Monday, June 5, 2017

नाभि खिसकना – लक्षण और घरेलू उपचार

किसी का नाभि खिसक सकती है। हमारे नाभि में समान वायु स्थित होती है, उसके अपने स्‍थान से इधर-उधर हो जाने को नाभि खिसकना या नाड़ा उखड़ना कहते हैं। भारी सामान उठाने, गिरन-पड़ने या हाथ-पांव में तेज़ झटका लग जाने से समान वायु इधर से उधर हो जाती है। योग के अनुसार नाड़ियों की संख्‍या बहत्तर हज़ार है जिनका उद्गम स्‍थल नाभि को माना जाता है। इसलिए नाभि खिसकने से नाड़िया डिस्‍टर्ब हो जाती है। सामान्‍य तौर पर पुरुषों की बाएं तरफ़ व स्त्रियों की दाएं तरफ़ नाभि सरकती है।

नाभि खिसकना – लक्षण

नाभि खिसकने से पेचिस, पेट दर्द, कब्‍ज़, पेट का फूलना, भूख न लगना, दस्‍त, सर्दी-ज़ुकाम, कफ, मंदाग्नि, अपच, अफरा व हरारत आदि की समस्‍या उत्‍पन्‍न हो जाती है। इसे ठीक कर लेने से ये समस्‍याएं अपने आप विदा हो जाती हैं।

अनेक विकारों के जन्‍म की आशंका

नाभि लंबे समय तक उखड़ी रह जाने से तमाम तरह के विकारों की उत्‍पत्ति होती है। पेट, दांत, आंख के रोग उत्‍पन्‍न होने लगते है। बिना काम किए थकान, आलस्य, चिड़चिड़ापन, कुछ करने का मन न करना, दुश्चिंता, अकारण भय, निराशा आदि मनुष्‍य को घेर लेती है। अगनाशय प्रभावित होने लगता है, फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शुगर, अस्‍थमा, ब्रोंकाइटिस आदि बीमारियां जन्‍म लेने लगती हैं। नाभि का डिस्‍टर्ब होना महिलाओं के गर्भधारण में भी समस्‍या उत्‍पन्‍न करता है।

कैसे जानें नाभि खिसक गई है?

– दोनों पैरों को सटाकर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को सामने सीधा करके मिलाएं। दोनों हाथों की अंगुलियां बराबर हैं तो नाड़ा ठीक है, छोटी-बड़ी दिख रही हैं तो नाड़ा उखड़ा हुआ है।

– सुबह खाली पेट पीठ के बल लेट जाएं। हाथ-पैरों को ढीला छोड़ दें। दाएं हाथ का अंगूठा व दो अंगुलियों को मिलाकर नाभि पर रखें, यदि ठीक नाभि के ऊपर पल्‍स चल रही है तो नाभि ठीक है अन्‍यथा अगल-बगल चल रही है तो उखड़ी हुई है।

– मरीज़ को सीधा लेटा दें। किसी धागे से नाभि से दोनों छातियों की दूरी नापें, यदि दूरी समान है तो नाड़ा ठीक है अन्‍यथा उखड़ा हुआ है।

नाभि खिसकना कैसे ठीक करें?

– सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हथेलियों को मिलाने पर यदि अंगुलियां छोटी-बड़ी दिख रही हैं तो जिधर की उंगली छोटी हो उधर के हाथ की मुट्ठी बांध लें और दूसरे हाथ से उस हाथ की कोहनी को पकड़कर कंधे की तरफ़ झटकें। आठ-दस बार ऐसा करने से नाभि अपनी जगह आ जाती है।

– अपनी पीठ के बल लेट जाएं।


 पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कर लें। लेटे हुए बाएं पैर को घुटने से मोड़कर हाथों से पैर को पकड़ लें व पैर को खींचकर मुंह तक लाएं। सिर उठा लें व पैर का अंगूठा नाक से लगाने का प्रयास करें। कुछ देर रुकें फिर छोड़ दें। अब दूसरे पैर से भी यही करें। फिर दोनों पैरों से एक साथ करें। तीन-तीन बार करने नाड़ा ठीक हो जाता है। उत्तानपादासन, मत्स्यासन, धनुरासन व चक्रासन से भी नाभि अपनी जगह आ जाती है।

