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Friday, August 25, 2017

एक अद्भुत औषधि ईसबगोल, फायदे गिनते रह जाएंगे

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ईसबगोल को बहुत अधिक महत्त्व प्राप्त है। संस्कृत में इसे स्निग्धबीजम् नाम दिया गया है। विश्व की लगभग हर प्रकार की चिकित्सा पद्धति में ‘ईसबगोल’ का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। अरबी और फारसी चिकित्सकों द्वारा इसके इस्तेमाल के प्रमाण मिलते हैं। दसवीं सदी के फारस के मशहूर हकीम अलहेरवी और अरबी हकीम अविसेन्ना ने ‘ईसबगोल’ द्वारा चिकित्सा के संबंध में व्यापक प्रयोग व अनुसंधान किए। ‘ईसबगोल’ मूलतः फारसी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- ‘पेट ठंडा करनेवाला पदार्थ’, गुजराती में ‘उठनुंजीरू’ कहा जाता है। लेटिन भाषा में यह ‘प्लेंटेगो ओवेटा’ नाम से जाना जाता है। इसका वनस्पति शास्त्रीय नाम ‘प्लेटेगा इंडिका’ है तथा यह ‘प्लेटो जिनेली’ समूह का पौधा है।


ईसबगोल की भूसी में थोड़ा-सा लुवाब होता है| यह पेट के सभी रोगों में काम आती है| इसका लुवाब अंतड़ियों में पहुंचकर उनकी क्रिया को तीव्र कर देता है| इसके फलस्वरूप आंतों में जमा पुराना मल सरलता से शौच के समय बाहर निकल जाता है| इसमें लेस होता है जो आंव (पेचिश) तथा मरोड़ को धो डालता है| ईसबगोल बलवर्द्धक, पौष्टिक तथा नपुंसकता को दूर करता है| इसके नियमित सेवन से व्यक्ति में पौरुष शक्ति बनी रहती है| आइए, देखें कि ईसबगोल की भूसी हमारे लिए कितनी उपयोगी है –

आंव (पेचिश)
एक चम्मच ईसबगोल की भूसी को आधा किलो मीठे दूध में भिगो दें| थोड़ी देर बाद जब वह फूल जाए तो रात को सोने से पूर्व उसका सेवन करें| सुबह के समय इसे दही और सेंधा नमक के साथ खाएं| चार-पांच दिनों तक नियमित रूप से इसका सेवन करने पर आंव साफ हो जाएगी|

संग्रहणी (Dysentery)-
दो चम्मच ईसबगोल की भूसी, दो हर्र और थोड़ा-सा बेल का सूखा गूदा-तीनों चीजों को पीसकर दो खुराक कर लें| फिर सुबह-शाम इसे दूध से खाएं| इसके प्रयोग से संग्रहणी रोग चला जाता है|

बवासीर-
रात को दूध में भिगोकर कुछ दिनों तक ईसबगोल की भूसी का प्रयोग करें| बवासीर से शर्तिया छुटकारा मिल जाएगा|

पेशाब में जलन-
तीन चम्मच ईसबगोल की भूसी को एक गिलास पानी में भिगो दें| उसमें एक चम्मच कच्ची खांड़ मिला लें| इसे दिन में दो बार सेवन करने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है|

दमा -
प्रतिदिन दो बार दो-दो चम्मच ईसबगोल की भूसी को पानी में भिगोकर सेवन करें| 40 दिनों तक उपयोग करने पर दमा का रोग चला जाएगा|

अतिसार – पेट दर्द, आंव, दस्त व खूनी अतिसार में भी ईसबगोल बहुत जल्दी असर करता है, और आपकी तकलीफ को कम कर देता है। बस एक चम्मच ईसबगोल की भूसी की फंकी लगाकर ऊपर से पानी पी लें।

पाचन तंत्र – यदि आपको पाचन संबंधित समस्या बनी रहती है, तो ईसबगोल आपको इस समस्या से निजात दिलाता है। प्रतिदिन (everyday) भोजन के पहले गर्म दूध के साथ ईसबगोल का सेवन पाचन तंत्र को दुरूस्त करता है।