Thursday, May 11, 2017

जलने पर घरेलु उपचार – Gharelu nuskhe for burns

जलना , Jalana – Burns

जलने की घटनाएँ आम जीवन में अक्सर सुनने में आती है। कभी न कभी जाने-अनजाने जलने के अनुभव से लगभग सभी लोग गुजरते है।

जलने की वजह आग , गर्म वस्तु को छूना , गर्म तरल पदार्थ गिरना आदि हो सकते है। कम उम्र में असावधानी के कारण अक्सर जल जाने की घटना हो जाती है। महिलाओं को रसोई में काम करते वक्त अक्सर छोटी मोटी जलने की चोट लगती रहती है।

जलने से त्वचा को हुए कितना नुकसान हुआ है उस पर इलाज निर्भर करता है। यदि सिर्फ ऊपरी स्किन पर थोड़ा सा जला है तो दो तीन दिन

जलन होकर ठीक हो जाता है। थोड़ा ज्यादा जला है तो फफोले हो जाते है जो दर्द करते है। ठीक होने में एक -दो सप्ताह भी लग सकते है और जलने का निशान भी हो सकता है।

जलने पर घरेलु उपचार ( Jalne par gharelu nuskhe)  करने पर जलन , दर्द , फफोले बनने और निशान बनने से बचाव किया जा सकता है।

जलने पर घरेलु उपचार – Gharelu Nuskhe For Burns

 —  जलने पर सबसे पहला और अच्छा उपाय पानी है। तुरंत जले हुए अंग को या तो ठण्डे पानी में डूबा दें या लगातार उस हिस्से पर ठण्डा पानी

डालें। बर्फ नहीं लगानी चाहिये। पानी का तापमान 10 -25 डिग्री C  होना चाहिये। पानी में भीगा कपडा भी बदल बदल कर  जले हिस्से  पर रख सकते है।

 —  आग से जलने पर ( aag se jalnepar)असली हींग को पानी में घोल लें। पानी सफ़ेद रंग का हो जायेगा। जले हुए स्थान पर घंटे-दो घंटे के अंतराल से ये पानी लगाते रहे। जलन ( Jalan ) मिटेगी फफोले नहीं पड़ेंगे।

 —  केले को मसल कर नरम करके जले हुए पर लगाने से जलन दूर होती है। फफोले ( Fafole ) नहीं होते।

 —  जले हुए स्थान पर कच्चे बथुए का रस बार बार लगाने से आराम मिलता है।

 —  लौंग को शहद के साथ पीसकर लगाने से घाव नहीं बनता और जलन शान्त हो जाती है। जलने हुए सफ़ेद निशान  Jalne ke nishan पर शहद लगाकर लगातार पट्टी रखने से निशान ठीक हो जाता है।

 —  बेर की कोमल पत्तीयां दही के साथ पीसकर लगाने से जलने का निशान ( Jalne ka nishan ) नहीं रहता।

 —  नमक का पानी में गाढ़ा घोल बनाकर लगाने से छाले ( chhale ) नहीं पड़ेंगे।

 —  फिटकरी को बारीक पीसकर देसी घी में मिलाकर लगाने से जले हुए में आराम मिलता है।

 —  प्याज को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन ( Jalan ) में आराम आता है।

 —  पीपल की छाल को बारीक पीसकर लगाने से जलने से हुआ घाव ( Jalne ka ghav ) ठीक हो जाता है।

 —  तुलसी का रस नारियल के तेल में मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन , छाले , घाव सभी में आराम  मिलता है।

 —  जले पर तुरंत सफ़ेद टूथपेस्ट लगाने से जलन ( jalan) ठीक होगी छाले नहीं पड़ेंगे।

 —  ग्लिसरीन लगाने से जलन में आराम मिलता है और फफोले नहीं होते।

आपको हैरान कर देंगे चुकन्दर के ये 11 फायदे!

चुकन्दर खाने से आपका दिमाग तेज़ हो सकता है। जानिये इसके सभी फायदों के बारे में।

   

अगर आप अपनी डायट में लाल-बैंगनी रंग के चुकन्दर को शामिल नहीं कर रहे हैं, तो फौरन कर दीजिए। ये आर्टिकल पढ़कर आपको चुकन्दर के ऐसे फायदों के बारे में मालूम चलेगा जो आप अब तक नहीं जानते थे। चुकन्दर आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण  में रखने से लेकर आपका सेक्सुअल स्टैमिना तक बढ़ाता है। ये एक नेचुरल फूड कलर के रूप में भी काम करता है। चुकन्दर को आप सलाद, जूस या हलवा किसी भी रूप में ले सकते हैं। जानिये इस खूबसूरत रंग वाली सब्जी से आप क्या क्या लाभ उठा सकते हैं।

चुकंदर को कैसे खाना चाहिए?

आमतौर पर लोग चुकंदर को  कच्चे सलाद के  रूप में खाना ज्यादा पसंद करते हैं. इसे सलाद में जैसे मूली, गाजर, प्याज, टमाटर आदि के साथ शामिल कर खाया जाता है.  इसे उबालकर खाने का भी चलन है। दक्षिण भारत में इसे उबालकर भी खाया जाता है।

हालांकि उबालने पर इसके  कुछ तत्व नष्ट हो जाते हैं । इसलिए कच्चा खाना ज्यादा अच्छा माना जाता है। चुकंदर का जूस भी पिया जाता है। बुजुर्ग या बच्चों को  चुकंदर का जूस ही देना चाहिए। इसके  अलावा भारत में चुकंदर की सब्जी बनाकर खाने का भी चलन है। इसकी सब्जी बनाने में कोई अतिरिक्त विधि अपनाने की जरूरत नहीं है। बस जैसे आलू या गाजर की सब्जी बनाई जाती है, उसी तरह से चुकंदर की सब्जी बनाकर खाई जा सकती है ।

 1) ब्लड शुगर लेवल कम करता है

चुकन्दर नाइट्रेट्स (nitrates) का एक अच्छा स्रोत है, इसका सेवन किए जाने पर ये नाइट्राइट्स (nitrites) और एक गैस नाइट्रिक ऑक्साइड्स (nitric oxides) में बदल जाता है। ये दोनों तत्व धमनियों को चौड़ा करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया है कि हर रोज़ 500 ग्राम चुकन्दर खाने से लगभग 6 घंटे में व्यक्ति का ब्लड प्रेशर घट जाता है।

2) ख़राब कोलेस्ट्रॉल कम करता है

चुकन्दर में काफी मात्रा में फाइबर, फ्लेवेनॉइड्स (flavanoids) और बेटासायनिन(betacyanin) होता है। बेटासायनिन की वजह से ही चुकन्दर का रंग लाल-बैंगनी होता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण कम करने में मदद करता है जिसकी वजह से यह धमनियों में नहीं जमता। इससे दिल के दौरे का जोखिम कम हो जाता है।

3) गर्भवती महिलाओं और भ्रूण के लिए फायदेमंद

चुकन्दर में उच्च मात्रा में फॉलिक एसिड पाया जाता है। यह पोषक तत्व गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्म बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे अजन्म बच्चे का मेरुदंड बनने में मदद मिलती है। चुकन्दर गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त ऊर्जा देता है।

4) आस्टिओपरोसिस से बचाव

चुकन्दर में मिनरल सिलिका (silica) मौजूद होता है। इस तत्व की वजह से शरीर कैल्शियम को प्रभावी रूप से इस्तेमाल कर पाता है। कैल्शियम हमारे दांतों और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। इसलिए दिन में एक ग्लास चुकन्दर का जूस पीने से आप आस्टिओपरोसिस और हड्डियों व दांतों की दूसरी समस्याओं से बचे रह सकते हैं।

5) डायबिटीज़ पर नियंत्रण

जिन लोगों को डायबिटीज़ होती है वो चुकन्दर खाकर अपने मीठे की तलब मिटा सकते हैं। इसको खाने का फायदा ये होता है कि मीठे की तलब पूरी होने पर भी ये आपका ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ाता क्योंकि ये ग्लाइसेमिक इंडेक्स वेजिटेबल (glycaemic index vegetable) है। इसका अर्थ ये है कि ये खून में बहुत धीरे-धीरे शुगर रिलीज़ करती है। इसमें बहुत कम कैलोरी होती है और इसका फैट-फ्री होना भी इसे डायबिटीज़ के मरीजों के लिए परफेक्ट वेजिटेबल बनाता है।