– पीठ के बल लेटकर पेट पर सरसों का तेल लगाएं, नाभि जिस तरफ़ सरकी हो उस तरफ़ हाथ के अंगूठे से दबाव देकर नाभि की तरफ़ मालिश करें।

– पीठ के बल लेट जाएं। नाभि के चारों तरफ़ सूखा आंवले के चूर्ण में अदरक का रस मिलाकर नाभि पर बांध दें और दो घंटे लेटे रहें। दिन में दो बार ऐसा करने से नाड़ा अपनी जगह पर आ जाता है।

– नाड़ा बैठ जाने पर दो चम्‍मच सौंफ का पाउडर गुड़ में मिलाकर एक सप्‍ताह तक सेवन करें, इससे नाड़ा अपनी जगह से पुन: खिसकता नहीं है।

आहार

जिसका नाभि खिसक गयी है उसे मूंग के दाल की खिचड़ी के अलावा कुछ भी नहीं देना चाहिए। दिन में एक-दो बार पांच मिलीग्राम तक अदरक का रस देने से लाभ होता है।

चेहरे पर बर्फ लगाने के ये फायदे |


आइये जानते हैं के एक बर्फ का टुकड़ा हमारी सुन्दरता को कैसे निखार सकता है :

1) कील मुंहासे या सन बर्न में :– अगर आप अपने चेहरे पर होने वाले कील और मुंहासों से परेशान है तो बजारू क्रीमो का उपयोग करने की बजाये एक मलमल का कपड़ा लीजिये उस में एक बरफ का टुकड़ा डाल कर हलके हाथो से अपने चेहरे पर मालिश कीजिये आप इस से मिलने वाले परिणामों से दंग रह जये गे |

2) चेहरे की चरबी को कम करने के लिए :– एक बर्फ का टुकड़ा आप के चेहरे की चरबी को कम करने में आप की बहत सहयता कर सकता है | एक बर्फ का क्यूब आप के चेहरे की चरबी को नियंत्रण रखने की क्षमता रखता है | 2-4 हफ्तों तक अपने चेहरे को बरफ के क्यूब के पानी से धोएं , आपके चेहरे की चर्बी कम हो जाये गी

3) बडे़ रोमछिद्र के लिए : अगर आप बड़े रोमछिद्रों से परेशान है तो बरफ के टुकड़े से 30 दिन में आपकी समस्या दूर हो सकती है | बरफ के टुकड़े को कॉटन के कपडे में लपेट कर तीस दिन लगातार मालिश करें , ठीक हो जयेगा |

4) आखों के लिये :– दिन भर काम की थकान , देर रात जागना या लैपटॉप,कंप्यूटर पर काम करने के बाद अगर आप अपनी आखों पर बरफ की मालिश करो गे तो दिन के तनाव के साथ साथ आखों की सोज भी ठीक हो जये गी तथा आँखों में नई चमक आ जाये गी |

5) डार्क सर्कल के लिए:– आंखों के नीचे के काले घेरों को दूर करने के लिए तरह-तरह के उत्पाद बाजार में मौजूद हैं. पर आप चाहें तो बर्फ का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कारगर होने के साथ ही सुरक्षित भी हैं. अगर आपको बेहतर परिणाम चाहिए तो आप खीरे के रस और गुलाब जल को आइस क्यूब ट्रे में डालकर जमा सकते हैं. इसके इस्तेमाल से डार्क सर्कल की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाएगी.

