Saturday, October 14, 2017

सेब का सिरका कम करेगा चर्बी और शुगर, जानिए और भी फायदे

सेब का सिरका सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है

नई दिल्ली। स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रकृ​ति ने हमें कई सारी चीजें दी हैं। हम यहां आपको बता रहे हैं सेब के सिरके के फायदों के बारे में जो भूरे रंग का द्रव होता और खमीर उठने से बनता है। सेब के सिरके को आयुर्वेद में इसे औषधि की तरह बताया गया है। इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होकर चर्बी कम होने समेत अवसाद, गठिया, हाई ब्लड प्रेशर आदि बीमारियां दूर होती है।


वजन कम करने के लिए- भले ही इसकी डोज हर व्यक्ति के लिए अलग हो, लेकिन 2:3 के अनुपात में लिया गया ये घोल सबके लिए उपयुक्त है। इसका मतलब आप 2 चम्मच सेब का सिरके को 3 चम्मच गुनगुने पानी के साथ मिला कर दिन में दो बार खाने के बाद सेवन करें।

कछ जानकार इसे रात को​ सोते समय लेने की भी सलाह देते​है। परन्तु​ आपके लिए कौन​ सा समय सही है ये​ आपके डाइटीशियन ज्यादा बेहतर बता सकते हैं।

डायबिटीज के लिए- हालांकि शुगर के इलाज के लिए सेब का सिरका बहुत प्रभावी है इस पर बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं है। डॉक्टर शरण के अनुसार, यह इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाता है और खून में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद करता है। सेब का सिरका कॉमप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट के पचाने में भी मदद करता है जो कि शुगर के मरीज के लिए आवश्यक है।

आपको दिन में दो बार खाने के बाद मुख्य रूप से नाश्ते और रात के खाने के बाद सेब के सिरके का सेवन करना चाहिए। फिर भी इसका डोज हर व्यक्ति के लिए उसके खून में इन्सुलिन की मात्रा और खून में ग्लूकोज लेवल के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। तो अगर आप शुगर के इलाज के लिए सेब के सिरके का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं, तो ज्यादा अच्छा होगा कि आप एक डॉक्टर की सलाह लें।

शुगर की मात्रा होती है नियंत्रित
सेब के सिरके के सेवन से खून में शुगर के स्तर को कंट्रोल रहता है। क्योंकि सेब के सिरके का स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट्स के पाचन के दौरान खून में शुगर के अवशोषण को घटा देता है। इस वजह से खून में शुगर का स्तर स्थिर हो जाता है। इसमें एसीटिक अम्ल होता है जिससे यह मंद पाचन में सहायक होता है। वहीं, इसमें पाया जाने वाला एसीटिक अम्ल डाइबिटिज के रोगियों के लिए लाभदायक होता है।

एडिस रिफ्लक्स के लिए- जीईआरडी यानि एसिडिटी संबंधी परेशानी के इलाज के लिए सेब के सिरके को 1:5 के अनुपात में मिलाकर खाली पेट पीना चाहिए।

साइड इफेक्ट

सेब का सिरका सेफ है लेकिन डॉक्टर शरण दिन में दो बार से ज्यादा इसके प्रयोग पर चेतावनी देते हैं। यदि ज्यादा मात्रा में दिन में दो बार से ज्यादा इसका सेवन करते हैं, तो इससे एसिडिटी, त्वचा पर दाने पड़ना और पेट में जलन महसूस हो सकती है।

सेब के सिरके के कुछ और भी दुष्‍प्रभाव होते हैं - ऊतकों का टूटना, दांतों में पीलापन आना, शरीर में पौटेशियम के स्‍तर में कमी आदि। कुछ मामलों में लोगों को जलन आदि की समस्‍या भी हो जाती है।

साथ ही इन साइड इफेक्ट्स के इलाज में भी ज्यादा वक्त लगता है। इसलिए ज्यादा अच्छा यह है कि इसका उपयोग किसी डॉक्टर या न्यूट्रीनिश्ट के निर्देश के अनुसार ही करें।

दवाओं के सेवन करने पर न लें - अगर आपको कोई शारीरिक समस्‍या है और आपके द्वारा उसके लिए किसी प्रकार की दवा का सेवन किया जा रहा है तो डॉक्‍टर से सेब का सिरका इस्‍तेमाल करने से पूर्व पूछ लें। अन्‍यथा अापको समस्‍या हो सकती है।