6) एनीमिया से लड़ता है

ये एक मिथक है कि रंग में लाल होने के कारण चुकन्दर खून की कमी को मिटाने में मदद करता है, और इस वजह से ये एनीमिया में जरूर खाना चाहिए। हालांकि इस मिथक में आधा सच भी छिपा है। चुकन्दर में बहुत अधिक आयरन होता है और आयरन की मदद से हीमाग्लूटनिन (haemagglutinin) बनता है, जो कि रक्त का ही एक ऐसा हिस्सा होता है जो ऑक्सीजन और बहुत से पोषक तत्वों को शरीर के दूसरे अंगों तक पहुंचाने में मदद करता है। चुकन्दर के यही आयरन तत्व एनीमिया से लड़ने में मदद करते हैं।

7) थकान दूर करता है

अमेरिकन डायबिटिक्स असोसिएशन की एक कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किए गए एक अध्ययन में ये बात कही गई है कि चुकन्दर एनर्जी को बढ़ाता है। इसके नाइट्रेट तत्व धमनियों का विस्तार करने में मदद करते हैं जिससे कि शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन ठीक प्रकार से पहुंच पाती है और इससे शरीर में एनर्जी बढ़ती है। इसके अलावा, चुकन्दर में आयरन बोता है जो कि स्टैमिना बढ़ाने का काम करता है।

8) सेक्शुअल हेल्थ और स्टैमिना बढ़ाने वाला

चुकन्दर को नेचुरल वियाग्रा भी कहा जाता है। पुराने ज़माने में इसका इस्तेमाल यौन स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। चुकन्दर नाइट्रिक ऑक्साइड रिलीज़ करता है जिससे कि रक्त वाहिनियों का विस्तार होता है और जेनेटल्स में खून का दौरा बढ़ता है। इसके अलावा, चुकन्दर में बहुत अधिक मात्रा में एक केमिकल बोरॉन (boron) पाया जाता है जो कि ह्यूमन सेक्स हार्मोन के निर्माण में मददगार होता है। इसलिए अगर अगली बार वियाग्रा लेने का सोचें तो पहले चुकन्दर ट्राई कर लें।

9) कैंसर में फायदेमंद

चुकन्दर का बेटासायनिन(betacyanin) तत्व एक और बहुत ज़रूरी काम करता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में ये पाया गया कि जिन लोगों को ब्रेस्ट या प्रोस्टेट कैंसर होता है, वो अगर चुकन्दर खाए तो उनके ट्यूमर बढ़ने की गति 12.5% कम हो जाती है। जिन लोगों को ये खतरनाक बीमारी नहीं है उनके चुकन्दर खाने से इसका जोखिम कम हो जाता है।

10) कब्ज़ से राहत

चुकन्दर में फाइबर पाया जाता है, इस वजह से ये एक रेचक औषधि के रूप में काम करता है। इससे स्टूल नरम हो जाता है। साथ ही पेट से सारे टॉक्सिन्स निकल जाते हैं।

11) दिमाग तेज़ करता है

चुकन्दर का जूस पीने से व्यक्ति का स्टैमिना 16 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ऐसा इसके नाइट्रेट तत्व के कारण होता है। शरीर में ऑक्सीजन बढ़ने से मस्तिष्क भी ठीक प्रकार से अपना काम कर पाता है। चुकन्दर खाकर आप डिमेंशिया तक में राहत पा सकते हैं।

यदि हम 100 ग्राम चुकंदर में पाए जाने वाले प्रमुख तत्वों को देखें तो इसमें कार्बोहाइड्रेट (9.96 ग्राम), चीनी (7.96 ग्राम), फाइबर (2.0 ग्राम), वसा या फैट (0.18 ग्राम), प्रोटीन (1.68 ग्राम), विटामिन बी1 (0.031 मिलीग्राम), विटामिन बी2 (0.027 मिलीग्राम), विटामिन बी3 (0.331 मिलीग्राम), विटामिन बी5 (0.145 मिलीग्राम), विटामिन बी6 (0.067 मिलीग्राम), विटामिन सी (3.6 मिलीग्राम), कैल्शियम (16 मिलीग्राम), लौह तत्व (0.79 मिलीग्राम), मैगनीशियम (23 मिलीग्राम), फास्फोरस (38 मिलीग्राम), पोटेशियम (305 मिलीग्राम), सोडियम (77 मिलीग्राम), और जिंक (0.35 मिलीग्राम) पाया जाता है.

नस पर नस चढ़ना या माँस-पेशियों की ऐंठन का सबसे आसान अद्भुत उपचार, जरूर पढ़े और शेयर करे

नस पर नस चढ़ना जैसी बीमारी से हो सकता है आप भी दुखी हों क्यूंकि ये एक आम समस्या बन गयी हैं सभी लोग इसके उपचार को देखते हैं लेकिन कोई भी इसके कारण को नहीं जानना चाहता वजह किसी के भी आज इसका वक़्त नहीं है गोली लो और अपना काम चलाओ लेकिन भविष्य में इस बीमारी के क्या नुक्सान हो सकते हैं आज इस बात पर लेख लिखने का मौका मिला ! कई लोगों को रात में सोते समय टांगों में एंठन की समस्या होती है। नस पर नस चढ़ जाती है। कई लोगों को टांगों और पिंडलियों में मीठा – 2 दर्द सा भी महसूस होता है। पैरों में दर्द के साथ ही जलन, सुन्न, झनझनाहट या सुई चुभने जैसा एहसास होता है।

शरीर में कहीं भी, किसी भी माश्पेसी में दर्द (Muscular pain) हो तो उसका इलाज किसी भी थेरेपी में पेन किलर के अलावा और कुछ नही है! यह आप सब अच्छी तरह जानते हैं और आप यह भी जानते हैं कि पेन किलर कोई इलाज नहीं है! यह एक नशे की तरह है जितनी देर इसका असर रहता है उतनी देर ब्रेन को दर्द का एहसास नहीं होता! और आपको पेन किलर के दुष्प्रभाव (साइड एफेक्ट) के बारे मे भी अच्छी तरहं पता है! जिसे आप चाह कर भी नकार नहीं सकते हैं! इन सभी की मुख्य वजेह होती है गलत तरीके से बैठना – उठना, सोफे या बेड पर अर्ध लेटी अवस्था में ज्यादा देर तक रहना, उलटे सोना, दो – दो सिरहाने रख कर सोना, बेड पर बैठ कर ज्यादा देर तक लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल करना या ज्यादा सफर करना या जायदा टाइम तक खड़े रहना या जायदा देर तक एक ही अवस्था में बैठे रहना आदि!

