Saturday, May 27, 2017

गुणकारी पुदीने का जादुई असर निखारेगा गर्मियों में त्वचा की रंगत


पुदीना अच्छा एंटीबायटिक होने के साथ ही आपकी त्वचा को भी बेमिसाल बनाता है.

खाने का जायका बढ़ाने वाला पुदीना पेट की समस्याओं को दूर करने की औषधि भी है. गर्मियां आते ही बाजार में चारों तरफ सिर्फ पुदीना ही दिखाई देता है. पुदीना लगभग हर घर की रसोई में होता है. इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण भी इसके फायदों में इजाफा करने का काम करता है. पुदीने को गुणों की खान माना जाता है.

साधारण-सा दिखने वाला ये पौधा बहुत शक्तिशाली और चमत्कारी प्रभाव रखता है. इसमें मौजूद फाइबर आपके कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं और इसमें मौजूद मैग्नीशियम हड्डियों को ताकत देता है और इन्हें मजबूत बनाता है. पुदीना अच्छा एंटीबायटिक होने के साथ ही आपकी त्वचा को भी बेमिसाल बनाता है. आज आपको बताते हैं पुदीने के फायदे.

पुदीने की तासीर ठंडी होती है

त्वचा को पोषण देता है

पुदीना अपनी ठंडी तासीर के लिए जाना जाता है. खीरे की तरह ही पुदीना भी त्‍वचा को मॉश्‍चराइज करने के काम आता है. पुदीने की पत्तियों के रस को चेहरे पर लगाने से त्‍वचा को ताजगी और नमी मिलती है. साथ ही पुदीने के रस से त्‍वचा के पोर्स भी खुलते हैं. पुदीने की पत्तियों के रस को दही या शहद के साथ मिलाकर लगाना बहुत फायदेमंद होता है.

दाग-धब्बों से दिलाता है मुक्ति
बढ़ती उम्र का असर चेहरे पर भी दिखाई देता है. जैसै-जैसे उम्र बढ़ती है, त्वचा पर दाग-धब्बे उभरने लग जाते हैं. पुदीने की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे चेहरे पर लगाने से ये दाग-धब्बे दूर होते हैं. कुछ ही समय बाद आपको इसका फर्क दिखाई देने लगेगा. इसके अलावा यह पिग्मेंटेशन की समस्या को भी दूर करने का काम करता है.

पुदीने की पत्तियों में सैलीसिलिक एसिड पाया जाता है

कील-मुंहासों दूर करता है
पुदीने की पत्तियों में सैलीसिलिक एसिड पाया जाता है, जो कील-मुंहासों और उनसे होने वाले दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करता है. इसके लिए पुदीने की पत्त‍ियों में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट की तरह पीस लें और इसे चेहरे पर लगाएं. कुछ ही दिनों में आपको अपनी त्वचा में फर्क नजर आने लगेगा. आप चाहे तो पुदीने की पत्तियों के पेस्ट में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर भी मुंहासों पर लगा सकते हैं.

त्वचा की रंगत निखारता है
बदलते मौसम की वजह से त्वचा का रूखा होना स्वाभाविक है. इस रूखेपन से बचने के लिए रोज के खाने में पुदीना शामिल करें. इससे भरपूर एंटीऑक्सीडेंट मिलेगा और त्वचा का निखार बरकरार रहेगा. इसके अलावा पुदीना न केवल त्वचा की सफाई करने के काम आता है बल्क‍ि इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा की रंगत भी निखरती है. त्‍वचा में निखार लाने के लिए पुदीने की पत्तियों के पेस्ट या फिर इसके रस को नियमित रूप से चेहरे पर लगाएं.

पुदीने में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है

सनबर्न और टैनिंग से बचाता है
गर्मियों में तेज धूप की वजह से हमारी त्‍वचा टैन हो जाती है. त्वचा की टैनिंग दूर करने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत मददगार होता है. टैनिंग दूर करने के लिए त्‍वचा पर पुदीने की ताजा पत्तियों के लेप को लगाने से जल्‍द फायदा मिलता है. इसके अलावा गर्मियों में तेज धूप में सनबर्न की समस्या बेहद आम है. सनबर्न वाली त्वचा पर मुल्तानी मिट्टी में पुदीने का रस या पिपिरमिन्ट ऑयल मिलाकर लगाने से मुक्ति मिलती है.

इन टिप्स से आप भी 9 घंटे काम करते हुए रह सकते हैं एकदम फिट!