6) बर्फ के अन्य फायदे :– गोरी और चिकनी त्वचा :- बर्फ त्वचा को गोरा और चिकना करने में मददगार है |

7) चेहरे के रोयें :-  बर्फ के टुकड़े से चेहरे पर मालिश करने से चेहरे के रोएं हट जाते है |

8) सन बर्न :-  गुलाब जल में बर्फ का टुकड़ा डाल कर रगड़ने से सन बर्न से तुरंत आराम मिलता है

9) शिकन हटाने के लिए :- आप के चेहरे पर किसी भी कारन पड़ी झुर्रियों , बर्फ की मालिश से ठीक हो सकती है

मोटापा घटाना चाहते है तो इस पोस्ट को जरुर पढ़े और इस नुस्खे को अपनी डायरी में नोट करले |

मोटापा कम करने का घरेलु और 100% कारगर उपाय 

आज हम आपको मोटापे को कम करने वाले एक बेहतरीन नुस्खे के बारे में बताने जा रहे है जो 100% कारगर है | दैनिक जीवन में हम बहुत सी उट पटांग चीजे खाते है जिससे हमारे शरीर में वसा की मात्रा बढ़ जाती है और परिणाम के रूप में हमे प्राप्त होता है मोटापा, जो जितना नाम से दुखी करता है उससे अधिक होने पर दुखी करता है | मोटापे के कारण आदमी को अन्य रोग भी जल्दी जकड़ लेते है जैसे - मधुमेह, हृदय रोग, श्वास फूलना, अनिद्रा, कैंसर, हाई ब्लड प्रेसर , उदर के रोग, अस्थिभंग, जॉइंट्स में दर्द और मानसिक तनाव आदि |

आज की इस पोस्ट में हम रसोई में दैनिक काम आने वाले जीरे के मोटापे पर प्रयोग बताएँगे जो निश्चित ही आपको obesity की समस्या से निजात दिलवाएँगे | जीरा खाने में स्वाद और सुगंध बढाने वाला मसाला है | एक अध्यन के अनुसार जीरा वसा को घटाने में बहुत उपयोगी है , यह वजन कम करने में एक कारगर औषध साबित होता है | इसका उपयोग आप चूर्ण बना कर या जीरे का पानी बना कर इस्तेमाल कर सकते है जो दोनों रूपों में ही बेहतरीन परिणाम देता है |

उपयोग विधि 

1. जीरा पानी बना कर उपयोग में लेना 

रात्रि में सोते समय दो चम्मच जीरे को एक गिलास पानी में भिगो दे | सुबह इस पानी को अच्छी तरह उबाल कर चाय की तरह पि जावे | बचे हुए जीरे को भी चबा - चबा कर खा ले यह आपके शरीर में स्थित अनावश्यक चर्बी को गला कर बहार निकाल देगा | इस विधि का प्रयोग 15 दिन तक नियमित करे और फर्क देखे अपने मोटापे में | ध्यान दे इस पेय को पिने के बाद 1/2 घंटे तक कोई खाद्य पदार्थ न ग्रहण करे |

2. दही के साथ 

100 ग्राम जीरे को पिस कर इसका चूर्ण बना ले , अब रोज सुबह ताजा दही में 5 ग्राम की मात्रा में इस जीरे चूर्ण को मिला कर खा जावे | यह प्रयोग भी 15 - 20 दिन तक कर सकते है |इससे आपकी पाचन क्रिया भी ठीक होगी एवं अतिरिक्त चर्बी भी शरीर से बाहर निकल जावेगी |

3. अदरक और निम्बू के साथ प्रयोग 

अदरक और निम्बू का रस निकल ले और इस रस को जीरे के पानी में  मिला कर सेवन करे | जीरे के पानी में अदरक और निम्बू मिलाने से यह और गुणकारी हो जाता है जो चर्बी को जल्द ही गला कर शरीर से बाहर निकल देता है |

इस नुस्खे का आप नियमित 15 या 20 दिन तक  सेवन करे और फर्क देखे | जीरा वैसे भी पाचक गुणों से बरपुर होता है अत: जीरे के सेवन से पाचन शक्ति भी मजबूत बनती है , गैस की समस्या , अपच , बदहजमी , पेट दर्द आदि में भी जीरा फायदा पंहुचता है | हाई ब्लड प्रेसर और हार्ट के रोगी को भी इसका इस्तेमाल करना चाहिए क्योकि जीरा ख़राब कोलेस्ट्रोल को शरीर से बाहर निकलता है जिसके कारण हार्ट अटैक की समस्या से भी बचा जा सकता है |

धन्यवाद |

Sunday, June 4, 2017

अगर आपके आँखों की रौशनी कम हो रही है तो अपनाएँ ये घरेलू उपाय जल्द ही लाभ मिलेगा!

