Saturday, June 10, 2017

गाय के घी से 30 रोगों का रामबाण इलाज

गाय की घी पागलपन दूर कर सकता है, कैंसर से लड़ने​ की अचूक क्षमता होती है…गाय का घी दिमाग बढ़ाता है, तो कोमा से चेतना में ला सकता है…गाय पूज्यनीय है। वंदनीय है। यदि हम यह कहें कि गाय हमारे जीवन में खुशियां भर सकती है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। गाय का कच्चा दूध पीने से शरीर के अंदर की कई सारी बीमारियां स्वत: ही खत्म हो जाती हैं। गाय का मूत्र कई बीमारियों में कारगर है। गाय को सुबह-शाम रोटी खिलाने से कई ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। गाय को चारा खिलाने से बुध ग्रह की शुभता मिलती है। जहां तक गाय के घी की बात है, तो इससे दर्जनों बीमारियों को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

जी हां, गाय का न सिर्फ पागलपन दूर कर सकता है, बल्कि ऐसे दर्जनों बीमारियां हैं, जो लोखों - करोड़ो रुपए खर्च करके भी आराम नहीं मिल रहा है, वह घी के साधारण प्रयोग से आप ठीक हो सकते हैं। तो यहां हम आपको तीस ऐसी बीमारियों का उल्लेख कर रहे हैं, जो अमूमन होती ही हैं। इन रोगों को गाय के घी से कैसे ठीक किया जा सकता है।

1.गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।

2.गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।

3.गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।

4.घी (20-25 ग्राम) व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।

5.गाय का घी कान में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।

6.नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरो-ताजा हो जाता है।

7.गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है।

8.गाय का घी नाक में डालने से बाल झडऩा समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।

9.गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।

10.हाथ पांव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।

11.हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।

12.गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।

13.गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है

14.गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।

15.अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।

16.हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।

17.गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।

18.जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है, तो गाय का घी खाएं, हार्ट मजबूत होता है।

19.देसी गाय के घी में कैंसर से लडऩे की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।

20.घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बांध लें। प्रात: खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूंट-घूंट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।

21.फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।

22.गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।

23.सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जाएगा।

24.दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है।

25.सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।

26.यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता है । यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।

27.एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।

28.गाय के घी को ठन्डे जल में फेंट ले और फिर घी को पानी से अलग कर ले यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करे और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है जिसे त्वचा सम्बन्धी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक कि तरह से इस्तेमाल कर सकते है। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर है।

29.गाय का घी एक अच्छा (रुष्ठरु) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है।

30.अगर आप गाय के घी की कुछ बूंदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।

दुनिया भर में इसे चमत्कार माना गया है , दो हफ्तों में पेट की फैट गायब !!!!

Disappear extra belly fat in just 2 week

हमारा व्यस्त जीवन नतीजे के तौर पर हमे अस्वस्थ जीवन प्रदान करता है | तेजी के इस दौर ने हमारे खाने पीने की आदतों पर प्रभाव डाला है , हमारे खाने पीने की आदते बदल गयीं है|


हमारे खान पान की वजेह से हमारे पेट तथा शरीर पर अनचाही फैट होने लग जाती है , जिसे हम मोटापा कहतें है | मोटापा कई बिमारियों का कारण होता है , जैसे के ह्रदय रोग , शुगर तथा ब्लडप्रेशर |

मोटापा अपने आप में एक गंभीर बीमारी है जिसका नतीजा अस्वस्थ जीवन तथा मौत हो सकती है | आज हमOnly Ayurved में आपको पेट की फैट कम करने का नुख्सा बताएगे जिसने दुनिया को हैरान कर दिया तथा इस प्राकृतिक नुख्से को चमत्कार मानने को मजबूर कर दिया |

सामग्री :-

1 कप (Apple Cider Vinegar) सेब का सिरका

3 सुखी अंजीर

पहले तीन सुखी अंजीर लीजिये और उसके चारो ओर  दांत खुरेद्नी से भोंक के छोटे छोटे छेद बना लें | उसके  के बाद इसे ACV के साथ कप में डाल दे | इस ड्रिंक को पूरी रात छोड़ दें और सुबह होते इसमें से अंजीर निकाल कर खा लिजिय | वह यह ACV एक हफ्ते तक चल जायेगा आठवें दिन ACV को बदल दें | इस विधि को लगातार 2 हफ्ते तक आजमाएं , हैरान करने वाले नतीजे प्राप्त होंगे |

Friday, June 9, 2017

कब्ज का रामबाण घरेलु इलाज और उपाय

कब्ज का रामबाण घरेलु इलाज और उपाय – Constipation Symptoms and Treatment tips in Hindi

ये ऐसी समस्या  है जो पूरी दुनिया के लोगों में देखने में मिलती है और लगभग हर किसी को अपने जीवन में एक या उससे अधिक बार इसका सामना करना पड़ता है| ये बच्चों से लेकर बूढ़ो तक किसी को भी कभी भी हो सकती है| पेट में मरोड़ उठाना, सुस्ती रहना, भूख ना लगना, कोई काम करने का मन ना करना, पेट दर्द, सरदर्द आदि इस प्राब्लम के कुछ विपरीत प्रभाव हैं| क़ब्ज़ या कॉन्स्टिपेशन के लक्षणों का पता लगा कर उसका घरेलू इलाज जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए| लेकिन अगर आपकी समस्या सीरीयस है या काफ़ी लंबे समय से आप इससे परेशान हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलकर इसके इलाज के लिए सही दवा लीजिए| क़ब्ज़ के मुख्या कारण हैं पानी कम पीना, आंत की गतिशीलता में कमी और आहार में fiber का कम सेवन| इसके अलावा और बहुत से कारण और लक्षण हैं जिन्हें हम नीचे विस्तार से बताएँगे|  तो आइए कॉन्स्टिपेशन के होम ट्रीटमेंट के बारे में जानने से पहले इसके कुछ causes और symptoms के बारे में अपनी जानकारी बढ़ा लें|

कब्ज के कारण | causes of constipation in Hindi

इस पेट के रोग के कई कारण हैं और सबसे बड़ा कारण है पानी का कम सेवन, इसके अलावा कुछ लोग लिमिट से ज़यादा fiber का सेवन कर लेते हैं ये एक दूसरा कारण है, एनिमा और दूसरे लॅक्सेटिव (मलत्याग आसान बनाने वाले पदार्थ)का निरंतर पर्योग से लॅक्सेटिव डिपेंडेन्सी हो जाती है और लॅक्सेटिव के अभाव में आपको कॉन्स्टिपेशन रहने लगती है| इन तीन कारणों के अलावा दूसरे कुछ और कारण हैं जो की इस समस्या के लिए उतरदायी माने जाते हैं जैसे:

alcohol, तंबाकू और सोडा का सेवनमल आने पर उसे रोके रखनाफास्ट फूड्स और ऑयली  फूड्स खानाdiet में fiber की कमीसही प्रकार की डाइट का सेवन न करनाफिज़िकल इनॅक्टिव रहना – आलस भरा जीवन जीनालेट नाइट वर्क करना- इससे आपका sleeping और bowel pattern बिगड़ जाते है फलसवरूप आपको कॉन्स्टिपेशन हो जाती हैPiles (बवासीर) या hemorrhoids  होने से रोगी मल त्याग से डरता है और उसे कब्ज रहने लगती हैदर्दनिवारक, anti-depressant  और दूसरी दवाइयों का सेवन करनामानसिक तनाव और चिंताबुढ़ापे में पेट की मसल्स कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से ये रोग आसानी से हो जाता हैhormones में बदलाव होने से मोटापा (obesity) प्रेग्नेन्सी होने पर भी ये समस्या आम होती है पेट की सर्जरी मॅग्नीज़ियम की कमी calcium , आयरन और दूसरे supplements का उपयोग करना

कब्ज के लक्षण| Symptoms of Constipation in Hindi

मल का हार्ड और सुखा होना सबसे पहला कब्ज का लक्षण होता है| दूसरा इसकी पहचान का तरीका ये है की आगर आप हफ्ते में 3 बार से कम मल त्याग कर रहे हैं तो इसका अर्थ है की आपको कब्ज है| इनके अलावा कुछ और लक्षण हैं जिनसे आप कॉन्स्टिपेशन की पहचान कर उसका इलाज शुरू कर सकते हैं|

