Showing posts with label अस्वस्थ हृदय के लक्षण. Show all posts
Showing posts with label अस्वस्थ हृदय के लक्षण. Show all posts

Sunday, June 25, 2017

अस्वस्थ हृदय के लक्षण

हृदय हमारे शरीर में हर वक्त कार्य करता है। अपनी विफलता की शुरूआत में यह कुछ लक्षणों को प्रकट करता है, जिसे लोग अनदेखा कर देते है। इन लक्षणों के प्रकट होते ही आपके ह्दय को जांच की आवश्यकता है।

हृदय रोग के कारण (hriday rog ke karan), क्या आपको ह्दय रोग की समस्या है? क्या यह आपको आनुवांशिक रूप से है? यदि हाँ, तो आप को  कुछ अच्छी आदतो के साथ सतर्क होने की आवश्यकता है। हृदय रोग के लक्षण, आप सरल सुझावों का पालन करके 90% तक ह्दय रोग की समस्या से बच सकते हैं। सब्जियों, अनाजों और फलों की अच्छी मात्रा का उपभोग करके तथा अलकोहल के सेवन से बचकर ह्रदय को स्वास्थ्य बना सकते है।

स्वस्थ ह्रदय पाने के लिए क्या करें ? खाद्य आदतें और व्यायाम (What to do to get healthy heart? Food habits and workouts)

क्या आपको दिल की समस्या है ? क्या आपको ये आनुवांशिक रूप से प्राप्त हुआ है। अगर हाँ तो यह समय है सावधान रहने का और कुछ अच्छी आदतें अपनाने का, जिसकी मदद से आपका ह्रदय स्वस्थ और सुरक्षित रहता है। एक नए शोध के मुताबिक़ 90 % से भी ज़्यादा दिल की बीमारियों को होने से रोका जा सकता है। आपको दिल के दौरे से बचने के लिए कुछ सामान्य नुस्खे अपनाने होंगे। दिल की समस्या होने का एक मुख्य कारण जीवनशैली में परिवर्तन होना है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में सब्जियों, अनाज और फलों का सेवन करते हैं तथा तेल का सेवन काफी कम कर देते हैं तो दिल के दौरे पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है। नियमित रूप से शराब का सेवन करने पर भी दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

स्वस्थ हृदय के लिए टिप्स (Tips of getting healthy heart -heart rog ke upay)


ह्रदय रोग से बचाव – ट्राइगिलसराइडस ट्रैकिंग (Tracking triglycerides)

ट्राइग्लिसराइड का उच्च स्तर आप में  मधुमेह और हृदय की समस्या को उत्पन्न कर सकता है। व्यक्ति की जीवनशैली ट्राइग्लिसराइड के स्तर से सीधे जुड़ी है। रक्त में वसा की तुलना में ट्राइग्लिसराइड अधिक उत्तरदायी है। अगर संतृप्त वसा को 30 से 40% तक कम किया जाय तो ट्राइग्लिसराइड का स्तर घटेगा।

तनावमुक्त ह्रदय (Heart de stressing)

आज लोगो को व्यावसयिक विविधताओं के कारण अधिक तनाव होता है। कुछ लोग समय पर काम न खत्म करके अपने उच्चधिकारी से दंडीत होकर निराशा का शिकार होते है। तनाव रहित होने के लिए योग और प्राणयाम करे ,ध्यान भी तनाव रहित होने का दूसरा माध्यम है।

ह्रदय रोग से बचाव – धूम्रपान निषेध (Quit smoking)

अधिक धूम्रपान से हृदय रोग हो सकता है। तम्बाकू हृदय के लिए अधिक हानिकारक है। ह्रदय को स्वस्थ, स्वयं पर नियंत्रण रखे अथवा डॉक्टर या नशामुक्ति केंद्र से सम्पर्क करें।

दिल की बीमारी का इलाज – व्यायाम (Exercise)

नियंत्रित वजन व शारिरिक तंदुरुस्ती से भी ह्दय रोग से बचा जा सकता है। यदि वजन अधिक है तो आप को नियमित व्यायाम व एरोविक्स पर अभ्यास कर शरीर मे जमा हुई अतिरिक्त चर्बी को हटाना चाहिए।

दिल की बीमारी का इलाज – स्वास्थ्यवर्धक आहार (Healthy food)

उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगियों के लिये तैलीय भोजन बहुत हानिकारक है। आपको शाकाहार को पर्याप्त मात्रा में कम नमक से उपभोग करना चाहिये।