 

आज से कुछ साल पहले तक केवल यही देखने को मिलता था कि ज्यादा उम्र के लोग ही चश्मा लगा रहे हैं। लेकिन इधर कुछ सालों में छोटी उम्र के लोगों को चश्मा लगाते हुए देखना आम बात हो गई है। इसके कई कारण हैं! जिस तेजी से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है उसका आँखों पर बहुत बुरा असर हो रहा है। पिछले कुछ सालों में लोगों ने कंप्यूटर,लैपटॉप और टीवी का ज्यादा इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जिसका आँखों की रौशनी पर सीधा प्रभाव पड़ता है। लोग कई- कई घंटों तक लैपटॉप और कंप्यूटर का इस्तेमाल बिना रुके करते रहते हैं। जिस वजह से आँखों से पानी आना एवं कम दिखना शुरू हो जाता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो ज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं हैं।

आज हम आपके लिए लाये हैं एक ऐसा चमत्कारी घरेलू उपाय जिसे अपनाकर आप अपने आँखों की रौशनी पहले जैसा कर सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत और पैसे की भी जरुरत नहीं है। इस औषधि के इस्तेमाल से आपके आँखों के आस- पास की त्वचा मुलायम और तरोताजा रहती है। इसके उपयोग से आपके आँखों को तो फायदा होता ही है साथ ही साथ आपके बालों की समस्या भी ख़त्म हो जाती है। अगर आपके बाल झड़ रहे हैं तो इससे उनका झड़ना रुक जायेगा और बाल मजबूत और लम्बे भी होंगे।

औषधि तैयार करने के लिए सामग्री (आँखों की रौशनी कम हो रही है तो ):

 

• लहसून की तीन कलियाँ

• 10 चम्मच शुद्ध शहद

• अलसी का तेल 200 ग्राम

• 4 बड़े और ताजे निम्बू

औषधि बनाने की विधि (आँखों की रौशनी कम हो रही है तो ): 

सबसे पहले लहसून को छीलकर उसे अच्छी तरह पिस लें, उसके बाद निम्बू को छीलकर छोटे- छोटे टुकड़े में काट लें। कटे हुए निम्बू को एक कांच के बर्तन में रखे और उसमे लहसून का पेस्ट, शहद और अलसी का तेल डालें। मिश्रण को अच्छी तरह से लकड़ी के चम्मच से मिला दें। अब आपकी औषधि उपयोग के लिए तैयार हैं। एक बात का ध्यान रखना है, इसे जमाना नहीं है। यह औषधि लगाने के लिए नहीं हैं, इसलिए औषधि को चेहरे और अन्य जगहों पर ना लगायें। इसे खाना खाने से पहले दिन में कम से कम 3 बार चम्मच से लें। इस औषधि का लगातार प्रयोग करने से जल्दी ही चमत्कारी परिणाम देखने को मिलेगा। आँखों के साथ- साथ आपकी त्वचा चमकदार और मुलायम होगी।

Saturday, June 3, 2017

वजन बढ़ाने के घरेलू उपचार

भोजन में पौषक तत्वों की कमी  बनी रहने से लोग आहिस्ता-आहिस्ता  कृष काय हो जाते हैं। अधिक दुबले पतले शरीर  मे शक्ति भी कम हो जाती है। नि:शक्त जन अपनी दिनचर्या सही ढंग से संपन्न करने में थकावट मेहसूस करते है।