मल त्याग करते समय दर्द होता हैमल त्याग में बहुत ज़ोर लगाना पाड़ता हैमल त्याग के बाद भी ऐसा लगना की – अभी कुछ बाकी हैपेट में मरोड़ (cramps) उठनापेट में दर्द रहनासरदर्द रहनापेट में गैस रहनाबदहजमीपाइल्स की समस्या होना – जो की मल त्याग के समय ज़यादा ज़ोर लगाने से अक्सर हो जाती हैजी मचलना और भूक कम लगनाटॅंगो में दर्द रहनाउल्टी जैसा होनाचक्कर आनामूँह से बदबू आने लगना कमर दर्द होना बहुत कमजोरी का अहसास होनापेट में भारीपन लगनाब्लड प्रेशर का बढ़नात्वचा पर फोड़े फुंसी होना acidity रहनामूँह में छाले होनाडिप्रेशन रहना

कब्ज का रामबाण इलाज | घरेलु उपाय |Desi Tarike| Constipation Treatment Tips in Hindi

इस भाग में हम आपको ऐसे कब्ज के देसी घरेलू इलाज, तरीके और उपाय बताएँगे जो की एकदम नॅचुरल हैं| इनके उपयोग से आपको किसी प्रकार का कोई sideeffect नही होगा| लेकिन फिर भी डॉक्टर या आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह ले लेना समझदारी होगी|

त्रिफला चूर्ण

त्रिफला चूर्ण आपनी आँत की सफाई करने वाले cleansing गुण के कारण जाना जाता है| लोग इसे पेट की लगभग हर प्राब्लम को ठीक करने में सदियों से करते आ रहे हैं| ये amla, haritaki और  bibhitaki नामकी तीन जड़ी बूटियों से मिलकर बना होता है|  आप इस पाउडर को रोजाना सोने से पहले पानी के साथ ले सकते है| अगर पाउडर ना हो तो किसी आयुर्वेदिक दुकान से इसके कॅप्सुल भी आप खरीद कर उपयोग कर सकते हैं| इसका लंबे समय तक सेवन भी सुरक्षित माना जाता है और ये आपकी पेट का स्वास्थ्य सुधारने के साथ साथ आपकी पूरी फिज़िकल हेल्थ भी अच्छी करता है|

इसबगोल भूसी

isabgol भूसी को इंग्लीश में psyllium husk भी कहते हैं| आपने अपने घर में बड़े बुजुर्गों को इसका सेवन करते हुए ज़रूर देखा होगा|  इसबगोल में fiber भरपूर मात्रा पाई जाती है जो की आपके मल को सॉफ्ट करके उसे शरीर से बहार करने में मदद करती है| इसके एक या दो teaspoons को दूध या दही में घोल कर इस्तेमाल किया जाता है| लेकिन ध्यान रहे की आप पर्याप्त मात्रा में पानी का भी सेवन करिए वरना ये आपके पेट में जम जाएगा और आपकी प्राब्लम और बढ़ जाएगी|

अरंडी का तेल (Castor oil)

अरंडी का तेल कब्ज के लिए एक रामबाण दवा माना जाता है| रिसर्च ये पता लगा चुकी है की इस तेल का सेवन करने से कॉन्स्टिपेशन को ख़तम किया जा सकता है चाहे वो पुरानी से पुरानी कब्ज क्यों ना हो| ये आपकी आँतों में पानी के अवधोशण को रोकती है जिससे आपका मल सॉफ्ट हो जाता है और उसे निकालने में आसानी होती है| एक चम्मच अरंडी के तेल को एक गिलास संतरे (ऑरेंज) जूस में मिलकर सुबह पी लीजिए| इसी प्रकार एक स्पून को एक गिलास दूध में मिलकर रात को सोने से पहले पीना भी बहुत फ़ायदेमंद रहता है|

नोट: ज्यादा अरंडी के तेल के सेवन से आपको कई sideeffects हो सकते हैं| इसलिए हमेशा कम मात्रा में ही इसका सेवन करें|

Senna के पत्ते (Senna leaves)

ये सबसे असरदार कब्ज का सफ़ाया करने वाली एक नॅचुरल दवा है और इसी कारण इसके कब्ज के लिए चूर्ण बनाने वाली कंपनीज़ अपने प्रॉडक्ट्स में शामिल करती हाइन – जैसे कायम चूर्ण| इनका लंबे समय तक सेवन करना घातक हो सकता है लेकिन कम मात्रा में ये सुरक्षित मानी जाती है| इनमें पाया जाने वाला sennosides  नमक केमिकल आपके मल त्याग को आसान और नियमित करने में मदद करता है|

इसे कॅप्सुल के रूप में काम में लाया जा सकता है| लेकिन अगर आपके घर में senna के पत्ते हैं तो उसका आधा स्पून एक कप उबलते हुए पानी में डालिए और कप को किसी ढक्कन से आधे घंटे के लिए धक् दीजिए| इससे senna के गुण पानी में आ जाएँगे| अब उस लिक्विड को छान कर पी लीजिए|

अलसी के बीज (flax seeds)

अलसी के बीज जिसे इंग्लीश में flaxseeds भी कहते हैं एक बहुत ही जाना माना कब्ज निवारक पदार्थ है| इसे हमेशा पीस कर ही प्रयोग में लाना चाहिए क्योंकि अगर आप इसे सीधे ही खा लेते हैं तो इसके बीज वैसे के वैसे ही पेट में पड़े रहेंगे और बिना अपना असर दिखाए बहार निकल जायंगे और आपकी प्राब्लम पर असर नही कर पाएँगे| कुछ लोग flaxseeds कॅप्सुल्स का भी उपयोग करते हैं लेकिन बीज का सेवन कॉन्स्टिपेशन में ज़यादा असर दार साबित होता है|

2 बड़े स्पून आलसी का पाउडर दही के साथ मिलकर रात को सोने से पहले खा लीजिए| या फिर 2 चम्मच सुबह oats या cerealsके साथ खाइए| आप इस पाउडर को अपने सलाद के साथ भी मिक्स करके खा सकते हैं|

एक tablespoon आलसी का तेल एक glass संतरे के जूस में घोल कर पी लीजिए| आप अंगूर के जूस का भी प्रयोग कर सकते हैं| ये दोनों नुस्खे सटीक कार्य करेंगे|

आप चाहे तो अलसी की चाय  भी बना सकते हैं| उसके लिए इसके पाउडर के एक चम्मच को एक कप पानी के साथ तब तक बाय्ल करिए जब तक पानी की मात्रा आधी ना रह जाए| इसे छान कर तोड़ा सा शहद मिलकर पी लीजिए| दिन में 3-4 बार पीने से आपकी कब्ज में रिलीफ मिलेगा|

एलो वेरा जूस करे कब्ज दूर

एलोवेरा आपकी bowel movements को सुधार कर कब्ज दूर करने में मदद करता है| ये आपके पेट में अच्छे बॅक्टीरिया को संतुलित करके आपकी पाचन शक्ति भी सुधरता है| साथ ही ये कब्ज के कारण आँत को हुए घाव और नुकसान को भी भरता है| इतना ही नही ये आपके लिवर, gall bladder  और दूसरे अंगों की सेहत भी अच्छी करने में मदद करता है| इसके संक्रमण को रोकने वाली गुण आपके पेट में इन्फेक्शन को हटा कर कब्ज होने से रोकते हैं|

आपके घर में यदि एलो वेरा का पौधा है तो आपक उसके 2 tablespoon gel को सेब, संतरे या प्रून जूस में मिला कर पी सकते हैं|

आलो वेरा जूस पीना विशेष रूप से कब्ज में मददगार होता है| इसे आप किसी आयुर्वेदिक दुकान से खरीद कर सकते हैं या इसे घर में भी बना सकते हैं|

सबसे पहले एलो वेरा के कुछ pieces लेकर उसे 30 से 40 मिनिट्स पानी के साथ हल्की आँच पर उबालें| ठंडा होने पर इसे छान कर पी लें|

