ये रोग शरीर में रक्त की कमी के कारण होता है | जब शरीर में रक्त की कमी हो जाती है तब ये रोग जन्म ले लेता है | ये रोग मुखयतः महिलयों में ज्यादा होता है | प्रेग्नेंट स्थिति में ज्यादा होता है | जब रक्त में लाल रक्त कोशिकायों की कमी हो जाती है तो इसके साथ साथ हिमोग्लोबिन की भी कमी हो जाती है | हिमोग्लोबिन शरीर में आक्सीजन पहुंचाता है | इसकी संख्या मे कमी आने से शरीर मे ऑक्सीजन की आपूर्ति मे भी कमी आती है जिसके कारण व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है। शरीर में रक्त की कमी का सबसे मुख्य कारण आयरन है | ये वास्तम में कोई बीमारी नहीं है पर जब व्यक्ति में रक्त की कमी हो जाती है तब कहते है की इसको एनीमिया है | भाइयो एनीमिया का आयुर्वेद में बहुत अच्छा इलाज है जो की आपको नीचे बताया गया है |
शरीर मैं आयरन की मात्रा :-
महिलाओं को प्रतिदिन 18 मिग्रा आयरन और पुरुषों को रोजाना 8 मिग्रा आयरन लेना चाहिए। हालांकि आयरन की मात्र व्यक्तिगत लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करती है।
एनीमिया के कारण :-
1. शरीर में रक्त का कम होना |
2. शरीर में ज्यादा दिनों तक बीमारियों का रहना जेसे : पीलिया , सुगर , बुखार इत्यादि |
3. रक्त में आयरन की कमी हो जाने के कारण |
4. गलत दवायों का प्रयोग करने से |
5. लाल रक्त कोशिकायों का कम हो जाना |
6. लीवर का सही तरह से कम न करना |
7. पेट में इन्फेक्शन के कारण |
8. शरीर द्वारा लौह और अन्य आहार के उपयोग मे समस्या।
9. योनिक रक्तस्राव या भारी मासिक स्राव।
10. शिशुओं को दिये जाने वाले खाद्य अनुकल्प मे लौहतत्व की कमी।
रक्ताल्पता(एनीमिया) के लक्षण :-
1. शरीर का पीला पड़ जाना |
2. कमजोरी और थकावट महसूस होना |
3. हाथ पेरो का ठंडा पड़ जाना |
4. नाखूनों का पीला पड़ जाना |
5. लीवर का काम न करना |
6. चक्कर आना |
7. जोड़ों में दर्द होना |
एनीमिया का आयुर्वेदिक उपचार
1. सेब और चुकन्दर का रस
चुकन्दर में फोलिक एसिड की उच्च मात्रा होती है और सेब में लौह तत्व होते हैं। यह दोनों ही खून की कमी को दूर करते हैं। इसके लिए एक कप चुकन्दर के रस और एक कप सेब के रस में दो चम्मच शहद का रस कर नियमित रूप से दिन में दो बार पीने से एनीमिया ठीक हो जाता है।
चुकन्दर से इलाज कैसे करें :- इसका सुबह- सुबह सेवन करना है सलाद के साथ भी आप इसका सेवन कर सकते है | और अनार का भी सेवन करें जितना हो सकें |
कितने समय तक प्रयोग करें :- तीन महीने तक इसका सेवन करें |
2. तिल और शहद
एक चम्मच तिल के बीज को दो घंटे तक पानी में भिगोकर रखें, पानी को छानकर बीज का पेस्ट तैयार कर लें। बाद में उसमें एक चम्मच शहद को मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से एनीमिया में राहत मिलती है।
3. पालक का सेवन
पालक में भरपूर मात्रा में लौह तथा विटामिन बी 12 पाया जाता है, इसके साथ ही इसमें फोलिक एसिड की भी उच्च मात्रा मौजूद होती है। पालक का सेवन करने से खून की कमी पूरी हो जाती है, इसके लिए हमें पालक का सूप बनाकर, या पालक का साग बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
4. अनार का सेवन