अगर सेब के सिरके का सेवन सही मात्रा में नियमित रूप से किया जाता है तो वजन में कमी आ सकती है। बस दृढ इच्‍छा की कमी नहीं होनी चाहिए।

Thursday, October 12, 2017

भारत सुप - आंते साफ करने की स्पैशल Recipe : by Dr Rajshree

मेरी खुद की बनाई गई ये हेल्दी रेसिपी (Try for 2 days in dinner ये सुप एक मीडियम साइझ बौल, दो फुल्का रोटी और ऐक कप दहीं के साथ और कुछ नहीं लेना है. डिनर में) to clean your intestine before Diwali festivities food.

भारत सुप


Ingredients:-

1 मीडियम साइज लौकी
5 सहजन की स्टीक्स (Drumsticks)
एक कप बारीक कटी हुई पत्ता गोभी,
एक कप बारीक कटी हुई पालख,
एक कप कसा हुआ गाजर
आधा चम्मच नींबू का रस
एक चम्मच कसा हुआ अदरक
आधा चम्मच काली मिचँ पावडर
नमक आधा चम्मच

बनाने की विधि:-

लौकी और सहजन के बडे बडे पीस कर के बोइल कर लिजीये,ठंडा होने पर लौकी को मेश कर दिजिये और सहजन में से पुरा पल्प नीकाल लिजिये। अब एक बडे पेन मे ये डाल दिजिये और 4गिलास पानी डालिये और.कप्स में तैयार रखी
दुसरी सब्जियां भी उस मे डाल दिजिये। अब ये पूरा मिश्रण पांच मिनट्स तक उबालिए, बीच में हिलाते रहे। अब नमक आधे चम्मच से ज्यादा नहीं परन्तु ज्यादा तीखा पसंद करते हो तो काली मिर्च पाउडर अपनी मरजी से डाल सकते हैं।
परोंसते वक्त नींबू का रस नीचोडे। ......

DR★राjશ્રી...

जोड़ों के दर्द का सबसे अच्छा उपचार हैं नींबू का छिलका

नई दिल्ली : जैसे- जैसे लोगो का उम्र बढ़ता हैं वैसे-वैसे लोगों को सेहत संबंधित कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर देखा जाए तो सबसे पहले लोगों में जोड़ों का दर्द सामने आता हैं. यू कहे तो जोड़ों का दर्द आजकल आम बीमारी हो चुकी हैं और अब यह हर उम्र के लोगों में होने लगा हैं. जिसकी खास वजह हैं अनहैल्दी खाना जो कोई ध्यान नही देता और अपनी सेहत बिगड़ लेता है. जिसका सीधा बूरा असर आपके जोड़ो पर होता है.

ऐसे में आप घर पर बैठे ही जोड़ों के दर्द के लिए घरेलु टिप्स इस्तेमाल कर सकते हो जो आपको दर्द के राहत दिलाएगा और इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट नही होगा. वो हैं नींबू का छिलका, जो जोड़ों के दर्द के लिए बहुत ही फायदेमंद है.

नींबू के छिलके का इस्तेमाल करके आप अपने जोड़ों के दर्द को आसानी से ठीक कर सकते हो. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप नींबू के छिलकों का इस्तेमाल करके जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते है.

सामग्री :

इसके लिए आपको 3 चीजों जरूरत होगी नींबू के छिलके, ऑलिव ऑयल और बैडेंज.

ऐसे करें इस्तेमाल :

# सबसे पहले नींबू के कद्दूकस किए गए छिलकों को​ एक एयरटाइट जार में डालकर थोड़ा सा ऑलिव ऑयल मिलाएं और जार अच्छे से बंद करें.