रात को सोने से पहले 1/3 पार्ट एलो वेरा और 2/3 पार्ट सेब का रस मिलकर पीने से क़ब्ज़ दूर हो जाती है|

आप एलो एक्सट्रॅक्ट के कॅप्सुल भी खरीद कर अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार ले सकते हैं|

नींबू का रस (Lemon Juice for Constipation)

सुबह उठ कर एक या दो गिलास नींबू युक्त पानी पीने से कब्ज के इलाज में काफ़ी मदद मिलती है| रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास में आधा नींबू का रस निचोड़िए| इसमें एक चुटकी सेंधा नमक डालिए और पी लीजिए| लेमन आपके पेट को सॉफ करता है और रुके हुए मल को पेट से बाहर करने में भी मदद करता है| ये नुस्ख़ा आपको रोजाना उपयोग करना है और अगर हो सकेतो शाम को भी नींबू पानी ज़रूर पीयें|

मेथी पाउडर

मेथी के दानों में वो सभी गुण होते हैं जो आपका पाचन अच्छा करते हैं, पेट दर्द दूर करते हैं, गैस को बाहर निकालने में मदद करते हैं, कब्ज की समस्या को ख़तम करते हैं और पेट के रोगों से बचाते हैं| बस आपको मेथी के दानों को भून कर पीस लेना है| इस पाउडर का एक चम्मच रोजाना एक गिलास पानी के साथ लेना है|

अंजीर है फ़ायदेमंद

अंजीर में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है साथ ही इसमें कब्ज हटाने वाले गुण भी पाए जाते हैं| इसलिए इसका फ्रेश फ्रूट रोजाना खाइए| अगर ताजा फल ना हो तो कुछ फिग piece को कुछ घंटो के लिए पानी में डुबो कर रखिए| इन फिग पीसस का पेस्ट बनाकर एक बड़े चम्मच शहदके साथ रात को सोने से पहले खा लें| ऐसा रोजाना करने से कब्ज दूर हो जाएगी|

शहद खाइए कब्ज भगाइए

हनी में प्राकर्तिक लॅक्सेटिव गुण होते हैं ये आपकी आँतो में संक्रमण ठीक करता है और उन्हे लूब्रिकेट कर मल त्याग क्रिया को आसान बनता है| इसका एक चम्मच दिन में तीन बार लीजिए| हो सकते तो एक tablespoon हनी और आधा नींबू का रस औरएक गिलास पानी में घोल कर दिन में 2-3 बार पीने से आपको बहुत ही लाभ होगा|

अंगूर खाइए

अंगूर यानी grapes में हाइ क्वालिटी का इनसॉल्युबल फाइबर होता है जो की आपकी मल में रुकावट को दूर कर कब्ज को जल्दी ही ठीक करने में सहायता करता है| आप रोजान एक कटोरी अंगूर खाइए और आधा से एक ग्लास अंगूर का जूस पीजिए| दूध के साथ अंगूर का सेवन भी लाभदायक होता है| अगर अंगूर ना हो तो आप कुछ किशमिश को पानी में कुछ घंटो के लिए रखिए| फिर उन्हें उसी पानी के साथ ग्रहण कर लीजिए ये एक अच्छा कब्ज का इलाज है|

पालक (Spinach)

पालक में पेट को साफ़ करने वाले और पाचन को अच्छा करने वाले गुण होते हैं| इसलिए इसे कच्चा  खाइए या भोजन बनाते समय इसका उपयोग कीजिए| आधे गिलास पालक के जूस को बराबर मात्रा में पानी मिलकर पीने से भी कब्ज में तुरंत रहत मिलती है|

पानी खूब पीजिए

आपको पता है की पानी हमारे शरीर के लिए कितना जरुरी है| अगर पेट की बात करें तो ये पाचन के लिए अच्छा है और आपकी पेट की सफाई में भी मदद करता है| ये दुनिया का सबसे अछा नॅचुरल cleanser है| आप ये भी जानते हैं की इसकी कमी के कारण आपका मल सुखा और सख्त हो जाता है और आपको कब्ज की समसाया हो जाती है| इसलिए आपको दिन में 3 liters पानी का  सेवन करना चाहिए| साथी हि पानी से भरपूर फल जैसे नारियल, तरबूज, खीरा, टमाटर आदि का सेवन करना चाहिए|  रात तांबे के लोटे में पानी रख कर सुबह खाली पेट उसे पीने से भी बहुत लाभ मिलता है|

क़ब्ज़ के लिए आयुर्वेदिक उपचार

Dandelion के पाते चबाने से या इसके जूस को सेब या नींबू पानी में मिलकर पीने से भी लाभ होता है|एक चम्मच blackstrap मोलॅसस को एक गिलास दूध या कोई जूस जैसे prune जूस, एप्पल जूस आदि में मिलकर रात को सोने से पहले पी लीजिए|सुबे उठ कर एक चम्मच जैतून के तेल (olive oil) में आधा नीबू का रस मिलकर पी लीजिए| इससे आपको काफ़ी रहत मिलेगी|अमरूद और पपीता के सेवन इस प्राब्लम में काफ़ी लाभदायक होता है|खाने का सोडा या मीठा सोडा को इंग्लिश में बेकिंग सोडा कहते हैं| इसके एक छोटे स्पून को एक कप गुनगुने पानी में डालकर पीने से भी कब्ज जल्द दूर हो जाती है|दूध में ¼ स्पून हल्दी पाउडर और एक स्पून देसी घी डालकर रोज रात को पीने से भी कब्ज दूर होती है|पत्ता गोभी का रस भी इस रोग में अच्छा माना जाता है.aprajita के भुने हुए बीज का एक चुटकी पाउडर पानी के साथ लेने पर आराम मिलता है|amaltas की चल को पानी में डुबोकर रखिए, कुछ घंटो बाद इसे छान कर पी लीजिए|बैल की पत्तों को पानी में उबाल करके पीने से कबज में रहत मिलती है|Punarnava के पत्ते खाने पर भी कॉन्स्टिपेशन गायब हो जाती है|

कब्ज से बचाव के तरीके | constipation prevention tips in Hindi

आलस भरा सुस्त जीवन जीना कॉन्स्टिपेशन का मुख्य कारण है| इसलिए हमेशा फिज़िकल एक्टिव रहने की कोशिश करें|रोजाना योगा और एक्सर्साइज़ करके अपने शरीर और पेट की सेहत में सुधार करें|समय पर सोइए और जागीए, लेट नाइट वर्क की आदत से परहेज करिए|अपनी capacity से ज़यादा खाना मत खाइए और जब तक भूख ना लगे तब तक खाने को मत ग्रहण करिए|दिन में सोने की आदत मत रखिए| साथी ही खाना खाने के तुरंत बाद मत सोइए|मल को कभी मत रोकिए और ऐसा करने से आपकी स्थिति बिगड़ सकती है|स्ट्रेस को दूर रखने के लिए मेडिटेशन करिए, कॉमेडी मूवीज देखिए, अच्छा म्यूज़िक सुनिए और वो सब काम करिए जिसमे आपको अच्छा फील होता हो|शराब और धूम्रपान से अपने आपको दूर  रखना ही समझदारी है..और आप जानते हाइन क्यूँ!हफ्ते या 15 दिन में एक बार एनिमा का प्रयोग करने से भी कॉन्स्टिपेशन होने की संभावना दूर हो जाती है.

