सेब का सिरका सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है
नई दिल्ली। स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रकृति ने हमें कई सारी चीजें दी हैं। हम यहां आपको बता रहे हैं सेब के सिरके के फायदों के बारे में जो भूरे रंग का द्रव होता और खमीर उठने से बनता है। सेब के सिरके को आयुर्वेद में इसे औषधि की तरह बताया गया है। इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होकर चर्बी कम होने समेत अवसाद, गठिया, हाई ब्लड प्रेशर आदि बीमारियां दूर होती है।
वजन कम करने के लिए- भले ही इसकी डोज हर व्यक्ति के लिए अलग हो, लेकिन 2:3 के अनुपात में लिया गया ये घोल सबके लिए उपयुक्त है। इसका मतलब आप 2 चम्मच सेब का सिरके को 3 चम्मच गुनगुने पानी के साथ मिला कर दिन में दो बार खाने के बाद सेवन करें।
कछ जानकार इसे रात को सोते समय लेने की भी सलाह देतेहै। परन्तु आपके लिए कौन सा समय सही है ये आपके डाइटीशियन ज्यादा बेहतर बता सकते हैं।
डायबिटीज के लिए- हालांकि शुगर के इलाज के लिए सेब का सिरका बहुत प्रभावी है इस पर बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं है। डॉक्टर शरण के अनुसार, यह इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाता है और खून में ग्लूकोज के लेवल को कम करने में मदद करता है। सेब का सिरका कॉमप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट के पचाने में भी मदद करता है जो कि शुगर के मरीज के लिए आवश्यक है।
आपको दिन में दो बार खाने के बाद मुख्य रूप से नाश्ते और रात के खाने के बाद सेब के सिरके का सेवन करना चाहिए। फिर भी इसका डोज हर व्यक्ति के लिए उसके खून में इन्सुलिन की मात्रा और खून में ग्लूकोज लेवल के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। तो अगर आप शुगर के इलाज के लिए सेब के सिरके का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं, तो ज्यादा अच्छा होगा कि आप एक डॉक्टर की सलाह लें।
शुगर की मात्रा होती है नियंत्रित
सेब के सिरके के सेवन से खून में शुगर के स्तर को कंट्रोल रहता है। क्योंकि सेब के सिरके का स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट्स के पाचन के दौरान खून में शुगर के अवशोषण को घटा देता है। इस वजह से खून में शुगर का स्तर स्थिर हो जाता है। इसमें एसीटिक अम्ल होता है जिससे यह मंद पाचन में सहायक होता है। वहीं, इसमें पाया जाने वाला एसीटिक अम्ल डाइबिटिज के रोगियों के लिए लाभदायक होता है।
एडिस रिफ्लक्स के लिए- जीईआरडी यानि एसिडिटी संबंधी परेशानी के इलाज के लिए सेब के सिरके को 1:5 के अनुपात में मिलाकर खाली पेट पीना चाहिए।
साइड इफेक्ट
सेब का सिरका सेफ है लेकिन डॉक्टर शरण दिन में दो बार से ज्यादा इसके प्रयोग पर चेतावनी देते हैं। यदि ज्यादा मात्रा में दिन में दो बार से ज्यादा इसका सेवन करते हैं, तो इससे एसिडिटी, त्वचा पर दाने पड़ना और पेट में जलन महसूस हो सकती है।
सेब के सिरके के कुछ और भी दुष्प्रभाव होते हैं - ऊतकों का टूटना, दांतों में पीलापन आना, शरीर में पौटेशियम के स्तर में कमी आदि। कुछ मामलों में लोगों को जलन आदि की समस्या भी हो जाती है।
साथ ही इन साइड इफेक्ट्स के इलाज में भी ज्यादा वक्त लगता है। इसलिए ज्यादा अच्छा यह है कि इसका उपयोग किसी डॉक्टर या न्यूट्रीनिश्ट के निर्देश के अनुसार ही करें।
दवाओं के सेवन करने पर न लें - अगर आपको कोई शारीरिक समस्या है और आपके द्वारा उसके लिए किसी प्रकार की दवा का सेवन किया जा रहा है तो डॉक्टर से सेब का सिरका इस्तेमाल करने से पूर्व पूछ लें। अन्यथा अापको समस्या हो सकती है।
अगर सेब के सिरके का सेवन सही मात्रा में नियमित रूप से किया जाता है तो वजन में कमी आ सकती है। बस दृढ इच्छा की कमी नहीं होनी चाहिए।
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