Friday, August 18, 2017

बादाम से बेहतर है 25 ग्राम भीगे चने ।।

रोज सुबह भीगे बादाम खाना फायदेमंद है, लेकिन भीगे हुए चने खाना बादाम से भी ज्यादा फायदेमंद है. सस्ते दाम में मिलने वाले चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, फैट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है. जो आपका दिमाग तो तेज करते ही हैं. साथ ही सुंदरता भी बढ़ाता है. तो चलिए जानते हैं रोज सुबह भिगोए हुए चने खाने के फायदे.


* चने में विटामिन, मिनरल्स, क्लोरोफिल और फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है. जिसकी वजह से रोज सुबह भीगे चने खाने पर इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है.

* डायबिटिज रोगी को रोज सुबह 25 ग्राम भीगे चने खाना लाभदायक है. खाली पेट इसे खाने से डायबिटीज से मुक्ति मिलती है.

* अगर आपको पेट दर्द और कब्ज की शिकायत है तो रोज सुबह चने में अदरक, जीरा और नमक मिलाकर खाएं. इससे पेट दर्द की कई समस्याओं से छुटकारा मिलेगा.

* रोज सुबह चने में नीबू, अदरक, नमक और काली मिर्च मिलाकर खाने से शरीर स्वस्थ होता है. साथ ही दिनभर काम करने के लिए भरपूर एनर्जी भी मिलती है.

* पुरुषों में होने वाली किसी भी कमजोरी के लिए फायदेमंद है चना. रोज सुबह चनो भिगोकर खाएं इससे आप स्वस्थ रहेंगे और शरीर को एनर्जी भी मिलेगी.

ऐसे घटाये परिणीती चोपड़ा ने अपने वजन के 29 किलो

कम समय में बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाली परिणीति चोपड़ा के प्रशंसकों को जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड में आने से पहले की परिणीति और अब की परिणीति में कितना अंतर है।कभी 86 किलो के वजन वाली परिणीति चोपड़ा आज 57 किलो की हैं। फिल्मों में आने की इच्छा ही सही, वजन घटाने के लिए उन्होंने काफी मशक्कत की है। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया है, ''मैं केवल 25 साल की थी और मेरे पास मोटा दिखने की कोई वजह नहीं थी। मैंने स्लिम दिखने के लिए बहुत मेहनत की है। मैं कपड़े न फिट होने की सोच से भी थक चुकी थी और विकल्प यही था कि मैं फिट हो जाऊं।''


38 से 30 साइज तक की मशक्कत

परिणीति किसी दौर में 38 इंच की वेस्ट वाली जीन्स पहनती थीं और अब 30 इंच की उनकी कमर है। इसके लिए उन्होंने ज‌िम में वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज की मदद लें। उनका वर्कआउट रिजाइम कुछ ऐसा है।

- रोज सुबह जॉगिंग।
- इसके बाद ध्यान करना।
- फिर एक घंटे तक योग।
- स्वि‌मिंग या घुड़सवारी की प्रैक्टिस।
- ट्रेडमिल पर दौड़ना।
- डांस प्रैक्टिस।
- कार्डियो और रे‌गलर एक्सरसाइज के सेट।

डाइट में किए बदलाव

पिज्जा की शौकीन परिणीति ने वजन घटाने के लिए सबसे पहले फास्टफूड के सेवन से तौबा की है। उनका डाइट प्लान कुछ ऐसा है।

सुबह का नाश्ता - एक ग्लास दूध, ब्राउन ब्रेड, दो अंडे (सपेद जर्दी) और कभी-कभी जूस।

दोपहर का भोजन - दाल और रोटी, ब्राउन राइस, हरा सलाद और हरी सब्जियां।

रात का भोजन - कम तेल में बना सदा खाना, एक ग्लास दूध और कभी-कभी चॉकलेट शेक।

परिणीति हमेशा सोने से दो घंटे पहले भोजन करती हैं और वेट लॉस के लिए फास्ट फूड का मोह छोड़ना जरूरी मानती हैं।

क्या आपको अपनी बॉडी Detox करने की जरूरत है ??