नई दिल्लीः आजकल ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों को कई तरह की लाइफस्टाइल डिजीज़ जैसे हाई कॉलेस्ट्रॉल, मोटापा, स्लिप डिस्क, फ्रोजन शोल्डर पेन, यूरिक एसिड प्रॉब्लम, स्टमक प्रॉब्लम, डायबिटीज रहती है. ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने डायटिशियन डॉ. अर्चना गुप्ता से इस सिचुएशन पर बात की.

एबीपी न्यूज़ ने जाना कि अगर कोई ऐसा कमर्चारी जिसे हाई कॉलेस्ट्रॉल, मोटापा, स्लिप डिस्क और हाई यूरिक एसिड है. जो घंटों कंप्यूटर पर काम करता है, लॉन्ग ट्रैवल करता है. उसकी फैमिली हिस्ट्री में किसी को डायबिटीज, हार्ट अटैक और थॉयरॉइड जैसी डिजीज़ हैं तो उसका रूटीन क्या होना चाहिए. उसकी डायट क्या होनी चाहिए.

सिचुएशन


जेंडर– पुरुष, उम्र– 30 से 35 साल, वजन– 80 से 85 किलो, खानपान– शाकाहारी (अंडा शामिल है)


वर्किंग आवर्स– 9 घंटे, ऑफिस टाइम– सुबह 10 से शाम 7, टोटल ट्रैवल टाइम– 2 से 3 घंटे


बीमारियां– हाई कॉलेस्ट्रॉल, मोटापा, स्लिप डिस्क और हाई यूरिक एसिड


फैमिली हेल्थ हिस्ट्री– डायबिटीज, हार्ट अटैक, थॉयरॉइड और मोटापा, हाई कॉलेस्ट्रॉल

डॉ. अर्चना का कहना है कि सबसे पहले तो ऐसे कर्मचारियों को लो फैट, लो सॉल्ट और लो शुगर डायट लेनी चाहिए. इसके साथ ही ऑयल कंटेट पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है. इसके अलावा 50 ग्राम डायट में प्रोटीन और 1800 से 2000 कैलोरी इंटेक कुल दिनभर में लेना होगा. इसके बाद फॉलो करना होगा एक‍ रूटीन.

वर्कआउट है बहुत जरूरी- आपको सुबह 7 से 7.30 बजे तक उठना होगा. ताकि आप वॉक, वर्कआउट (स्विमिंग, एरोबिक, रनिंग, साइक्लिंग) या योगा कर सकें. दरअसल, मोटापा सिर्फ कैलोरी कम करने से नहीं जाएगा वर्क आउट करना भी जरूरी है. बॉडी वेट मेंटेन करना बहुत जरूरी है. रोजाना 250 से 400 कैलोरी तक बर्न करना जरूरी है. तभी आप बॉडी वेट भी मेंटेन कर पाएंगे. एक सप्ताह में कम से कम 5 दिन वर्कआउट करें. 30 मिनट तक वर्कआउट के बाद 10 मिनट तक स्लिप डिस्क के लिए स्पेशल एक्सरसाइज जरूर करें. तभी स्लिप डिस्क की प्रॉब्लम ठीक कर पाएंगे. इसके अलावा ऑफिस में भी वॉक, सीढ़ि‍या चढ़ना जैसी एक्टिविटी करते रहें. इससे आसानी से 300-400 तक कैलोरी रोजाना बर्न होगी.

वॉटर- यूरिक एसिड बढ़ा है तो दिनभर में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी या लो सॉल्टेड (काला या सेंधा नमक) शिकंजी या लिक्विड डायट जरूर लें.

ऑयल- दिनभर में कोई एक ऑयल का इस्तेमाल ना करें. दिनभर में 3 टेबल स्पून ऑयल का इस्तेमाल फूड कुकिंग और खाने में करें. 1 स्पू न घी या बटर, 2 स्पून कोई ऑयल जैसे – मस्टर्ड ऑयल, सनफ्लोवर सीड्स ऑयल, ऑलिव ऑयल या पीनट ऑयल ले सकते हैं.

डेली रूटीन-

• सुबह उठते ही एक से तीन गिलास तक पानी पीएं.

• फ्रेश होने के बाद 5 भीगे हुए बादाम और भीगे हुए आधे-आधे दो अखरोट खाएं या एक पूरा अखरोट खाएं.

• 40 मिनट वर्कआउट करें. इन सबसे कॉलेस्ट्रॉल भी कम होगा.

