमेह
मधुमेह के शिकार लोगो को 10 किलोग्राम गेहूँ के आटे में 1 किलोग्राम जौ और 100 ग्राम मेथीदाना पिसवा कर और मिला कर सेवन करने से मधुमेह संतुलित रहती हैं। मेथी मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हैं।
4. बच्चों के विकास के लिए
बच्चों के लिए भी मल्टिग्रेन आटा बहुत लाभदायक हैं। 5 किलोग्राम गेहूँ में 500 ग्राम सोयाबीन, 1 किलोग्राम चना और 500 ग्राम जौ मिला लें और इस आटे को पिसवा कर इसकी रोटी का सेवन बच्चों को करना चाहिए। यह मल्टिग्रेन आटा बच्चों के विकास में बहुत लाभदायक हैं।
5. कमजोरी या दुर्बलता में
कमजोर या दुर्बल लोगो के लिए भी मल्टिग्रेन आटे का सेवन बेहद लाभदायक हैं। इसके लिए 10 किलोग्राम गेहूँ में 2 किलोग्राम चना और 2 किलोग्राम जौ मिला कर आटा पिसवाएं। दुबले लोगो को हरी सब्जियां और फलों के साथ मल्टिग्रेन आटे का सेवन अच्छे परिणाम देता हैं। कमजोरी और दुबलापन दूर होता हैं।
6. गर्भवती महिलायों के लिए
गर्भवती महिलायों के लिए केवल गेहूँ के आटा पर्याप्त नही होता, बल्कि गेहूं के आटे में सोया, पालक, मेथी, बथुआ या अन्य हरी सब्जियां और अजवायन डाल कर इसकी रोटी का सेवन करना चाहिए। इससे पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व गर्भवती महिला को मिलते हैं।
7. महिलायों के लिए
महिलायों में हार्मोन्स का असन्तुलन होने से उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्टेरॉल और मधुमेह जैसे रोग हो जाते हैं। इन स्थितियों में 10 किलोग्राम गेहूँ, 2 किलोग्राम सोयाबीन, 3 किलोग्राम चना और 1 किलोग्राम जौ को मिला कर पिसवा लें और इसका सेवन करें। इन रोगों में अवश्य लाभ होगा।
मल्टिग्रेन आटा से बनाई रोटियों में आयरन फायबर, प्रोटीन और विटामिन बी 3 भरपूर मात्रा में होते हैं, यह पूरी तरह से पौष्टिक हैं और स्वादिष्ट होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। आप अपने और अपने स्वास्थ्य के अनुसार दालों का चुनाव कर के गेहूँ के आटे को पौष्टिक बना सकते हैं।