# इस मिक्सर को दो हफ्तों के लिए छोड़ दें.

# दो हफ्तों के बाद इसे रेशमी कपड़े में लेकर दर्द वाली जगह पर लगाएं.

# इसे बैडेंज का इस्तेमाल कर अच्छे से कवर करके चौबीस घंटे के लिए छोड़ दें.

# इससे हड्डियां मजबूत होगी और जोड़ों के दर्द से भी राहत मिलेगी.

Wednesday, October 11, 2017

डार्क सर्कल्स - कारण व सरल घरेलू उपचार जो आपकी त्वचा निखार देंगे।

आँखें चेहरे का अभिन्न अंग हैं। स्वस्थ और सुंदर आँखें चेहरे की ख़ूबसूरती को चार चाँद लगा देती हैं। पर कुछ लोगों के आँखों के नीचे की त्वचा का रंग बदल जाता है और कालापन आ जाता है। इसे आँखों का काला घेरा या dark circles कहते हैं।

उम्र के किसी ना किसी पड़ाव पर सबको इस समस्या से रूबरू होना पड़ता है। और अधिकतर इन काले घेरों पर ध्यान तब जाता है, जब बहुत गहरा जाते हैं और साफ़-साफ़ नज़र आने लगते हैं। आज हम जानेंगे कि ये काले घेरे होते क्यूँ हैं? 

बहुत से लोगों का मानना है कि नींद पूरी ना होने की वजह से या कम नींद लेने की वजह से आँखों के नीचे काले घेरे होते हैं, पर ये पूर्ण सत्य नहीं है। नींद पूरी ना होना अकेली वजह नहीं है आँखों के नीचे काले घेरे होने की, और भी बहुत सी वजहें हैं। आँख के नीचे होने वाले काले घेरों की वजह जानने के लिए, पहले आपको बहुत ध्यान से उनके रंग को पहचानना होगा। 

अगर आँख के नीचे के इन घेरों का रंग थोड़ा नीला या हरा है, तो ये आपकी आँख के नीचे की स्किन यानि चमड़ी के पतला पड़ जाने की वजह से हैं। समय के साथ-साथ या फिर आनुवंशिक कारणों से, आँखों के नीचे की चमड़ी पतली पड़ जाती है या पारदर्शी हो जाती है। चमड़ी के पारदर्शी होने की वजह से आँखों के नीचे की रक्तवाहिका नज़र आने लगती हैं और इसकी वजह से आँखों के नीचे नीले या हरे रंग के घेरे नज़र आने लगते हैं। इन्हें ही हम डार्क सर्कल कहते हैं। 

अगर आँख के नीचे के ये घेरे भूरे या काले रंग के हैं,  तो ये hyperpigmentation का नतीजा है। hyperpigmentation यानि की त्वचा में melanin की बढ़ी हुई मात्रा।hyperpigmentation होने के कई कारण होते हैं, जैसे कि सूर्य की रोशनी में ज़्यादा देर तक रहना या आनुवंशिक कारण या फिर हमारा life style यानि कि रहन सहन। 

क्यूँ होते हैं डार्क सर्कल – डार्क सर्कल यानि काले घेरे होने के बहुत से कारण हैं, जैसे – 

अत्यधिक तनाव में रहना थकावट होना, पर्याप्त नींद और आराम ना मिल पाना Iron की कमी सही खानपान ना होना धूप व प्रदूषण में ज़्यादा रहना किसी क्रीम, cosmetic या दवाई से ऐलर्जी होना आनुवंशिक अनियमित दिनचर्या होना उम्र बढ़ना भारी फ़्रेम वाले चश्मे पहनना आँखों को ज़्यादा मलते रहना 

कैसे करें काले घेरे दूर? 

अपनी त्वचा का ख़ास ख़्याल रखें – सूर्य की हानिकारक किरणें हर तरह से हमारी त्वचा को नुक़सान पहुँचती हैं। बहुत ज़्यादा धूप में रहने से सूर्य की UV किरणें हमारी त्वचा में पाए जाने वालेfolate (विटामिन B) को नष्ट कर देती हैं, जिसका असर cell division पर पड़ता है। Melanocytes के ज़्यादा सक्रिय हो जाने से त्वचा में pigmentation की समस्या होने लगती है और इसी से आँखो के नीचे काले घेरे बनते हैं। इसलिए जितना हो सके कड़ी धूप में जाने से बचें या फिर बाहर जाने से पहले कम से कम तीस spf वाला सनस्क्रीन ज़रूर लगाएँ। यहाँ spf का मतलब है sun protection factor, जितना अधिक spf उतनी ही अधिक pigmentation, सनबर्न और टैनिंग से सुरक्षा। 