सुस्ती आना, हर समय आलस लगना, चेहरे पर कील मुहांसे निकलना, बाल गिरना, पेट के रोग लगना, अपच होना और इंफ़ेक्शन की चपेट में जल्दी आ जाना। अगर इनमें से कोई एक या अधिक लक्षण आपमें हैं तो आपको डी-टॉक्सिफ़ाइ होने की ज़रूरत है। शरीर को कमज़ोर बनाने वाले पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को डी-टॉक्सिफ़िकेशन कहते हैं। इस आलेख शरीर की गंदगी बाहर निकालकर उसे डी-टॉक्सिफ़ाइ करने के बारे में है।


Body detoxification tips

शरीर की गंदगी बाहर निकालने के फ़ायदे

– शरीर हानिकारक रसायनों से मुक्त होता है।
– वज़न नियंत्रित करने में हेल्प मिलती है।
– ख़ून साफ़ होता है, जिससे कील मुहांसे और फोड़े फुंसी नहीं निकलते हैं।
– शरीर ऊर्जावान और शक्तिशाली बनता है।
– शरीर स्वस्थ, स्फूर्ति से भरपूर और ऊर्जावान बनता है।
– बालों की झड़ने की समस्या कम होती है।
– बुढ़ापा नहीं झलकता है।

बॉडी को डी-टॉक्सिफ़ाई करने के आयुर्वेदिक उपाय

– सुबह नींबू डालकर गरम पानी पीना चाहिए और दिन में 3 बार ग्रीन टी पीनी चाहिए। ग्रीन टी के एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ाते हैं, जिससे वज़न नहीं बढ़ता है।
– रोज़ रात को थोड़ा सा खड़ा धनिया, काली मिर्च, जीरा, बड़ी इलायची को एक चौथाई गिलास पानी में भिगोकर रखें, और सुबह इसे उबालें। फिर इसे छानकर पी जाएँ।
– दालचीनी को थोड़े पानी भिगोकर रखें और सुबह ज़रा सी अदरक के साथ इस पानी को पिएँ। इससे मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है, जिससे पेट की चर्बी घटती है।

किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ इन उपायों को करने से पहले आयुर्वेदिक वैद्य या डाक्टर से सलाह अवश्य लें।

शरीर की गंदगी निकालने के लिए खाद्य

आज की जनेरेशन जंक फड्स बहुत पसंद करती है, पर क्या आप जानते हैं कि ये सब आपके शरीर को नुक़सान करता है। शरीर जंक फ़ूड से होने वाले नुक़सान न झेले इसके लिए ज़रूरी है कि आप शरीर के अंदर जमा अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाल दें। इसके लिए आप अग्रलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

1. लहसुन

लहसुन के एंटीबॉयोटिक और एंटी बैक्टीरियल गुण बॉडी से सारे टॉक्सिन पदार्थ बाहर निकाल देते हैं। भोजन में लहसुन का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

2. खीरा

खीरे में मिनिरल्स युक्त पानी टॉक्सिंस को बाहर निकलता है, और साथ में इसमें मौजूद फ़ाइबर आपके पेट की सफ़ाई कर देते हैं।

3. ग्रीन टी

इसके प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स लीवर को रोगों से बचाते हैं। दिन में 3 कप ग्रीन टी पीकर आप मेटाब्लिज़्म रेट बढ़ा सकते हैं, जिससे आपको वज़न कम करने में मदद मिलेगी।

4. हरा धनिया

हरा धनिया एंटी सेप्टिक और एंटीफ़ंगल गुणों से युक्त होता है, जिससे लीवर साफ़ करने वाले एंजाइम सामान्य रूप से बनते रहते हैं। आप इसकी पत्तियाँ कच्ची भी खा सकते हैं या खाने में डाल सकते हैं।

5. अदरक

अदरक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी शक्ति देती है।

6. अखरोट

इसमें पाया जाने वाला ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड हृदय को स्वस्थ रखने के साथ उसे डी-टॉक्सिफ़ाई भी करता है। अखरोट मैग्नीशियम, कॉपर और बॉयोटीन का स्रोत है, जो प्रोस्टेट कैंसर को रोकता है। साथ ही शरीर को फ्री रेडिकल्स से मुक्त करता है, जिससे आप बढ़ती उम्र के साथ जवां नज़र आते हैं।