Yoga and Exercise tips for Constipation| Kabj ke liye yoga, Exercise Tips

आप कुछ योगा poses रोजाना प्रैक्टिस प्रोज़ करके आपने कॉन्स्टिपेशन की समस्या को ख़तम कर सकते हो  साथ ही इसे भविष्य में दोबारा आने से भी रोक सकते हो| यहाँ कुछ कब्ज के लिए योगा आसन दिए जा रहे हैं जिन्हे आप रोजाना करने की कोशिश करें|

Mayurasana – ये आसन आपके पाचन को अच्छा कर आपकी bowel movements को फिर से शुरू करने में मदद करता है|

Ardha-Matsyendrasana – ये आसन  आपके पेट में मोजूद सभी अंगों की क्रियाशीलता बढ़ा कर आपकी प्राब्लम ख़तम करता है|

Halasana – ये पाचन को ठीक कर कॉन्स्टिपेशन होने से रोकता है|

Pavanmuktasana-  ये कब्ज के लक्षण gas, पेट दर्द, मरोड़ उठना आदि को ठीक करता है| साथ ही ये कब्ज के उपचार में भी लाभदायक होता है|

Baddha Konasana – ये गैस, पेट फूलना, पेट में दर्द आदि को दूर कर आपको आराम दिलाने में मदद करता है|

योगा के अलावा आपको रोजाना आधे घंटे के लिए वॉक पर जाना चाहिए| इसके अलावा वो सब काम करने चाहिए जिनसे आप फिज़िकल एक्टिव रह सकें जैसे घर के काम, मार्केट के काम, दूसरे चलने फिरने वाले काम आदि| रोजाना एक्सर्साइज़स और फिज़िकल एक्टिव रहने से आपकी पेट की सेहत अच्छी  होगी और इसके फलसवरूप आपको पेट की प्राब्लम जैसे कॉन्स्टिपेशन नही हो पाएगी|

एक्सपर्ट्स के अनुसार एरोबिक्स एक्सर्साइज़ जैसे स्विमिंग, साइकलिंग, जॉगिंग, डांसिंग, आदि से कॉन्स्टिपेशन को दूर करने में विशेष मदद  मिलती है|

Diet tips for constipation in Hindi | कब्ज में क्या खाना चाहिए | डाइट कैसी होनी चाहिए

जब आपको कब्ज हो और आपको डाइट के बारे में जानकारी चाहिए तो नीचे दिए गये कुछ कॉन्स्टिपेशन डाइट टिप्स पढ़ कर अपने डाइट प्लान में शामिल करने की कोशिश करिए ताकि आपकी प्राब्लम हल हो और फ्यूचर में भी आपको ऐसी परेशानी झेलनी ना पड़े|

fiber की कमी क़ब्ज़ के लिए जिम्मेदार मानी जाती है इसलिए आपकी डाइट में fiber से भरपूर स्त्रोत होने चाहिए जैसे सेब, केला, भूसी युक्त गेहू, फ्रूट्स, हरी सब्जियां, एप्रिकॉट, prune, नाश्पति, मटर, गाजर, wheatgerm, ओटमील, पत्ता गोभी, टमाटर, ब्राकोली, अंगूर आदि खूब खाने चाहिए|

दही खाने में अच्छे बॅक्टीरिया के होने के कारण ये भोजन के पाचन को तेज करता है जिससे पेट सम्बन्धी जयदातर रोग जैसे कब्ज नही हो पाते| इसलिए लंच और डिन्नर के साथ दही ज़रूर खाइए| साथ ही छाछ का भी भरपूर सेवन कीजिए|

ड्राइ फ्रूट्स जैसे अखरोट, बादाम, अंजीर, खजूर, किशमिश आदि रोजाना खाकर भी आप इस प्राब्लम में रिलीफ पा सकते हैं|

खाना बनाते समय अदरक, काली मिर्च, लहसुन, धनिया, जीरा, अजवाइन, हल्दी, हींग, आदि का इस्तेमाल करके आप अपने पेट की सेहत ठीक रख सकते हैं|

पानी की कमी कब्ज का सबसे बड़ा कारण है इस लिए दिन में 8 गिलास पानी पिने के अलावा वो सब चीज़ें खाइए जिनसे आपको पानी मिल सके जैसे नारियल पानी, अंगूर, तरबूज, ककड़ी, खीरा आदि| इसके अलावा आप फ्रूट और वेजिटेबल्स जूस का भी सेवन करके आपने शरीर में पानी की मात्रा बढ़ा सकते हैं|

इन चीज़ों को कहिए NO

Dairy प्रॉडक्ट्स – जैसे cheese, मक्खन, आइस क्रीम, क्रीम युक्त दूध आदि.

ज्यादा मीट का सेवन

शराब और तंबाकू का सेवन ना करें – ये शरीर में पानी की कमी और दूसरे रोग करते हैं|

मीठे पदार्थ-  केक, पेस्ट्री, कूकीज, कैंडी और दूसरे शुगर से भरपूर ड्रिंक्स|

फास्ट फुड्स जैसे fries, बर्गर, पास्ता, पिज़्ज़ा आदि|

तैलीय और मसालेदार खाने से भी परहेज करें|

क्या केला खाने से कब्ज होती है?

ये अक्सर लोग पूछते हैं की केले से कब्ज होती है या नही.. तो इसका उत्तर है हाँ और ना दोनों! जी हाँ यदि आप हरा यानी कच्चा केला खाते हैं तो उससे आपको कॉन्स्टिपेशन होने की संभावना रहती है| क्योंकि कच्चे केले में भारी स्टार्च की अधिक मात्रा पाई जाती है जो की कब्ज का कारण बन सकती हैं|  दूसरी ओर पीला पका हुआ केले में fiber अच्छा होता है साथ ही उसके लॅक्सेटिव गुण भी बढ़ जाते हैं जो की कब्ज दूर करने में आपकी मदद करते हैं| इसलिए क़ब्ज़ होने पर हमेशा अची तरह से पका हुआ केला ही खाना चाहिए|

ये था एक विस्तृत लेख कब्ज के घरेलू इलाज और उपाय के बारे में| यहाँ दिए गये सभी इलाज कब्ज के रामबन उपचार हैं लेकिन ये आपने आपने शरीर की प्रकर्ति के अनुसार काम करते हैं| इसलिए ये आपको देखना है की कौनसा उपाय आपके लिए ज़यादा फ़ायदेमंद होता है| अगर आपकी कंडीशन सीरीयस है तो बिना देर करते हुए अपने डॉक्टर से कन्सल्ट करके प्रॉपर दवा लीजिए|

अब बारी आपकी…आप जो भी पूछना चाहते हैं वो आप कॉमेंट लिख कर पूछिए. अच्छी डाइट, नियमित एक्सर्साइज़ और healthy लाइफस्टाइल इस प्राब्लम का सबसे सही इलाज है|

Thursday, June 8, 2017

घंटों करते हैं कंप्‍यूटर पर काम तो बरतें ये 10 सावधानियां, नहीं होंगी बीमारियां


आज हाईटेक टेक्‍नोलॉजी का दौर है। जिससे सरकारी प्राइवेट हर क्षेत्र में ज्‍यादातर काम कंप्‍यूटर पर होते हैं। आज बड़ी संख्‍या में लोग अपना पूरा दिन इसी के सामने बिताते हैं। जिससे उनकी आंखों पर और कमर की हड्डी पर ज्‍यादा प्रभाव प़ड़ता है। लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। कई सर्वे में यह बात सामने आ चुकी है। हालांकि इस दौरान अगर थोड़ी सा रूटीन में बदलाव किया जाए तो काफी हद तक खुद को बचाया जा सकता है। ऐसे में आइए यहां पर पढ़ें कंप्‍यूटर पर का काम करते समय क्‍या सावधानी बरतनी चाहिए...

1-फॉन्‍ट बड़ा रखें: 
कंप्‍यूटर पर लिखने व पढ़ने वाला फॉन्‍ट थोड़ा बड़ा रखें। बड़े फॉन्‍ट साइज से आंखों को थोड़ी आराम मिलेगी। 

2-गहरे रंग के फॉन्‍ट:  
कंप्यूटर पर लिखते व पढ़ते समय गहरे रंग के फॉन्‍ट और हल्के रंग के बैक ग्राउंड से आंखों को आराम मिलती है। 

3-पलके झपकाते रहें: 
कंप्‍यूटर पर काम करते समय आंखे जल्‍दी झपकाएं। कई बार देर से झपकाने से आंखे सूख जाती हैं।  

4-ब्राइटनेस सामान्‍य हो: 
कंप्‍यूटर स्क्रीन में ब्राइटनेस न कम हो न ज्‍यादा हो। ब्राइटनेस की वजह से भी आंखों में प्रेशर व सरदर्द होता है।  

5-स्‍क्रीन से अलग देखें: 
काम करते समय हर 20 सेकेंड बाद स्‍क्रीन से अलग कहीं और देखें। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है। 

6-कमरे में लाइट जरूरी: 
कंप्‍यूटर पर काम करते समय उस जगह पर लाइट होना जरूरी है। हालांकि रोशनी सीधी आंखों पर न पड़ने पाए। 

7-झुककर न बैठे: 
कंप्‍यूटर पर काम करते समय बिल्‍कुल सीधे बैठना चाहिए। झुककर बैठने से कमर पर खास प्रभाव पड़ता है। 

8-ज्‍यादा देर तक न बैठे: 
लगातार ज्‍यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए। हर 30 मिनट बाद उठकर चलना जरूरी होता है। 

9-एक्‍सरसाइज करते रहें: 
चेयर पर बैठे-बैठे ही शरीर को थोड़ा सा एक्‍सरसाइज करा लेना चाहिए। इससे आराम मिलती है। 

10-गर्दन को घुमाते रहें: 
काम करते समय अपने गर्दन को थोड़ा इधर-उधर घुमा लेना चाहिए। जिससे पीठ पर प्रेशर नहीं पड़ता है।

इन 6 कारणों से भिंडी डाइबीटिक मरीज़ों के लिए सूपरफूड है, जानें कैसे!