अनार में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ आयरन और कैल्शियम की भी उच्च मात्रा होती है। इसका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन तेजी के साथ बढ़ता है। अनार शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को तेजी से बढ़ाकर रक्त संचार को ठीक रखता है। एनीमिया होने पर खाली पेट अनार का सेवन करना चाहिए और साथ में प्रतिदिन अनार का जूस पीना चाहिए।
5. टमाटर का सेवन
शरीर में आयरन की मात्रा लेने के साथ यह भी जरूरी होता है कि आपके शरीर में आयरन को सोखने की क्षमता हो। इसमें टमाटर एक अहम भूमिका को निभाता है। ऐसे में हमें हर रोज दो कच्चे टमाटरों का सेवन आवश्य करना चाहिए। आप टमाटर का रस खाने में और सलाद के रूप में भी कर सकते हैं।
6. खजूर
खजूर आयरन का एक अच्छा स्रोत होता है। सौ ग्राम खजूर में 90 मिलीग्राम आयरन की मात्रा मौजूद होती है। दो खजूर को एक गिलास दूध में रात को छोड़ दें और सुबह खजूर को खाली पेट चबाकर खाएं और बचा हुआ दूध भी पी लें। इससे आपको एनीमिया में बहुत ही राहत मिलती है।
7. किशमिश
एनीमिया का आयुर्वेदिक उपचार किशमिश में भी छिपा है क्योंकि किशमिश में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, सोडियम जैसे उच्च तत्व पायें जाते हैं। यह एनीमिया के लिए एक बेहतर उपचार होता है, इसके लिए रात को एक कप पानी में 10 से 15 किशमिश भिगों दें। सुबह इस किशमिश में शहद मिलाकर इसका सेवन करें और बचा हुआ पानी पी लें।
8. शहद
शहद लौह और विटामिन बी 12 का उच्च स्रोत माना जाता है। शहद का नियमित रूप से सेवन करने से एनीमिया की कमी को पूरा किया जा सकता है।
9. हरे धनिये से इलाज :-
हरे धनिये से इलाज कैसे करें :- जिन व्यक्तियों को एनीमिया है या खून की कमी है उन्हें रोज हरे धनिये की चटनी बनाकर खानी चाहिए चटनी न खा सकें तो उसका रश निकालकर पियें |
कितने समय तक प्रयोग करें :- तीन महीने तक इसका सेवन करें |
10. गौ मूत्र से इलाज :-
गौ मूत्र से इलाज कैसे करें :- एनीमिया का सबसे अच्छा इलाज है गौ मूत्र ये आपको सुबह-सुबह खाली पेट पीना है याद रहे की मूत्र सिर्फ देशी गौ माता का ही होना चाहिए |
कितने समय तक प्रयोग करें :- तीन महीने तक इसका सेवन करें |
11. हरी सब्जियों से इलाज :- खून की कमी को दूर करने के लिए जितनी हो जाए इतनी हरी सब्जियों का सेवन करें जेसे पलक, मेथी, मूली, लोकी, पत्ता गोभी इत्यादि |
एनीमिया में परहेज :-
1. चाय, काफी, इत्यादि का सेवन न करें |
2. सोयाबीन, मटर, सूखे मेवे इत्यादि का सेवन करें |
3. खाना के तुरंत बाद पानी व् चाय का सेवन न करें |
4. चीनी की जगह गुड का प्रयोग करें |
एनीमिया से बचने के उपाय :-
1. पौष्टिक आहार का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें |
2. साधारण तौर पर युवाओं में एनीमिया का उपचार बहुत आसानी से हो जाता है, जबकि वयस्क में एनीमिया की शिकायत जल्दी से दूर नहीं हो पाती है।
3. खून की कमी दूर करने के लिए सबसे पहले खाने में हरी सब्जियां (पालक, मेथी), फल व सलाद की मात्रा बढ़ानी चाहिए।
4. फल जैसे खजूर, तरबूज, सेब, अंगूर, किशमिश और अनार खाने से खून बढ़ता है। अनार खाना एनीमिया में काफी फायदा करता है।
प्राणायाम करें :-
सुबह-सुबह थोड़ी-थोड़ी सेर कराएँ और और प्राणायाम कराएँ जेसे आलोम-बिलोम , कपालभाती इन दोनों प्राणायाम को करने से कोई भी बीमारी पास नहीं आ सकती और अगर कोई बीमारी है तो वो भी जल्द ही ठीक हो जाएगी|
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