7. नींबू

इसमें मौजूद वाइटमिन सी फ्री रेडिकल्स को ख़त्म करता है। गुनगुने पानी में नींबू निचोड़क्र पीने से शरीर के टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं, जिससे pH स्तर सामान्य बना रहता है। साथ ही यह इम्यून सिस्टम को शक्तिशाली बनाता है।

8. ताज़े फल

फल फ़ाइबर, वाइटमिन और न्यूट्रिएंट से भरपूर होते हैं, जो त्वचा और बालों को पोषित करते हैं। इनसे पाचन भी ठीक रहता है।

9. चुकंदर

इसमें आयरन, मैग्नीशियम और वाइटमिन सी अधिक होता है, जो कोलेस्ट्रोल कंट्रोल करता है। लीवर के टॉक्सिन को भी बाहर कर देता है। ख़ून की कमी होने पर चुकंदर बहुत फ़ायदेमंद रहता है।

10. गेहूँ की घास का रस

गेहूँ के ज्वारे में सभी पोषक तत्व होते हैं। इसलिए शरीर की गंदगी बाहर निकालने के लिए आपको रोज़ व्हीटग्रास जूस पीना चाहिए।

Detox vegetables

शरीर में टॉक्सिन रोकने के उपाय

1. चीनी कम खाएँ

चीनी शरीर में टॉक्सिन के लिए काफ़ी ज़िम्मेदार है, इसलिए चीनी और इससे बनने वाले खाद्यों का कम से कम सेवन कीजिए।

2. हल्का खाना खाएँ

पुरानी कहावत है, कम खाओ गम खाओ। इसलिए रात में सोने से पहले हल्का भोजन करना चाहिए। स्मोकिंग और शराब के सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए।

3. बॉडी मसाज

सप्ताह में एक बार अच्छे से बॉडी मसाज करवाना चाहिए। इससे रक्त संचार सही रहता है, और शरीर की गंदगी बाहर निकल जाती है।

4. पानी अधिक पिएँ

अधिक पानी पीने से शरीर की गंदगी पेशाब और पसीने से बाहर निकल जाती है। इसलिए 4 लीटर पानी रोज़ पिएँ।

5. योगाभ्यास करें

योग से अपना दिन शुरु करना शुभ होता है। आप प्राणायाम, अनुलोम-विलोम आदि कर सकते हैं। साइकलिंग, जॉगिंग आदि व्यायाम भी कारगर हैं।

6. नाक साफ़ रखें

प्रदूषण बढ़ने के कारण सांस द्वारा बहुत से टॉक्सिन हमारे शरीर में पहुंच रहे हैं, जिससे अनेक बीमारियाँ हो रही हैं। इस समस्या से बचने के लिए अपनी नाक की नियमित सफ़ाई करें। साथ ही धूल, मिट्टी और प्रदूषण वाली जगहों पर मास्क या रुमाल का प्रयोग करें।

7. ठीक से सोएँ

सुस्ती और आलस से बचने के लिए शरीर को पूरा आराम देना चाहिए। आठ घंटों की नींद पूरी करके हम ऐसा कर सकते हैं।

ज़रूरी हेल्थ टिप्स

– रेशेदार भोजन खाएँ। आहार में सब्ज़ियों और फलों को स्थान दें।
– पसीना निकालने के लिए शारीरिक श्रम करें।
– सुबह सुबह गहरी सांस लें, जिससे खून में ऑक्सीजन पहुंचे और रक्त संचार सुधरे।
– ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए।
– खाना चबा चबाकर और धीमे धीमे बिना बात किए खाना चाहिए।
– रोज़ 4 लीटर तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
– निश्चित मात्रा में वाइटमिन सी का सेवन करना चाहिए।
– व्यायाम करने में कोताही नहीं करनी चाहिए।

अपनी बॉडी को तरो-ताज़ा और एनर्जेटिक बनाए रखने, शरीर की गंदगी बाहर निकालने, खून साफ़ करने और बॉडी को डी-टॉक्सिफ़ाइ करने के लिए उपरोक्त उपाय बहुत लाभकारी हैं।

Thursday, August 17, 2017

मानें या न मानें, जमे हुए नींबू का प्रयोग करें और मधुमेह, ट्यूमर, मोटापे को अलविदा कहें!

