Thursday, June 8, 2017

घंटों करते हैं कंप्‍यूटर पर काम तो बरतें ये 10 सावधानियां, नहीं होंगी बीमारियां


आज हाईटेक टेक्‍नोलॉजी का दौर है। जिससे सरकारी प्राइवेट हर क्षेत्र में ज्‍यादातर काम कंप्‍यूटर पर होते हैं। आज बड़ी संख्‍या में लोग अपना पूरा दिन इसी के सामने बिताते हैं। जिससे उनकी आंखों पर और कमर की हड्डी पर ज्‍यादा प्रभाव प़ड़ता है। लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। कई सर्वे में यह बात सामने आ चुकी है। हालांकि इस दौरान अगर थोड़ी सा रूटीन में बदलाव किया जाए तो काफी हद तक खुद को बचाया जा सकता है। ऐसे में आइए यहां पर पढ़ें कंप्‍यूटर पर का काम करते समय क्‍या सावधानी बरतनी चाहिए...

1-फॉन्‍ट बड़ा रखें: 
कंप्‍यूटर पर लिखने व पढ़ने वाला फॉन्‍ट थोड़ा बड़ा रखें। बड़े फॉन्‍ट साइज से आंखों को थोड़ी आराम मिलेगी। 

2-गहरे रंग के फॉन्‍ट:  
कंप्यूटर पर लिखते व पढ़ते समय गहरे रंग के फॉन्‍ट और हल्के रंग के बैक ग्राउंड से आंखों को आराम मिलती है। 

3-पलके झपकाते रहें: 
कंप्‍यूटर पर काम करते समय आंखे जल्‍दी झपकाएं। कई बार देर से झपकाने से आंखे सूख जाती हैं।  

4-ब्राइटनेस सामान्‍य हो: 
कंप्‍यूटर स्क्रीन में ब्राइटनेस न कम हो न ज्‍यादा हो। ब्राइटनेस की वजह से भी आंखों में प्रेशर व सरदर्द होता है।  

5-स्‍क्रीन से अलग देखें: 
काम करते समय हर 20 सेकेंड बाद स्‍क्रीन से अलग कहीं और देखें। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है। 

6-कमरे में लाइट जरूरी: 
कंप्‍यूटर पर काम करते समय उस जगह पर लाइट होना जरूरी है। हालांकि रोशनी सीधी आंखों पर न पड़ने पाए। 

7-झुककर न बैठे: 
कंप्‍यूटर पर काम करते समय बिल्‍कुल सीधे बैठना चाहिए। झुककर बैठने से कमर पर खास प्रभाव पड़ता है। 

8-ज्‍यादा देर तक न बैठे: 
लगातार ज्‍यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए। हर 30 मिनट बाद उठकर चलना जरूरी होता है। 

9-एक्‍सरसाइज करते रहें: 
चेयर पर बैठे-बैठे ही शरीर को थोड़ा सा एक्‍सरसाइज करा लेना चाहिए। इससे आराम मिलती है। 

10-गर्दन को घुमाते रहें: 
काम करते समय अपने गर्दन को थोड़ा इधर-उधर घुमा लेना चाहिए। जिससे पीठ पर प्रेशर नहीं पड़ता है।

इन 6 कारणों से भिंडी डाइबीटिक मरीज़ों के लिए सूपरफूड है, जानें कैसे!

भिंडी डाइबीटिज को कैसे करता है कंट्रोल, क्या आप जानना चाहते है?

भिंडी कहे या ओकरा, हर किचन में सप्ताह में दो या तीन दिन तो बन ही जाता है। लेकिन शायद ही किसी को यह पता होगा कि यह डाइबीटिक रोगी के लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि फल और सब्ज़ी दोनों में इतनी क्षमता होती है कि वह ब्लड-ग्लूकोज को कंट्रोल करने के साथ-साथ वज़न को भी कंट्रोल करता है। साथ ही पूर्ण रूप से स्वस्थ और तंदुरूस्त रहने में पूरी तरह से सहायता करता है। इनमें एक जाना-माना नाम है, वह है भिंडी।

भिंडी कैसे डाइबीटिज को कंट्रोल करता है-

नीचे दिए गए जानकारी से आपको पता चल जाएगा कि अगर आप नियमित रूप से भिंडी खाते हैं तो कैसे यह आपके ब्लड-शुगर को कंट्रोल करेगा-

फाइबर से भरपूर- फाइबर युक्त डायट डाइबीटिक रोगी के लिए बहुत अच्छा होता है। भिंडी में घुलनशील फाइबर रहता है जो ग्लूकोज़ को सोखकर ब्लड-शुगर लेवल को खाने के बाद कंट्रोल करता है।

एन्टी-डाइबीटिक गुण- कई अध्ययनों से यह पता चला है कि सब्ज़ियों में एक प्रकार का एन्जाइम होता है जो कार्बोहाइड्रेट को मेटाबॉलाइज करने, इन्सुलिन लेवल के उत्पादन को बढ़ाने, अग्न्याशय (pancreas) में बीटा सेल्स को बेहतर बनाने में जो इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायता करता है।

वेट कंट्रोल- क्या आपको पता है कि वज़न को कंट्रोल रखने से भी डाइबीटिज के समस्याओं से बचा जा सकता है और इसको मैनेज किया जा सकता है। भिंडी में लो कैलोरी होने के कारण ये वेट को कंट्रोल करने में अहम् भूमिका निभाता है- 100 ग्राम भिंडी में मात्र 33 कैलोरी होता है।

लो ग्लाइसेमिक इन्डेक्स- जिन खाद्दों में लो ग्लाइसेमिक इन्डेक्स होता है शुगर के निकलने की गति को कम करता है।

विटामिन और मिनरल का स्रोत- भिंडी में विटामिन सी होता है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है। जो लोग मधुमेह के कारण कई प्रकार के इन्फेक्शन और रोग से पीड़ित होते हैं, उनको रोकने में मदद करता है।

एन्टीऑक्सिडेंट का अच्छा स्रोत- न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से यह पता चला है कि दूसरे सब्ज़ियों की तुलना में ओकरा या भिंडी में एन्टीऑक्सिडेंट का गुण ज्यादा होने का फ्री रैडिकल्स से होने वाले क्षति को रोकता है और कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोककर शरीर के ज़रूरी ऑर्गन्स को बचाता है, जो ब्लड-शुगर के लेवल के असंतुलन के कारण होता है।