• ऑफ्टर वर्कआउट एक कप चाय लें. ग्रीन टी, लेमन टी, हर्बल टी या मिल्क टी भी हो सकती है. लेकिन मिल्क टी में दूध अलग से उबालें और बाकी चीजें अलग उबालकर बाद में कप में डालकर पीएं.

• चाय के साथ 1 मैरी बिस्कुट, रस्क या हाई फाइबर बिस्कुट जरूर लें.

• ब्रेकफास्ट टाइम में उपमा, पोहा, चिला, बैम्बिनो, दो सफेद अंडे विदआउट यॉक, ओट्स, मिल्क कॉर्नफ्लेक्स, सीरियल्स, जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं. अगर आपका लंच देर से होता है तो दो चपाती, दही या सब्जी का सेवन कर सकते हैं.

• अंडे सप्ताह में दो बार से ज्यादा ना खाएं. जो भी आप खा रहे हैं उसमें 25% स्टार्च, 25% फ्रूट्स, 25% वेजिटेबल्स और 25%प्रोटीन का होना चाहिए.

• ब्रेकफास्ट में जूस और दूध ना लें. बटर मिल्क ले सकते हैं.पास्ता, नूडल्स, मैकरोनी, ब्रेड यानि मैदा से बनी चीजें कम खानी चाहिए. हां, सप्ताह में एकाध बार इन चीजों का सेवन बहुत सारी सब्जियां डालकर किया जाए तो कोई दिक्कत नहीं है.

• होल व्हीट ब्रेड या मल्टी ब्रेड और बन खा सकते हैं. ब्रेड में सब्जी, अंडे या पनीर की स्टफिंग कर सकते हैं.

• आपका ट्रैवल टाइम 1 से 2 घंटे है तो रास्ते में कोई भी सीजनल फ्रूट लें लेकिन यूरिक एसिड की वजह से सिट्रिक फ्रूट्स ना खाएं. काले अंगुर, केला, लीची, चीकू, मैगो कम खाने है या नहीं खाने. सीजनल फ्रूट्स ही खाएं.

• लंच में एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी, एक कटोरी दही और दो चपाती या एक बाउल चावल लें.शाम को स्नैक्स में कुछ बॉयल या रॉस्टेड चीजें जैसे-पॉपकर्न, मूंगफली, मुरमुरे, बॉयल कॉर्न, पोहा या डायट नमकीन, सत्तू खा सकते हैं.

• अगर कुछ खाने का मन नहीं है नारियल पानी या एक फ्रूट ही ले लें. काले चने और स्प्राउट्स ना लें. मसाले खा सकते हैं लेकिन ऑयल कम खाएं. या चाय के साथ बिस्कुट ले लीजिए.

• रात में अगर 9 या 9.30 तक घर पहुंच रहे हैं तो सबसे पहले एक बाउल सलाद खाएं इसके कुछ देर बाद डिनर करें. सोने और खाने में दो घंटे का गैप रखें. डिनर में एक से दो चपाती, सब्जियां खाएं. चपाती नहीं भी खाएंगे तो चलेगा. कुछ कॉन्टिनेंट भी ले सकते हैं.

• डिनर के बाद 500 कदम तक टहलें.इसके बाद आप सोने से पहले एक कप विदआउट शुगर मिल्क लें. दूध डबल टोंड या टोंड होना चाहिए.दिनभर में मीडियम साइज का एक ताजा आलू खाया जा सकता है.

इस रूटीन को फॉलो करेंगे तो आप ना सिर्फ बीमारियों से बचेंगे बल्कि चुस्त-दुरूस्त भी रहेंगे.

नोट: आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.

हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, समय से पहले पहचानें इसके लक्षण!


नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे और फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री रीमा लागू का आज हार्ट अटैक से निधन हो गया. इसी साल जनवरी में बॉलीवुड अभिनेता ओम पुरी का भी हार्ट अटैक से निधन हो गया था. इस तरह अचानक इनके निधन से देशभर में शोक की लहर है. ऐसे में एबीपी न्यू्ज़ ने मैक्स वैशाली के कार्डियोलॉजिस्टि डॉ. असित खन्ना से जाना कि अचानक हार्ट अटैक के क्या कारण है. कैसे हार्ट अटैक से बचा जा सकता है और क्या-क्या एतिहायत बरतें.

सर्दियों में अधिक रहता है हार्ट अटैक का खतरा-
डॉ. असित का कहना है कि गर्मियां हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि हार्ट अटैक पड़ जाएगा. गर्मियों से हार्ट अटैक का कोई लेना-देना नहीं है. मौसम कोई भी हो, हार्ट अटैक के सिम्टम्स एक जैसे ही रहते हैं. हां, गर्मियों के बजाय सर्दियों में हार्ट अटैक ज्यादा पड़ता है.