प्लांट स्टेरोल एवं नट्स का सेवन करें (Plant sterol and go for nuts)

हमारे द्वारा ग्रहण किये जाने वाले भोजन में दो प्रकार का वसा होता है। इसमें अच्छा वसा और बुरा वसा दोनों होता है। भोजन में मौजूद सैचुरेटेड (saturated) वसा हमारे शरीर के लिए अच्छा नहीं होता और इससे दिल की बीमारियाँ भी पनपती हैं। पर अच्छा वसा जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड्स एवं ओमेगा 6 फैटी एसिड्स (omega 3 fatty acids or omega 6 fatty acids) हमारे ह्रदय और स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छे होते हैं। नट्स का सेवन करने से आपको स्वास्थ्यकर वसा प्राप्त होता है और इससे आपका ह्रदय भी स्वस्थ रहता है।

यौन समस्या (Sexual problems)

आज औसतन लोगों में स्तम्भ्न दोष होता है जिसका कारण हृदयरोग है। धमनियों के पतले, छोटे और कड़े होने के कारण पर्याप्त मात्रा में खून लिंग तक नही पहुच पाता और ऑक्सीजन की भी कमी बनी रहती है। जिसके कारण यह समस्या होती है।

दिल को स्वस्थ रखने के टिप्स – खर्राटे (Do you snore loud?)

खर्राटे सोते समय सांस की समस्या से सम्बंधित है। सोते समय हृदय को हर जगह खून पहुचाने के लिये ज्यादा बल लगाना पड़ता है। जिससे हृदय रोग उत्पन्न होता है।

ह्रदय रोग का इलाज – मसूढ़ों से खून (Bleeding gums)

घाव, सूजन और मसूढ़ों से खून,  बैक्टीरिया से होता है जो हृदय रोग का प्रारम्भिक लक्षण है। कमजोर रक्त संचार और बैक्टीरीया प्लैक बना कर धमनियों को सकरा कर देते हैं जिसके कारण हृदय रोग उत्पन्न होता है।

हृदय रोग का उपचार – पैरों में सूजन (Swollen feet or legs)


क्या आप एड़ियों, पैरो, कलाइयों और उंगलियों में सूजन या दबाव मह्सूस करते है? यदि हाँ तो आपको फ्लूड रूकने की समस्या है जो कमजोर रक्तसंचार का कारण है। जिसके कारण बताये गये अंगो से अपशिष्ट पदार्थों को नहीं हटाया जाता और बाद में यही हृदय रोग का कारण बनते है।

हृदय की तेज़ धड़कन (Do you feel your heart is beating fast and hard?)

यह बहुत ही खतरनाक है जो अचानक मृत्यु का कारण हो सकती है। विद्युत तंत्र हृदय की गति को नियंत्रित करता है। तेज़ हृदय की धड़कन रक्त प्रवाह में बाधा पहुंचाती है। जो हृदय रोगी होने का कारण होता है।

हृदय रोग का उपचार – सीने में दर्द (Chest pain hai hriday rog)

सीने के दाहिने ओर असहनीय दर्द हृदयरोगी होने का लक्षण है जो हार्ट अटैक में मह्सूस किया जाता है। इसमें आपको हृदय की जलन, अपच या मांसपेशीयों में खिचाव से भ्रमित नही होना चाहिये।

ह्रदय रोग का इलाज – चक्कर आना (Dizziness hai hriday rog ke lakshan)

छोटी सांसे या सांस लेने में कठिनाई अनुभव करना या आपको चक्कर मह्सूस होना या सीढ़ियों पर चढ़ते समय, थोड़ा काम करने पर हाँफ जाना. कमजोर हृदय के लक्षण है। जब धमनियों से पर्याप्त मात्रा में खून ऑक्सीजन लेकर नहीं जा पाता है तो लम्बी सांसे लेने पड़ती हैं, और यह हृदय की मांसपेशियों में दर्द उत्पन्न करता है।

दिल को स्वस्थ रखने के टिप्स – जबड़े और कान में दर्द (Jaw and ear pain)

जबड़े में दर्द कोरोनरी आर्टरी रोग का गूढ़ संकेत है और आपको हार्ट अटैक के पास लेकर जाता है। एक गहरा दर्द जबड़े से होते हुए कान तक जाता है जहाँ हृदय के क्षतिग्रस्त टिशू दर्द के संकेतों को भेजता हर जगह भेजता है।