भिंडी को अपने डायट में कैसे करेंगे शामिल-

ओकरा वाटर- ओकरा वाटर यानि भिंडी का पानी आपको बेशक पता होगा लेकिन भिंडी के पानी Okra water के फयदों के बारे में आपको नहीं पता होगा | भिंडी के पानी से शुगर , किडनी की बीमारियाँ , दमा और कोलेस्ट्रॉल जैसे जानलेवा बीमारियों का इलाज़ संभव है | आगे हम आपको बताएगे भिंडी का पानी कैसे तयार किया जाए |

 सामग्री

  • 4 भिंडी – Okras
  • 1 कप साफ़ पानी – Water

विधि :-

पहले भिंडी का उपरी और निचला हिस्सा काट दीजिये और भिंडी को बीच में से काट दीजिये | और फिर भिंडी को एक कप पानी में डाल दीजिये और पूरी रात ऐसे ही छोड़ दीजिये | और दुसरे दिन इस मिश्रण का निचोड़ एक गिलास में निकाल लीजिये और उस निचोड़ में थोडा साफ़ पानी डाल लीजिये |

रोजाना सुबह खाली पेट (खाने से आधा घंटा पहले) इस मिश्रण के सेवन से आपको कुछ ही दिनों में हैरान करने वाले नतीजे प्राप्त होंगे |

उबली हुई भिंडी- भिंडी को उबालकर उस पर नमक और नींबू डालकर स्नैक की तरह खा सकते हैं।

सब्ज़ी के रूप में भिंडी- आलू भिंडी, भिंडी मसाला, मिक्सड वेज़टबल भिंडी आप किसी भी तरह से भिंडी खा सकते हैं। हाँ, तेल और मसाले का ध्यान रखें, ताकि सब्ज़ी की पौष्टिकता बनी रहे।

क्यों नहीं भिंडी को लेकर ही ज्यादा आशावादी बनना चाहिए:

कई प्रकार के अध्ययनों से संकेत मिलता है कि भिंडी ब्लड-शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दवा खाना बंद कर दें। डाइबीटिज को कुछ भी पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता है बल्कि कुछ हद तक कंट्रोल कर सकता है, बस!

मधुमेह के लिए योगासन


यदि आप मधुमेह (Diabetes) की बीमारी से ग्रस्त है तो उसके अनेक कारण हो सकते हैं जैसे कि सही समय पर व्यायाम न करना, गलत भोजन करना और आजकल की तनावग्रस्त आधुनिक जीवनशैली इस समस्या को और अधिक जटिल कर देती है| इस समस्या का निवारण करने हेतु आपको आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाना भी अति आव्यशक है| इस आधुनिक समाज में जहाँ जीवन निरंतर चलायमान है, अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है| मधुमेह की समस्या को पूर्णतः ठीक करने के लिए अपनी जीवन शैली में योगासन, प्राणायाम व ध्यान को जोड़ना एक सही कदम है| निमिन्लिखित योग क्रियाओं को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ और मधुमेह का सामना करे|

अच्छे परिणाम प्राप्त करने हेतु आपको योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा| इसके लिए आपको निरंतर अनुशासन में रहना होगा| आप यह योगासन सुबह अथवा शाम, जो भी समय आपको ठीक लगता है, उस समय कर सकते हैं| जो भी समय आपने अपने योगासन करने के लिए निर्धारित किया हैं, उसके प्रति अनुशासित रहे |आप कुछ ही समय में बहुत अच्छे परिणाम देखेंगे|

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए निमिन्लिखित योगासन करें:


कपालभाती​ प्राणायाम (Kapal Bhati pranayam)

सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supta Matsyendrasana)

धनुरासन (Dhanurasana)

पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

अर्धमत्स्येन्द्रासन (Ardhya Matsyendrasana)

शवासन (Shavasana)

 

1. कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम आपके तंत्र तंत्रिकाओं और मस्तिष्क की नसों को ऊर्जा प्रदान करता हैं| यह प्राणायाम मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत अच्छा हैं क्योंकि यह पेट की मासपेशियों को सक्रिय करता हैं| यह प्राणायाम रक्त परिसंचरण को सुधरता हैं व मन को भी शांति प्रदान करता हैं|

2. सुप्त मत्स्येन्द्रासन

सुप्त मत्सेन्द्रयासन शरीर के अंदरूनी अंगो की मसाज करता हैं व पाचन क्रिया में सहायता करता हैं| यह आसन पेट के अंगो को सक्रीय करता है और मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है|

 

 

3. धनुरासन

यह आसन अग्न्याशय (pancreas) को सक्रिय करता है और मधुमेह के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभदायक है| यह योगासन पेट के अंगो को मज़बूत बनाता है और तनाव से मुक्ति देता है|

4.पश्चिमोत्तानासन

यह आसन पेट व श्रोणि के अंगो को सक्रिय करता है जो कि मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है| पश्चिमोत्तानासन शरीर में प्राण ऊर्जा को बढ़ाता है और मन को शांति प्रदान करता है|

 

5. अर्धमत्स्येन्द्रासन

यह आसन पेट के अंगो की मसाज करता है व फेफेड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है| अर्धमत्स्येन्द्रासन रीढ़ की हड्डी को भी मज़बूत बनाता है| इस योगासन को करने से मन शांत होता है व रीढ़ की हड्डी के हिस्से में रक्त संचालित हों जाता है|

6. शवासन

शवासन पूरे शरीर को विश्राम देता है| यह आसन व्यक्ति को गहरे ध्यान की अवस्था में ले जाता है जिससे मन शांत व नवीन ऊर्जा से परिपूर्ण हों जाता है|

 

मधुमेह को गहराई से समझने के लिए "मुक्त मूलकों" ('free radicals) के बारे में जानना बहुत आव्यशक है| 'मुक्त मूलक' अणु तत्त्व होते हे जो नेगेटिव चार्ज रहते है और जो हमारे वातावरण में कुछ समय के लिए (नैनो सेकंड) मौजूद होते हैं| अपने ऊपर नेगेटिव चार्ज होने के करण यह जल्दी से जल्दी अपना निराकरण (neutralization) करवाना चाहते हैं| हमारा शरीर जीवाणुओंसे से लड़ने के लिए इन 'मुक्त मूलकों' का सहारा लेता है| शरीर में 'मुक्त मूलकों' का निवाकरण होना आव्यशक है और उसके लिए हमारा शरीर ऑक्सीकरण रोधी तत्वों (antioxidants) की सहायता लेता है| हमारे शरीर में तीन ऑक्सीकरण रोधी तत्त्व- ग्लूटाथिओन, कैटालासे और सुपर ऑक्साइड डिसम्युतासे (S.O.D) होना बहुत आव्यशक होता है| यह ऑक्सीकरण रोधी तत्त्व विटामिन-सी, विटामिन-इ, व कुछ मिनरल द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं|

बालों को झड़ने से रोकने के 15 आसान तरीके !