• नस पर नस चढ़ना जैसी बीमारी से हो सकता है आप भी दुखी हों क्यूंकि ये एक आम समस्या बन गयी हैं सभी लोग इसके उपचार को देखते हैं लेकिन कोई भी इसके कारण को नहीं जानना चाहता वजह किसी के भी आज इसका वक़्त नहीं है गोली लो और अपना काम चलाओ लेकिन भविष्य में इस बीमारी के क्या नुक्सान हो सकते हैं आज इस बात पर लेख लिखने का मौका मिला ! कई लोगों को रात में सोते समय टांगों में एंठन की समस्या होती है। नस पर नस चढ़ जाती है। कई लोगों को टांगों और पिंडलियों में मीठा – 2 दर्द सा भी महसूस होता है। पैरों में दर्द के साथ ही जलन, सुन्न, झनझनाहट या सुई चुभने जैसा एहसास होता है।
  • शरीर में कहीं भी, किसी भी माश्पेसी में दर्द (Muscular pain) हो तो उसका इलाज किसी भी थेरेपी में पेन किलर के अलावा और कुछ नही है! यह आप सब अच्छी तरह जानते हैं और आप यह भी जानते हैं कि पेन किलर कोई इलाज नहीं है! यह एक नशे की तरह है जितनी देर इसका असर रहता है उतनी देर ब्रेन को दर्द का एहसास नहीं होता! और आपको पेन किलर के दुष्प्रभाव (साइड एफेक्ट) के बारे मे भी अच्छी तरहं पता है! जिसे आप चाह कर भी नकार नहीं सकते हैं! इन सभी की मुख्य वजेह होती है गलत तरीके से बैठना – उठना, सोफे या बेड पर अर्ध लेटी अवस्था में ज्यादा देर तक रहना, उलटे सोना, दो – दो सिरहाने रख कर सोना, बेड पर बैठ कर ज्यादा देर तक लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल करना या ज्यादा सफर करना या जायदा टाइम तक खड़े रहना या जायदा देर तक एक ही अवस्था में बैठे रहना आदि!
  • पहले लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए और मशीनी-करण के ना होने के कारण शारीरिक मेहनत ज्यादा करते थे! जैसे वाहनों के अभाव में मीलों पैदल चलना, पेड़ों पर चढ़ना, लकड़ियां काटना, उन्हें जलाने योग बनाने के लिए उनके टुकड़े करना (फाड़ना), खेतों में काम करते हुए फावड़ा, खुरपा, दरांती आदि का इस्तेमाल करना जिनसे उनके हाथो व पैरों के नेचुरल रिफ्लेक्स पॉइंट्स अपने आप दबते रहते थे और उनका उपचार स्वयं प्रकृति करती रहती थी! इसलिए वे सदा तंदरुस्त रहते थे! मैं शरीर को स्वस्थ रखने में प्रकृति की सहायता करता हूँ उसके खिलाफ नहीं इसलिए मेरे उपचार के कोई दुष्प्रभाव (side effects) नहीं हैंशरीर में किसी भी रोग के आने से पहले हमारी रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर पड़ जाती है या मांसपेशियों पर नियंत्रण का नुक्सान (loss of muscle control) और किसी बड़े रोग के आने से कम से कम दो – तीन साल पहले हमारी अंत: स्त्रावी ग्रंथियों (endocrine glands) की कार्यप्रणाली सुस्त व् अव्यवस्थित हो जाती है! कुछ ग्रंथियां अपना काम कम करने लग जाती हैं और कुछ ग्रंथियां ज्यादा, जिसके कारण धीरे-धीरे शरीर में रोग पनपने लगते हैं!
• जिनका हमे या तो पता ही नहीं चलता या फिर हम उन्हें कमजोरी, काम का बोझ, उम्र का तकाजा (बु ढ़ापा), खाने में विटामिन्स – प्रोटीन्स की कमी, थकान, व्यायाम की कमी आदि समझकर टाल देते हैं या फिर दवाइयां खाते रहते हैं! जिनसे ग्रंथियां (endocrine glands) कभी ठीक नहीं होती बल्कि उनकी (malfunctioning) अव्यवस्थित कार्यप्रणाली चलती रहती है जिस का नतीजा कम से कम दो-तीन साल या कभी – कभी इससे भी ज्यादा समय के बाद अचानक सामने आता है किसी बड़े रोग के रुप में, वह कोई भी हो सकता है! जैसे शुगर उच्च – रक्तचाप (high blood pressure) थायराइड (hypothyroidism or hyperthyroidism), दिल की बीमारी, चर्म रोग, किडनी संबंधी रोग, नाड़ी तंत्र संबंधी रोग या कोई और हजारों हैं! लेकिन मेरे उपचार द्वारा सभी अंत: स्त्रावी ग्रंथियां व्यवस्थित (सुचारु) तरीके से काम करने लग जाती हैं! या ये कहे की मांसपेशियों पर नियंत्रण का नुक्सान ( loss of muscle control) कम हो जाता है और रोग प्रतिरोधी क्षमता इम्युनिटी मजबूत हो जाती है! तो किसी प्रकार के रोग शरीर में आने की कोई संभावना ही नहीं रहती, यही कारण है लगभग दो पीढ़ियां पहले आजकल पाए जाने वाले रोग नहीं होते थे! इसीलिए आजकल कुछ रोगों को (lifestyle diseases) रहन सहन के रोग माना जाता है!
  • नस पर नस चढ़ना तो एक बीमारी पता है लेकिन कहाँ कहाँ की नस कब चढ़ जाये कोई नहीं कह सकता कुछ दर्द यहाँ लिख रहा हूँ जो इस तरह हैं मस्कुलर स्पाजम, मसल नोट के कारण होने वाली सभी दर्दें जैसे कमरदर्द, कंधे की दर्द, गर्दन और कंधे में दर्द, छाती में दर्द, कोहनी में दर्द, बाजू में दर्द, ऊँगली या अंगूठे में दर्द, पूरी टांग में दर्द, घुटने में दर्द, घुटने से नीचे दर्द, घुटने के पीछे दर्द, टांग के अगले हिस्से में दर्द, एडी में दर्द, पंजे में दर्द, नितंब (हिप) में दर्द, दोनो कंधो में दर्द, जबड़े में और कान के आस पास दर्द, आधे सिर में दर्द, पैर के अंगूठे में दर्द आदि सिर से पांव तक शरीर में बहुत सारे दर्द होते हैं ! हमारे शरीर में लगभग 650 मांसपेशियां होती हैं! जिनमे से 200 के करीब मुस्कुलर स्पासम या मसल नोट से प्रभावित होती हैं!
➡ मुस्कुलर स्पासम (Muskulr Spasm) या मसल नोट (Muscle Note ) या नस पर नस चढ़ना :
  • हमारे शरीर में जहां जहां पर भी रक्त जा रहा है! ठीक उसके बराबर वहां वहां पर बिजली भी जा रही है! जिसे बायो इलेक्ट्रिसिटी कहते हैं रक्त जो है वह धमनियों और शिराओं (arteries and veins) में चलता है! और करंट जो है वह तंत्रिकाओं (nerves) में चलता है! शरीर के किसी भी हिस्से में अगर रक्त नहीं पहुंच रहा हो तो वह हिस्सा सुन्न हो जाता है या
  • मांसपेशियों पर नियंत्रण नहीं रहता (loss of muscle control) और उस स्थान पर हाथ लगाने पर ठंडा महसूस होता है और शरीर के जिस हिस्से में बायो इलेक्ट्रिसिटी (bio-electricity) नहीं पहुंच रही, वहां पर उस हिस्से में दर्द हो जाता है और वहां हाथ लगाने पर गर्म महसूस होता है! इस दर्द का साइंटिफिक कारण होता है कार्बोनिक एसिड (h2co3 carbonic acid) जो बायोइलेक्ट्रिसिटी की कमी के कारण उस मांसपेशी में प्रकृतिक तौर पर हो रही सव्चालित क्रिया से उत्पन्न होता है! उस प्रभावित मसल में जितनी ज्यादा बायोइलेक्ट्रिसिटी की कमी होती है, उतना अधिक कार्बोनिक एसिड उत्पन्न होता है और उतनी ही अधिक दर्द भी होती है! जैसे ही उस मांसपेशी में बायोइलेक्ट्रिसिटी जाने लगती है वहां से कार्बन घुलकर रक्त मे मिल जाता है, और दर्द ठीक हो जाता है! रक्त मे घुले कार्बोनिक एसिड को शरीर की रक्त शोधक प्रणाली पसीने और पेशाब के द्वारा बाहर निकाल देती है!