-> पर्याप्त नींद लें – नींद पूरी न होने से आपकी त्वचा कांतिहीन नज़र आती है व आँखों के नीचे काले घेरे बन जाते हैं। इससे त्वचा कुरूप व काली नज़र आने लगती है। इसका उपाय है कि आप रोज़ाना आठ घंटे की नींद ज़रूर लें। अगर आपको सुबह जल्दी उठना पड़ता है तो कोशिश करें कि रात को सोएँ भी जल्दी। अगर आपकी दिनचर्या ऐसी है कि रात को सोते भी लेट हैं और सुबह उठना भी जल्दी पड़ता है तो कोशिश करें कि दिन में कुछ समय निकाल कर सो जाएँ व अपनी नींद पूरी कर लें। कुछ लोगों को समय की नहीं बल्कि नींद की समस्या होती है, ऐसे लोगों के लिए प्राणायाम काफ़ी लाभदायक साबित हो सकता है। 

-> संतुलित भोजन – त्वचा को क़ुदरती तौर पर सुंदर, स्वस्थ रखने के लिए व काले घेरों से छुटकारा पाने  लिए, सबसे पहले अधिक नमक युक्त, तले हुए, जंक फ़ूड और मसालेदार भोजन से दूरी बना लें। अपने भोजन में ऐसी चीज़ों को शामिल करें जिनमें विटामिन और antioxidants की मात्रा अधिक हो, जैसे ताज़े फल व रेशेदार सब्ज़ियाँ। ऐसे फल अधिक खाएँ जिनमे विटामिन सी अधिक होता है, जैसे आँवला, संतरा, मोसंबी, निम्बू, अमरूद इत्यादि। विटामिन सी चेहरे के दाग़ धब्बों को दूर करता है और त्वचा की रंगत के साथ साथ काले घेरों को हल्का करता है। antioxidants त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत कर, त्वचा को स्वस्थ बनाए रखते हैं। 

-> पानी अधिक पिएँ – दिन में कम से कम आठ से दस गिलास पानी ज़रूर पिएँ। पानी अधिक पीने से, त्वचा में नमी बनी रहती है और शरीर में मौजूद हानिकारक और विषैले तत्वों को पानी बाहर निकाल देता है। नारियल पानी में भी कई सारे पोषक तत्व होते हैं, जो त्वचा को सुंदर और स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। इसलिए दिन में एक बार नारियल पानी ज़रूर पिएँ। 

काले घेरे दूर करने के घरेलू उपाय – 

1. टमाटर – डार्क सर्कल दूर करने के लिए टमाटर सबसे कारगर उपाय है। ये प्राकृतिक तरीके से आँखों के नीचे के काले घेरे को खत्म करने का काम करता है। साथ ही इसके इस्तेमाल से त्वचा भी कोमल और फ्रेश बनी रहती है। टमाटर के रस को नींबू की कुछ बूंदों के साथ मिलाकर लगाने से जल्दी फायदा होता है। 

2.टी-बैग – ठंडे टी-बैग्स के इस्तेमाल से भी डार्क सर्कल को दूर किया जा सकता है। टी-बैग को कुछ देर पानी में डुबोकर रख दें। उसके बाद इसे फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें। कुछ देर बाद इसे निकालकर आंखों पर रखकर लेट जाएं। दस मिनट तक रोज ऐसा करने से आँखों के नीचे के काले घेरे दूर होने लगेंगे। 

3.कच्चा दूध  ठंडे दूध के लेप से भी आंखों के नीचे का कालापन दूर हो जाता है। कच्चे दूध को ठंडा होने के लिए फ़्रिज में रख दें। उसके बाद रुई की मदद से उसे आंखों के नीचे लगाएँ। रात को सोने से पहले व सुबह नहाने से पहले रोज़ाना ये उपाय करें, आपको ज़रूर फ़ायदा होगा। 

4.आलू – एक आलू लेकर उसे बीच से काट दें और उसे आँखों के नीचे रगड़ें, चाहें तो पूरे चेहरे पर भी रगड़ सकते हैं। आधे घंटे बाद चेहरा धो दें। हफ़्ते में एक दो या तीन बार ये उपाय ज़रूर करें, काले घेरे कम होंगे व चेहरा निखर उठेगा। इसके अलावा आलू के रस को नींबू की कुछ बूंदों के साथ मिला कर मिश्रण बना लें। अब इस मिश्रण को रूई की सहायता से आंखों के नीचे लगाएँ, इससे काले घेरे धीरे धीरे ख़त्म हो जाते हैं। 