भिंडी डाइबीटिज को कैसे करता है कंट्रोल, क्या आप जानना चाहते है?

भिंडी कहे या ओकरा, हर किचन में सप्ताह में दो या तीन दिन तो बन ही जाता है। लेकिन शायद ही किसी को यह पता होगा कि यह डाइबीटिक रोगी के लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि फल और सब्ज़ी दोनों में इतनी क्षमता होती है कि वह ब्लड-ग्लूकोज को कंट्रोल करने के साथ-साथ वज़न को भी कंट्रोल करता है। साथ ही पूर्ण रूप से स्वस्थ और तंदुरूस्त रहने में पूरी तरह से सहायता करता है। इनमें एक जाना-माना नाम है, वह है भिंडी।

भिंडी कैसे डाइबीटिज को कंट्रोल करता है-

नीचे दिए गए जानकारी से आपको पता चल जाएगा कि अगर आप नियमित रूप से भिंडी खाते हैं तो कैसे यह आपके ब्लड-शुगर को कंट्रोल करेगा-

फाइबर से भरपूर- फाइबर युक्त डायट डाइबीटिक रोगी के लिए बहुत अच्छा होता है। भिंडी में घुलनशील फाइबर रहता है जो ग्लूकोज़ को सोखकर ब्लड-शुगर लेवल को खाने के बाद कंट्रोल करता है।

एन्टी-डाइबीटिक गुण- कई अध्ययनों से यह पता चला है कि सब्ज़ियों में एक प्रकार का एन्जाइम होता है जो कार्बोहाइड्रेट को मेटाबॉलाइज करने, इन्सुलिन लेवल के उत्पादन को बढ़ाने, अग्न्याशय (pancreas) में बीटा सेल्स को बेहतर बनाने में जो इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायता करता है।

वेट कंट्रोल- क्या आपको पता है कि वज़न को कंट्रोल रखने से भी डाइबीटिज के समस्याओं से बचा जा सकता है और इसको मैनेज किया जा सकता है। भिंडी में लो कैलोरी होने के कारण ये वेट को कंट्रोल करने में अहम् भूमिका निभाता है- 100 ग्राम भिंडी में मात्र 33 कैलोरी होता है।

लो ग्लाइसेमिक इन्डेक्स- जिन खाद्दों में लो ग्लाइसेमिक इन्डेक्स होता है शुगर के निकलने की गति को कम करता है।

विटामिन और मिनरल का स्रोत- भिंडी में विटामिन सी होता है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है। जो लोग मधुमेह के कारण कई प्रकार के इन्फेक्शन और रोग से पीड़ित होते हैं, उनको रोकने में मदद करता है।

एन्टीऑक्सिडेंट का अच्छा स्रोत- न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से यह पता चला है कि दूसरे सब्ज़ियों की तुलना में ओकरा या भिंडी में एन्टीऑक्सिडेंट का गुण ज्यादा होने का फ्री रैडिकल्स से होने वाले क्षति को रोकता है और कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोककर शरीर के ज़रूरी ऑर्गन्स को बचाता है, जो ब्लड-शुगर के लेवल के असंतुलन के कारण होता है।

भिंडी को अपने डायट में कैसे करेंगे शामिल-

ओकरा वाटर- ओकरा वाटर यानि भिंडी का पानी आपको बेशक पता होगा लेकिन भिंडी के पानी Okra water के फयदों के बारे में आपको नहीं पता होगा | भिंडी के पानी से शुगर , किडनी की बीमारियाँ , दमा और कोलेस्ट्रॉल जैसे जानलेवा बीमारियों का इलाज़ संभव है | आगे हम आपको बताएगे भिंडी का पानी कैसे तयार किया जाए |

 सामग्री

  • 4 भिंडी – Okras
  • 1 कप साफ़ पानी – Water

विधि :-

पहले भिंडी का उपरी और निचला हिस्सा काट दीजिये और भिंडी को बीच में से काट दीजिये | और फिर भिंडी को एक कप पानी में डाल दीजिये और पूरी रात ऐसे ही छोड़ दीजिये | और दुसरे दिन इस मिश्रण का निचोड़ एक गिलास में निकाल लीजिये और उस निचोड़ में थोडा साफ़ पानी डाल लीजिये |

रोजाना सुबह खाली पेट (खाने से आधा घंटा पहले) इस मिश्रण के सेवन से आपको कुछ ही दिनों में हैरान करने वाले नतीजे प्राप्त होंगे |

उबली हुई भिंडी- भिंडी को उबालकर उस पर नमक और नींबू डालकर स्नैक की तरह खा सकते हैं।

सब्ज़ी के रूप में भिंडी- आलू भिंडी, भिंडी मसाला, मिक्सड वेज़टबल भिंडी आप किसी भी तरह से भिंडी खा सकते हैं। हाँ, तेल और मसाले का ध्यान रखें, ताकि सब्ज़ी की पौष्टिकता बनी रहे।

क्यों नहीं भिंडी को लेकर ही ज्यादा आशावादी बनना चाहिए:

कई प्रकार के अध्ययनों से संकेत मिलता है कि भिंडी ब्लड-शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दवा खाना बंद कर दें। डाइबीटिज को कुछ भी पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता है बल्कि कुछ हद तक कंट्रोल कर सकता है, बस!

मधुमेह के लिए योगासन


यदि आप मधुमेह (Diabetes) की बीमारी से ग्रस्त है तो उसके अनेक कारण हो सकते हैं जैसे कि सही समय पर व्यायाम न करना, गलत भोजन करना और आजकल की तनावग्रस्त आधुनिक जीवनशैली इस समस्या को और अधिक जटिल कर देती है| इस समस्या का निवारण करने हेतु आपको आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाना भी अति आव्यशक है| इस आधुनिक समाज में जहाँ जीवन निरंतर चलायमान है, अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है| मधुमेह की समस्या को पूर्णतः ठीक करने के लिए अपनी जीवन शैली में योगासन, प्राणायाम व ध्यान को जोड़ना एक सही कदम है| निमिन्लिखित योग क्रियाओं को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ और मधुमेह का सामना करे|

अच्छे परिणाम प्राप्त करने हेतु आपको योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा| इसके लिए आपको निरंतर अनुशासन में रहना होगा| आप यह योगासन सुबह अथवा शाम, जो भी समय आपको ठीक लगता है, उस समय कर सकते हैं| जो भी समय आपने अपने योगासन करने के लिए निर्धारित किया हैं, उसके प्रति अनुशासित रहे |आप कुछ ही समय में बहुत अच्छे परिणाम देखेंगे|

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए निमिन्लिखित योगासन करें:


कपालभाती​ प्राणायाम (Kapal Bhati pranayam)

सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supta Matsyendrasana)

धनुरासन (Dhanurasana)

पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

अर्धमत्स्येन्द्रासन (Ardhya Matsyendrasana)

शवासन (Shavasana)

 

1. कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम आपके तंत्र तंत्रिकाओं और मस्तिष्क की नसों को ऊर्जा प्रदान करता हैं| यह प्राणायाम मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत अच्छा हैं क्योंकि यह पेट की मासपेशियों को सक्रिय करता हैं| यह प्राणायाम रक्त परिसंचरण को सुधरता हैं व मन को भी शांति प्रदान करता हैं|

2. सुप्त मत्स्येन्द्रासन

सुप्त मत्सेन्द्रयासन शरीर के अंदरूनी अंगो की मसाज करता हैं व पाचन क्रिया में सहायता करता हैं| यह आसन पेट के अंगो को सक्रीय करता है और मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है|

 

 

3. धनुरासन

यह आसन अग्न्याशय (pancreas) को सक्रिय करता है और मधुमेह के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभदायक है| यह योगासन पेट के अंगो को मज़बूत बनाता है और तनाव से मुक्ति देता है|

4.पश्चिमोत्तानासन

यह आसन पेट व श्रोणि के अंगो को सक्रिय करता है जो कि मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है| पश्चिमोत्तानासन शरीर में प्राण ऊर्जा को बढ़ाता है और मन को शांति प्रदान करता है|

 

5. अर्धमत्स्येन्द्रासन

यह आसन पेट के अंगो की मसाज करता है व फेफेड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है| अर्धमत्स्येन्द्रासन रीढ़ की हड्डी को भी मज़बूत बनाता है| इस योगासन को करने से मन शांत होता है व रीढ़ की हड्डी के हिस्से में रक्त संचालित हों जाता है|

6. शवासन

शवासन पूरे शरीर को विश्राम देता है| यह आसन व्यक्ति को गहरे ध्यान की अवस्था में ले जाता है जिससे मन शांत व नवीन ऊर्जा से परिपूर्ण हों जाता है|

 

मधुमेह को गहराई से समझने के लिए "मुक्त मूलकों" ('free radicals) के बारे में जानना बहुत आव्यशक है| 'मुक्त मूलक' अणु तत्त्व होते हे जो नेगेटिव चार्ज रहते है और जो हमारे वातावरण में कुछ समय के लिए (नैनो सेकंड) मौजूद होते हैं| अपने ऊपर नेगेटिव चार्ज होने के करण यह जल्दी से जल्दी अपना निराकरण (neutralization) करवाना चाहते हैं| हमारा शरीर जीवाणुओंसे से लड़ने के लिए इन 'मुक्त मूलकों' का सहारा लेता है| शरीर में 'मुक्त मूलकों' का निवाकरण होना आव्यशक है और उसके लिए हमारा शरीर ऑक्सीकरण रोधी तत्वों (antioxidants) की सहायता लेता है| हमारे शरीर में तीन ऑक्सीकरण रोधी तत्त्व- ग्लूटाथिओन, कैटालासे और सुपर ऑक्साइड डिसम्युतासे (S.O.D) होना बहुत आव्यशक होता है| यह ऑक्सीकरण रोधी तत्त्व विटामिन-सी, विटामिन-इ, व कुछ मिनरल द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं|

बालों को झड़ने से रोकने के 15 आसान तरीके !

Hair Loss Causes Treatment Remedies In Hindi/ बालों  का  गिरना  कैसे  कम  करे  ! 15 तरीके 

भगवान ने हम मनुष्य को कई खुबसूरत चीजे दी है जिसमे आँख, कान, मुँह आदि शामिल है. ऐसे ही एक सुन्दर चीज और है जो है हमारे बाल (Hair). बाल व्यक्ति के शरीर को सुन्दर तो बनाता ही है साथ ही साथ वह मनुष्य के शरीर का एक अहम हिस्सा भी है. जिस कारण हर व्यक्ति अपने बालों पर नाज करता है और घने लम्बे बालो की चाहत भी रखता है.


परन्तु हमारे वर्तमान जीवनशैली में बहुत सारे लोग आज Hair loss यानि बालों के असीमित रूप से झड़ने के कारण बहुत परेशान है. हद तो तब हो जाती है जब कोई युवा अपने युवावस्था में ही गंजा हो जाता है और वह 23 की आयु में ही 42 साल का दिखाई देता है.

यह post कुछ लम्बी है इसलिए आप इसे अपने बुकमार्क या favourite List में add कर ले या फिर आप google पर Nayichetana.com सर्च टाइप करके इस post को फिर से पढ़ सकते है.

बालों का यूँ कम उम्र में झड़ना उन युवको के लिए बहुत ही गंभीर समस्या बन जाती है जिस कारण वे बहुत तनाव (tension) में आ जाते है और यह Problem आजकल युवाओ में बहुत तेजी से बढ़ रही है. अक्सर बाल धीरे – धीरे गिरते है फिर भी कई बार लोग इस समस्या से बाहर निकलने का प्रयास ही नहीं करते और फलस्वरूप उनके बाल धीरे – धीरे कम होते रहते है.

अगर आपको बालों के झड़ने से निजात पानि है या अपने बालों को मजबूत और चमकदार बनाना है तो आपको अपने बालों की Care करने की जरुरत है क्योंकि बिना बाल के आपकी Persanlaty हमेशा आधी रहती है.

बालों का असमय झड़ने के प्रमुख कारण (Couse of Hair loss) :

Hair Loss Causes Treatment Remedies In Hindi

Hair Loss Causes

Balon Ke Jhadne Ke Prmukh Karan

बालों के असमय झड़ने के बहुत सारे कारण है किन्तु प्रदूषण के कारण, बालों की सफाई न करना या गन्दी आदतों के कारण हमारे बाल रूखे – सूखे, टूटने या झड़ने लगते है. बालों के असमय झड़ने के प्रमुख कारण निम्न है:

* सही दिनचर्या का न होना (Lifestyle) :

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने काम के पीछे लगे रहने से हम अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना भूल जाते है जिस कारण हम अपने बालो की भी ठीक से देखभाल नही कर पाते और लम्बे समय तक धूप और धूल – मिटटी वाली जगह पर रहते है. इस Lifestyle से हमें कई बार अत्याधिक तनाव व अधूरी नींद का भी सामना करना पड़ता है. जिससे हमारे बालों का लगातार ह्रास (Hair loss) होता रहता है.

* बालों के झड़ने का आनुवांशिक कारण (Hereditary) :

बालों के झड़ने का सीधा सम्बन्ध अनुवांशिकता से होता है. यह बालों के गिरने का एक प्रमुख कारण है. आनुवांशिकता के कारण यह समस्या एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में Transfar होती रहती है. यह समस्या किसी Family के सभी लोगो में समान होती है क्योंकि एक विशिष्ट जीन (gene) के कारण ऐसा होता है. जो बालों के गिरने का कारण बनता है.

* टेलोगेन समस्या (Telogen Effluvium) :

Telogen Effluvium एक ऐसी Problem होती है जिसमे बहुत ही अधिक मात्रा में बाल बहुत तेजी से गिरते है. अक्सर यह समस्या अधिक तनाव (Tension) लेने से, अपने वजन को कम करने से, अधिक काम करने से, किसी आंपरेशन (operation) के बाद या गर्भवस्था के बाद होती है. इसलिए बालों के झड़ने में यह भी एक प्रमुख कारक है जो बालों को गिरा देता है.

* हार्मोन्स में संतुलन न होना (Hormonal Imbalance) :

वैसे तो किसी भी हार्मोन्स के परिवर्तन होने से व्यक्ति के Body और व्यवहार में काफी change आ जाता है. किन्तु कुछ harmons ऐसे होते है जो व्यक्ति के शरीर में बहुत तेजी से बदलाव करते है. अगर कभी शरीर के हार्मोन्स में एकदम से बहुत अधिक परिवर्तन आ जाये तो उसका असर हमारे बालों पर पड़ता है.

जिस कारण हमारे बाल गिरने लगते है. महिलाओ में Thyroid Hormone बालों के झड़ने के लिए उत्तरदायी होता है. जो Hair Loss का कारण बनता है.

* सही आहार न लेना (Diet Problem) :

भोजन का हमारे शरीर से सीधा सम्बन्ध होता है. अगर हमारा भोजन संतुलित और पौष्टिक नहीं होगा तो वह हमारे शरीर का विकास तेजी से नहीं कर सकता. बालों पर भी यही बात लागू होती है. जिस तरह बॉडी के सभी अंगो को विटामिन और प्रोटीन की जरुरत होती है.