➡ नस पर नस चढ़ना बीमारी होने के कारण :
  1. – अनियंत्रित मधुमेह (रक्त में शक्कर का स्तर)
  2. – शरीर में जल, रक्तमें सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम स्तर कम होने
  3. – पेशाब ज्यादा होने वाली डाययूरेटिक दवाओं जैसे लेसिक्स सेवन करने के कारण शरीर में जल, खनिज लवण की मात्रा कम होने
  4. – मधुमेह, अधिक शराब पीने से, किसी बिमारी के कारण कमजोरी, कम भोजन या पौष्टिक भोजन ना लेने से, ‘Poly-neuropathy’ या नसों की कमजोरी।
  5. – कुछ हृदय रोगी के लिये दवायें जो कि ‘Beta-blockers’ कहलाती हैं, वो भी कई बार इसका कारण होती हैं।
  6. – कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा सेवन करने से.
  7. – अत्यधिक कठोर व्यायाम करने, खेलने, कठोर श्रम करने से.
  8. – एक ही स्थिति में लंबे समय तक पैर मोड़े रखने के कारण और पेशियों की थकान के कारण हो सकता है।
  9. – पैर की धमनियोंकी अंदरूनी सतह में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से, इनके संकरे होने (एथ्रीयो स्कोरोसिस) के कारण रक्त प्रवाह कम होने पर,
  10. – पैरों की स्नायुओं के मधुमेह ग्रस्त होने
  11. – अत्यधिक सिगरेट, तंबाकू, शराब का सेवन करने, पोष्क तत्वों की कमी, संक्रमण से।
➡ नस पर नस चढ़ना बीमारी होने के लक्षण :
  • आधुनिक जीवन शैली – जिसमें व्यक्ति आराम परक जीवन जीना चाहता है, सभी काम मशीनों के द्वारा करता है, खाओ पीओ और मौज करो की इच्छा रखता है, इस प्रकार के जटिल रोगों को जन्म दे रही हैं।
  • 1. हाथ पैरों में सुन्नपन्न (Numbness) होना, सोते समय यदि हाथ अथवा पैर सोने लगे, सोते हुए हाथ थोड़ा दबते ही सुन्न होने लगते हैं, कई बार एक हाथ सुन्न होता है, दूसरे हाथ से उसको उठाकर करवट बदलनी पड़ती है।
  • 2. हाथों की पकड़ ढीली होना, अथवा पैरों से सीढ़ी चढ़ते हुए घुटने से नीचे के हिस्सों में खिचांव आना।
  • 3. गर्दन के आस-पास के हिस्सों में ताकत की कमी महसूस देना।
  • 4. गर्दन को आगे-पीछे, दाॅंयी-बाॅंयी ओर घुमाने में दर्द होना।
  • 5. शरीर के दाॅंये अथवा बाॅंये हिस्से में दर्द के वेग आना।
  • 6. याददाश्त का कम होते चले जाना।
  • 7. चलने का सन्तुलन बिगड़ना।
  • 8. हाथ-पैरों में कम्पन्न रहना। (शरीर (हाथ-पैर) में कम्पन के लक्षण कारण और उपचार)
  • 9. माॅंसपेशियों में ऐठन विशेषकर जाॅंघ (Thigh)व घुटनों के नीचे (Calf) में Muscle Cramp होना।
  • 10. शरीर में लेटते हुए साॅंय-साॅंय अथवा धक-धक की आवाज रहना।
  • 11. कोई भी कार्य करते हुए आत्मविश्वास का अभाव अथवा भय की उत्पत्ति होना। इनको (Psychoromatic Disease) भी कहा जाता है।
  • 12. अनावश्यक हृदय की धड़कन बढ़ी हुई रहना।
  • 13. शरीर में सुईंया सी चुभती प्रतीत होना।
  • 14. शरीर के कभी किसी भाग में कभी किसी भाग में जैसे आॅंख, जबड़े,कान आदि में कच्चापन अथवा Paralytic Symptoms उत्पन्न होना।
  • 15. सर्दी अथवा गर्मी का शरीर पर अधिक असर होना अर्थात सहन करने में कठिनाई प्रतीत होना।
  • 16. एक बार यदि शरीर आराम की अवस्था में आ जाए तो कोई भी कार्य करने की इच्छा न होना अर्थात् उठने चलने में कष्ट प्रतीत होना।
  • 17. कार्य करते समय सामान्य रहकर उत्तेजना (Anxiety)चिड़चिड़ापन (Irritation) अथवा निराशा (Depression)  वाली स्थिति बने रहना।
  • 18. रात्रि में बैचेनी बने रहना, छः-सात घण्टे की पर्याप्त निद्रा न ले पाना।
  • 19. कार्य करते हुए शीघ्र ही थकान का अनुभव होना। पसीना अधिक आने की प्रवृत्ति होना।
  • 20. किसी भी अंग में फड़फड़ाहट होते रहना।
  • 21. मानसिक कार्य करते ही दिमाग पर एक प्रकार का बोझ प्रतीत होना,मानसिक क्षमता का हृास होना।
  • 22. रात को सोते समय पैरों में नस पर नस चढ़ना अर्थात् अचानक कुछ मिनटों के लिए तेज दर्द से आहत होना।
  • 23. शरीर गिरा गिरा सा रहना, मानसिक दृढ़ता का अभाव प्रतीत होना।
  • 24. शरीर में पैरों के तलवों में जलन रहना या हाथ-पैर ठण्डे रहना।
➡ Neuromuscular disease :
  • (1.) Nervousness- व्यक्ति अपने भीतर घबराहट, बैचेनी, बार-बार प्यास का अनुभव करता है| किसी interview को देने, अपरिचित व्यक्तियों से मिलने, भाषण देने आदि में थोडा ह्रदय की धड़कन बढती हा नींद ठीक प्रकार से नहीं आती व रक्तचाप असामन्य रहता है| इसके लिए व्यक्ति के ह्रदय व मस्तिष्क को बल देने वाले पोषक पदार्थ (nervine tonic) का सेवन करना चाहिए तथा अपने भीतर अद्यात्मिक दृष्टिकोण का विकास करना चाहिए| सम भाव, समर्पण का विकास कर व्यक्तिगत अंह से बचना चाहिए| उदाहरण के लिए यदि व्यक्ति मंच पर भाषण देता है तो यह भाव न लाए कि वह कितना अच्छा बोल सकता है अपितु इस भाव से प्रवचन करे कि भगवान उसके माध्यम से kids को क्या संदेश देना चाहते है? भविष्य के प्रति भय, महत्वाकांक्षा इत्यादि व्यक्ति में यह रोग पैदा करते है|
  • (2.) Neuralgia – इसमें व्यक्ति को शरीर के किसी भाग में तेज अथवा हलके दर्द का अनुभव होता है|जैसे जब चेहरे का तान्त्रिक तन्त्र (Facial Nervous) रुग्ण हो जाता है तो इस रोग को triglminal neuralgia कहते है| इसमें व्यक्ति के चेहरे में किसी एक और अथवा पुरे चेहरे जैसे जबड़े, बाल, आंखे के आस-पास एल प्रकार का खिंचाव महसूस होता है| कुछ मनोवैज्ञानिक को ने पाया कि यह रोग उनको अधिक होता है जो दुसरो की ख़ुशी से परेशान होते है| इस रोग का व्यक्ति यदि हसना भी चाहता है तो भी पीड़ा से कराह उड़ता है| अर्थात प्रकृति दुसरो की ख़ुशी छिनने वालो की ख़ुशी छिन्न लेती है| अंग्रेजी चिकित्सक इसको Nervous व muscular को relax करने वाली दवाएं जैसे Pregabalin,Migorill, Gabapentin इत्यादि देते है|

  • (3.) Parkinson(कम्पवात) – इसमें व्यक्ति के हाथ पैरों में कम्पन होता है| जब व्यक्ति आराम करता है तो हाथ पैर हिलाने लगता है| जब काम में लग जाता है तब ऐसी कठिनाई कम आती है| इसके L-dopa दिया जाता है| कृत्रिम विधि से तैयार किया हुआ यह chennal कम ही लोगो के शरीर स्वीकार करता है| आयुर्वैदिक जड़ी कोंच के बीजों (कपिकच्छु) में यह रसायन मिलता है| अंत: यह औषधि इस रोग में लाभकारी है| इसके लिए कोंच के बीजों को गर्म पानी में मंद आंच पर थोड़ी देर पकायें फिर छिलका उतार कर प्रति व्यक्ति 5 से 10 बीजों को दूध में खीर बना ले| साथ में दलिया अथवा अंकुरित गेंहू भी पकाया जा सकता है| खीर में थोडा गाय का घी अवश्य मिलाएं अन्यथा चूर्ण की अवस्था अथवा कोंच पाक भी लाभदायक है| यह समस्त तान्त्रिक तन्त्र व मासपेशियों के लिए बलदायक है|
  • (4.) Alzheimer- इसमें व्यक्ति की यादगार (Memory)कम होती चली जाती है| न्यूरो मस्कुलर रोगों की चपेट में बहुत बड़े-बड़े व्यक्ति भी आए है| इस युग के जाने-माने भौतिक शास्त्र के वैज्ञानिक प्रो. स्टीफन हाकिन्स इसी से सम्बन्धित एक भयानक रोग से युवावस्था में ही पीड़ित हो गए व उनका सारा शरीर लकवाग्रस्त हो गया था| परन्तु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी व कठोर संघर्ष के द्वारा अपनी शोधों (Researches) को जारी रखा आज भी वो 65 वर्ष की उम्र में अपनी जीवन रक्षा के साथ-साथ विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे है| उनकी उपलब्धियों के आधार पर उनको न्यूटन व आइंस्टाइन जैसे महान वैज्ञानिकों की श्रेणी में माना जाता है|
➡ नस पर नस चढ़ना के कुछ घरेलू उपचार :
  • अगर आपकी नस पर नस चढ़ जाती है तो आप जिस पैर की नस चढ़ी है तो  उसी तरफ के हाथ की बीच की ऊँगली के नाखून के नीचे के भाग को दबाए और छोड़ें ऐसा जब तक करें जब तक ठीक न हो जाए!
  • नस पर नस चढ़ना एक बहुत साधारण सी प्रक्रिया है, लेकिन जब भी शरीर में कहीं भी नस पर नस चढ़ना जाए, जान ही निकाल देती है और अगर रात को सोते समय पैर की नस पर नस चढ़ना जाए तो व्यक्ति चकरघिन्नी की तरह घूम कर उठ बैठता है,

सूजन और दर्द अलग हो तो यदि आपके साथ हो जाये तो तुरंत ये उपाय करें

(आप लंबाई में अपने शरीर को आधा आधा दो भागों में चिन्हित करें, अब जिस भाग में नस चढ़ी है उसके विपरीत भाग के कान के निचले जोड़ पर उंगली से दबाते हुए उंगली को हल्का सा ऊपर और हल्का सा नीचे की तरफ बार बार 10 सेकेंड तक करते रहें | नस उतर जाएगी |)

