Saturday, March 11, 2017

मधुमेह के सबसे सरल 10 घरेलू उपचार

वर्तमान जीवन शैली में डाइबिटीज़ बड़ी तेज़ी से फ़ैल रहा है जिसे जीवन शैली में सुधार करके तथा स्वस्थ आहार लेकर प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। इस बीमारी में रक्त में शर्करा का स्तर उच्च हो जाता है जिसके कारण शरीर की इन्सुलिन उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है या शरीर प्रभावी रूप से इन्सुलिन का उपयोग नहीं कर पाता।



हालाँकि ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं वहीं इसके लिए कई घरेलू उपचार भी उपलब्ध हैं। यहाँ ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए 10 प्रभावी घरेलू उपचार बताए गए हैं जिनके द्वारा आप डाइबिटीज़ के साथ भी एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

1. जीवनशैली में बदलाव, शिक्षा खान—पान की आदतों में सुधार करके शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे मरीज की थकान और सिरदर्द समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है।

2. प्रतिदिन सुबह योगा व व्यायाम करके भी शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। इससे न केवल आपके चेहरे का नूर दमकेगा, बल्कि आपके स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।

3. अगर शुगर कंट्रोल में नहीं आ रहा है तो केवल गेहूं की रोटी नहीं खानी चाहिए। इसके बजाय तीन किलो जौ, आधा किलो गेहूं और आधा किलो चने को मिला कर आटा पिसवा लेना चाहिए और फिर इसकी रोटी खानी चाहिए।

4. आक के पेड़ का पता उल्टी तरफ से लेकर पैर पर बांधे रखें. रात को सिर्फ सोते वक़्त इसको हटायें। एक सप्ताह तक यह प्रयोग करें, आपकी शुगर जड़ से खत्म हो जाएगी।

5. हरी सब्जी, दाल, दही का सेवन अधिक करना चाहिए। करेले की सब्जी या कच्चा करेला और जामुन खाना चाहिए। कई बार तो जामुन के पत्तों का जूस भी शुगर में लाभकारी होता है।

6. शुगर से शरीर में कमजोरी मालूम पड़ने लगती है। कमजोरी दूर करने हेतु हरा कच्चा नारियल खायें। काजू मूंगफली, अखरोट भिगोकर खायें. दही, छाछ, सोयाबीन खायें मधुमेह के रोगी को हर सातवें दिन एक दिन का उपवास करना लाभदायक है।

7. शुगर के मरीज लोगों को एलोवेरा पीना चाहिए। यह एक रामबाण दवा है। एलोवेरा का भी कुछ अमेरिकन ब्रांडो के नतीजे काफी चौकाने वाले आये हैं।

8. जामुन की गुठली और करेले सुखा कर समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। इसको एक चम्मच सुबह-शाम पानी से लेने पर काफी फायेदा होता है।

9. शुगर में बार-बार पेशाब आना स्वाभाविक है और अधिक मात्रा में पेशाब आये, प्यास लगे तो आठ ग्राम पिसी हुई हल्दी नित्य दो बार पानी के साथ फांक लें। इससे आपको लाभ होगा।

10. मीठा खाने की तीव्र इच्छा होने पर शक्कर के स्थान पर अति अल्प मात्रा में शहद लेकर मूत्र में शकर आने, गुर्दे के पुराने रोगों से बच सकते हैं।

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