5.चंदन – थोड़ा सा चंदन पाउडर लें, उसमें संतरे का रस मिला कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को आँखों के नीचे काले घेरों पर लगाएँ। आधे घंटे बाद साफ़ पानी से धो दें। हफ़्ते में दो या तीन बार ये उपाय करने से निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। 

6.खीरा – खीरे के टुकड़े काट कर आँखों के ऊपर रखें। कुछ देर तक आँखे बंद करके रखें, फिर धीरे धीरे हल्के हाथ से काले घेरों पर घुमाएँ। इससे काले घेरे हल्के होंगे व आँखों को आराम मिलेगा। इसके अलावा खीरे के रस में निम्बू के रस की कुछ बूँदें मिला कर लगाने से भी लाभ मिलेगा। 

अपनी दिनचर्या को नियमित रख कर, खानपान का ध्यान रख कर, व्यायाम व योग को अपना कर हम दाग़-धब्बों व काले घेरों से मुक्त चमकती दमकती हुई त्वचा पा सकते हैं।

Friday, October 6, 2017

इन 5 एक्सरसाइज से कमर और पेट का फैट होगा कम

लड़की वहीं सुंदर लगती है, जिसकी कमर पतली हो। लड़कियां अपने पेट के फैट को कम करने के लिए अपनी डाइट को कम कर देती है लेकिन अगर आप सच में अपनी कमर को पतली और पेट के फैट को कम करना चाहती है तो अपने खानपान पर ध्यान देने के साथ-साथ रोजाना व्यायाम करना शुरू करे। आज हम आपको ऐसे ही व्यायाम के बारे में बताएंगे, जिसकी मदद से आप अपनी कमर को पतला और अपने फैट को कम कर सकते है।


 

1. रस्‍सी कूदना

अगर आप अपनी कमर को पतला करना चाहती है तो यह व्यायाम आपके लिए काफी जरूरी है। यह कमर को पतला करने के साथ ही पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। शुरू में इसको केवल एक मिनट तक करें और बाद में 15 सेकेंड का तक आराम करके पांच बार दोहराएं। 

2. बर्पी करें

इस व्यायाम को हाई इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग भी कहा जाता है। इसको करने के लिए स्‍क्‍वैट की मुद्रा की तरह दोनों हाथों को जमीन पर रखकर शुरू करें। फिर  एक पैर को ऊपर उठाकर पुश-अप की मुद्रा में अाए। इससे आपकी कमर को परफेक्ट शेप मिलेंगी साथ ही फैट कम होगा।


3. बाइसाइकिल क्रंचेज:


इसमें पैरों को स्थिर रखने की बजाए उसे साइकिल की तरह चलाना होता है। यह पेट, जांघों, कमर के आसपास की चर्बी को कम करता है। 

4. प्‍लैंक


प्‍लैंक व्‍यायाम से भी कमर के आसपास की चर्बी कम होती है। साथ ही यह हाथों और सीने को भी मजबूत बनाने वाला व्‍यायाम है। 

5. बॉल के साथ व्‍यायाम

इस व्यायाम को करने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि बॉल के आगे जाने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है। सबसे पहले बॉल को लेकर प्‍लैंक की‍ स्थिति में अाए। इसे करने से कमर की चर्बी कम होती है।   

इन व्यायाम को रोजाना करें क्योंकि दो-चार बार इसको करने से आपको कोई भी फर्क नजर नहीं आएगा। इसके साथ अपनी डाइट का भी पूरा ध्यान रखें।

बेड पर कुत्ते को साथ सुलाने का ये नुकसान जानते हैं आप

यदि आप भी अपने कुत्ते को अपने बिस्तर पर सुलाने की गलती करते हैं तो हो जाएं सावधान

नई दिल्ली: आप अपने पालतू कुत्ते से प्यार करते हैं और उसे अपने बेडरूम में सुलाते हैं तो ठीक है लेकिन यदि आप उसे अपने बेड पर सुला रहे हैं तो ये आप गलत कर रहे हैं. अगली बार ऐसा करने से पहले इस खबर पर जरूर ध्यान दें.क्या कहता है शोध-

एक नई स्टडी में सामने आया है यदि आप अपने कुत्ते के साथ एक ही बेडरूम में सो रहे हैं तो ठीक हैं लेकिन यदि आप अपने कुत्ते के साथ एक ही बिस्तर पर सो रहे हैं तो ये आपकी नींद पर असर डाल सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है इससे आपकी नींद पर नकारात्मक असर हो सकता है.