  • सोते समय पैरों के नीचे मोटा तकिया रखकर सोएं।
  • आराम करें। पैरों को ऊंचाई पर रखें।
  • प्रभाव वाले स्थान पर बर्फ की ठंडी सिकाई करे। सिकाई 15 मिनट, दिन में 3-4 बार करे।
  • अगर गर्म-ठंडी सिकाई 3 से 5 मिनट की (द तरह की बदल-2 कर) करें तो इस समस्या और दर्द – दोनों से राहत मिलेगी।
  • आहिस्ते से ऎंठन वाली पेशियों, तंतुओं पर खिंचाव दें, आहिस्ता से मालिश करें।
  • वेरीकोज वेन के लिए पैरों को ऊंचाई पर रखे, पैर में इलास्टिक पट्टी बांधे जिससे पैरों में खून जमा न हो पाए।
  • यदि आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, तो परहेज, उपचार से नियंत्रण करें।
  • शराब, तंबाकू, सिगरेट, नशीले तत्वों का सेवन नहीं करें।
  • सही नाप के आरामदायक, मुलायम जूते पहनें।
  • अपना वजन घटाएं। रोज सैर पर जाएं या जॉग करें। इससे टांगों की नसें मजबूत होती हैं।
  • फाइबर युक्त भोजन करें जैसे चपाती, ब्राउन ब् सब्जियां व फल। मैदा व पास्ता जैसे रिफाइंड फूड का सेवन न करें।
  • लेटते समय अपने पैरों को ऊंचा उठा कर रखें। पैरों के नीचे तकिया रख लें, इस स्थिति में सोना बहुत फायदेमंद रहता है।
➡ भोजन :
  1. – भोजन में नीबू-पानी, नारियल-पानी, फलों – विशेषकर मौसमी, अनार, सेब, पपीता केला आदि शामिल करें।
  2. – सब्जिओं में पालक, टमाटर, सलाद, फलियाँ, आलू, गाजर, चाकुँदर आदि का खूब सेवन करें।
  3. – 2-3 अखरोट की गिरि, 2-5 पिस्ता, 5-10 बादाम की गिरि, 5-10 किशमिश का रोज़ सेवन करें।
  • विनम्र अपील : प्रिय दोस्तों यदि आपको ये पोस्ट अच्छा लगा हो या आप हिंदी भाषा को इन्टरनेट पर पोपुलर बनाना चाहते हो तो इसे नीचे दिए बटनों द्वारा Like और Share जरुर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पोस्ट को पढ़ सकें हो सकता आपके किसी मित्र या किसी रिश्तेदार को इसकी जरुरत हो और यदि किसी को इस उपचार से मदद मिलती है तो आप को धन्यवाद जरुर देगा.

Wednesday, May 10, 2017

क्या आप कोका-कोला सिर्फ पीते हैं??

कोका-कोला हर घर में रखनी चाहिए| इससे होने वाले 16 बहुत बड़े लाभ हैं जो इसकी हर कमी को दूर कर देते हैं| यह पोस्ट खूब शेयर करें ताकि कोकाकोला के बारे में दुर्भावना दूर हो| इसकी एक बोतल हर समय घर में रहनी चाहिए|

(1) चीनी मिटटी के बर्तनों पर लगे हर धब्बे को दूर करता है|
(2) घर में गलीचे पर लगे हर धब्बे को दूर करता है|
(3) खाने के बर्तनों पर हुए जलने के हर निशान को दूर करता है|
(4) कपड़ों पर लगी चिकनाई जो साबुन से दूर नहीं होती को मिटा देता है|
(5) बालो पर लगे रंग को तुरंत उतार देता है|
(6) किसी भी धातु पर लगे पेंट के धब्बों को तुरंत मिटा देता है|
(7) कार बैटरी और इन्वर्टर की बैटरी के टर्मिनलों पर जरने यानि जंग को तुरंत दूर कर देता है|
(8) सबसे बढ़िया कीटनाशक का काम करता है|
(9) टाइलों पर लगे धब्बों को तुरंत दूर कर देता है|
(10) टॉयलेट की सफाई सबसे बढ़िया करता है|
(11) पुराने सिक्कों में चमक ला देता है|
(12) अल्युमिनियम फॉयल को साफ़ कर देता है|
(13) च्युइंग गम के निशानों को दूर कर देता है|
(14) कपड़ों पर लगे खून के धब्बों को तुरंत साफ़ कर देता है|
(15) गंदे बालों की सफाई बहुत अच्छी तरह कर देता है|
(16) घर में इसको पानी में मिलाकर पोचा बहुत अच्छा लगता है| घर को कीटाणु रहित कर देता है|
एक लाभ और है उनकेलिए जो शीघ्र मरना चाहते हैं, वे इसका नियमित सेवन करें| आंतें खराब हो जायेंगी और यमराज से शीघ्र भेंट हो जायेगी|
इससे लाभ ही लाभ है| अतः हर घर में यह अवश्य रखना चाहिए|



कोका कोला के लिए 51 रचनात्मक उपयोग में शामिल हैं

1. Remove grease stains from clothing and fabric (I had to start there)

2. Remove rust; methods include using fabric dipped in Coke, a sponge or even aluminum foil. 

3. Remove blood stains from clothing and fabric.
4. Make gooey Coke funnel cakes . 
5. Clean oil stains from a garage floor; let the stain soak, hose off.
6. Loosen a rusty bolt; pour on some Coke and wait for the magic to happen.
7. Kill slugs and snails; a small bowl of Coke will attract them, the acid will kill them.
8. Help a lawn become lush and green (see my lawn tonic article here )
9. Prevent an asthma attack! Apparently, the caffeine in two 12oz cans can prevent the onset of an attack.
10. Defrost a frozen windshield. Apply liberally and wait (I’ll see if this works in winter)
11. Clean burnt pans; let the pan soak in the Coke, then rinse.
12. Descale a kettle using the same method in 11.
13. Neutralize a jellyfish sting.
14. Clean car battery terminals by pouring a small amount of Coke over each one.
15. Cure nausea; let a can of Coke go flat then take a teaspoon of Coke every hour. 
16. Also, flat coke can help relieve an upset stomach (aka “the runs”)
17. Make a Mentos & Coke exploding fountain. This one takes a 2-liter bottle of Coke.

18. Get rid of hiccups; gargle with a big mouthful of ice-cold Coke. 

19. Shake up a can and pour it over your windshield to remove bugs and other crud.
20. Use the method in 19 for your car bumpers, too. 
21. Clean your engine; Coke distributors have been using this technique for decades. 
22. Relieve congestion; boil and a can of Coke and drink while hot to clear you up.
23. Make a sweet BBQ sauce. Mix a can of Coke with ketchup and brush over ribs or chicken.
24. Baste a ham roast with Coke as it cooks. The sugars will caramelize; the ham will be moist. 
25. Add a can of coke to your pot roast to tenderize it and add extra flavor. (Thanks Linsey).
26. Make pretty pennies; soaking old pennies in Coke will remove the tarnish. 
27. Make your hair curly; pour flat Coke onto long hair, leave for a few minutes then rinse.
28. Age documents and photos; for that antique look, apply Coke, pat with paper, leave to dry. 
29. Clean tile grout; pour onto kitchen floor, leave for a few minutes, wipe up.
30. Mix a can of Coke with a packet of Italian seasoning; cook a tough steak in it.
31. Make better compost; Coke increases the acidity, adds sugars and feeds microorganisms. 
32. Dissolve a tooth in it; Use a sealed container, this takes ages. Why would you want to though, unless you’re Hannibal Lecter?
33. Remove gum from hair; dip into a small bowl of Coke, leave a few minutes. Gum will wipe off.
34. Get silky skin; mix a spoonful of Coke with regular lotion and apply liberally. 
35. Make low-fat brownies . 
36. Pour a little in a cup and set it out an hour before a picnic, away from your site; it will attract wasps and bees so they’re not bugging you and your grub. 
37. Remove stains from vitreous china. More info on vitreous materials here . 
38. Got a dirty pool? Add two 2-liter bottles of Coke to clear up the water (it acts as rust remover). 
39. Add Coke to your laundry to remove bad smells, especially fish. 
40. Remove (or fade) dye from hair by pouring diet Coke over it. 
41. Mop a floor with Coke to make it sticky. It’s a movie industry trick to stop actors slipping. 
42. Remove marker stains from carpet. Apply Coke, scrub, then clean with soapy water. 
43. Clean a toilet; pour around bowl, leave for a while, flush clean. 
44. Apply to skin for a deep tan (although this seems like a recipe for skin cancer to me).
45. Supposedly, drinking an 8oz can of Coke every day can prevent kidney stones.
46. Add it to a Sloppy Joe mix 
47. Perk up your Azaleas or Gardenias. 
48. Coke and aluminum foil will bring Chrome to a high shine. 
49. Strip paint off metal furniture; soak a towel in Coke, sit it on the surface for days. Make sure you keep adding Coke to keep the towel wet. (Seems like a hassle, I’d rather buy paint stripper.)
50. Add it to vodka, rum or bourbon.
51. Drink it straight from the can, if you can (too sweet for me)

And a few Coke fallacies:

  • Coke is not used by the authorities to clean blood from the roads after accidents.
  • Coke will not dissolve teeth or nails OVERNIGHT. It takes a long time.
  • Coke and aspirin will not get you high.
  • Coke is not an effective spermicide.
  • Coke poured onto raw pork will not cause worms to come crawling out of it.
  • The acids in Coke do not make it dangerous to drink (your own stomach acids are much stronger).
  • Drinking too much Coke will not make you die from CO2 poisoning.
  • Coke does not contain cocaine (although it used to).
  • Coke did not become carbonated by accident.