नींबू धरती पर सबसे अधिक फायदेमंद फल हैं, और उनके अनगिनत स्वास्थ्य लाभ और अद्वितीय स्वाद और गंध के कारण, वे विभिन्न व्यंजनों में जोड़ दिया जाता हैं।

नींबू शरीर के detoxification के लिए उत्कृष्ट हैं, लेकिन जब सिर्फ जूस निकाल दिया जाता है, तो नींबू अपने पोषक तत्वों और औषधीय क्षमता का एक बड़ा हिस्सा खो देता है।

दूसरी ओर, ठंडक एक बेहतर विकल्प है। नींबू की छाल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, और कोलेस्ट्रॉल को विनियमित करने, कैंसर को रोकने, बैक्टीरिया संक्रमण का इलाज करने, और परजीवी और कीड़े को नष्ट करने जैसे कई स्वास्थ्य गुण प्रदान करता है।

ये हैं चमत्कारी फल के स्वास्थ्य लाभ:

• अस्थमा की रोकथाम
• सूजन​ से लड़ने की क्षमता,
• लीवर व किडनी का विषहरण (Detoxification)
• प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रेरित करना
• उच्च रक्तचाप का विनियमन (Regulation)
• हानिकारक जीवाणुओं का निवारण
• अवसाद (Stress​) व तनाव (Tension) का सामना करना
• कैंसर का सामना करना

नींबू के​ रस में विटामिन C में परचुर मात्रा में होता है, जबकि शरीर से विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने में इसका छिलका प्रभावी है। अध्ययनों से पता चला है कि नींबू का छीलका वास्तव में 5 से 10 गुना अधिक विटामिन होता है ।

दशकों पहले, वैज्ञानिकों ने कैंसर के मामले में नींबू के प्रभाव की जांच की। उन्हें क्या पाया गया कि ये फल फेफड़े, स्तन, और पेट के कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर में घातक कोशिकाओं को खत्म कर देते हैं।

इस बारे में सबसे अच्छा क्या है कि केमोथेरेपी के विपरीत नींबू, केवल कैंसर वाले कोशिकाओं का लक्ष्य करता है, और स्वस्थ लोगों को प्रभावित नहीं करते हैं।

डॉ. मर्लिन ग्लेनविल, एक पोषण विशेषज्ञ और महिलाओं के स्वास्थ्य के विशेषज्ञ, विभिन्न फलों के पेल्स प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकते हैं और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं। वह यह भी दावा करती है कि सुगंध रस के मुकाबले कहीं ज्यादा स्वस्थ होते हैं, क्योंकि ये फलों के अन्य भागों में भी शामिल हैं, जिनमें छील भी शामिल है।

नींबू के सैंडविच का एक कड़वा स्वाद है, इसलिए निम्न विकल्प, उन्हें फ्रीज करने के लिए, वह एक है जिसे हम दृढ़ता से सलाह देते हैं। इसलिए, यहां नींबू को फ्रीज करना है:

नींबू धोने और कीटाणुरहित करने के लिए सेब साइडर सिरका का उपयोग करें फिर, उन्हें धोलें और सूखने के लिए उन्हें छोड़ दें इसके बाद, उन्हें अगले सुबह तक फ्रीजर​ में जमने के लिए छोड़ दें, और फिर पूरे नींबू को कद्दूकस करके इसके बीजों को अलग कर दें।

जमे हुए नींबू को विभिन्न व्यंजनों, ड्रिंक्स, ​चाय, पके हुए सामान, डेसर्ट और सूप्स में प्रयोग किया जा सकता है।

Tuesday, August 15, 2017

काली मिर्च कर सकती हैं आपका वजन कम


क‍ाली मिर्च सिर्फ जायका बढ़ाता नहीं वज़न को करता है कंट्रोल।

क्या आप वज़न घटाने के लिए जी-जान से मेहनत कर रहे हैं और वज़न है कि घटता ही नहीं है? निराश न हो। कभी-कभी छोटी-छोटी चीजें भी बड़ा काम कर जाती है। आपके किचन में ही एक मसाला है जो सादे खाना का ज़ायका बढ़ाने के साथ-साथ वज़न को घटाना भी करेगा आसान।

आम तौर पर भारतीय व्यंजनों में काली मिर्च या उसके पावडर का इस्तेमाल तो होता ही है, लेकिन यह जानकर शायद आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे कि इससे कई किलो वज़न घट सकता है। काली मिर्च का एक गुण है कि आप जो भी खाना खाते हैं वह उसके पोषक तत्वों को निकालकर शरीर तक पहुँचने में मदद करता है। साथ ही इसका आवरण यानि शेल में फाइटोन्यूट्रिएन्ट्स होता है जो फैट सेल्स को तोड़ने में मदद करता है और यह वज़न घटाने के प्रक्रिया में सहायता करता है। इसके नियमित सेवन से हजम शक्ति बढ़ती है, जिसके कारण पेट की आम समस्या गैस या बदहजमी का प्रोबलेम कम होता है।

इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे?