Hair Loss Causes Treatment Remedies In Hindi/ बालों  का  गिरना  कैसे  कम  करे  ! 15 तरीके 

भगवान ने हम मनुष्य को कई खुबसूरत चीजे दी है जिसमे आँख, कान, मुँह आदि शामिल है. ऐसे ही एक सुन्दर चीज और है जो है हमारे बाल (Hair). बाल व्यक्ति के शरीर को सुन्दर तो बनाता ही है साथ ही साथ वह मनुष्य के शरीर का एक अहम हिस्सा भी है. जिस कारण हर व्यक्ति अपने बालों पर नाज करता है और घने लम्बे बालो की चाहत भी रखता है.


परन्तु हमारे वर्तमान जीवनशैली में बहुत सारे लोग आज Hair loss यानि बालों के असीमित रूप से झड़ने के कारण बहुत परेशान है. हद तो तब हो जाती है जब कोई युवा अपने युवावस्था में ही गंजा हो जाता है और वह 23 की आयु में ही 42 साल का दिखाई देता है.

यह post कुछ लम्बी है इसलिए आप इसे अपने बुकमार्क या favourite List में add कर ले या फिर आप google पर Nayichetana.com सर्च टाइप करके इस post को फिर से पढ़ सकते है.

बालों का यूँ कम उम्र में झड़ना उन युवको के लिए बहुत ही गंभीर समस्या बन जाती है जिस कारण वे बहुत तनाव (tension) में आ जाते है और यह Problem आजकल युवाओ में बहुत तेजी से बढ़ रही है. अक्सर बाल धीरे – धीरे गिरते है फिर भी कई बार लोग इस समस्या से बाहर निकलने का प्रयास ही नहीं करते और फलस्वरूप उनके बाल धीरे – धीरे कम होते रहते है.

अगर आपको बालों के झड़ने से निजात पानि है या अपने बालों को मजबूत और चमकदार बनाना है तो आपको अपने बालों की Care करने की जरुरत है क्योंकि बिना बाल के आपकी Persanlaty हमेशा आधी रहती है.

बालों का असमय झड़ने के प्रमुख कारण (Couse of Hair loss) :

Hair Loss Causes Treatment Remedies In Hindi

Hair Loss Causes

Balon Ke Jhadne Ke Prmukh Karan

बालों के असमय झड़ने के बहुत सारे कारण है किन्तु प्रदूषण के कारण, बालों की सफाई न करना या गन्दी आदतों के कारण हमारे बाल रूखे – सूखे, टूटने या झड़ने लगते है. बालों के असमय झड़ने के प्रमुख कारण निम्न है:

* सही दिनचर्या का न होना (Lifestyle) :

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने काम के पीछे लगे रहने से हम अपनी दिनचर्या पर ध्यान देना भूल जाते है जिस कारण हम अपने बालो की भी ठीक से देखभाल नही कर पाते और लम्बे समय तक धूप और धूल – मिटटी वाली जगह पर रहते है. इस Lifestyle से हमें कई बार अत्याधिक तनाव व अधूरी नींद का भी सामना करना पड़ता है. जिससे हमारे बालों का लगातार ह्रास (Hair loss) होता रहता है.

* बालों के झड़ने का आनुवांशिक कारण (Hereditary) :

बालों के झड़ने का सीधा सम्बन्ध अनुवांशिकता से होता है. यह बालों के गिरने का एक प्रमुख कारण है. आनुवांशिकता के कारण यह समस्या एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में Transfar होती रहती है. यह समस्या किसी Family के सभी लोगो में समान होती है क्योंकि एक विशिष्ट जीन (gene) के कारण ऐसा होता है. जो बालों के गिरने का कारण बनता है.

* टेलोगेन समस्या (Telogen Effluvium) :

Telogen Effluvium एक ऐसी Problem होती है जिसमे बहुत ही अधिक मात्रा में बाल बहुत तेजी से गिरते है. अक्सर यह समस्या अधिक तनाव (Tension) लेने से, अपने वजन को कम करने से, अधिक काम करने से, किसी आंपरेशन (operation) के बाद या गर्भवस्था के बाद होती है. इसलिए बालों के झड़ने में यह भी एक प्रमुख कारक है जो बालों को गिरा देता है.

* हार्मोन्स में संतुलन न होना (Hormonal Imbalance) :

वैसे तो किसी भी हार्मोन्स के परिवर्तन होने से व्यक्ति के Body और व्यवहार में काफी change आ जाता है. किन्तु कुछ harmons ऐसे होते है जो व्यक्ति के शरीर में बहुत तेजी से बदलाव करते है. अगर कभी शरीर के हार्मोन्स में एकदम से बहुत अधिक परिवर्तन आ जाये तो उसका असर हमारे बालों पर पड़ता है.

जिस कारण हमारे बाल गिरने लगते है. महिलाओ में Thyroid Hormone बालों के झड़ने के लिए उत्तरदायी होता है. जो Hair Loss का कारण बनता है.

* सही आहार न लेना (Diet Problem) :

भोजन का हमारे शरीर से सीधा सम्बन्ध होता है. अगर हमारा भोजन संतुलित और पौष्टिक नहीं होगा तो वह हमारे शरीर का विकास तेजी से नहीं कर सकता. बालों पर भी यही बात लागू होती है. जिस तरह बॉडी के सभी अंगो को विटामिन और प्रोटीन की जरुरत होती है.

ठीक उसी तरह हमारे बालों को भी इन्ही विटामिन (Vitamin), मिनरल्स (Minerals) और प्रोटीन (Protein) की आवश्यकता होती है जिससे हमारे बाल काले, लम्बे और घने रहते है. अगर हमारे बालों को विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन उचित मात्रा में न मिले तो हमारे बालों का झड़ना शुरू हो जाता है.