दर्द से हैं परेशान, आजमाइए आयुर्वेदिक पेनकिलर


ज़िंदगी की भागदौड़ अक्सर हमें शरीर के कई हिस्सों में दर्द दे देती है। सिरदर्द, हाथ-पैर दर्द, पीठ दर्द तो जैसे अब लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा है। आप घर के कामकाज करते हों या बाहर नौकरी, ये दर्द कभी न कभी आपको परेशान ज़रूर करते होंगे। शरीर में दर्द होने पर कम ही लोग डॉक्टर के पास जाते हैं, ज़रूरत पड़ने पर सबसे आसान रास्ता अपनाते हैं, जो कि ‘पेन किलर’ है। पेन किलर अमूमन एलोपैथिक दवाओं में आती है। ये भले ही कुछ मिनटों में आपको दर्द से राहत दे, लेकिन इनका ज्यादा सेवन आपको कई नई बीमारियां दे सकता है। तो क्या एलोपेथिक के अलावा कहीं और इस दर्द का इलाज नहीं? जानने के लिए हमने आयुर्वेदिक डॉक्टर नाज़िया नईम से बातचीत की।

पेन का कॉन्सेप्ट

डॉक्टर नाज़िया कहती हैं, पेनकिलर्स पर बात करने से पहले हमें ‘पेन’ का कॉन्सेप्ट समझ लेना चाहिए। कमरे में गंदगी हो तो या तो लाइट ऑफ़ कर दें ताकि गन्दगी ना दिखे या कमरा साफ़ कर दें। ज़ाहिर है दूसरे विकल्प में समय और प्रयास लगेगा पर कमरा साफ़ हो जाएगा। ये जो पेनकिलर है, ये लाइट स्विच ऑफ़ करने वाला ही विकल्प हैं। दर्द और बुख़ार कोई बीमारी नहीं बल्कि बीमारी के लक्षण मात्र हैं। ये हमारे शुभचिंतक हैं, हमें सचेत करते हैं कि शरीर में समस्या है, इसे हल करो।और हम क्या करते हैं, समस्या की तरफ ध्यान दिलाने वाले व्हिसल ब्लोअर का ही मुंह बंद करवाने दौड़ पड़ते हैं। सबसे ज़्यादा इसकी ही दवा खाई जाती हैं। समस्या तो अपनी जगह रहती ही है (बल्कि बढ़ भी सकती है), ऊपर से पेनकिलर्स के साइड इफेक्ट और क्षतिग्रस्त किडनी लिवर तोहफे में।

आयुर्वेद का पेन मैनेजमेंट

बार-बार पेन किलर खाने से पहले हमें आयुर्वेद में इस समस्या के लिए संभावनाएं देखनी चाहिए। आयुर्वेद में पेन मैनेजमेंट इस तरह होता है कि दर्द कम करने के साथ साथ जिस वजह से दर्द हो रहा है, वह भी दूर की जाए केवल सिम्पटमेटिक या लाक्षणिक चिकित्सा नहीं हो। डॉक्टर नाज़िया ने बताया, आयुर्वेद में दर्द को शूल कहा जाता है। सिरदर्द- शिरः शूल, पेटदर्द-उदरशूल, कमरदर्द-कटि शूल, दांतदर्द- दंतशूल आदि। इनके लिए सिर्फ दादी नानी के नुस्खे, अजवाइन, लौंग, हल्दी ही नहीं बल्कि सैकड़ों शास्त्रोक्त और पेटेंट प्रॉडक्ट्स हैं। ये वेदनास्थापन और शूलघ्न औषधियां कहलाती हैं। पर ये अकेले नहीं दी जाती। साथ में, उस समस्या या रोग को खत्म करने वाली दवाइयां, डाइट और योगासन भी बताए जाते हैं।

दर्द या शूल हमेशा वात के कारण होता है। वात-पित्त-कफ में जब असंतुलन होता है और वात बढ़ जाता है, दर्द होता है। वात संतुलित हो जाए तो दर्द भी दूर हो जाता है। डॉक्टर नाज़िया के मुताबिक, कुछ सामान्य औषधियां जो रोगी और रोग के अनुसार दी जाती हैं, उनमें प्रमुख हैं- पेटदर्द में- शूलवज्रिणी वटी, शंख वटी, अमृत धारा आदि। अगर माहवारी का दर्द है तो साथ में ज़ीरा-काला नमक युक्त छाछ या मठा लें। इसका आसानी से एब्सॉर्ब होने वाला कैल्शियम क्रैम्प्स और दर्द में राहत देगा। एंटी इन्फ्लामेट्री-एनाल्जेसिक्स- जोड़ों में, कमर में, गर्दन में, हाथ पैरों में सामान्य रूप से होने वाले दर्द में गुग्गुल की बहुत सारी तैयारियां बहुत प्रभावी हैं। योगराज गुग्गुल, वातारि गु., सिंहनाद गु., त्र्योदशांग गु., गुग्गुलतिक्त घृत आदि। शल्लकी, लशुनपाक भी असरकारक हैं।

सिरदर्द में- शिरः शूलादि वज्र रस दांत दर्द में- लौंग का तेल लगाने को, दशन संस्कार चूर्ण मंजन इनके अलावा प्रभावित जगह पर तेल की मालिश बहुत प्रभावी है क्योंकि तेल वात का शमन करने में बेस्ट है। महानारायण तेल, महाविषगर्भ तेल, प्रसारिणी तेल, बला तेल, चन्दनबलालाक्षादि तेल, क्षीरबला तेल, निर्गुन्डी तेल आदि की नियमित मसाज करें। ये सामान्य घरेलू नुस्खों से जब दर्द न कम हो तो चिकित्सीय परामर्श से लें। साथ में ज़रूरी अन्य औषधियां भी।

डैंड्रफ अब और नहीं बस


सही देखभाल के अभाव में बालों में कई समस्‍याएं हो सकती हैं। डैंड्रफ या रूसी भी उनमें से एक है। जो सिर की त्‍वचा में स्थित मृत कोशिकाओं के कारण पैदा होती है। बालों में डैंड्रफ होने से बाल बेजान हो जाते है, गिरने लगते हैं और सिर में खुजली भी रहती है। लेकिन बालों की थोड़ी सी देखभाल और घरेलू उपायों द्वारा आप न सिर्फ बालों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं बल्कि डैंड्रफ से भी छुटकारा पा सकते हैं।

1 बालों की सफाई

डैंड्रफ का सबसे बड़ा कारण है स्‍कैल्‍प की ठीक तरह से सफाई न हो पाना। अधिक पसीना और सीबम उत्‍पन्‍न करने वाली ग्रंथियों के ज्‍यादा सक्रिय होने के कारण भी यह समस्‍या होती है। इसलिए डैंड्रफ की समस्‍या होने पर बालों की सफाई पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए। ऐसे में आपको हफ्ते में दो से तीन बार बालों को किसी अच्‍छे हर्बल शैम्‍पू से धोना चाहिए।

2 तेल की मालिश

बालों की सभी समस्‍याओं खासकर डैंड्रफ का भी सबसे कारगर उपचार है तेल मालिश। तेल मालिश से बालों को पोषण मिलता है। सिर की मांपेशियां उत्तेजित होती है और रक्त संचार भी तेज होता है। और बाल स्‍वस्‍थ, सुन्‍दर, घने, लंबे और रूसी रहित बनते हैं। इसलिए हफ्ते में एक बार तेल लगाकर बालों की मालिश करना अति आवश्यक है।