आप काली मिर्च का इस्तेमाल काली मिर्च के पावडर रूप में भी कर सकते हैं। हाँ, एक बात का ध्यान यह रखें कि जिस पावडर का इस्तेमाल आप करने जा रहे हैं वह फ्रेश हो। जिस तरह काली मिर्च को पान के पत्ते में डालकर चबाकर खाने से वज़न घटता है उसी तरह काली मिर्च पावडर, शहद व नींबू पानी का मिश्रण भी वज़न घटाने में मददगार साबित होता है।एक गिलास गुनगुने गर्म पानी में आधा नींबू का रस डालें और अपने स्वाद के अनुसार उसमें शहद और काली मिर्च पावडर डालकर अच्छी तरह से मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।

कब और कितनी बार इस मिश्रण को पीना चाहिए?

दिन में एक बार खाली पेट इस मिश्रण को पीना अच्छा होता है। सुबह-सुबह ही इसको पीना अच्छा होता है लेकिन आप अगर देर से उठने के आदि हैं तो भी खाली पेट इसका सेवन करें।

नोट-
यह घरेलू उपचार है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेना न भूलें।

Sunday, August 13, 2017

यह रिसीप डॉक्टर आपको नहीं बताएंगे कि आपका लिवर एकदम​ नया होगा और आप 10 साल के युवा दिखेंगे!

जिगर को प्रयोगशाला अधिकारि कहा जाता है क्योंकि इस तरह के कार्य जैसे वसा जलने, फ्रि रेडिकल पदार्थों और कई अन्य कुपोषण के कारण में विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य करता है, बुरी आदतों के लिए अपने शरीर के सभी अंगों, जिगर सहित के काम को प्रभावित करेगा। इसलिए, इसका कार्य ख़राब हो सकता है और इसलिए इसे पुनर्प्राप्त करने की आवश्यकता है। एक स्वस्थ आहार खाएं, हानिकारक अवयवों को हटा दें.आप मदद करने जा रहे हैं यह एक प्राकृतिक पेय है जो आपके स्वास्थ्य के लिए कई फायदे हैं:


• रक्त की शुद्धि
• लीवर की सफाई
• प्रतिरक्षा (Immune) को मजबूत करता है
• शरीर का Detoxification
• सूजन और संक्रमण को रोकता है

• एंटीकैंसर

• एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है
• इसके अलावा चयापचय (Metabolism) में सुधार
• रक्त में शर्करा (Blood Sugar) और कोलेस्ट्रॉल को बचाता है
•त्वचा पर अच्छा प्रभाव

सामग्री:

° 2 नींबू
° खीरा
° अजमोद (Parsley) की​ एक मुट्ठी

° 200 मिलीलीटर पानी

* अगर अजमोद (Parsley) न हो तो आप धनिया इस्तेमाल कर​ सकते।

इस्तेमाल की तैयारी और विधि:

एक ब्लेंडर में सभी अवयवों को अच्छे से मिलाएं जब तक आपका पेय तैयार न हो जाएं। एक गिलास 1-2 बार एक दिन में पीना है! यह​आप एक महीने तक सेवन करें। फिर 2 सप्ताह का ब्रेक ले​, ब्रेक के बाद फिर से, उपचार दोहराना हैं।

आप ये पोस्ट नहीं पढे़गें, भले ही यह आपके शरीर का 70% हिस्सा है।

रंगहीन, गंधहीन और स्‍वादहीन पानी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। हमारे शरीर के प्रत्‍येक अंग में पानी ही पानी है, हड्डियों में भी। बिना खाये आप 18 दिन तक जी सकते हैं, लेकिन पानी के बिना आप सात दिन से अधिक नहीं जी सकते हैं। यानी पानी के बिना जीवन की कल्‍पना करना अतिशयोक्ति होगी। यह शरीर को बीमारियों से बचाता है और इसे स्‍वस्‍थ रखने में भी मदद करता है