ठीक उसी तरह हमारे बालों को भी इन्ही विटामिन (Vitamin), मिनरल्स (Minerals) और प्रोटीन (Protein) की आवश्यकता होती है जिससे हमारे बाल काले, लम्बे और घने रहते है. अगर हमारे बालों को विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन उचित मात्रा में न मिले तो हमारे बालों का झड़ना शुरू हो जाता है.

* पाचन तंत्र का ठीक न होना (Digestive Problem) :

आजकल हमारी जीवनशैली इस प्रकार बदल चुकी है कि हमें अपने स्वास्थ्य की परवाह ही नहीं होती है जिसका Result यह होता है कि हमें कई छोटी – छोटी स्वास्थ्य समस्याओ का सामना करना पड़ता है. इन्ही समस्याओ में से एक है- पाचन तंत्र (हाजमे) का ठीक न होना.

पाचन तन्त्र का हमारे स्वास्थ्य पर सीधा नियन्त्रण होता है. इसका असर हमारे बालों पर भी पड़ता है. अगर हमारा पाचन तंत्र ठीक नहीं होगा तो वह हमारे बालों की जड़ो को कमजोर कर देता है. जिस कारण हमारे बाल गिरने लगते है और आसानी से टूट जाते है.

* गीले बालों पर कंगी करना :

अक्सर अपने ऑफिस के लिए या किसी काम के लिए जब हमें जल्दीबाजी में घर से निकलना होता है तो हम अपने बालों को गीला ही छोड़ देते है और गीले बालों पर ही कंघी का उपयोग कर देते है.

जिस कारण हमारे बाल झड़ने लगते है क्योंकि जब हमारे बाल गीले होते है तो उस समय वे बहुत ही Soft और नाजुक होते है और बड़ी आसानी से टूट जाते है. और जब इन गीले बालों पर कंघी का इस्तेमाल किया जाता है तो वो हमारे नाजुक बालों पर एक तलवार की तरह असर करता है और बाल गिर जाते है.

* जीवन में तनाव का होना :

तनाव एक ऐसी आग है जो मनुष्य को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देती है और तनाव के कारण ही व्यक्ति के अन्दर कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती है. जीवन में अधिक तनाव होने से यह हमारे बालों पर भी असर करता है.

जिस कारण हमारे बाल बहुत तेजी झड़ने लग जाते है व व्यक्ति कम उम्र में ही गंजेपन का शिकार हो जाता है. तनाव को अगर समय रहते रोका नहीं गया तो व्यक्ति कुछ समय बाद ही बिल्कुल गंजा हो सकता है.

* बालों पर बहुत गर्म पानी डालना :

कई लोग नहाते समय या बालों को धोने के लिए बहुत ही ज्यादा गर्म पानी का use करते है. गर्म पानी हमारे Body के लिए नुकसानदायक होता है. जब यह गर्म पानी हमारे बालों पर भी पड़ता है तो वह हमारे बालों को बहुत ही कमजोर बना देता है और वो Automatic ही उखड़ जाते है.

* बालों की रचना को बदलते रहना :

अपने बालों की Style को हमेशा बदलते रहना यह आदत तो बहुत ही अधिक लोगो की होती है, खासकर युवाओ की. किसी पार्टी में जाने पर, किसी को date करने पर, किसी शादी में जाने पर या किसी को आकर्षित करने के लिए हम अपने बालों की स्टाइल निरंतर बदलते रहते है.

For Example : मैंने अपने कई दोस्तों को देखा है जब हम कोई Importance Function में या कही घुमने के लिए जाते है तो उनका look तो change होता ही है साथ ही साथ उनके हेयर स्टाइल भी change रहता है. ऐसा लगातार करने से यह हमारे बालों की जड़ो को कमजोर बना देता है. जो बालों को तोड़ने लगता है और बाल गिरने लगते है.

बालों को असमय झड़ने से (Hair loss) रोकने के आसान तरीके :

हमारे हेयर बहुत ही नाजुक होते है और थोड़ी सी भी लापरवाही करने पर या बालों की केयर न करने पर बाल बेजान या टूटने लग जाते है. इसलिए अपने बालों को किसी भी प्रकार की समस्या से बचाने के लिए बालों की देखभाल बहुत जरुरी है.

दोस्तों अब आपको यह तो पता चल गया कि आखिर बालों के झड़ने के क्या कारण होते है. किन्तु बालों को झड़ने से रोकने के लिए आपको ऊपर बताये गये कारणों का निवारण करना होगा मतलब कि ऊपर बताये गये कारण में से आप जो गलती कर रहे है उसका पता लगाये और फिर उस कारण को दोबारा करने से बचे या उसका उपचार करे.

कई लोग बालों के असामान्य झड़ने को रोकने के लिए शेम्पू या किसी विशिष्ट साबुन का इस्तेमाल करते है. आप उन लोगो की तरह यह गलती न करे. हम आपको यहाँ बालों को रोकने के लिए कुछ उपाय (Tips) बता रहे है जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे.

बालो को झड़ने से रोकने के प्राकृतिक उपचार :फलों और सब्जियों को अपनाये :

फल और सब्जियाँ हमारे सेहत के लिए कितना फायदेमंद होती है यह तो आपको पता ही होगा. बचपन से हम फलों और सब्जियों के फायदे के बारे में सुनते आ रहे है. बालो के बढ़ने और मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन की आवश्यकता होती है. जो हमें फलों व सब्जियों में बड़ी आसानी से मिल सकते है.

बालों को सेहतमंद बनाने के लिए आप अपने आहार में आंवला, गाजर, पालक, चना, प्याज, राजमा, टमाटर, सोयाबीन व अदरक का उपयोग कर सकते है तथा इसके अलावा भी आप मौसमी फल, अंकुरित अन्न व विटामिन से भरे ताजे फलों का उपयोग भी कर सकते है.

केमिकल वाले शेम्पू और साबुन से बचे :

बहुत बार कई लोग विशेषकर Girls अपने बालों को सुन्दर व मजबूत दिखाने के लिए केमिकल युक्त शेम्पू या साबुन का बार – बार उपयोग करते है. अत्यधिक बार शेम्पू का Use बालों के लिए नुकसानदायक होता है और वह बालों को सुन्दर व सेहतमंद बनाने के बजाय बेजान या कमजोर बना सकता है. इसलिए बालों को धोने के लिए इन शेम्पू या साबुन का कम उपयोग करे. इसके बजाय आप आंवला के पाउडर का use बाल धोने के लिए कर सकते है.

तनाव से रहे दूर :

तनाव हमें क्या नुकसान पहुँचा सकता है वो हम आपको बता चुके है. अगर आप अधिक तनाव लेते है तो यह आपके बालों को गिरा देता है. इसलिए खुद को हमेशा तनावमुक्त रखे.

आप तनाव (Strech) को कम करने के लिए ध्यान, व्यायाम, कोई गेम या स्पोर्ट्स या अपनी पसंद का music सुन सकते है. ऐसा करने से आपका तनाव का लेवल काफी कम हो जायेगा तथा यह आपके बालों को झड़ने से रोकने में सहायता करेगा.

गरम पानी से रखे बालों को दूर :

नहाते वक्त या बाल धोते समय बालो पर कभी भी बहुत अधिक गरम पानी का उपयोग न करे. अधिक गरम पानी से बाल कमजोर और नाजुक बन जाते है. नहाते वक्त सिर्फ ठन्डे या हल्के गुनगुने पानी का प्रयोग करे. ऐसा करने से आपके बालों पर ज्यादा जोर नहीं पड़ेगा जिस कारण वे मजबूत बने रहेंगे और गिरेंगे नहीं.

गरम तेल से करे बालों की मसाज :

तेल से मालिश करना हमारे शरीर के लिए के लिये बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन काफी तेजी से बढ़ता है. वही अगर यह मालिश सिर में बालों में की जाये तो यह सोंने में सुहागा है. अगर आपके बाल निरन्तर झड़ रहे है तो आप सरसों के तेल को हल्का गरम करके सिर की मालिश करे.

