Knee Pain in Hindi
घुटना हमारे शरीर का सबसे बड़ा और सबसे जटिल जोड़है | ऐसा प्रायः देखा गया है की बढती हुई उम्र के साथ अक्सर लोग घुटने के दर्द से ग्रस्त हो जाते हैं | कभी कभी घुटने में दर्द के साथ सूजन भी रहती है.
जब यह दर्द अधिक हो जाये तो छोटे मोटे रोज मर्रा के काम भी मुश्किल हो सकते हैं, जैसे की हल्का वजन उठाना, सीडियां चड़ना, या थोड़े दूर पैदल चलना. हो सकता है की पहले आपको सिर्फ एक ही पैर में दर्द हो, परन्तु थोड़े समय के बाद दोनों घुटनों में दर्द होने लगे |
घुटने में अनेक कारणों से ऐसा दर्द हो सकता है. अगर सही समय में जांच हो जाये तो ये संभव है की उचित उपचार से या तो आप पूरी तरह दर्द से निजात पा सकते हैं, नहीं तो कम से कम रोग को आगे बढने से रोका तो जा ही सकता है.
इस तरह की जांच कोई हड्डी रोग विशेषज्ञ ही सही तरह से कर सकता है. अगर आप ऐसे किसी भी दर्द से कुछ हफ़्तों या उससे भी अधिक अवधि से पीड़ित हों, तो बिना और समय गवाएं बिना एक अच्छे डॉक्टर से जांच अवश्य कराएं.
१. रुमेटोइड आर्थरिटिस (Rheumatoid Arthritis)
रुमेटोइड आर्थरिटिस जिसे संधिशोथ भी कहते हैं एक ऐसा रोग है जिसमें हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद हमारे शरीर को नुक्सान पहुचाने लगती है | इस तरह यह रोग जोड़ों के ऊपर बनी एक झिल्ली जैसी परत (Synovium Tissue) को भी नुकसान पहुंचा सकता है. अक्सर यह रोग पहले छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है, विशेष रूप से उँगलियाँ, हाथ, पैर की उंगलियों और अपने पैरों के जोड़. आगे चल कर बड़े जोड़ जैसे कलाई, कोहनी, कंधे, घुटने और कूल्हों भी ख़राब हो सकते हैं. घुटने का जोड़ ख़राब होने पर उसमें दर्द और सूजन होना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. संधिशोथ का उपचार अन्य तरह के आर्थराइटिस रोगों से अलग होता है, इसलिए यह जरुरी है की पहले जांच करवाई जाए की दर्द किसलिए हो रहा है.
२. ऑस्टियोआर्थराइटिस
ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया का सबसे आम रूप है, जो दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब हड्डियों के सिरों पर सुरक्षात्मक कार्टिलेज परत समय के साथ घिस जाती है. आगे चलकर यह रोग जोड़ों की हड्डियों को भी प्रभावती करता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसा रोग है जिसे सही समय रहते उपचार के द्वारा नियंत्रित तो किया जा सकता है परन्तु पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण घुटने में दर्द और सूजन की समस्या आम है. यहाँ पर यह देखना आवश्यक है की रुमेटोइडआर्थरिटिस रोग की ही तरह लक्षण मिलते जुलते हैं, परन्तु रोग अलग है और उपचार भी अलग.
३. बर्सितिस
बर्सा श्लेष तरल पदार्थसे भरी एक पतली थैली होती है जो जोड़ों के विभिन्न ऊतकों के बीच घर्षण को कम करने में मदद करता है. हमारे घुटने के जोड़ में ऐसे लगभग ११ बरसा होते हैं. घुटने में तेज झटका, घुटने के बल गिरना, या लम्बे समय तक घुटने पर दबाव पड़ने से बरसा में इन्फेक्शन हो सकता है और उसमें सूजन आ जाती है. बर्सितिस का पूरी तरह से उपचार संभव है.
४. नी कैप का उखड़ना
नी केप या जिसे पटेल्ला हड्डी भी कहते हैं, हमारे घुटने के ऊपर एक छोटी से सुरक्षात्मक हड्डी होती है. कभी घुटने के बल गिरने पर या खेल के दौरान अचानक दिशा बदलने पर यह हड्डी अपने स्थान से हट सकती है. इससे घुटने में तेज दर्द, सूजन और घुटने को सीधा करने में दर्द होना जैसे लक्षण देखे जाते हैं. एक सामान्य व्यक्ति को पता नहीं हो सकता है की ऐसा दर्द नी केप के अपनी जगह से हटने के कारण हो रहा है या किसी और कारण से. इसलिए एक आर्थोपेडिकविशेषज्ञ की सलाह लेना जरुरी है. वैसे उखड गयी नी केप एक गंभीर स्थिति नहीं है और यह पांच से छह हफ़्तों में खुद ठीक हो जाती है.
५. मिनिस्कस टियर (Meniscus Tear)
हमारे घुटने में दो मिनिस्कस कार्टिलेज होते हैं. एक घुटने एक अन्दर की ओर और एक घुटने के जोड़ के बाहर की तरफ. यह हमारे घुटने को स्थिरता देते हैं और घुटने में होने वाली आर्टिकुलर कार्टिलेज पर पड़ने वाले दवाब को कम करते हैं. अगर मिनिस्कस कार्टिलेज में कोई चोट लग जाए तो घुटने का जोड़ अस्थिर हो जाता है और अधिक दवाब से दर्द और सूजन दोनों हो सकती है. इसके अलावा अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो बड़ा हुआ दवाब अन्य उतकों जैसे आर्टिकुलर कार्टिलेज को भी प्रभावित कर सकता है.