पानी पियें बिना इंसान 7 दिन से अधिक जीवित नहीं रह सकता।
आरओ या यूवी से प्‍यूरीफाइड पानी भी हो सकता है नुकसानदेह।
आरओ बुरे और अच्‍छे कीटाणुओं को एक साथ अवशोषित करता है।
अशुद्ध पानी के कारण पेट और त्‍वचा की बीमारियां हो सकती हैं।

इस लेख में विस्‍तार से जानिये आप जो पानी पी रहे हैं वह शुद्ध है या नहीं। 

क्‍या आरओ है फायदेमंद

कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर ने आरओ और पानी को शुद्ध करने वाले विभिन्न उपकरणों की जांच की है। इस दौरान देश के विभिन्न शहरों में आरओ का प्रयोग करने वाले और न करने वाले घरों में बीमार पड़ने वालों का अनुपात 50:50 देखा गया। पानी को शुद्ध करने वाले उपकरणों में खास तरह की मेंब्रेन काम करती है, जो बुरे के साथ-साथ अच्छे जीवाणुओं को भी अवशोषित कर लेती है। इससे पानी में पाए जाने वाले मिनरल, शरीर में नहीं पहुंच पाते। यही जीवाणु हमें पेट संबंधी बीमारियों से बचाते हैं।


शुद्धता की पहचान

दरअसल अलग-अगल जगहों का पानी का टीडीएस (टोटल डिजाल्व सॉलिड) स्तर अलग-अगल होता है। इसके मानक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तैयार किए हैं। उसने 100 से 150 स्तर के टीडीएस को ठीक बताया है। इसलिए अगर आप अपने घर में आरओ (रिवर्स ऑसमोसिस) या यूवी सिस्टम लगवा रहे हैं तो म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन से पानी की जांच करा लीजिए। अगर टीडीएस सामान्य से अधिक हो, तभी आरओ या यूवी लगवाना चाहिए।

बोतलबंद पानी भी नहीं है शुद्ध

अगर आपको लगता है कि आप जो मिनरल वॉटर या सप्‍लाई किये हुए पानी को पी रहे हैं और वह पूरी तरह से शुद्ध है तो आप गलत हैं, इसमें भी शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले जीवाणु गायर्डिया (Giardia) पाया जाता है। दरअसल पानी को साफ करने वाली कंपनियां नदियों, नालों, भूमिगत स्रोतों, आदि जगह से पानी लेकर उसे साफ करने के लिए उसमें कोएगुलेंट (coagulants) केमिकल डालती हैं। यह केमिकल पानी में मौजूद गंदी को पानी के तल पर पहुंचा देता है।


भारत की स्थि‍ति है खराब

शुद्ध और पर्याप्त पानी स्वस्थ जीवन की एक प्रमुख जरूरत है। आंकड़ों की मानें तो भारत में केवल 30 प्रतिशत लोगों को ही साफ पीने का पानी मिलता है और वो भी पूरी तरह से शुद्ध नहीं होता है। देश के कई हिस्सों में जमीन में पानी का स्तर कम हो जाने के कारण पानी की कमी है। उद्योंगों के कचरे के कारण पानी के बहुत से स्रोत प्रदूषित हो रहे है। बहुत सी नदियां गंदी नालियां बन चुकी हैं, और पानी के अन्य स्रोत पूरी तरह प्रदूषित हो चुके हैं।

अशुद्ध पानी से होती हैं बीमारियां

आप जो पानी पी रहे हैं वह कीटाणुरहित होन चाहिए। साथ ही उसमें नुकसान पहुंचाने वाले रसायन, गन्ध और स्वाद भी नहीं होना चाहिए। असुरक्षित और अपर्याप्त पीने का पानी कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है। बारिश के दिनों में पीने का पानी साफ नहीं रहता है, इस मौसम में पानी का विशेष ध्‍यान रखें। साफ पानी न पीने से हैजा, उल्टी (गेस्ट्रोएन्ट्राइटिस), टायफाएड, पोलियो, पीलिया, दस्त, त्‍वचा में संक्रमण हो सकता है।

क्या आपके जल में जीवन है ??