इस लेख में कतिपय ऐसे उपचारों की चर्चा की जाएगी जिनसे आप अपने शरीर का वजन बढा सकते हैं|

प्लान करें वेट गेन शेड्यूल

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपके बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई के हिसाब से यह जानने कि कोशिश करें कि आपकी लंबाई और उम्र के हिसाब से आपका वजन क‌ितना होना चाहिए।

बीएमआई आप इंटरनेट पर भी जोड़ सकते हैं या फिर खुद ही इसका हिसाब लगाएं। इसका फार्मूला है-
बीएमआई = वजन (किलोग्राम) / (ऊंचाई X ऊंचाई (मीटर में))

आमतौर पर 18.5 से 24.9 तक बीएमआई आदर्श स्थिति है इसलिए वजन बढ़ाने के क्रम में ध्यान रखें कि आप इसके बीच में ही रहें।

डाइट पर दें ध्यान

वजन बढ़ाने का मतलब यह नहीं कि आप जमकर फास्ट फूड या पैटी डाइट पर टूट पड़ें। यहां समझदारी से काम लेना जरूरी है।

थोड़ी-थोड़ी देर पर डाइट लें और अपने भोजन की मात्रा थोड़ी बढ़ाएं। डाइट में कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट्स की मात्रा बढ़ाएं। अध‌िक कैलोरी वाली डाइट जैसे रोटियां,  राजमा, सब्जियां,ऑलिव्स और केले जैसे फल आदि की मात्रा बढ़ाएं।

दिन में कम से कम पांच बार थोड़ी-थोड़ी डाइट लें।

कसरत न छोड़ें

वजन बढ़ाने का मतलब यह नहीं कि आप आलस की चादर ओढ़ लें। शरीर को फिट रखने के लिए हर हाल में कसरत जरूरी है।

प्रतिदिन आधा घंटा भी अगर आप कसरत को देंगे तो आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा होगा, भूख अच्छी तरह लगेगी और आप फिट रहेंगे।

कसरत और हेल्दी डाइट का कांबिनेशन वजन घटाने और बढ़ाने, दोनों के लिए जरूरी है। वेट लिफ्टिंग कसरतें इस मामले में मददगार हैं।

तनाव न लें

वजन सेहतमंद तरीके से बढ़ाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसका स्ट्रेस लेने से कोई फायदा नहीं है। कसरत और अच्छी डाइट के साथ-साथ रुटीन में आराम का थोड़ा समय निकालें।

सोने और उठने का समय निर्धारित करें जिससे शरीर तेजी से रिकवर होगा। योग और प्राणायाम के जरिए आप तनाव मुक्त होकर अपने शेड्यूल पर कायम रह सकते हैं।

नाश्ते में बादाम,दूध,मक्खन घी  का पर्याप्त मात्रा में उपयोग करने से आप तंदुरस्त रहेंगे और वजन भी बढेगा।

भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढाएं। दालों में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। बादाम,काजू का नियमित सेवन करें।

बीमारी की अवस्था में,बीमारी के बाद,यात्रा से  या मेहनत  से थके होने पर,,सुबह और शाम के वक्त और उपवास  की अवस्था में अपने पार्टनर से शारीरिक संबंध बनाना हानिकारक है।

अधिक केलोरी वाला भोजन लेते रहें।
च्यवनप्राश वजन बढाने की और स्वस्थ रहने की मशहूर आयुर्वेदिक औषधि है। सुबह -शाम दूध के साथ सेवन करते रहें।

आयुर्वेद में अश्वगंधा और सतावरी  के उपयोग से वजन बढाने का उल्लेख मिलता है।३-३  ग्राम  दोनों रोज सुबह लं का चूर्ण दूध के साथ प्रयोग करें। वसंतकुसुमाकर रस भी काफ़ी असरदार  दवा है।