युवाओं में भी बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा-
डॉ. खन्ना के मुताबिक, आज के लाइफस्टाइल के चलते अब तो 30 से 35 साल की उम्र में भी हार्ट अटैक के मरीज सामने आ रहे हैं. आज के समय में युवा हार्ट डिजीज जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज और हार्ट अटैक के मरीज हैं.

50 की उम्र के बाद हर साल ये चार टेस्ट करवाने है जरूरी-
डॉ. खन्ना के मुताबिक, 50 की उम्र के बाद अगर एलुअल चेकअप करवाया जाता तो शायद रीमा जी की अचानक डेथ नहीं होती. प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप 50 की उम्र के बाद बेहद जरूरी हो जाता है. ईको, टीएमटी, शुगर और कॉलेस्ट्रॉल का टेस्ट हर किसी को 50 की उम्र के बाद हर साल करवाने चाहिए. ऐसे अचानक किसी डिजीज से होने वाली डेथ से बच सकते हैं. टेस्ट करवाने से बीमारी की शुरूआत में ही उसे पकड़ा जा सकता है.

इन चीजों पर करें अमल-

अगर आपकी उम्र 50 साल है या फिर आपके टेस्ट में कोई हार्ट डिजीज आई है तो सबसे पहले डायट पर कंट्रोल करें. लो फैट, लो सॉल्ट डायट लें.किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे- तंबाकू, धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन ना करें.रोजाना व्यायाम करें. इसमें आप जॉगिंग, वॉकिंग कर सकते हैं.वजन कंट्रोल करें. लो बॉडी वेट होगा तो आप फिट रहेंगे.50 की उम्र के बाद हर साल बॉडी चेकअप करवाएं. अगर घर में हैरिडिटरी डिजीज हैं तो 30 की उम्र के बाद उन डिजीज का समय-समय पर चेकअप जरूर करवाएं. इनमें मोटापा, डायबिटीज, हार्ट अटैक, थॉयरॉइड, कैंसर जैसी डिजीज शामिल हैं.अगर रिपोर्ट्स ठीक नहीं है और कोई भी गंभीर डिजीज का सिम्टम दिखाई देता है तो तुरंत दवाईंया र्स्टाट करें.आमतौर पर लोग दवाएं एवॉइड करते हैं और अन्य विकल्प चुनते हैं. तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.प्रोपर ट्रीटमेंट लें और डॉक्टर से फॉलोअप लेते रहें.

हार्ट अटैक के सिम्टम्स-

यूं तो हार्ट अटैक के कुछ-कुछ सिम्टम्स दिखाई देने लगते हैं लेकिन कुछ मामलों में हार्ट अटैक के लक्षण बिल्कल नहीं दिखाई देते. रीमा लागू के केस में ऐसा ही था. ऐसे में टेस्ट  करवाना बेस्ट जरिया है.

सिम्टम्स-

चलने में सीना भारी होने लगेगा. पहले जितना चल पाते थे उतना नहीं चल पाएंगे.चलते समय सांस फूलने लगेगी. सीढ़ी चढ़ते हुए जल्दी हांफने लगेंगे.पहले जितनी एक्सरसाइज कर पाते थे उतनी नहीं कर पाएंगे.जरूरत से ज्यादा पसीना आने लगेगा.चक्कर आने लगेगा. ब्लड प्रेशर जो पहले सामान्य रहता था अचानक बढ़ने लगेगा.शुगर जो पहले सामान्य थी या डायबिटीज नहीं थी अचानक डायबिटीज हो जाएगी.

 कुछ मिलाकर कहें कि चेस्ट हैवीनेस, स्वेटिंग, सांस फूलना, चक्कर आना और पैरों में सूजन ये पांच कार्डिएक सिम्टम्स होते हैं. जब भी ये लक्षण दिखाई दें. तुरंत अपना चेकअप करवा लें.