* पाचन तंत्र का ठीक न होना (Digestive Problem) :

आजकल हमारी जीवनशैली इस प्रकार बदल चुकी है कि हमें अपने स्वास्थ्य की परवाह ही नहीं होती है जिसका Result यह होता है कि हमें कई छोटी – छोटी स्वास्थ्य समस्याओ का सामना करना पड़ता है. इन्ही समस्याओ में से एक है- पाचन तंत्र (हाजमे) का ठीक न होना.

पाचन तन्त्र का हमारे स्वास्थ्य पर सीधा नियन्त्रण होता है. इसका असर हमारे बालों पर भी पड़ता है. अगर हमारा पाचन तंत्र ठीक नहीं होगा तो वह हमारे बालों की जड़ो को कमजोर कर देता है. जिस कारण हमारे बाल गिरने लगते है और आसानी से टूट जाते है.

* गीले बालों पर कंगी करना :

अक्सर अपने ऑफिस के लिए या किसी काम के लिए जब हमें जल्दीबाजी में घर से निकलना होता है तो हम अपने बालों को गीला ही छोड़ देते है और गीले बालों पर ही कंघी का उपयोग कर देते है.

जिस कारण हमारे बाल झड़ने लगते है क्योंकि जब हमारे बाल गीले होते है तो उस समय वे बहुत ही Soft और नाजुक होते है और बड़ी आसानी से टूट जाते है. और जब इन गीले बालों पर कंघी का इस्तेमाल किया जाता है तो वो हमारे नाजुक बालों पर एक तलवार की तरह असर करता है और बाल गिर जाते है.

* जीवन में तनाव का होना :

तनाव एक ऐसी आग है जो मनुष्य को अन्दर ही अन्दर खोखला कर देती है और तनाव के कारण ही व्यक्ति के अन्दर कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती है. जीवन में अधिक तनाव होने से यह हमारे बालों पर भी असर करता है.

जिस कारण हमारे बाल बहुत तेजी झड़ने लग जाते है व व्यक्ति कम उम्र में ही गंजेपन का शिकार हो जाता है. तनाव को अगर समय रहते रोका नहीं गया तो व्यक्ति कुछ समय बाद ही बिल्कुल गंजा हो सकता है.

* बालों पर बहुत गर्म पानी डालना :

कई लोग नहाते समय या बालों को धोने के लिए बहुत ही ज्यादा गर्म पानी का use करते है. गर्म पानी हमारे Body के लिए नुकसानदायक होता है. जब यह गर्म पानी हमारे बालों पर भी पड़ता है तो वह हमारे बालों को बहुत ही कमजोर बना देता है और वो Automatic ही उखड़ जाते है.

* बालों की रचना को बदलते रहना :

अपने बालों की Style को हमेशा बदलते रहना यह आदत तो बहुत ही अधिक लोगो की होती है, खासकर युवाओ की. किसी पार्टी में जाने पर, किसी को date करने पर, किसी शादी में जाने पर या किसी को आकर्षित करने के लिए हम अपने बालों की स्टाइल निरंतर बदलते रहते है.

For Example : मैंने अपने कई दोस्तों को देखा है जब हम कोई Importance Function में या कही घुमने के लिए जाते है तो उनका look तो change होता ही है साथ ही साथ उनके हेयर स्टाइल भी change रहता है. ऐसा लगातार करने से यह हमारे बालों की जड़ो को कमजोर बना देता है. जो बालों को तोड़ने लगता है और बाल गिरने लगते है.

बालों को असमय झड़ने से (Hair loss) रोकने के आसान तरीके :

हमारे हेयर बहुत ही नाजुक होते है और थोड़ी सी भी लापरवाही करने पर या बालों की केयर न करने पर बाल बेजान या टूटने लग जाते है. इसलिए अपने बालों को किसी भी प्रकार की समस्या से बचाने के लिए बालों की देखभाल बहुत जरुरी है.

दोस्तों अब आपको यह तो पता चल गया कि आखिर बालों के झड़ने के क्या कारण होते है. किन्तु बालों को झड़ने से रोकने के लिए आपको ऊपर बताये गये कारणों का निवारण करना होगा मतलब कि ऊपर बताये गये कारण में से आप जो गलती कर रहे है उसका पता लगाये और फिर उस कारण को दोबारा करने से बचे या उसका उपचार करे.

कई लोग बालों के असामान्य झड़ने को रोकने के लिए शेम्पू या किसी विशिष्ट साबुन का इस्तेमाल करते है. आप उन लोगो की तरह यह गलती न करे. हम आपको यहाँ बालों को रोकने के लिए कुछ उपाय (Tips) बता रहे है जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे.

बालो को झड़ने से रोकने के प्राकृतिक उपचार :फलों और सब्जियों को अपनाये :

फल और सब्जियाँ हमारे सेहत के लिए कितना फायदेमंद होती है यह तो आपको पता ही होगा. बचपन से हम फलों और सब्जियों के फायदे के बारे में सुनते आ रहे है. बालो के बढ़ने और मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन की आवश्यकता होती है. जो हमें फलों व सब्जियों में बड़ी आसानी से मिल सकते है.

बालों को सेहतमंद बनाने के लिए आप अपने आहार में आंवला, गाजर, पालक, चना, प्याज, राजमा, टमाटर, सोयाबीन व अदरक का उपयोग कर सकते है तथा इसके अलावा भी आप मौसमी फल, अंकुरित अन्न व विटामिन से भरे ताजे फलों का उपयोग भी कर सकते है.

केमिकल वाले शेम्पू और साबुन से बचे :

बहुत बार कई लोग विशेषकर Girls अपने बालों को सुन्दर व मजबूत दिखाने के लिए केमिकल युक्त शेम्पू या साबुन का बार – बार उपयोग करते है. अत्यधिक बार शेम्पू का Use बालों के लिए नुकसानदायक होता है और वह बालों को सुन्दर व सेहतमंद बनाने के बजाय बेजान या कमजोर बना सकता है. इसलिए बालों को धोने के लिए इन शेम्पू या साबुन का कम उपयोग करे. इसके बजाय आप आंवला के पाउडर का use बाल धोने के लिए कर सकते है.