रोज सुबह ३-४ किलोमीटर  घूमने का नियम बनाएं। ताजा हवा भी मिलेगी और आपका मेटाबोलिस्म  भी ठीक रह्र्गा।
भोजन खूब अच्छी तरह से चबा चबा कर खाना चाहिये। दांत का काम आंत पर डालना उचित नहीं है।

दोनों वक्त शोच निवृत्ति की आदत डालें।

५० ग्राम किश मिश रात को पानी में भिगोदे  सुबह भली प्रकार चबा चबा कर खाएं।  २-३ माह के प्रयोग से वजन बढेगा।
नारियल का दूध – यह आहार तेलों का समृद्ध स्रोत है और भोजन के लिए अच्छा तथा स्वादिस्ट जायके के लिए जाना जाता है। नारियल के दूध में भोजन पकाने से खाने में कैलोरी बढ़ेगी। जिससे आपके वजन में वृधि होगी।

मलाई- मिल्क क्रीम में आवश्यकता से ज्यादा फैटी एसिड होता है। और ज्यादातर खाद्य उत्पादों की तुलना में अधिक कैलोरी की मात्रा होती है। मिल्क क्रीम को पास्ता और सलाद के साथ खाने से वजन तेजी से बढ़ेगा।

अखरोट – अखरोट में आवश्यक मोनोअनसेचुरेटेड फैट होता है जो स्वस्थ कैलोरी को उच्च मात्रा में प्रदान करता है। रोज़ 20 ग्राम अखरोट खाने से वजन तेजी से प्राप्त होगा।

केला- तुरंत वजन बढाना हो तो केला खाइये। रोज़ दो या दो से अधिक केले खाने से आपका पाचन तंत्र भी अच्छा रहेगा।

ब्राउन राइस – ब्राउन राइस कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की एक स्वस्थ खुराक का स्रोत है। भूरे रंग के चावल कार्बोहाइड्रेट का भंडार है इसलिए नियमित रूप से इसे खाने से वजन तेजी से हासिल होगा।

आलू-  आलू कार्बोहाइड्रेट और काम्प्लेक्स शुगर का अच्छा स्त्रोत है। ये ज्यादा खाने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है।

बीन्स : जो लोग शाकाहारी है और नॉनवेज नहीं खाते उनके लिए बीन्स से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। बीन्स के एक कटोरी में 300 कैलोरी होती है। यह सिर्फ वजन बढ़ने में ही मदत नहीं करता बल्कि पौष्टिक भी होता है।

मक्खन : मक्खन में सबसे ज्यादा कैलोरी पाई जाती है। मक्खन खाने के स्वाद को सिर्फ बढ़ाता ही नहीं बल्कि वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।


देसी घी ना खाने से शरीर को होने वाले नुकसान

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के अंदर इन दिनों यह सनक पैदा हुई है कि देसी घी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। लेकिन अगर आप आयुर्वेद की बात करेंगे तो आपको पता चलेगा कि घी में कई बेजोड़ स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जो कि पोषित किया गया है। लेकिन आजकल लोग कोलेस्ट्रॉल के डर से देसी घी से बिल्कुल दूरी बना चूकें हैं। कुछ लोग हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेलों के लिए देसी घी का सेवन करना बंद कर देते हैं, जो उनकी सबसे बड़ी गलती है। देसी घी का सेवन बंद करना एक तरह की बेवकूफी होती है। वैज्ञानिक तथ्यों के अध्ययन के मुताबिक देसी घी का सेवन बंद करना गलत है, देसी घी एक बेहद पौष्टिक भोजन है।

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अगर आप देसी घी को बनाने की प्रक्रिया को जान लेंगे, तो ऐसे में आपको यह बात याद आएगी कि घी बनाने के लिए मक्खन को गर्म किया जाता है। मक्खन में होने वाला पानी गर्म होने पर भाप में बदलकर उड़ जाता है। इसके बाद बढ़ते तापमान के कारण दूध प्रोटीन और नमक जलने लगता है और ब्राउन रंग का हो जाता है। यही कारण है कि घी एक अखरोट का स्वाद होता है। घी दूध से ही प्राप्त किया जाता है और दूध एक जानवर से प्राप्त किया जाता है। इसी कारण घी में संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा होती है।