3 स्‍टीम

मालिश के पश्चात बालों के रोमकूपों से गन्‍दगी व मैल साफ करने के लिए स्‍टीम देना अच्‍छा रहता है। इसके लिए गर्म पानी से तौलिया भिगोकर बालों पर अच्‍छी तरह से लपेट लें। स्‍टीम से रोमकूपों में फंसी मैल और मृत कोशिकाएं आदि निकल जाती है व तेल भी अच्‍छी तरह से सिर की त्वचा में चला जाता है जिससे बालों की जड़ें मजबूत बनती है और डैंड्रफ की समस्‍या भी दूर होती है।

4 फायदेमंद आंवला

स्‍वस्‍थ एवं सुन्दर बालों के लिए कैरोटिन आवश्यक तत्व है जो आंवले में पाया जाता है। बालों को पोषण देने के लिए आप आंवले का तेल लगा सकते हैं। या तुलसी और आंवले के पाउडर का लेप बनाकर इस लेप से सिर पर मालिश करें। और लगभग आधे घण्टे के लिये इस लेप लगा रहने दें। इसके बाद शैंपू से बालों को अच्छी तरह से धो लें। डैंड्रफ की समस्‍या के लिए यह बहुत ही प्रभावकारी उपाय है।

5 सहजन की फलियां

सहजन की पत्तियों के रस को लगाने से डैंड्रफ खत्म हो जाती है। सहजन की फलियों को उबालकर तैयार किया गया पल्प नहाते समय सिर पर शैंपू की तरह इस्तेमाल किया जाए तो यह बाजार में उपलब्ध किसी भी विटामिन ई युक्त शैंपू से बेहतर साबित होगा।


6 मेथी से उपचार

मेथी में निकोटिनिक एसिड और प्रोटीन पाया जाता है जो बालों की जड़ों को पोषण देता है। मेथी से उपचार के लिए 2 चम्मच मेथी को रात भर पानी में भिगो कर सुबह पीस लें। इस लेप को अपने बालों और सिर पर कम से कम 30 मिनट के लिये लगायें। 30 मिनट के बाद बालों को किसी अच्‍छे हल्‍के शैम्‍पू से धो लें। इससे रूसी हटेगी, बाल मजबूत होगें और टूटने से बचेगें।

7 तिल का तेल

तिल का तेल लगाने से बाल मजबूत, घने, लम्‍बे होते है और साथ ही रूसी भी दूर होती है। इसके लिए बालों मे तिल के तेल की मालिश करें। मालिश के बाद बालों को गर्म तौलिये से स्‍टीम करें। इस तरह पांच मिनट तक करें। थोड़ी देर बाद सिर धो लें।

8 नींबू का रस

नींबू के रस में विटामिन सी, ए, बी, फॉसफोरस और एंटीऑक्‍सीडेंट पाया जाता हैं जिससे बाल चमकदार और घने बनते हैं। अगर बालों में डैंड्रफ है तो गर्म तेल में नींबू के रस को डाल कर मालिश करने से यह दूर हो जाती है साथ ही बालों का झड़ना भी  रुक जाता हैं। नहाने से पहले नींबू के रस से सिर की मालिश कर बालों को धोने से भी फायदा होता है।

9 दही और काली मिर्च

दही के सेवन से स्‍कैल्‍प पर नमी आती है। जिससे डैंड्रफ से छुटकारा पाया जा सकता है। डैंड्रफ की शिकायत होने पर बालों को दही में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सिर धोयें। यह हफ्ते में दो बार अवश्य करें। इससे बालों की डैंड्रफ तो दूर होगी, साथ ही बाल मुलायम, काले, लंबे व घने होंगे।

10 गुडहल के फूल

गुडहल के फूल से बना तेल डेंड्रफ के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसके उपयोग के लिए गुडहल के फूल का पेस्‍ट और नारियल के तेल को पानी में कुछ मिनटों के लिए उबाल लें। ठंडा होने पर इसे स्‍कैल्‍प पर लगाये और रात भर के लिए छोड़ दें, सुबह किसी अच्‍छे शैम्‍पू से सिर धो लें। कुछ ही दिनों में डैंड्रफ दूर हो जाएगी !

Tuesday, May 9, 2017

घुटनों में दर्द के लिए जोड़ों की चिकनाई भी हैं कारण

Knee Pain Home Treatment and Ghutno main dard Gharelu Upay in hindi घुटनों में दर्दसे निवारण के लिए यह ब्लॉग पढ़े . इसमें वे सही घरेलु नुस्खे हैं जिन्हें आप आसानी से कर सकते हैं . फिर भी अगर आपको बहुत लम्बे समय से दर्द है तो डॉक्टर से जरुर संपर्क करें . ऐसे दर्द को नजरअंदाज ना करें .

घुटनों एवम जोड़ो का दर्द आज के समय में बहुत बड़ी परेशानी हैं जो उम्र देख कर नहीं आती . इसका सबसे बड़ा कारण हैं जरुरत से ज्यादा वजन होना . रोगों की इस दुनियाँ में मनुष्य को सबसे पहले अपने शरीर के प्रति उत्तरदायी होना चाहिये . अगर आपका वजन अधिक हैं तो उसे समय रहते कम करें साथ ही कम हैं तो उसे बढायें .

आवश्यक्ता से अधिक वजन कम होना या अधिक होना दोनों ही नुकसान देह हैं . इसके अलावा भी शरीर की अच्छी रोकथाम के लिए दैनिक रूप से योग, प्राणायाम, सैर अथवा जिम जैसे कार्य करना अनिवार्य होना चाहिये . माना कि आज के वक्त में अगर रोग बढ़े हैं तो उसके उपाय भी हैं लेकिन मेडिकल उपाय से कई ज्यादा अच्छे उपाय योग साधना, प्राणायाम अथवा रोजमर्रा के घरेलु साधनों में हैं . लेकिन यह समय रहते अपनायें जायें तो इनका फायदा जरुर मिलता हैं .

घुटनों में दर्द एक बहुत बड़ी दर्दनाक तकलीफ हैं जब भी घुटनों का दर्द होता हैं, नानी याद दिला देता हैं .

घुटनों में दर्द से बचने के लिए शारीरिक व्यायाम एवम घरेलु उपाय सदैव शल्यचिकित्सा से बेहतर होते हैं परन्तु यह उपाय समय रहते करने पर ही उचित लाभ देते हैं . समय बीत जाने पर इनका असर नहीं होता . अतः समय रहते जाग जायें और घुटनों के दर्द जैसे रोगों को नज़रअंदाज ना करें .

घुटनों में दर्द के तीन अहम् कारण (Reason of Knee Pain):

वजन  (Weight):

अगर शरीर का वजन अधिक हैं और घुटने की मांस पेशा कमज़ोर हैं तो घुटनों का दर्द होता हैं . इसके लिए रोजाना सैर पर जायें हो सके तो दौड़ लगायें .साथ ही नियमित योग करें .इसके बारे में विस्तार से पढ़े .

लुब्रिकेंट की कमी

शरीर के जोड़ो में दर्द का कारण हैं शरीर से लुब्रिकेंट की कमी हो जाती हैं एक ऐसा तरल पदार्थ जिसके कारण जोड़ो को मूव करने में आसानी होती हैं अगर इसकी कमी हो जाती हैं तो घुटनों में दर्द रहता हैं .

अत्यधिक शारीरक कार्य :

अगर आपने अपने जवानी के दिनों में जरुरत से ज्यादा दौड़ा हैं या किसी खेल के खिलाड़ी जैसे दौड़, फ़ुटबाल, क्रिकेट या हॉकी आदि रहे हो तो भी एक वक्त के बाद घुटने जवाद दे जाते हैं और उनमे दर्द होने लगता हैं . इसके अलावा कई लोग जिम में आवश्यक्ता से अधिक ट्रेडमील और साइकिलिंग करते हैं सोचते हैं इससे वजन कम होगा लेकिन बाद में यह सिविअर घुटनों के दर्द (Ghutno main dard ) का कारण बन जाता हैं . इसलिए बार बार कहते हैं कि कोई भी कार्य जरुरत से ज्यादा करने पर वो तकलीफ देता हैं .

यह हैं तीन मुख्य कारण जिनकी वजह हैं घुटनों में दर्द (Ghutno main dard ) रहता हैं .आगे जाने कुछ घरेलु नुस्खे जिनसे घुटनों के दर्द में राहत मिल सकती हैं .

घुटनों में दर्द के लिए घरेलु उपाय 

Knee Pain Gharelu Upay in hindi

बर्फ की सिकाई :

घुटनों के दर्द (Ghutno main dard ) से तुरंत राहत पाने के लिए बर्फ के टुकड़े से सिकाई की जाती हैं इससे रक्त का प्रवाह ठीक होता हैं और घुटने में आई सुजन एवम दर्द दोनों में राहत मिलती हैं . बर्फ की सिकाई के लिए उसे एक कपड़े में लपेट कर धीरे- धीरे घुटने पर रगड़ते हैं यह प्रक्रिया 10 से 20 मिनिट तक दौहाराएँ इससे आपको तुरंत राहत मिलेगी .

एप्पल साइडर सिरका भी घुटनों के दर्द में सहायक होता हैं :

एप्पल साइडर सिरका घुटनों के दर्द (Ghutno main dard ) में राहत पहुँचाता हैं .यह घुटनों अथवा अन्य जोड़ वाले स्थान के आस- पास के हानिकारक टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालता हैं साथ ही जोड़ो के लुब्रिकेंट को बढ़ाता हैं जिससे घुटनों अथवा जोड़ो के दर्द में राहत मिलती हैं .

एप्पल साइडर सिरका लेने का तरीका :

सिरका नहाते वक्त अपने गरम पानी में दो कप भरकर मिलायें एवम उस पानी से घुटनों की सिकाई करें .एप्पल साइडर सिरका के साथ सरसों का तेल लेकर उससे घुटनों की मालिश करें .दो टेबल स्पून एप्पल साइडर सिरका दो गिलास पानी में मिलायें और धीरे- धीरे उस पानी को पियें .

इससे घुटनों के दर्द एवम अन्य जोड़ो के दर्द में राहत मिलेगी .

मैथी दाना :

मैथी दाना जोड़ो के एवम घुटनों के दर्द में राहत देता हैं . इसके लगभग 30 से 90 दिनों के सेवन बाद बरसों पुँराना दर्द ठीक होने लगता हैं .

मैथी दाना कैसे ले :

10 से 15 ग्राम मैथी दाने का चूर्ण बनाकर रखले और रोजाना खाली पेट एक गिलास गरम पानी के साथ एक चम्मच खाले .8 से 10 मैथी दाने को रात भर भिगो कर रखे सुबह उठते ही उसे पानी सहित खाले .

रोजाना 30 से 90 दिन यह उपाय करने पर बरसो पुराने घुटने के दर्द या अन्य जोड़ो के दर्द से आपको राहत मिलेगी .

अदरक का सेवन :

अदरक एक गुणकारी जड़ीबुटी की तरह काम करता हैं इसके सेवन से कई तरह के रोग दूर होते हैं . अदरक एक दर्द निवारक की तरह काम करता हैं इसके सेवन से शरीर के सभी दर्द दूर होते हैं साथ मस्सल्स दर्द भी ठीक होता हैं .यह मांस पेशी कि जकड़न को कम करता हैं जिससे दर्द में राहत मिलती हैं .

कैसे करें अदरक का सेवन :

रोजाना दो से तीन बार अदरक की चाय पियें .अदरक का रस को पानी में मिलाकर उसे उबाले और शहद एवम नींबू के रस के साथ मिलाकर पीयें .अदरक का रस एवम शहद मिलाकर पीयें .अदरक के तेल से घुटनों एवम दर्द वाली जगह पर रोजाना 2 से 3 बार मालिश करे .

अदरक के यह सभी उपाय आपको घुटनों के दर्द में राहत देंगे .

गुणकारी हल्दी दे घुटनों के दर्द में राहत :

दर्द में हल्दी बहुत फायदेमंद हैं जिसमें ऐसे गुण होते हैं जो दर्द विनाशक होते हैं . साथ ही शरीर के अंगो की सुजन ठीक करने में भी सहायक होते हैं . अतः लोग रात्रि में हल्दी का दूध लेते हैं . गठिया के दर्द में भी हल्दी अत्यंत लाभकारी हैं .

कैसे ले हल्दी ?

आधा चम्मच हल्दी को एक गिलास पानी में डालकर उसे उबाले और शहद के साथ ले .हल्दी को गरम करके शहद के साथ चाटे .आधा चम्मच हल्दी दूध में डालकर उबाले और उसे पीयें .

इस तरह किसी न किसी रूप में हल्दी का सेवन करें इससे शारीरक दर्द में आपको राहत मिलेगी .

नीबू एवम आँवला :

किसी भी तरह के दर्द में राहत के लिए नींबू एवम आँवला खाने से शारीरक दर्द अथवा गठिया के दर्द में राहत मिलती हैं इसके लिए नींबू को रोजाना खाने के साथ ले सकते हैं . आँवले का रस भी ले सकते हैं .

इस तरह यह सभी बहुत अच्छे, आसान एवम बिना किसी नुकसान के किये जाने वाले उपाय हैं जिनसे घुटनों के दर्द में राहत मिलती हैं .

यह घुटनों में दर्द के लिए घरेलू नुस्खे इसके अलावा कुछ योगासन हैं जो घुटनों के साथ, पीठ एवम कमर के दर्द में भी फायदेमंद रहते हैं .

सबसे मुख्य जिनके घुटनों में दर्द (Ghutno main dard ) रहता हैं उन्हें रोजाना 30 मिनिट सैर करना जरुरी हैं और अगर आप दौड़ सकते हैं तो बहुत अच्छा होगा .

घुटनों में अथवा अन्य शारीरक दर्द के लिए योगासन :

क्रमांकयोगासन नाम कैसे करें योगासन 

1 ताड़ासन सीधे खड़े होकर, अपनी पीठ सीधी करें और धीरे से अपने पंजो के बल पर खड़े होकर जितना हो सके उसे खींचे . ऐसा बार- बार करें और कुछ  समय उसी स्थिती में होल्ड करें . 

2 पदहस्तासन इसमें सीधे खड़े होकर कम को आगे की तरफ झुकाते हैं और घुटनों को मोड़े बिना पैर के पंजे छूते हैं . 

3 पर्वतासन पदहस्तासन करते हुए हाथो को आगे की तरफ ले जाते हुए फर्श पर रखते हैं एवम पैरो को पीछे की तरफ ले जाते हैं. पीठ को उपर की तरफ रखते हैं एक पर्वत का आकार बनाते हैं . साथ ही रीढ़ की हड्डी एवम घुटनों को सीधे रखते हैं . 

4 त्रिकोणासनइसमें पैरो को फैलाकर कमर से झुकते हैं एवम सीधे हाथ से उल्टा पैर एवम उलटे हाथ से सीधे पैर के पंजे को क्रमशः छूटे हैं . 

5 भुजंगासनइसमें पेट के बल लेट कर हाथ के पंजो को जमीन पर सटा कर रखते हैं और कोहनी को थोड़ा खोलकर शरीर आगे के भाग को उपर की तरह उठाते हैं . ध्यान रहे कोहनी थोड़ी मुड़ी हुई रहती हैं . 5अश्व संचालनासनअपने बायें पैर/ दायें पैर को दोनों हांथो के बीच रखे और घुटने को मोड़े, दाहिने पैर/ बायें पैर को पीछे कि तरफ ले जायें . गर्दन को पीछे के तरफ जितना हो सके झुकायें . पैर बदल कर पुन: प्रक्रिया दौहरायें . 

ऐसे कई योगासन हैं जो शारीरक तकलीफों में आराम देते हैं और कोई नुकसान भी नहीं देते 

. Knee Pain HomeTreatment In Hindi Ghutno main dard यह आर्टिकल खास आपको घुटनों के दर्द ह  देगा और सभी नुस्खे घर के हैं जो आपको आसानी से उपलब्ध होंगे . और कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं .

योग के बहुत से फायदे हैं इसे जीवन का अहम् हिस्सा बनांये . किसी भी बीमारी का घरेलु इलाज ही सबसे उत्तम उपाय होता हैं .क्यूंकि ना इसमें बहुत पैसा लगता हैं और ना ही कोई नुकसान पहुँचता हैं .साथ ही इसके कई लाभ मिलते हैं . योग के एक नहीं अनेक लाभ हैं . यह योग के लाभ जानने के लिए क्लिक करे .योग के लाभ जानने के लिए पढ़े.

योग विधा में सबसे अधिक उपयोगी योग सूर्य नमस्कार हैं . जिसके कई फायदे हैं यह वजन कम करने के साथ शरीर को सुडोल बनाता हैं . इसके सभी 12 योगो में सारे गुण विद्यमान हैं . बड़े- बड़े फिल्म स्टार भी रोजाना सूर्य नस्कार से अपने दिन की शुरुवात करते हैं . समय निकालकर अपने जीवन को स्वस्थ बनाये और सूर्य नमस्कार करें . यह शरीर की बनावट को संतुलित करता हैं और उसमे लचीलापन बनाये रखता हैं जिससे शारीरिक दर्द से राहत मिलती हैं!

घुटनों के दर्द  में राहत के लिए इस आर्टिकल से आपको कितना फायदा हुआ . क्या आप इसके अलावा भी अन्य नुस्खे जानते हैं जिससे रोगियों को राहत मिले तो हमसे जरुर शेयर करें .