तनाव से रहे दूर :

तनाव हमें क्या नुकसान पहुँचा सकता है वो हम आपको बता चुके है. अगर आप अधिक तनाव लेते है तो यह आपके बालों को गिरा देता है. इसलिए खुद को हमेशा तनावमुक्त रखे.

आप तनाव (Strech) को कम करने के लिए ध्यान, व्यायाम, कोई गेम या स्पोर्ट्स या अपनी पसंद का music सुन सकते है. ऐसा करने से आपका तनाव का लेवल काफी कम हो जायेगा तथा यह आपके बालों को झड़ने से रोकने में सहायता करेगा.

गरम पानी से रखे बालों को दूर :

नहाते वक्त या बाल धोते समय बालो पर कभी भी बहुत अधिक गरम पानी का उपयोग न करे. अधिक गरम पानी से बाल कमजोर और नाजुक बन जाते है. नहाते वक्त सिर्फ ठन्डे या हल्के गुनगुने पानी का प्रयोग करे. ऐसा करने से आपके बालों पर ज्यादा जोर नहीं पड़ेगा जिस कारण वे मजबूत बने रहेंगे और गिरेंगे नहीं.

गरम तेल से करे बालों की मसाज :

तेल से मालिश करना हमारे शरीर के लिए के लिये बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि मसाज करने से ब्लड सर्कुलेशन काफी तेजी से बढ़ता है. वही अगर यह मालिश सिर में बालों में की जाये तो यह सोंने में सुहागा है. अगर आपके बाल निरन्तर झड़ रहे है तो आप सरसों के तेल को हल्का गरम करके सिर की मालिश करे.

इससे आपके बालों में रक्त संचार काफी तेजी से होगा जिससे आपके Hair Folikils काफी तंदुरुस्त हो जायेंगे जो बालों को झड़ने से रोकने में Help करेगा.

गीले बालों पर कंघी करने से बचे :

जब भी आप अपने बाल धोते है उसके बाद गीले बालो पर कभी भी कंगी न करे. जब आपके बाल गीले होते है उस समय वे बहुत ही कमजोर और नाजुक होते है जो बड़ी आसानी से टूट सकते है. इसलिए गीले बालों को हमेशा तौलिये या किसी कपडे से आराम से सुखाये.

जब आपके बाल सूख जाय उसके बाद तेल लगाकर उन्हें अच्छे से मसाज कर ले और फिर बालों पर कंघी करे. यह बात ध्यान रखे की बालों पर कंघी करने के लिए हमेशा मोटे दांतों वाली कंघी का use करे. इससे आपके बाल लम्बे और मजबूत बनेंगे.

बालों में लगाये एलोवेरा :

एलोवेरा एक बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक पौधा होता है और आयुर्वेद में इसका स्थान काफी ऊँचा माना जाता है. बालों के लिए भी यह एलोवेरा काफी फायदेमंद होता है. actualy एलोवेरा के पत्तो में जो जैल होता है वह बालों को काफी फायदा पहुंचाता है. इसके अलावा भी आप एलोवेरा के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते है. इस पाउडर का पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से बाल बहुत ही मजबूत हो जाते है.

रोजाना व्यायाम करे :

व्यायाम करने से हमारा शरीर काफी सुन्दर और मजबूत बन जाता है. रोज व्यायाम करने से हमारे शरीर में रक्त का संचार बहुत ही अच्छे तरीके से होता है. जिससे हमें मानसिक और शारारिक रूप से बहुत Benifit होता है तथा रोजाना व्यायाम हमारा तनाव भी काफी तेजी से घटाता है.

हमें अपनी दिनचर्या में व्यायाम को नियमित रूप से शामिल कर देना चाहिए. आप daily टहलना (Walking), स्विमिंग (Swimming), साइकिलिंग (Cycling) या कोई खेल (Sports) आदि कर सकते है.

बालों को किसी चीज से बाँधने से बचे :

अपने बालों को कभी भी किसी कपडे से न बाधें या बालों में रोलर का उपयोग न करे. वही अपने गीले बालों में भूल कर भी रबड़ बैंड या ग्रिप का प्रयोग न करें. अगर आप ऐसा करते है तो इससे आपके बाल खीचने लगते हैं और वे बहुत ही कमजोर हो जाते है. जिस कारण उनके टूटने की कई ज्यादा सम्भावना होती है. इसलिए बालों को कभी भी न बाधें.

नारियल के तेल का करे प्रयोग :

बालों को सेहतमंद व मजबूत रखने के लिए आप नारियल का भी उपयोग कर सकते है. नारियल का use बहुत ही Benifit देता है. आप अपने बालों के Protection के लिए नारियल तेल को Use कर सकते है. लगातार नारियल तेल का उपयोग हमारे बालों को मुलायम, चमकीला व सेहतमंद बना देता है.

आंवले का करे प्रयोग :

आंवला हमारे शरीर में Vitamin C की कमी को पूरा करता है. यह आंवला हमारे बालों को भी चमकदार और मजबूत बनाता है तथा बालों को काले रखने में बहुत हेल्प करता है. आप आंवले का तेल बालों के लिए use कर सकते है और आंवले को खाया भी जा सकता है. आंवले का लगातार प्रयोग आपके बालों में बहुत ही Helthi Changes कर देगा जिससे आपके बाल कमजोर नहीं होंगे और बाल को एक नयी चमक भी मिलेगी.

 संतुलित और पौष्टिक आहार अवश्य ले :

भोजन हमारे अच्छे स्वास्थ्य की प्रमुख कड़ी है. अपने बालों को उचित आहार देने के लिए आप प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन का उपयोग कर सकते है. आप मांसाहारी भोजन, सोया, शकरकंद, अंकुरित अन्न, मूंग, दूध, मूंगफली या चना का उपयोग कर सकते है. अगर आपका आहार अच्छा होगा तो आपके बाल भी इससे स्वस्थ रहेंगे. अच्छा आहार आपके बालों को बढ़ाने में, मजबूती देने में और झड़ने से रोकता है.

बालों को गिरने से रोकने के घरेलू उपचार (Gharelu upchar) :

* अपने बालों में चमक पैदा करने के लिए जैतून या सरसों के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाइए और फिर 4 घन्टे बाद उन्हें पानी से धो ले. आपके बाल इसके बाद काफी चमकदार बन जायेंगे.

* अगर आपके बाल रूखे या नाजुक है तो आपको अपने इन बालों को हटाने के लिए अपने बालों में शहद का उपयोग करना चाहिए. अपने बालों में शहद लगाये और फिर उन्हें 1 घंटे बाद पानी से धो ले. इससे आपके बाल बहुत ही कोमल हो जायेंगे.

* अपने बालों में खट्टे दही का प्रयोग करे. कुछ समय बाद पानी से बाल धो लें. इससे आपके बाल मुलायम हो जायेंगे.

* अपने बालों को मुलायम और कोमल बनाने के लिए नारियल के तेल में कपूर व नींबू का रस मिला कर बालों की जड़ों में लगाये.

* अपने बालों को मजबूत बनाने के लिए आप अपने बालों में मेहंदी लगाये. मेहंदी बालों के जड़ो के छिद्रों (हेयर क्यूटिकिल्स) को बंद कर देती है जिससे बाल मजबूत होने लगते है. आप अपने बालों के लिए मेहंदी में दही या अंडे का पेस्ट बनाकर अपने बालों के लिए use कर सकते है.

* अपने बालों को झड़ने से रोकने के लिए आप ग्रीन टी (Green Tea) का उपयोग कर सकते है क्योंकि चाय में एंटी – ओक्सिडेन्ट्स अधिक मात्रा में होते हैं. जो बालों के बढ़ने में सहायक होते है. एक गिलास पानी में थोडा Green Tea Bag का use करके चाय बना सकते है और फिर उस चाय को ठंडा होने के बाद बालों में लगाये और सिर को एक घंटे बाद धो ले.

बालों को झड़ने से रोकने के लिए इन चीजो से करे परहेज :

* बालों में कैमिकल वाले प्रोडक्ट का प्रयोग न करे.

* बालों को बहुत ज्यादा तानकर बांधना नहीं चाहिए.

* अपने बालों को अलग – अलग दिशा देने से बचे.

* बालों को रोजाना न धोएं. हफ्ते में 3 से 4 बार ही धोएं.

* खुद को सजाने के लिए नकली बालों से परहेज करें.

अगर इन उपायों को करने के बाद भी आपके बाल बहुत अधिक मात्रा में झड़ते है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

दोस्तों आपने इस आर्टिकल में बालों के झड़ने का कारण तथा बालों को झड़ने से रोकथाम के तरीके पढ़े. अगर आप अपने बालों को स्वस्थ, मजबूत, चमकदार, काले घने व टूटने से बचाना चाहते है तो ऊपर बताये गये Tips को अपनी Life में जरुर Follow करे.

इन तरीको को अपनाने से आपको यकीनन बहुत अधिक फायदा होगा और आप उन लोगो की तरह गंजेपन का शिकार नहीं होंगे जिन्होंने अपने बालों को झड़ने से बचाने के लिए कोई उपाय या प्रयास ही नहीं किया.

बालों को झड़ने से रोकना कोई कठिन काम नहीं है बल्कि अगर उचित देखभाल, सावधानी और कुछ चीजो से परहेज किया जाये तो बालों का झड़ना बहुत ही कम हो जाता है. अगर आप उन लोगो में से है जिनके बाल झड़ना अभी शुरू हुआ है तो आप अभी से सावधानी बरतना आरम्भ करे और उचित उपाय अपनाये।

All The Best !

मुझे उम्मीद है की आपको ये Article जरूर पसंद आया होगा.

Note : यहाँ दी गई Information लेखक के अपने विचार है और यह जानकारी आपके ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है. कृपया किसी भी Step को करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले।

शहनाज हुसैन टिप्स: आप तो नहीं करते ये 11 ब्यूटी केयर मिस्टेक

ओहह, कहीं आप भी तो नहीं करती ये गलतियां! जिन्हें पकड़ा शहनाज़ हुसैन की नजर नें

अक्सर लड़की हो या महिला उनको ब्यूटी केयर के बारे में सही जानकारी नहीं होती है। उनके इन गलतियों का भुगतान ब्यूटी को उठाना पड़ता है। चलिये फिर से आप इन गलतियों को दोहराकर अपनी सौन्दर्य का नुकसान न पहुँचाये इसलिए ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज़ हुसैन इनके बारे में सवाल जवाब के रूप में कुछ जानकारी दे रही है।

प्रश्न 1- साबुन और पानी से फेस को साफ करना सबसे अच्छा तरीका है

शहनाज़ हुसैन- नहीं, वास्तव में साबुन से प्रदूषण का मैल और गंदगी दूर नहीं होता है। ऊपर से उसमें जो एल्कलाइन का तत्व होता है वह स्किन के एसिड और एल्कलाइन के संतुलन को बिगाड़ देता है। जिसके कारण स्किन ड्राई हो जाती है।

प्रश्न 2- ऑयली और कॉम्बिनेशन स्किन वालों को बार-बार चेहरे को पानी से धोना चाहिए

शहनाज़ हुसैन- नहीं, ये सही नहीं है। स्किन या त्वचा को बार-बार साबुन से धोने पर उसका एल्कलाइन तत्व बढ़ जाता है जिसके कारण बैक्टिरीया आसानी से हमला कर पाते हैं। फलस्वरूप चेहरे पर पिंपल्स और एक्ने आने लगते हैं।

प्रश्न 3- सैलून फेशियल मसाज सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयोगी होती है

शहनाज़ हुसैन- सैलून फेशियल मसाज कभी भी ऑयली स्किन पर नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इससे तैलीय ग्रंथियां ज्यादा एक्टिव हो जाती है। अगर तैलीय त्वचा में फेशियल करना हो तो उसमें मात्र क्लीजिंग, टोनिंग, मास्क, तथा एक्सफोलीऐशन का ही उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 4- रात को अच्छी तरह से क्रीम लगाकर सोना चाहिए

शहनाज़ हुसैन- असल में त्वचा एक सीमा तक ही क्रीम को सोख पाती है और उसके बाद वह क्रीम का उपयोग नहीं कर पाती है। वास्तव में सोते समय त्वचा के छिद्र क्रीम से पूरी तरह फ्री होने चाहिए। फिर भी यदि स्किन बहुत ड्राई है तो क्रीम को गीले कॉटनवूल से हटाकर हल्का मॉश्चराइजर लगाना चाहिए।

प्रश्न 5- रात को सोते समय आंखों के चारो तरफ क्रीम लगाने से झुर्रियां नहीं पड़ती हैं

शहनाज़ हुसैन- ये गलत परंपरा है। वास्तव में आंखों के आस-पास की त्वचा बहुत सेंसटिव और पतली होती है। क्रीम को कभी भी रात भर लगाकर नहीं सोना चाहिए। एक स्पेशल अंडरआई क्रीम लगाकर दस मिनट के बाद धोकर ही सोना चाहिए।

प्रश्न 6- नॉर्मल स्किन को नियमित रूप से देखभाल करने की ज़रूरत नहीं होती है

शहनाज़ हुसैन- ये लोगों की सामान्य अवधारणा है। असल में हर तरह के स्किन के लिए उसमें जमे मैल और प्रदूषण को हटाना ज़रूरी होता है ताकि नैचुरल सौन्दर्यता को बनाया रखा जा सके।

प्रश्न 7- काले मस्से और मुंहासे छिद्रों पर जमा गंदगी होती है

शहनाज़ हुसैन- ये धारणा गलत है। काले मस्से और मुंहासे त्वचा के प्राकृतिक तेल सीवम के कठोर हो जाने के कारण होता है। क्योंकि त्वचा के छिद्र खुले होते हैं और जिसके कारण उनकी नोक बाहर की तरफ निकल जाती है जिससे इसका ऑक्सिकरण हो जाता है। इसी को काला मस्सा कहा जाता है।

प्रश्न 8- किशोरों या युवाओं को मुंहासों की परवाह नहीं करनी चाहिए वो आप से आप ठीक हो जाते हैं

शहनाज़ हुसैन- यह बिल्कुल गलत सलाह है । वास्तव में किशोर बच्चों को मुंहासो से बचाव तथा उपचार की ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि यह शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलकर ज्यादा नुकसान पहुँचा सकते हैं। मुंहासों को रोज सही तरीके से उपचार करने पर ही इसको रोका या ठीक किया जा सकता है।

प्रश्न 9- चेहरे पर निशान या धब्बे प्रेगनेंसी के बाद ही उभरते हैं

शहनाज़ हुसैन- ये बिल्कुल सच नहीं है। चेहरे पर दाग-धब्बे किसी भी समय निकल सकते हैं क्योंकि ये स्किन के लचीलेपन के कमी के कारण पैदा होते हैं। इसके अलावा ये सामान्य वजन बढ़ने के बाद वजन घटाने की प्रक्रिया के दौरान उभरते हैं।

प्रश्न 10- सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने की ज़रूरत नहीं होती है

शहनाज़ हुसैन- सनस्क्रीन सर्दियों में भी लगाना चाहिए, विशेषकर जब लंबे समय तक सूर्य के किरणों का सामना करना पड़े। सनस्क्रीन त्वचा को हानिकारक यू.वी. किरणों से बचाने में मददगार साबित होती है।

प्रश्न 11- यदि बाल झड़ रहे हैं तो सिर में तेल की मालिश करने से बालों का विकास होता है

शहनाज़ हुसैन- ये सही नहीं है। यदि बाल झड़ रहे हैं तो इसका यही मतलब है कि बालों की जड़े कमजोर हैं और स्कैल्प या बालों पर तेल से मसाज़ करने पर बालों का झड़ना और भी बढ़ सकता है। मालिश करने के समय बालों को जोर से रगड़ना नहीं चाहिए। वास्तव में स्कैल्प के स्किन को उंगलियों से गोलाकार तरीके से मसाज़ करना ही सही तरीका होता है।

स्रोत: अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन शहनाज़ हुसैन

चित्र स्रोत:सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन शहनाज़ हुसैन

Wednesday, June 7, 2017

बाजार में बिक रहा है प्‍लास्‍टिक चावल! इन 5 आसान तरीकों से करिए नकली की पहचान


क्‍या जमाना आ गया है? नकली दूध से लेकर मिलावटी तेल तो बाजार में बड़े आराम से बिक ही रहा था, अब तो चावल भी नकली आ गया है। जी हां जनाब देश के कई राज्‍यों में प्‍लास्‍टिक चावल बिकने की खबर से इस समय हड़कंप मचा हुआ है। आप मत घबराइए, जानिए ये 5 आसान तरीके, जो साबित कर देंगे कि कौन सा चावल असली है और कौन सा प्‍लास्‍टिक का।

तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में कई किराना दुकानों पर प्लास्टिक चावल बिकने की खबर सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गई है। कई जगह तो ग्राहकों ने प्‍लास्‍टिक चावल बेचने के शक में दुकानदार को भी पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया है। ताजा खबरें उत्‍तराखंड से आ रही हैं, जहां बाजार में प्‍लास्‍टिक चावल बिकने की जानकारी से लोगों में डर पैदा हो गया है। अगर ऐसा ही प्‍लास्‍टिक चावल आपके सामने आए तो आप उसे कैसे पहचानेंगे? जानिए ये 5 आसान तरीके जो कर देंगे दूध का दूध और पानी का पानी।

1: वॉटर टेस्‍ट- एक बड़ा चम्‍मच चावल लेकर एक गिलास पानी में डालें और कुछ देर तक हाथ से चलातें रहें। अगर कुछ मिनट के बाद चावल पानी के ऊपर उतराने लगे तो जान लीजिए कि वो चावल सौ परसेंट नकली है। यानि प्‍लास्‍टिक से बना है, क्‍योंकि असली चावल कभी पानी पर नही तैरता बल्‍कि उसमें डूब जाता है।


2: गर्म तेल में टेस्‍ट- किसी कढ़ाई में तेल को खूब गर्म करें, फिर उसमें आधी मुट्ठी चावल डालें अगर वो प्‍लास्‍टिक से बना होगा तो वो पिघलकर आपस में चिपक जाएगा और बर्तन की तली पर चिपक सा जाएगा।

3: फायर टेस्‍ट- एक मुट्ठी चावल लेकर उसे किसी कागज पर रखकर जलाएं। अगर जलने पर चावल से प्‍लास्‍टिक जलने जैसी महक आए तो जान लें कि वो चावल खाने लायक नहीं है।

4: उबालने का टेस्‍ट- एक दो मुट्ठी चावल को किसी बड़े बर्तन में उबालें। अगर वो चावल नकली है, तो पानी की ऊपरी सतह पर एक मोटी परत सी जमने लगेगी, जो कि प्‍लास्‍टिक मटीरियल की होगी।

5: फफूंद टेस्‍ट: चावल को उबालने के बाद भी आपको अगर उसके असली होने पर शक हो, तो उसे एक बॉटल्‍ में बंद करके 3 दिन के लिए रख दें। अगर इस दौरान चावल पर फफूंद लगने लगे तो वो असली है वर्ना वो प्‍लास्‍टिक से बना है, क्‍योंकि प्‍लास्‍टिक पर फफूंद नहीं लगती।

सात प्राणघातक बिमारियों डायबिटीज़, कैंसर, पत्थरी, ह्रदय बिमारियों का इलाज एक – शहद और तुलसी

तुलसी प्रकृति माँ तथा हमारी संस्कृति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। हमारे बालयकाल से लेकर हमारे आज के मौजूदा समय में हमने हमारे माता-पिता तथा बढे बज़ुर्गों को तुलसी की अपने घर में पूजा करते हुए देखा होता है। तुलसी में समाए गुण इसको पूजने के प्रमुख कारण हैं। यह घर में आसानी से उपलब्ध हो जाती है, इसलिए यह सबसे किफायती औषधि है। तुलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इंफेक्शन जैसे सर्दी-जुकाम से राहत देते हैं। तुलसी हमें कईं प्रकार के प्राणघातक बिमारियों से बचाती है, इसके रस से पथरी तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है।

Treatment of seven diseases like diabetes, cancer, stones, heart, by honey basil


तुलसी के रस में शहद मिलाकर पीने के फायदे

1. मधुमेह(डायबिटीज़) को करती है कम:- 

पवित्र तुलसी की पत्तियां एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एसेंशियल ऑयल से भरपूर होती हैं, यह मेथाइल युगेनॉल, कार्योफेलिन और युगेनॉल का निर्माण करती हैं। यह सभी पदार्थ पैनक्रियाटिक बेटा सेल्स(शरीर में सेल्स जो इंसुलिन को स्टोर करते हैं और उसे बाहर निकालते हैं) को सही प्रकार से कार्य करने में मदद करते हैं। यह इंसुलिन की सेंसिविटी को बढ़ाते हैं तथा साथ ही यह शरीर में खून से शकर्रा के स्तर(शुगर लेवल) को भी कम करते हैं, जिससे यह मधुमेह(डाइबिटीज़) का ठीक प्रकार से उपचार करते हैं।

2. पथरी निकालने में मददगार:- 

किडनी की पथरी को निकालने के लिए तुलसी की पत्तियों के जूस को शहद के साथ मिलाकर 6 महीने तक रोज पिएं। हमारी किडनी के लिए भी तुलसी की पत्तियां काफी अच्छी होती हैं। यह किडनी को साफ़ करती हैं और तुलसी किडनी में पथरी बनने की मुख्य वजह यूरिक एसिड के स्तर को खून में घटाती है, इसके साथ ही इस में उपस्थित एसेटिक एसिड तथा अन्य तत्व किडनी में बनी पथरी को गलाने का कार्य भी करते हैं। यह दर्द निवारक(पेनकिलर) के तौर पर किडनी में पथरी के दर्द को भी ठीक करती है।

3. दिल का रखती है ख्याल:-

तुलसी में युगेनॉल नामक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जोकि हमारे हृदय में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है तथा रक्तचाप(ब्लड प्रेशर)को नियंत्रित कर हमारे हृदय की देखभाल करता है। हार्ट को हेल्दी बनाने के लिए रोज खाली पेट सूखी तुलसी की पत्तियां चबाएं। इससे किसी भी तरह के हृदय संबंधी रोग दूर रहते हैं।

4. बुखार उतारने में मदद करती है:-

आयुर्वेद के अनुसार, बुखार से पीड़ित मनुष्य को तुलसी का काढ़ा अत्यधिक लाभ करता है।

विधि: इसको तैयार करने के लिए तुलसी की कुछ पत्तियों को आधे लीटर पानी में इलायची पाउडर के साथ मिलाकर तब तक के लिए जब तक यह मिक्सचर आधा न रह जाए। तुलसी की पत्तियों और इलायची पाउडर का अनुपात (1:0:3) होना चाहिए। 

तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तथा किटाणुनाशक गुण होते हैं, जिससे यह इंफेक्शन के कारण होने वाले रोगों तथा मलेरिया से भी राहत देती है और एंटी-बायोटिक बुखार कम करने के लिए भी ज़रूरी होता है।

5. धूम्रपान(स्मोकिंग) छोड़ने में करती है मदद:-

विदेशो में तूलसी की पत्तियां तथा शहद मिलाकर मिलते है, लोग इस को बहुत पसंद करते हैं। लोग तनाव(स्ट्रेस) के कारण धूम्रपान करने के आदि हो जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए तुलसी धूम्रपान छोड़ने का सबसे बढ़िया रास्ता है। तुलसी में शक्तिशाली एंटी-स्ट्रेस अर्थात तनाव दूर करने वाला तत्व होने की वजह से यह धूम्रपान(स्मोकिंग) छुड़वाने में सहायक होती है। तुलसी की पत्तियां आपके तनाव के स्तर(स्ट्रेस लेवल) को घटा देती हैं।

6. थकान दूर करती है:-

जो लोग बहुत थकाऊ नौकरी करते हैं उन्हें तुलसी की लगभग 12 पत्तियां रोज़ाना दो बार खानी चाहिए। एक शोध के अनुसार, तुलसी कोर्टिसोल नामक तनाव(स्ट्रेस) पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को संतुलित रखती है। तुलसी की पत्तियों में मौजूद शक्तिशाली एटॉप्टोजन गुण को तनाव विरोधी(एंटी-स्ट्रेस) एजेंट भी कहते हैं। यह हमारे ब्लड सर्कुलेशन तथा नर्वस सिस्टम को नियमित रखता हैं और साथ ही थकान के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स को घटता है।

7. कैंसर  रोधी होती है तुलसी:-

कैंसर से बचने के लिए तथा इसके प्रभाव को कम करने के लिए रोज़ाना तुलसी का सत्व उपयोग करें। तुलसी के घटक ट्यूमर तक रक्त के प्रवाह को नहीं पहुंचने देते। तुलसी में एंटी-कार्सिनोजेनिक तथा एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे शक्तिशाली गुण होने की वजह से इसकी पत्तियां मुंह के कैंसर(तंबाकू खाने की वजह से होने वाला कैंसर) और ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ने को रोकती है।