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Saturday, May 13, 2017

बचना हो दिल की बीमारी से तो भूल से भी ना करे ये काम


ऐसा माना जाता है कि धीमी आंच पर खाना पकाकर खाने से खुद को कई रोगों से बचाया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार तेज आंच पर पकाए गए खाने में जहरीले रसायन रह जाते हैं जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा देते हैं। कुछ शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है कि यदि भोजन को बहुत तेज आंच पर पकाया जाए तो उसमें कुछ हानिकारक तत्व रह जाते हैं जोकि दिल की बीमारी का कारण बन सकते हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि तेज आंच पर पके भोजन और हृदय रोगों के बीच संबंध के बारे में जानने के लिए अभी और भी शोध किए जाने की जरूरत है।

जानकारों के अनुसार भोजन को 150 डिग्री सेंटिग्रेट से अधिक तापमान पर पकाने से उनकी रासायनिक संरचना में बदलाव आ जाता है जो विषाक्त पदार्थों के गठन का कारण बनता है। इन विषाक्त पदार्थों में ट्रांस फैटी एसिड शामिल होते हैं जो बेहद हानिकार होते हैं और देश व दुनिया के कई हिस्सों में इनकी बिक्री पर पाबंदी भी है।

बताया जाता है कि बहुत तेज आंच पर तला गया भोजन इसलिए हानिकारक होता है क्योंकि इसका तेल ट्रांस फैटी एसिड में परिवर्तित हो जाता है और सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाता है। एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पूर्व में हुए अध्ययनों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन अध्ययनों में नव-गठित संदूषित पदार्थों के मनुष्यों और जानवरों के ऊतकों पर होने वाले प्रभाव के बारे में जांच की गई थी। इन अध्ययनों से यह साबित हुआ कि इन पदार्थों और हृदय रोगों के बीच काफी गहरा संबंध बताया गया है।

शोधकर्ताओं कि माने तो ऐसा पाया गया की खाना पकाने का तरीका काफी हद तक यह तय करता है कि किसी व्यक्ति की हृदय आघात से मौत होने की क्या आशंका है। मसलन पाकिस्तान में पैदा हुए किसी व्यक्ति की हृदय आघात से मौत होने की आशंका ब्रिटेन में पैदा हुए किसी इंसान से अधिक हो सकती है। ऐसा इसलिए क्यूंकि उनके खान-पान और खाना पकाने के तरीका काफी हद तक उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इस बात में कोई शक नहीं कि तेज आंच पर अधिक समय तक पका या तला गया भोजन हृदय रोग को बढ़ा सकता है जो शायद आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।