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लेकिन यहां जानकारी आधी अधूरी है। हर तरह के संतृप्त वसा में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं। अगर आप देसी घी की बात करते हैं, तो देसी घी के कुछ ही फैटी एसिड हमारे शरीर पर प्रभाव डालते हैं। देसी घी में 65 प्रतिशत संतृप्त और 32 प्रतिशत वसा है, जिसे एमयूएफए (मोनो असंतृप्त वसीय अम्लों) के नाम दिया गया है। एमयूएफए में अत्यधिक डाइट्री फेट होता है, जो कि ऑलिव ऑयल में भी मिलता है। अगर आप स्कोर पर विचार करें, तो देसी घी इस सूची में सूरजमुखी, कुसुम, मक्का और कॉटन सीड ऑयल्स का तेल सबसे ऊपर होता है।

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जिन लोगों को ऐसा लगता है कि देसी घी में काफी कैलोरी होती हैं, उन्हें यह बता दें कि देसी घी में तेल से काफी कम कैलोरी मौजूद होती है। लेकिन आप देसी घी की अत्यधिक मात्रा का सेवन कर सकते हैं।

इसके अलावा देसी घी में विटामिन ए, विटामिन डी और राइबोफ्लेविन के साथ ही कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम जैसे मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि विटामिन ए में विटामिन ए का अच्छा स्रोत होता है, इसी के साथ यह स्वस्थ त्वचा को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है। इसके अलावा यह एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह भी काम करता है। शरीर में हड्डियों के स्वास्थ्य और तंत्रिका तंत्र को बनाए रखने के लिए विटामिन डीए कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस की जरूरत होती है। इलेक्ट्रोलाइट संतुलन के लिए पोटेशियम कोशिकाओं की जरूरत होती है और यह दिल की धड़कन को विनियमित करने के लिए आवश्यक होती है।

Desi Ghee4:

उपर्युक्त जानकारी और शोध से यह निष्कर्ष होता है कि देसी घी को पूरी तरह से छोड़ देना हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। ऐसा भी नहीं है कि आप हर तरह के खाने में घी का इस्तेमाल करें, ऐसे में आप एक संयोजन बना सकते हैं। आप देसी घी को तिल के तेल, सरसों के तेल और जैतून का तेल के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

Saturday, May 27, 2017

हार्ट अटैक के बाद अकेले रहना हो सकता है खतरनाक


हार्ट अटैक के बाद अकेले रह रहे मरीज की चार सालों में मौत होने की संभावना 35 प्रतिशत ज्यादा होती है.

हार्ट अटैक के बाद अकेले रहना खतरनाक हो सकता है. इससे अगले चार सालों में मौत का खतरा भी मंडरा सकता है. यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल ने दी.

रिसर्च के मुताबिक दिल के दौरे के एक साल बाद मौत होने की संभावना अकेले रह रहे व्यक्ति की भी उतनी ही होती है जितनी किसी के साथ रह रहे पीड़ित की होती है. लेकिन अकेले रह रहे मरीज की चार सालों में मौत होने की संभावना 35 प्रतिशत ज्यादा होती है.

आईएमए के महासचिव डॉ. आरएन टंडन ने बताया कि सामाजिक सहयोग बीमारी पर गहरा असर डालता है. यह न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है. परिवार और दोस्तों का सहयोग ऐसे मरीजों को तंदुरूस्त होने और अच्छी जिंदगी जीने में मदद करता है.

जो लोग अकेले रहते हैं उनके तंदुरुस्त होने में रुकावट आ जाती है, क्योंकि उन्हें दवाइयां लेने, बताए गए एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहन और चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाने के लिए जिस साथ की जरूरत होती है, वह उनके पास नहीं होता.

सोर्स: http://hindi.news18.com/news/family-and-welfare/health/living-alone-after-heart-attack-can-cause-health-issues-968640.html