इससे आपके बालों में रक्त संचार काफी तेजी से होगा जिससे आपके Hair Folikils काफी तंदुरुस्त हो जायेंगे जो बालों को झड़ने से रोकने में Help करेगा.

गीले बालों पर कंघी करने से बचे :

जब भी आप अपने बाल धोते है उसके बाद गीले बालो पर कभी भी कंगी न करे. जब आपके बाल गीले होते है उस समय वे बहुत ही कमजोर और नाजुक होते है जो बड़ी आसानी से टूट सकते है. इसलिए गीले बालों को हमेशा तौलिये या किसी कपडे से आराम से सुखाये.

जब आपके बाल सूख जाय उसके बाद तेल लगाकर उन्हें अच्छे से मसाज कर ले और फिर बालों पर कंघी करे. यह बात ध्यान रखे की बालों पर कंघी करने के लिए हमेशा मोटे दांतों वाली कंघी का use करे. इससे आपके बाल लम्बे और मजबूत बनेंगे.

बालों में लगाये एलोवेरा :

एलोवेरा एक बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक पौधा होता है और आयुर्वेद में इसका स्थान काफी ऊँचा माना जाता है. बालों के लिए भी यह एलोवेरा काफी फायदेमंद होता है. actualy एलोवेरा के पत्तो में जो जैल होता है वह बालों को काफी फायदा पहुंचाता है. इसके अलावा भी आप एलोवेरा के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते है. इस पाउडर का पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से बाल बहुत ही मजबूत हो जाते है.

रोजाना व्यायाम करे :

व्यायाम करने से हमारा शरीर काफी सुन्दर और मजबूत बन जाता है. रोज व्यायाम करने से हमारे शरीर में रक्त का संचार बहुत ही अच्छे तरीके से होता है. जिससे हमें मानसिक और शारारिक रूप से बहुत Benifit होता है तथा रोजाना व्यायाम हमारा तनाव भी काफी तेजी से घटाता है.

हमें अपनी दिनचर्या में व्यायाम को नियमित रूप से शामिल कर देना चाहिए. आप daily टहलना (Walking), स्विमिंग (Swimming), साइकिलिंग (Cycling) या कोई खेल (Sports) आदि कर सकते है.

बालों को किसी चीज से बाँधने से बचे :

अपने बालों को कभी भी किसी कपडे से न बाधें या बालों में रोलर का उपयोग न करे. वही अपने गीले बालों में भूल कर भी रबड़ बैंड या ग्रिप का प्रयोग न करें. अगर आप ऐसा करते है तो इससे आपके बाल खीचने लगते हैं और वे बहुत ही कमजोर हो जाते है. जिस कारण उनके टूटने की कई ज्यादा सम्भावना होती है. इसलिए बालों को कभी भी न बाधें.

नारियल के तेल का करे प्रयोग :

बालों को सेहतमंद व मजबूत रखने के लिए आप नारियल का भी उपयोग कर सकते है. नारियल का use बहुत ही Benifit देता है. आप अपने बालों के Protection के लिए नारियल तेल को Use कर सकते है. लगातार नारियल तेल का उपयोग हमारे बालों को मुलायम, चमकीला व सेहतमंद बना देता है.

आंवले का करे प्रयोग :

आंवला हमारे शरीर में Vitamin C की कमी को पूरा करता है. यह आंवला हमारे बालों को भी चमकदार और मजबूत बनाता है तथा बालों को काले रखने में बहुत हेल्प करता है. आप आंवले का तेल बालों के लिए use कर सकते है और आंवले को खाया भी जा सकता है. आंवले का लगातार प्रयोग आपके बालों में बहुत ही Helthi Changes कर देगा जिससे आपके बाल कमजोर नहीं होंगे और बाल को एक नयी चमक भी मिलेगी.

 संतुलित और पौष्टिक आहार अवश्य ले :

भोजन हमारे अच्छे स्वास्थ्य की प्रमुख कड़ी है. अपने बालों को उचित आहार देने के लिए आप प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन का उपयोग कर सकते है. आप मांसाहारी भोजन, सोया, शकरकंद, अंकुरित अन्न, मूंग, दूध, मूंगफली या चना का उपयोग कर सकते है. अगर आपका आहार अच्छा होगा तो आपके बाल भी इससे स्वस्थ रहेंगे. अच्छा आहार आपके बालों को बढ़ाने में, मजबूती देने में और झड़ने से रोकता है.

बालों को गिरने से रोकने के घरेलू उपचार (Gharelu upchar) :

* अपने बालों में चमक पैदा करने के लिए जैतून या सरसों के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाइए और फिर 4 घन्टे बाद उन्हें पानी से धो ले. आपके बाल इसके बाद काफी चमकदार बन जायेंगे.

* अगर आपके बाल रूखे या नाजुक है तो आपको अपने इन बालों को हटाने के लिए अपने बालों में शहद का उपयोग करना चाहिए. अपने बालों में शहद लगाये और फिर उन्हें 1 घंटे बाद पानी से धो ले. इससे आपके बाल बहुत ही कोमल हो जायेंगे.

* अपने बालों में खट्टे दही का प्रयोग करे. कुछ समय बाद पानी से बाल धो लें. इससे आपके बाल मुलायम हो जायेंगे.

* अपने बालों को मुलायम और कोमल बनाने के लिए नारियल के तेल में कपूर व नींबू का रस मिला कर बालों की जड़ों में लगाये.

* अपने बालों को मजबूत बनाने के लिए आप अपने बालों में मेहंदी लगाये. मेहंदी बालों के जड़ो के छिद्रों (हेयर क्यूटिकिल्स) को बंद कर देती है जिससे बाल मजबूत होने लगते है. आप अपने बालों के लिए मेहंदी में दही या अंडे का पेस्ट बनाकर अपने बालों के लिए use कर सकते है.

* अपने बालों को झड़ने से रोकने के लिए आप ग्रीन टी (Green Tea) का उपयोग कर सकते है क्योंकि चाय में एंटी – ओक्सिडेन्ट्स अधिक मात्रा में होते हैं. जो बालों के बढ़ने में सहायक होते है. एक गिलास पानी में थोडा Green Tea Bag का use करके चाय बना सकते है और फिर उस चाय को ठंडा होने के बाद बालों में लगाये और सिर को एक घंटे बाद धो ले.

बालों को झड़ने से रोकने के लिए इन चीजो से करे परहेज :

* बालों में कैमिकल वाले प्रोडक्ट का प्रयोग न करे.

* बालों को बहुत ज्यादा तानकर बांधना नहीं चाहिए.

* अपने बालों को अलग – अलग दिशा देने से बचे.

* बालों को रोजाना न धोएं. हफ्ते में 3 से 4 बार ही धोएं.

* खुद को सजाने के लिए नकली बालों से परहेज करें.

अगर इन उपायों को करने के बाद भी आपके बाल बहुत अधिक मात्रा में झड़ते है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

दोस्तों आपने इस आर्टिकल में बालों के झड़ने का कारण तथा बालों को झड़ने से रोकथाम के तरीके पढ़े. अगर आप अपने बालों को स्वस्थ, मजबूत, चमकदार, काले घने व टूटने से बचाना चाहते है तो ऊपर बताये गये Tips को अपनी Life में जरुर Follow करे.

इन तरीको को अपनाने से आपको यकीनन बहुत अधिक फायदा होगा और आप उन लोगो की तरह गंजेपन का शिकार नहीं होंगे जिन्होंने अपने बालों को झड़ने से बचाने के लिए कोई उपाय या प्रयास ही नहीं किया.

बालों को झड़ने से रोकना कोई कठिन काम नहीं है बल्कि अगर उचित देखभाल, सावधानी और कुछ चीजो से परहेज किया जाये तो बालों का झड़ना बहुत ही कम हो जाता है. अगर आप उन लोगो में से है जिनके बाल झड़ना अभी शुरू हुआ है तो आप अभी से सावधानी बरतना आरम्भ करे और उचित उपाय अपनाये।

All The Best !

मुझे उम्मीद है की आपको ये Article जरूर पसंद आया होगा.

Note : यहाँ दी गई Information लेखक के अपने विचार है और यह जानकारी आपके ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है. कृपया किसी भी Step को करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले।