Wednesday, June 7, 2017

क्या आप भी पसंद करते हैं बनाना शेक और बनाना मिल्क?

नई दिल्लीः हम सभी को मिल्क शेक और स्मूदी पसंद आती हैं. सीजनल फ्रूट्स के साथ मिल्क का परफेक्ट कॉम्बिनेशन हॉट समय में चिल्ड करने के लिए काफी है. लेकिन क्या आप जानते हैं बनाना मिल्क शेक के कई हेल्थ रिस्क हैं. जी हां, आपने सही पढ़ा. चलिए जानते हैं केले को दूध के साथ मिलाकर पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं.

क्या केले के साथ दूध पीना सही है?
ये हमेशा से चर्चा में रहा है कि बनाना मिल्क शेक और स्मूदी पीना हेल्थ के लिए अच्छा है या बुरा. बहुत से लोग कहते हैं कि ये एक अच्छा कॉम्बिनेशन है. जबकि कुछ लोग दोनों को साथ लेने के लिए मना करते हैं. लेकिन केयर फॉर लाइफ के डायटिशियन डॉ. हरीश कुमार का कहना है कि हम इस तरह के कॉम्बिनेशन पीने की सलाह नहीं देते क्योंकि ये बॉडी के लिए बहुत हार्मफुल होते हैं. अगर आप ऐसी स्मूदी पीना चाहते हैं तो आप पहले दूध पी लें और उसके 20 मिनट बाद केला खा लें. आपको बनाना मिल्क शेक एवॉइड करना चाहिए. ये ना सिर्फ डायजेशन प्रोसेस खराब करता है बल्कि स्लीपिंग पैटर्न भी बिगाड़ देता है.

बॉडी बिल्‍डर्स के लिए बेहतरीन है बनानाशेक-
वहीं इसके विपरीत दूसरे न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि बॉडी बिल्‍डर्स के लिए बनाना एंड मिल्क बेहतरीन है. जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं और जिन्हें अपने काम के दौरान खूब एनर्जी चाहिए होती है उनके लिए केला और दूध बेस्ट फूड हैं. हां, अस्थमा के मरीजों और जिन्हें सांस संबंधी दिक्कतें हैं उन्हें केला और दूध साथ में पीने की सलाह नहीं दी जाती.

आयुर्वेद के मुताबिक बेमेल कॉम्बिनेशन-
आयुर्वेद के मुताबिक, हर फूड का अपना टेस्ट, पोस्ट डायजेस्टिव इफेक्ट्स, ही‍टिंग और कूलिंग एनर्जी होती है. इसलिए हर फूड की गैस्ट्रिक फायर अलग होती है. कौन सा फूड किस कॉम्बिनेशन के साथ परफेक्ट है ये बात भी अपने आप में बहुत अहम है. आयुर्वेद में दूध और केले का कॉम्बिनेशन बेमेल बताया गया है.

बुक के मुताबिक-

डॉ. वसंत की बुक, ‘द कॅप्लीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होम रेमेडिज, एक कॉम्प्रिहेंसिव गाइड टू द ऐन्शन्ट हीलिंग ऑफ इंडिया में’ बनाना मिल्क शेक और किसी भी फ्रूट स्मू्दी को दूध के साथ ना लेने की सलाह दी गई है.

बुक के मुताबिक, केले को दूध के साथ लेने से अग्नि को शरीर में से कम करता है, टॉसिंस को प्रोड्यूस करता है जिस वजह से साइनस कंजेशन, कोल्ड, कफ और एलर्जी होती है. हालांकि दोनों ही टेस्ट में मीठे होते हैं और कूलिंग एनर्जी देते हैं. दोनों के ही डायजेस्टिव इफेक्ट्स अलग-अलग होते हैं. कुल मिलाकर कहें कि केले और दूध के कॉम्बिनेशन से टॉक्सिंस, एलर्जी और बॉडी के कई तरह के इम्बैलन्स हो जाते हैं.

खराब कॉम्बिनेशन-
आयुर्वेद स्पेशलिस्ट डॉ. वैद्ध और डॉ. सूर्या भागवती का कहना है कि ये बहुत ही खराब कॉम्बिनेशन है. इस कॉम्बिनेशन को लेने से कंजेशन, कफ, कोल्ड, एलर्जी जैसे सिम्टम्स होते हैं. इससे बॉडी में नेगेटिव रिएक्शन होता है. ये बॉडी में एडिशनल वॉटर जनरेट करता है. इसकी वजह से हार्ट डिजीज, वॉमेटिंग और लूज़ मोशन हो सकते हैं.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. "घरेलू उपचार" इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.

Tuesday, June 6, 2017

मालिश के फायदे Health Benefits of Massage

आयुर्वेद में मालिश को अभ्यंग कहा जाता है | आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में प्राचीन समय से ही अभ्यंग का इस्तेमाल किया जाता रहा है | सामान्य शब्दों में कहे तो मालिश एक प्राकृतिक भेंट है जो मनुष्य , जानवर और वनस्पतियों सभी के लिए फायदेमंद होती है | मालिश को आप प्रकृति में विभिन्न रूपों में देख सकते है  , जैसे वनस्पतियों में हवा के स्पर्श से पेड़ - पौधे, पते, पुष्प आदि की मालिश की जाती है तो जानवरों में जैसे गाय आदि अपने नवजात बछड़े की मालिश अपनी जीभ द्वारा चाट कर करते है | उसी प्रकार माताएं अपने नवजात को सहलाना , सिर पर हाथ फेरना , मलना आदि जो क्रियाएँ करती है वो सभी मालिश में ही मानी जा सकती है |

वैसे तो शरीर पर तेल आदि औषध स्नेह  लगाकर रगड़ लेना भी एक प्रकार की मालिश ही है लेकिन वास्तव में मालिश का भी एक वैज्ञानिक प्रारूप होता है जिसके अनुसार अगर आप मालिश करवाते है तो बहुत से रोगों में आपको फायदा पंहुचता है | 

मालिश करने का सही तरीका 

मालिश करने से पहले ये जान ले की अपने द्वरा की गई मालिश उतना फायदा नहीं देती जीतना आप किसी निपुण व्यक्ति से मालिश करवाते है , क्योकि दुसरे व्यक्ति से मालिश करवाने पर उस व्यक्ति की ऊष्मा और शक्ति हमारे शरीर में पंहुचती है अगर मालिश करने वाला कोई निपुण व्यक्ति है तो उसके हाथो के कम्पन और घर्षण से उस व्यक्ति की शक्ति उसके हाथो से होती हुई हमारे शरीर में प्रविष्ट करती है जिससे हम उर्जावान और तरोताजा महसूस करते है और बहुत से रोगों में हमें लाभ मिलता है |

अगर अन्य किसी से मालिश करवाने का समय आपके पास नहीं है तो आप घर पर भी मालिश कर सकते है लेकिन ध्यान दे विधिपूर्वक की गई मालिश ही सम्पूर्ण लाभ देती है अत: सबसे पहले मालिश की शुरुआत अपने सिर से करे | सबसे पहले औषध युक्त तेल या कोई सामान्य तेल जैसे - सरसों का तेल , तील तेल , नारियल तेल , जैतून तेल आदि को हल्का गरम करले |

सिर पर हल्का गुनगुना तेल लगा कर अपनी अंगुलियों के पोरों से मालिश करे | सिर की कनपटी , कानों के आगे और पीछे एवं माथे पर हलके दबाव के साथ मालिश करते रहे | अब अपने गर्दन की मालिश ऊपर से निचे की तरफ करे और दबाव हल्का बनाये रखे | चहरे पर मालिश करे तो पहले तेल चहरे पर लगा ले और अपने दोनों हाथो की अंगुलियों से बांयी तरफ और दांयी तरफ घुमा - घुमा कर या ऊपर से निचे की और मालिश करे |  सीने और पेट की मालिश ऊपर से निचे की तरफ करे |हाथो की मालिश गोलाई में या ऊपर से निचे की तरफ दोनों तरीको से कर सकते है , दबाव भी बनाये रखे |पैरो की मालिश करते समय भी हमेशा ऊपर से निचे की तरफ करे | जंघाओं पर आप गोलाकार एवं दबाव के साथ मालिश कर सकते है |पैरो के तलुओ पर मालिश करते समय अपने दोनों हाथो की अंगुलियों का इस्तेमाल करे एवं बीच - बीच में चम्पी भी करते रहे या हाथों के अंगूठो से दबाव देते रहे |

मालिश के शारीरिक लाभ 

• मालिश करने से शरीर की कोशिकाओ में रक्त संचार ठीक होता है जिसके कारण रोगों से व्यक्ति दूर रहता है |

• मालिश से सम्पूर्ण मांसपेशियों में स्थिलता आती है एवं शरीर तारो ताजा एवं स्फूर्तिवान बनता है |

• नित्य मालिश से आपकी आँखों की रौशनी बढती है,आयुर्वेद में मालिश को द्रष्टिप्रसादकर माना जाता है |

• मालिश करने से शरीर की सभी धातुओ का संवर्धन होता है जिससे शरीर पुष्ट बनता है।

• नित्य मालिश हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम को बल देती है जिससे शरीर की सभी क्रियाएं ठीक ढंग से होती है |

• नित्य मालिश करने से हमारे दोष शरीर से छूटकर कोष्ठों में चले जाते है जन्हा से वे मल-मूत्र या पसीने के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाते है एवं शरीर स्वस्थ रहता है |

• मालिश करने से त्वचा कोमल और दृढ बनती है जिसके कारण त्वचा विकारो में भी उत्तम लाभ मिलता है |

• संधिवात , गठिया , लकवा , स्नायु के रोगों में मालिश फायदेमंद होती है |

मालिश करने से इन रोगों में लाभ मिलता है |

• मालिश करने से पाचन तंत्र , यकृत और छोटी अंत आदि को बल मिलता है जिससे शरीर में इनकी कार्यशीलता बढती है |

• मालिश से त्वचा शुद्ध होती जिससे मनुष्य का रंग निखर आता है एवं बल बढ़ता है |

• मालिश करने से शरीर में आई थकान मिट जाती है यह सम्पूर्ण शरीर को शांति प्रदान करती है |

• कफ और वात प्रक्रति वाले व्यक्तियों के लिए मालिश अच्छा विकल्प है |

• मालिश आपके बढे हुए कफ और वात को संतुलित करती है।

• नित्य मालिश से शरीर मजबूत बनता है एवं जल्दी ही रोगों की चपेट में नहीं आता |

• जिन्हें अनिद्रा की शिकायत रहती हो उनके लिए मालिश बहुत कारगर होती है | मालिश करने से अच्छी नींद आती है | 

• नित्य मालिश करने से बुढ़ापा देरी से आता है |

• नित्य मालिश 15 से 30 मिनट तक करनी चाहिए | वैसे मालिश का सही अवधि 45 मिनट से 1 घंटे तक की होती है | लेकिन अगर आप नित्य मालिश को अपनी दिन्चारिया में शामिल करते है तो 15 मिनट की मालिश भी ठीक रहती है |


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Monday, June 5, 2017

सीने की जकड़न को घरेलू नुस्खे से करें ठीक


भारतीय परिवारों में लगभग हर बीमारी के लिए घरेलू नुस्खे मौजूद हैं। फिर चाहे वो दस्त के लिए हो या फिर सर्दी जु़काम हो। आज हम बात कर रहे हैं सर्दी और जुकाम के लिए घरेलू नुस्खों की। यहां कुछ ऐसे टिप्स हैं जो छह माह के बच्चे से लेकर आपके टोडलर दोनों के काम आ सकती हैं। सीने में जकड़न और सर्दी के लिए इन नुस्खों को अपना सकते हैं।

छह माह या छह माह से कम उम्र के बच्चे

बच्चा अगर छोटा है तो उसके कमरे के लिए वैपोराइज़र खरीद लें। इसके इस्तेमाल से उसको सांस लेने में आसानी होगी। वैपोराइजर से कमरे में पर्याप्त मात्रा में माॅश्चराइजर रहेगा। सीने के जकड़न में राहत मिलेगी।वैपोराइजर को आॅनलाइन भी खरीदा जा सकता है।

लहसुन और अजवाइन को सूखा भूनकर उसकी एक पोटली तैयार करलें। इसे बाद ठंडा करके, इसे बच्चे की छाती और पैर के तलुओं पर मलें। इसे बहुत राहत मिलेगी।

बच्चे को समय-समय पर फीडिंग कराते रहें। इससे बच्चा हाइड्रेट रहेगा। ऐसा करने ने बच्चे की नाक और छाती दोनों नही जाम होगी।

सोते वक्त बच्चे के सिर के नीचे तकिया लगा दें। सिर नीचे नहीं रहेगा तो जकड़क की आशंका कम हो जाएगी।

टोडलर और एक साल के बच्चों के लिए

हल्दी- हल्दी  में एंटीबायोटिक तत्व होते हैं। इससे सर्दी में बहुत आराम मिलता है। इसके लिए दूध में चुटकी हल्दी डालकर उबाल लें।बच्चे को अगर हल्दी दूध नही पसंद आता है। तब ऐसे में उसमें चीनी,गुड़ मिलाकर उसे दें।

लहसुन वाला दूध- सुनने में अजीब लग रहा है। ये जानकर हैरानी होगी कि सीने की जकड़न में मिल्क और गारलिक बहुत फायदेमंद है। इसके लिए एक दो कली लहसुन को दूध में उबाल लें और बच्चे को शहद या गुड़ मिलाकर पीने को दें।

तुलसी जूस शहद के साथ-कुछ तुलसी के पत्तों का जूस निकालकर रख लें। इसमें शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार दें। इससे बलगम निकल जाएगा। बच्चे को आधा चम्मच जूस में आधा चम्मच शहद मिलाकर दें। इस का ध्यान रखें कि रोजाना ताज़ा जूस ही निकालें।

अदरक का जूस-बच्चे को अदरक का जूस भी दे सकते हैं। इसके लिए अदरक को कददूकस कर लें। इसका जूस निकाल लें और बराबर मात्रा में शहद मिलाकर दें।

तीन से पांच साल तक बच्चे के लिए

खजूर या डेट्स-गुनगुने पानी के साथ अगर खजूर खाया जाए तो सर्दी में आराम मिलता है।

पान का पत्ता- पान का पत्ता भी इस बीमारी में बहुत फायदा करता है। इसके लिए पान के पत्ते को गरम सरसों के तेल या कस्टर आॅयल में रखें। इसके बाद निकाल कर बच्चे के सीने पर रखें। पत्तों को गरम कपड़े से ढ़क दें। इससे बलगम निकलने में आसानी होगी।

बच्चे को सुबह खाली पेट सरसों का तेल भी पिलाया जा सकता है। इस बात ध्यान रखें कि तेल शुद्ध हो। खाली पेट एक चम्मच तेल पिलाने से भी आराम मिलता है।

बिना डाई के सिर्फ 7 दिन में सफ़ेद बालो को काला, रेशमी और चमकदार बनाने का प्राकृतिक रामबाण उपाय, जरूर अपनाएँ और शेयर करे


➡ सफ़ेद बालो को काला, रेशमी और चमकदार बनाएँ :
हर किसी को बाल काले ही अच्छे लगते हैं लेकिन जब यह बिना बुढापे के ही सफेद होने लगें तो दिल घबरा सा जाता है। पर आपको जानना होगा कि बाल सफेद क्यों हो जाते हैं वो भी तब जब हमारी खेलने खाने की उम्र होती है। जब बालों में मिलेनिन पिगमेंटेशन की कमी हो जाती है तब बाल अपना काला रंग खो देते हैं और सफेद हो जाते हैं। हांलाकि बालों का सफेद होना आज कल आम सी बात हो गई है इसलिये इसके लिये घबराना बिल्कुल नहीं चाहिये। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे जिसे आजमा कर आपके सफेद हो रहे बाल काले होने शुरु हो जाएगें। आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में।

1. आंवला : आंवला हो या उसका पाउडर, दोनों ही बालों को काला करने में मददगार होते हैं। आंवला का रस अगर बादाम के तेल में मिक्स कर के बालों में लगाया जाए तो बाल काले होगें। आवलां का रस बालों को सफेद होने से रोकने के लिये बालों और सिर की त्वचा पर आवलां का रस लगाएं। इससे बाल ज्यादा उगते हैं और वह शाइनी और कोमल होते हैं।

2. काली चाय : पैन में पानी डालें, उसमें 2 चम्मच चाय की पत्ती डाल कर खौलाएं और जब यह पानी ठंडा हो जाए तो इसे छान कर बालों में लगाएं। इसे लगाने के बाद बालों में शैंपू न लगाएं वरना असर खत्म हो जाएगा।

3. कडी पत्ता : अपनी डाइट में कडी पत्ता शामिल करें। इसे आप चटनी के रूप में खा सकते हैं। इसको खाने से बालों का सफेद होना रुक जाएगा।

4. हेयर ऑयल : नारियल तेल को कडी पत्ता और आवलां के साथ गरम करें। इस तेल को लगातार लगाने से बाल मजबूत होगें और उसका पुराना रंग वापस आ जाएगा।

कम उम्र में बाल सफेद होना युवाओं में एक आम समस्या है। असमय बालों के सफेद होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से अनियमित दिनचर्या, खाने में पोषक तत्वों की कमी, कमजोरी और अनुवांशिक कारण मुख्य हैं। ऐसे में, बालों को फिर से काला बनाने के लिए एक बढ़िया डाइट प्लान और प्राकृतिक नुस्खों से बेहतर कोई उपाय नहीं है।

चलिए, आज जानते हैं ऐसे ही कुछ आसान घरेलू नुस्खों के बारे में जिन्हें अपनाकर सफेद बालों को फिर से काला बनाया जा सकता है।

1. आमलकी रसायन आधा चम्मच प्रतिदिन सेवन करने से बाल प्राकृतिक रूप से जड़ से काले हो जाते हैं।आंवले के कुछ टुकड़ों को नारियल तेल में उबाल लें। तेल को इतना उबालें कि आंवले काले हो जाएं। इस तेल को रोजाना बालों में लगाने से सफेद बाल फिर से काले होने लगते हैं।

2. मेथी दानों को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह मेथी दानों को दही में पीसकर बालों में लगाएं। एक घंटे बाद बाल धो लें।

3. सूरजमुखी, खुबानी, गेहूं, अजमोद और पालक आदि लौह तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन करें। केला, गाजर जैसे आयोडिन युक्त चीजें खाना भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा, विटामिन बी5 और बी2 को भी अपने भोजन में शामिल कर लेना चाहिए।

4. आंवले का रस, नींबू का रस और बादाम का तेल मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं।

5. अदरक को छीलकर मिक्सर में पीस लें। इसे छानकर रस निकाल लें। फिर अदरक के रस में शहद मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। एक घंटे बाद बाल धो लें। लगातार यह उपाय करने से कम उम्र में सफेद हुए बाल फिर से काले हो जाएंगे।

7. एक नींबू के रस में उतना ही पानी मिलाकर मिश्रण बना लें। शैंपू करने के बाद बालों में डालें, कुछ देर रहने दें और फिर साफ पानी से धो लें।

8. नारियल तेल में नींबू का रस मिलाकर स्कैल्प पर लगाएं। यह उपाय रोज करें, सफेद बाल काले होने लगेंगे।

9. हरे आंवले का पेस्ट बनाकर बालों की जड़ों में लगाएं या आंवला पाउडर में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं।

10. हफ्ते में दो बार गाय के दूध से बनी छाछ को बालों की जड़ों में लगाएं। कम उम्र में बाल सफेद नहीं होंगे।

11. नारियल तेल में करी पत्ता उबालें, जब करी पत्ते काले हो जाएं तो तेल को ठंडा करके बोतल में भर लें। इस तेल को रोजाना बालों में लगाएं, लाभ होगा।

12. काली अखरोट को पानी में उबालकर उस पानी को ठंडा करके बाल धोएं। कम उम्र में सफेद हुए बाल फिर से काले हो जाएंगे।

13. लौकी को सुखाकर नारियल तेल में उबाल लें। इस तेल को छानकर बोतल में भर लें। इस तेल की मसाज करने से बाल काले हो जाएंगे।

14. आंवले के साथ आम की गुठली को पानी मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को बालों में लगाकर एक घंटे बाद बाल धो लें।

15. कच्चे प्याज को टुकड़े कर मिक्सर में पीस लें। इसका रस बालों की जड़ों में लगाएं। नियमित उपयोग से कम उम्र में सफेद हुुए बाल काले हो जाते हैं। साथ ही, बाल गिरने भी कम हो जाते हैं।

16. तुरई को काटकर नारियल तेल में तब तक उबालें, जब तक वह काली न हो जाए। इस तेल को रोजाना बालों में लगाने से बाल काले हो जाते हैं।

17. दो चम्मच मेहंदी पाउडर, एक चम्मच दही,1चम्मच मेथीदाना पाउडर, तीन चम्मच कॉफी, दो चम्मच तुलसी पाउडर के मिश्रण को बालों में लगाएंं और तीन घंटे बाद सिर धो लें।

18. ब्राह्मी की पत्तियों को पीसकर या इसका तेल बनाकर बालों में लगाएं, बाल काले होने लगेंगे।

19. आधा कप दही में एक ग्राम काली मिर्च और थोड़ा नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं, फायदा होगा।

20. मेहंदी की पत्तियों में थोड़ा नींबू का रस मिलाकर पीस लें। इसमें एक चम्मच कॉफी पाउडर और एक अंडा मिलाएं। इस मिश्रण को बालों में लगाएं और 45 मिनट के बाद बाल धो लें।

21. अमरूद की पत्तियों का पेस्ट बनाकर बालों में लगाएं, लाभ होगा।

22. 250 ग्राम सरसों के तेल में मेहंदी के पत्तों को उबालें। इस तेल को छानकर बोतल में भरकर रख लें। रोजाना रात को सोने से पहले बालों में लगाएं।

23. बाल धोने से पहले बालों में ऐलोवेरा जेल की मसाज करें। बाल घने और काले हो जाएंगे।

24. एक छोटी कटोरी मेहँदी पाउडर  लें, इसमें दो बड़े चम्मच चाय का पानी, दो चम्मच आँवला पाउडर , शिकाकाई व रीठा पाउडर , एक चम्मच नीबू का रस, दो चम्मच दही, एक अंडा (जो अंडा न लेना चाहें वे न लें), आधा चम्मच नारियल तेल व थोड़ा-सा कत्था। यह सामग्री लोहे की कड़ाही में रात को भिगो दें। सुबह हाथों में दस्ताने पहनकर बालों में लगाएँ, त्वचा को बचाएँ, ताकि रंग न लगने पाए। दो घंटे बाद धो लें। यह आयुर्वेदिक खिजाब है, इससे बाल काले होंगे, लेकिन इन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।

25. रात को सोते समय नाक में दोनों तरफ षडबिन्दु तेल की 2-2 बूँद नियमित रूप से टपकाते रहें।

26. त्रिफला, नील, लोहे का बुरादा- तीनों 1-1 चम्मच लेकर भृंगराज पौधे के रस में डालकर रात को लोहे की कड़ाही में रख दें। प्रातः इसे बालों में लगाकर, सूख जाने के बाद धो डालें।

27. सफेद बालों को कभी भी उखाड़ें नहीं, ऐसा करने से ये ज्यादा संख्या में बढ़ते हैं। सफेद बाल निकालना हों तो कैंची से काट दें या उन्हें काला करने वाला उपाय अपनाएँ।

28. बालों को हमेशा ठंडे और साफ पानी से धोएं।

ये सभी प्रयोग धीरे-धीरे बालों को काला करने वाले हैं। कोई भी एक प्रयोग लगातार करे।

नाभि खिसकना – लक्षण और घरेलू उपचार

किसी का नाभि खिसक सकती है। हमारे नाभि में समान वायु स्थित होती है, उसके अपने स्‍थान से इधर-उधर हो जाने को नाभि खिसकना या नाड़ा उखड़ना कहते हैं। भारी सामान उठाने, गिरन-पड़ने या हाथ-पांव में तेज़ झटका लग जाने से समान वायु इधर से उधर हो जाती है। योग के अनुसार नाड़ियों की संख्‍या बहत्तर हज़ार है जिनका उद्गम स्‍थल नाभि को माना जाता है। इसलिए नाभि खिसकने से नाड़िया डिस्‍टर्ब हो जाती है। सामान्‍य तौर पर पुरुषों की बाएं तरफ़ व स्त्रियों की दाएं तरफ़ नाभि सरकती है।

नाभि खिसकना – लक्षण

नाभि खिसकने से पेचिस, पेट दर्द, कब्‍ज़, पेट का फूलना, भूख न लगना, दस्‍त, सर्दी-ज़ुकाम, कफ, मंदाग्नि, अपच, अफरा व हरारत आदि की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो जाती है। इसे ठीक कर लेने से ये समस्‍याएं अपने आप विदा हो जाती हैं।

अनेक विकारों के जन्‍म की आशंका

नाभि लंबे समय तक उखड़ी रह जाने से तमाम तरह के विकारों की उत्‍पत्ति होती है। पेट, दांत, आंख के रोग उत्‍पन्‍न होने लगते है। बिना काम किए थकान, आलस्य, चिड़चिड़ापन, कुछ करने का मन न करना, दुश्चिंता, अकारण भय, निराशा आदि मनुष्‍य को घेर लेती है। अगनाशय प्रभावित होने लगता है, फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शुगर, अस्‍थमा, ब्रोंकाइटिस आदि बीमारियां जन्‍म लेने लगती हैं। नाभि का डिस्‍टर्ब होना महिलाओं के गर्भधारण में भी समस्‍या उत्‍पन्‍न करता है।

कैसे जानें नाभि खिसक गई है?

– दोनों पैरों को सटाकर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को सामने सीधा करके मिलाएं। दोनों हाथों की अंगुलियां बराबर हैं तो नाड़ा ठीक है, छोटी-बड़ी दिख रही हैं तो नाड़ा उखड़ा हुआ है।

– सुबह खाली पेट पीठ के बल लेट जाएं। हाथ-पैरों को ढीला छोड़ दें। दाएं हाथ का अंगूठा व दो अंगुलियों को मिलाकर नाभि पर रखें, यदि ठीक नाभि के ऊपर पल्‍स चल रही है तो नाभि ठीक है अन्‍यथा अगल-बगल चल रही है तो उखड़ी हुई है।

– मरीज़ को सीधा लेटा दें। किसी धागे से नाभि से दोनों छातियों की दूरी नापें, यदि दूरी समान है तो नाड़ा ठीक है अन्‍यथा उखड़ा हुआ है।

नाभि खिसकना कैसे ठीक करें?

– सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हथेलियों को मिलाने पर यदि अंगुलियां छोटी-बड़ी दिख रही हैं तो जिधर की उंगली छोटी हो उधर के हाथ की मुट्ठी बांध लें और दूसरे हाथ से उस हाथ की कोहनी को पकड़कर कंधे की तरफ़ झटकें। आठ-दस बार ऐसा करने से नाभि अपनी जगह आ जाती है।

– अपनी पीठ के बल लेट जाएं।


 पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कर लें। लेटे हुए बाएं पैर को घुटने से मोड़कर हाथों से पैर को पकड़ लें व पैर को खींचकर मुंह तक लाएं। सिर उठा लें व पैर का अंगूठा नाक से लगाने का प्रयास करें। कुछ देर रुकें फिर छोड़ दें। अब दूसरे पैर से भी यही करें। फिर दोनों पैरों से एक साथ करें। तीन-तीन बार करने नाड़ा ठीक हो जाता है। उत्तानपादासन, मत्स्यासन, धनुरासन व चक्रासन से भी नाभि अपनी जगह आ जाती है।

– पीठ के बल लेटकर पेट पर सरसों का तेल लगाएं, नाभि जिस तरफ़ सरकी हो उस तरफ़ हाथ के अंगूठे से दबाव देकर नाभि की तरफ़ मालिश करें।

– पीठ के बल लेट जाएं। नाभि के चारों तरफ़ सूखा आंवले के चूर्ण में अदरक का रस मिलाकर नाभि पर बांध दें और दो घंटे लेटे रहें। दिन में दो बार ऐसा करने से नाड़ा अपनी जगह पर आ जाता है।

– नाड़ा बैठ जाने पर दो चम्‍मच सौंफ का पाउडर गुड़ में मिलाकर एक सप्‍ताह तक सेवन करें, इससे नाड़ा अपनी जगह से पुन: खिसकता नहीं है।

आहार

जिसका नाभि खिसक गयी है उसे मूंग के दाल की खिचड़ी के अलावा कुछ भी नहीं देना चाहिए। दिन में एक-दो बार पांच मिलीग्राम तक अदरक का रस देने से लाभ होता है।

चेहरे पर बर्फ लगाने के ये फायदे |


आइये जानते हैं के एक बर्फ का टुकड़ा हमारी सुन्दरता को कैसे निखार सकता है :

1) कील मुंहासे या सन बर्न में :– अगर आप अपने चेहरे पर होने वाले कील और मुंहासों से परेशान है तो बजारू क्रीमो का उपयोग करने की बजाये एक मलमल का कपड़ा लीजिये उस में एक बरफ का टुकड़ा डाल कर हलके हाथो से अपने चेहरे पर मालिश कीजिये आप इस से मिलने वाले परिणामों से दंग रह जये गे |

2) चेहरे की चरबी को कम करने के लिए :– एक बर्फ का टुकड़ा आप के चेहरे की चरबी को कम करने में आप की बहत सहयता कर सकता है | एक बर्फ का क्यूब आप के चेहरे की चरबी को नियंत्रण रखने की क्षमता रखता है | 2-4 हफ्तों तक अपने चेहरे को बरफ के क्यूब के पानी से धोएं , आपके चेहरे की चर्बी कम हो जाये गी

3) बडे़ रोमछिद्र के लिए : अगर आप बड़े रोमछिद्रों से परेशान है तो बरफ के टुकड़े से 30 दिन में आपकी समस्या दूर हो सकती है | बरफ के टुकड़े को कॉटन के कपडे में लपेट कर तीस दिन लगातार मालिश करें , ठीक हो जयेगा |

4) आखों के लिये :– दिन भर काम की थकान , देर रात जागना या लैपटॉप,कंप्यूटर पर काम करने के बाद अगर आप अपनी आखों पर बरफ की मालिश करो गे तो दिन के तनाव के साथ साथ आखों की सोज भी ठीक हो जये गी तथा आँखों में नई चमक आ जाये गी |

5) डार्क सर्कल के लिए:– आंखों के नीचे के काले घेरों को दूर करने के लिए तरह-तरह के उत्पाद बाजार में मौजूद हैं. पर आप चाहें तो बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कारगर होने के साथ ही सुरक्षित भी हैं. अगर आपको बेहतर परिणाम चाहिए तो आप खीरे के रस और गुलाब जल को आइस क्यूब ट्रे में डालकर जमा सकते हैं. इसके इस्तेमाल से डार्क सर्कल की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाएगी.

6) बर्फ के अन्य फायदे :– गोरी और चिकनी त्वचा :- बर्फ त्वचा को गोरा और चिकना करने में मददगार है |

7) चेहरे के रोयें :-  बर्फ के टुकड़े से चेहरे पर मालिश करने से चेहरे के रोएं हट जाते है |

8) सन बर्न :-  गुलाब जल में बर्फ का टुकड़ा डाल कर रगड़ने से सन बर्न से तुरंत आराम मिलता है

9) शिकन हटाने के लिए :- आप के चेहरे पर किसी भी कारन पड़ी झुर्रियों , बर्फ की मालिश से ठीक हो सकती है

मोटापा घटाना चाहते है तो इस पोस्ट को जरुर पढ़े और इस नुस्खे को अपनी डायरी में नोट करले |

मोटापा कम करने का घरेलु और 100% कारगर उपाय 

आज हम आपको मोटापे को कम करने वाले एक बेहतरीन नुस्खे के बारे में बताने जा रहे है जो 100% कारगर है | दैनिक जीवन में हम बहुत सी उट पटांग चीजे खाते है जिससे हमारे शरीर में वसा की मात्रा बढ़ जाती है और परिणाम के रूप में हमे प्राप्त होता है मोटापा, जो जितना नाम से दुखी करता है उससे अधिक होने पर दुखी करता है | मोटापे के कारण आदमी को अन्य रोग भी जल्दी जकड़ लेते है जैसे - मधुमेह, हृदय रोग, श्वास फूलना, अनिद्रा, कैंसर, हाई ब्लड प्रेसर , उदर के रोग, अस्थिभंग, जॉइंट्स में दर्द और मानसिक तनाव आदि |

आज की इस पोस्ट में हम रसोई में दैनिक काम आने वाले जीरे के मोटापे पर प्रयोग बताएँगे जो निश्चित ही आपको obesity की समस्या से निजात दिलवाएँगे | जीरा खाने में स्वाद और सुगंध बढाने वाला मसाला है | एक अध्यन के अनुसार जीरा वसा को घटाने में बहुत उपयोगी है , यह वजन कम करने में एक कारगर औषध साबित होता है | इसका उपयोग आप चूर्ण बना कर या जीरे का पानी बना कर इस्तेमाल कर सकते है जो दोनों रूपों में ही बेहतरीन परिणाम देता है |

उपयोग विधि 

1. जीरा पानी बना कर उपयोग में लेना 

रात्रि में सोते समय दो चम्मच जीरे को एक गिलास पानी में भिगो दे | सुबह इस पानी को अच्छी तरह उबाल कर चाय की तरह पि जावे | बचे हुए जीरे को भी चबा - चबा कर खा ले यह आपके शरीर में स्थित अनावश्यक चर्बी को गला कर बहार निकाल देगा | इस विधि का प्रयोग 15 दिन तक नियमित करे और फर्क देखे अपने मोटापे में | ध्यान दे इस पेय को पिने के बाद 1/2 घंटे तक कोई खाद्य पदार्थ न ग्रहण करे |

2. दही के साथ 

100 ग्राम जीरे को पिस कर इसका चूर्ण बना ले , अब रोज सुबह ताजा दही में 5 ग्राम की मात्रा में इस जीरे चूर्ण को मिला कर खा जावे | यह प्रयोग भी 15 - 20 दिन तक कर सकते है |इससे आपकी पाचन क्रिया भी ठीक होगी एवं अतिरिक्त चर्बी भी शरीर से बाहर निकल जावेगी |

3. अदरक और निम्बू के साथ प्रयोग 

अदरक और निम्बू का रस निकल ले और इस रस को जीरे के पानी में  मिला कर सेवन करे | जीरे के पानी में अदरक और निम्बू मिलाने से यह और गुणकारी हो जाता है जो चर्बी को जल्द ही गला कर शरीर से बाहर निकल देता है |

इस नुस्खे का आप नियमित 15 या 20 दिन तक  सेवन करे और फर्क देखे | जीरा वैसे भी पाचक गुणों से बरपुर होता है अत: जीरे के सेवन से पाचन शक्ति भी मजबूत बनती है , गैस की समस्या , अपच , बदहजमी , पेट दर्द आदि में भी जीरा फायदा पंहुचता है | हाई ब्लड प्रेसर और हार्ट के रोगी को भी इसका इस्तेमाल करना चाहिए क्योकि जीरा ख़राब कोलेस्ट्रोल को शरीर से बाहर निकलता है जिसके कारण हार्ट अटैक की समस्या से भी बचा जा सकता है |

धन्यवाद |