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Sunday, March 5, 2017

क्या आप जानते हैं, पेय जल के नाम पर बोतलबंद पानी में आपको मिल रहा है धोखा, हो जाइये सावधान !

शुद्ध पेय जल के नाम पर फिल्टर्ड पानी और बोतल बंद पानी का व्यापार खूब फल फूल रहा है, आज यह व्यापार खरबों का हो चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं आपको साफ़ पानी पिलाने के नाम पर आपके साथ कितना बड़ा धोखा किया जाता है. आप जो पानी खरीद कर पी रहे हैं उसमें और सामान्य पानी के शुद्दता के स्तर पर बहुत ज्यादा अंतर नहीं है.

हो सकता है आपके घर में RO लगा हो लेकिन फिर भी आपके लिए चिंता की बात है आप जो पानी पी रहे हैं वो इतना साफ़ नहीं है जितना आपसे दावा किया जा रहा है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हम जो पानी पी रहे हैं वो शुद्ध होने के बावजूद भी इतना शुद्ध नहीं है कि हमें पूरी तरह से स्वस्थ रख सके.

RO और बोतल का पानी भी पीने योग्य नहीं

हमें जिस स्तर का शुद्ध पानी पीना चाहिए उसका टीडीएस 50 होता है जबकि हम जो पानी पी रहे हैं उसका टीडीएस 18-25 तक है. और ये उस पानी का टीडीएस है जिसे हम शुद्ध मानकर पी रहे हैं. जो RO मशीन और बंद बोतलों में शुद्धता कि गारंटी के साथ हमें दिया जा रहा है. हमारे शरीर की क्षमता 500 टीडीएस वाले पानी को पीने तक की होती है. और हमें कम से कम 50 टीडीएस का पानी पीना चाहिए, ऐसे में हम जो पानी पी रहे हैं वो हमारे लिए बेहद घातक स्थिति पैदा कर सकता है.


वहीं दूसरी तरफ बोतलबंद पानी और सामान्य पानी में भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता. मिनरल वाटर कि बोतल को बनाते वक्त एक विशेष प्रकार के रसायन का उपयोग किया जाता है जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है. ये रसायन पैथलेट्स के नाम से जाना जाता है और इसका नकारात्मक असर हमारी प्रजनन क्षमता पर पड़ता है. सौंदर्य प्रसाधन, इत्र और खिलौनों के निर्माण में भी इस रसायन का उपयोग किया जाता है, यह पानी कि बोतल को मुलायम बनाये रखता है.

एक लीटर पानी को साफ़ करने में बर्बाद होता है 2 लीटर पानी

शुद्ध पानी के नाम पर हमें सुनियोजित तरीके से बेवकूफ बनाया जा रहा है, बीते दो दशक में यह व्यापार बहुत तेजी से फला फूला है. और आज देश में खरबों रूपये का कारोबार हो रहा है. आज बोतलबंद पानी के नाम पर केवल और केवल साफ पानी का दोहन हो रहा है. जिन विधियों से पानी को शुद्ध किया जाता है उसमें एक लीटर पानी को साफ करने में करीब 2 लीटर पानी कि बर्बादी होती है, इसतरह से बड़ी मात्रा में साफ़ पानी का दोहन किया जा रहा है और हमें मिलने वाला तथाकथित साफ़ पानी भी हमारी सेहत के लिए पूरी तरह से ठीक नहीं है.बोतल बंद पानी का व्यवसाय न सिर्फ हमारी जेब और सेहत को चूना लगा रहा है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहा है. यह किसी भी सूरत में हमारे भविष्य के लिए ठीक नहीं है. हम जितना जल्दी इससे चेत कर सतर्क हो जायें हमारे लिए उतना ही अच्छा होगा.