एक्सपर्ट का क्या है मानना-
मेयो क्लिनिक एरिज़ोना कैंपस के लेखक लीस क्रेन का कहना है कि अधिकांश लोग बेडरूम में पालतू जानवरों को अपने साथ सुलाते हैं. ये अच्छी बात नहीं है. हालांकि कई जगहों पर हमने पाया है कि कुछ लोग अपने पालतू जानवरों के साथ सोने से आराम और सुरक्षा महसूस करते हैं.

कैसे की गई रिसर्च-
ये रिसर्च 40 ऐसे हेल्दी व्यस्कों पर की गई जिन्हें कोई भी नींद की बीमारी नहीं थी. इन व्यस्कों के पास अपने पालतू कुत्ते थे. इन लोगों पर 5 महीने तक रिसर्च की गई. प्रतिभागियों और उनके कुत्ते की आदतों में सात दिन में क्या-क्या बदलाव आते हैं इसको जानने के लिए प्रतिभागियों और उनके कुत्ते को एक्टिविटी ट्रैकर्स पहनाया गया.

रिसर्च के नतीजे-
निष्कर्ष निकला कि अपने पालतू कुत्ते के साथ सो रहे कुछ लोगों ने बेहतर नींद का अनुभव किया. जबकि असल में उनकी नींद पर नकारात्मक असर पड़ रहा था.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. हम इसकी पुष्टि नहीं करते. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

Thursday, October 5, 2017

जबकि डाक्टर भी हैरान रह गए, शहद व दालचीनी ने किया ऐसा काम

आजकल हर उम्र के लोगों को ही किसी न किसी दर्द से जूझता देखा जाता है। इसके पीछे का एक बड़ा कारण आजकल का गल्त खान-पान है और व्यायाम की कमी भी। डाइट सही न ले पाने से लोगों में कैल्शियम की कमी हो जाती है और यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जिससे गठिया का रोग या फिर किसी पुरानी घुटने की चोट का दर्द शुरू हो जाता है। लेकिन आज हम आपको एक एेसा नुस्खा बताएंगे जिससे पुराने से पुराना दर्द भी खत्म हो जाता है।

जरूरी सामान
- दालचीनी
- शहद
- गुनगुना पानी


बनाने और लगाने की विधि
आप सबसे पहले एक कटोरी में 2 चम्मच गुनगुना पानी ले और फिर इसमें 1/2 चम्मच दालचीनी और 1 चम्मच शहद मिलाएं। फिर इसे मिश्रण को बहुत अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अब इस लेप को दर्द वाली जगह पर हल्के हाथ से मसाज करें। मसाज आप 5 से 7 मिनट तक कर सकते हैं। आप रोज एेसे ही सुबह और शाम दोनों समय इस लेप को लगाएं। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि आपका किसी भी तरह दर्द क्यों न हो बहुत ही जल्द इस रामबाण नुस्खे से ठीक हो जाएगा। यदि आपको दर्द बहुत ही पुराना है तो आप एक कप हल्के गर्म पानी में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पीएं। इससे काफी आराम मिलता है।

दालचीनी के प्रयोग में सावधानी

इस प्रयोग में एक सावधानी ज़रूर रखे। दालचीनी की प्रकृति गर्म होती हैं और डेनमार्क और भारत के भौगोलिक पृष्ठभूमि को देखते हुए यहाँ पर इसके इस प्रयोग को करने का सही समय सर्दिया ही हैं। गर्मी में जब ये प्रयोग करे उस समय एक चौथाई चम्मच दालचीनी ही इस्तेमाल करे।

इस शोध के बारे में हम आपको एक चीज बता देना चाहते हैं के ये शोध 1995 में हुआ था और उस समय रिफाइंड आयल का इतना प्रचलन नहीं था। इसलिए अभी आपको अगर आपको पूर्ण आराम लेना हैं तो आपको रिफाइंड जैसे ज़हर को अपनी रसोई से निकालना पड़ेगा, इसकी जगह आप सरसों, मूंगफली, तिल या ऐसा कोई भी तेल जो आपके एरिया में निकलता हो, इस्तेमाल करे।