६. टेन्डीनिटिस (Tendinitis)
यह टेंडन की सूजन के कारण होता है।टेंडन ऊतक हड्डी को पेशी से जोड़ता है। इस अवस्था में रोगी घुटने के सामने गंभीर दर्द महसूस करता है जिससे सीडियां चड़ना, घूमना और अन्य गतिविधियां में मुश्किल हो सकती है.
७. ए सी एल (ACL)चोट
ए सी एल (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) घुटने के सामान्य कार्य के लिए महत्वपूर्ण उतक है. अचानक घुटने के मुड़ने से, या खेल के दौरान चोट लगने पर ACL में खिचाव आ सकता है, या यह आंशिक अथवा पूरी तरह से फट सकता है. ACL की चोट लगने पर आपको घुटने में दर्द, सूजन के अलावा चलने में अस्थिरता का अहसास हो सकता है, जैसे की चलते चलते अचानक घुटने का स्लिप होना.
८. रन्नर्स नी (Runners Knee)
रन्नर्स नी दौड़ने वाले खिलाडियों में एक आम समस्या है. खास तौर पर उन खेलों में जिनमें खिलाडी को घुटना अक्सर मोड़ना पड़ता है, जैसे बाइकिंग, कूदना या दौड़ना. यह रोग घुटने में बार बार गिरने के कारण हो सकता है, घुटने के अधिक इस्तेमाल, या ऐसे व्यायाम जिनमें घुटने पर अधिक दवाब पड़ता है.
९. अस्थि-भंग
घुटने की हड्डियां जैसे पटेला (नी कैप)खेल या वाहन दुर्घटनाओं या गिरनेके दौरान टूट सकती हैं. नी कैप का टूटना एक गंभीर ओर्थपेडीक चोट है, जिसके लिए शल्य चिकित्सा की आवश्यकता भी हो सकती हैं. जोड़ की हडियों में होने वाले फ्रैक्चर से बाद में अन्य रोग जैसे आर्थराइटिस होने का खतरा भी हो जाता है. एक व्यक्ति जिसकी हड्डियाँ ऑस्टियोपोरोसिस के कारण कमजोर हो गयी हों, उसमें एक साधारण से गिरने पर भी हड्डियाँ टूट सकती हैं.
१०. बोन ट्यूमर
जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन का एक कारण हड्डियों में होने वाला ट्यूमर भी हो सकता है. इस रोग से हड्डियाँ कमजोर होकर फ्रैक्चर भी हो सकती हैं. यह रोग एक प्रकार के कैंसर रोग से भी मिलता जुलता है जिसे ओस्टियोसार्कोमा कहा जाता है.
घुटने के पुराने दर्द के लक्षण
कब ये समझें की आपका घुटने का दर्द कभी कभार होने वाला साधारण दर्द नहीं परन्तु ऐसा दर्द है जिसके लिए आपको एक ओर्थपेडीक विशेषज्ञ को दिखना आवश्यक है?
१. आपके घुटने का दर्द कम ज्यादा हो सकता है, परतु रहता हमेशा है.
२. यह दर्द कभी दबा हुआ या कभी काफी तेज हो सकता है.
३. घुमने फिरने में तेज और चुभने वाला दर्द होता है.
४. साधारण चलने में भी कठिनाई का अहसास
५. घुटने में दर्द के साथ साथ सूजन का दिखना
उपचार के विकल्प
निदान घुटने के दर्द के कारणों पर निर्भर करता है. जैसे की ऊपर बताया गया है, घुटने का दर्द अनेक कारण से हो सकता हैं, और रोग के अनुसार इसका उपचार भी अलग अलग हो सकता है.
आपके आर्थोपेडिक चिकित्सक आपको रोग के अनुसार चिकित्सा का परामर्श दे सकते हैं, जैसे की
१. फिजियोथेरेपी
२. दवा
३. सर्जरी
४. इंजेक्शन
दर्द से तात्कालिक आराम के लिए कुछ सरल उपाय
अगर आप ये जाना चाहते हैं की क्या आपका घुटने का दर्द अपने आप ही ठीक हो सकता है, तो चिकित्सक को दिखने से पहले आप ये कुछ उपाय घर में ही प्रयोग कर सकते हैं.
१. घुटने को आराम दें और कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे घुटने पर दवाब बड़े.
२. अगर आपके घुटने में सूजन हो तो, हर 2-3 घंटे में 15 मिनट के लिए अपने घुटने पर बर्फ की पट्टी लगायें.
३. सूजन को कम करने के लिए आप एक पट्टी से अपने घुटने को बाँध सकते हैं.
४. सोते समय अपने घुटने के नीचे एक तकिया रखें जिससे आपके घुटने को आराम मिले.
५. दर्द और सूजन को कम करने के लिए चिकित्सक के परामर्श से साधारण (NSAID) या दर्द निवारक दवा ले सकते हैं.
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