30 की उम्र के बाद चेकअप-

अगर चेकअप के दौरान 30 की उम्रया इससे अधिक उम्र में आपके लिपिड प्रोफाइल की रिपोर्ट्स बहुत खराब आई हैं तो आपको सबसे पहले अपनी डायट पर ध्यान देना चाहिए. सबसे पहले आप बीमारी की रोकथाम करेंगे. अपनी डायट कंट्रोल करें. फैटी फूड्स, सॉल्टी फूड्स, फ्राइड फूड्स, फास्ट फूड्स इन चीजों को एवॉइड करें. लो सॉल्ट, लो फैट डायट को अपनी डायट में शामिल करें.इसके बाद एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करना चाहिए. रोजाना एक्सरसाइज करके बॉडी का वेट मेंटेन करें. सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक रोजाना एक्सरसाइज करें.इसके बाद प्रणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और योग जैसी चीजों को अपने रूटीन में शामिल करें.इन सबके बाद भी आपका कॉलेस्ट्रॉल हाई रहता है तो आपको फिर दवाईंया स्टार्ट कर देनी चाहिए.

कॉलेस्‍ट्रॉल मेडिसिन चलती हैं लाइफटाइम-
लोग ऐसा मानते हैं कि दवा इसलिए शुरू नहीं करेंगे क्योंकि इसे लाइफटाइम लेना पड़ेगा. इस पर डॉ. असित का कहना है कि बेशक कॉलेस्‍ट्रॉल हाई होगा तो मेडिसिन भी लेनी होंगी. उम्र बढ़ने के साथ-साथ कॉलेस्ट्रॉल भी बढ़ेगा. बढ़ती उम्र के साथ बीमारी कंट्रोल में रहे इस वजह से दवाएं लाइफटाइम खाने के लिए कहीं जाती हैं. जैसे बीपी, शुगर, इंसुलिन, थॉयराइड ऐसी बीमारियां हैं जो उम्र के साथ बढ़ती रहती हैं. इसी वजह से इनकी दवाएं लाइफ टाइम चलती हैं.

नोट: आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.

एक अच्‍छी बात बताएं – बीयर बहुत फायदेमंद है, अगर संतुलन में पी जाए


वीकेंड आ रहा है. वीकेंड मतलब काम से छुट्टी और मौज ही मौज. हफ्ता खत्म होते ही कुछ लोगों के पास हफ्ते भर की थकान को दूर करने के लिए एक उपाय होता है बीयर पार्टी. लेकिन कुछ लोग इसे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नुकसानदायक समझते हैं और बीयर देखकर मुंह बिचकाते हैं.

लेकिन यकीन मानिए, दुनिया की सबसे मशहूर ड्रिंक में शुमार बीयर इतनी भी बुरी नहीं, जितना आप समझते हैं. जिस तरह चाय और कॉफी के जितने फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं, लेकिन फिर भी तो आप उसे पीते हैं न. बीयर का भी कुछ ऐसा ही हाल है. अगर आप संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें तो यह आपके लिए फायदेमंद होता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में तो किसी भी चीज का सेवन आपके लिए नुकसान दायक ही साबित होगा. इसमें एल्‍कोहल की मात्रा बेहद कम होती है. तो चलिए आज हम जानते हैं बीयर के फायदे.

हड्डियों को मजबूत करती है
बीयर में सिलिकॉन अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है और ये सिलिकॉन आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद होता है. एक शोध के अनुसार जो लोग कभी-कभी बीयर पीते हैं, उनकी हड्डियां बाकी लोगों की अपेक्षा ज्यादा मजबूत होती हैं. लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि ज्यादा बीयर पीना आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है.

हड्डियों को मजबूत करती है बीयर.

विटामिन से भरपूर है बीयर
बीयर बहुत पौष्टिक होती है, लेकिन अगर ये अनफिल्टर या लाइट बीयर हो तो इसकी पौष्टिकता और अधिक बढ़ जाती है. बीयर में पाया जाने वाला फॉलिक एसिड आपको हार्ट अटैक से बचाने में मददगार है. बीयर में मौजूद फाइबर शरीर में जमा फैट को निकालता है और आपको पर्याप्त ऊर्जा भी देता है. इसके साथ ही यह शरीर में मैग्नीशियम और पोटैशियम का स्तर भी बढ़ाने में मदद करती है.

विटामिन से भरपूर है बीयर.

किडनी का ख्याल
शोध के अनुसार संतुलित मात्रा में बीयर पीना आपकी किडनी के लिए फायदेमंद होता है. यह किडनी में स्टोन की संभावना को कम करता है. साथ ही इसमें पानी की मात्रा अत्यधिक होती है, जो किडनी के लिए फायदेमंद है.

दिल को रखता है जवां
बीयर में मौजूद विटामिन आपके दिल का ख्याल रखने में मददगार होते हैं. जहां रेड वाइन आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद है, वहीं डार्क बीयर में अत्यधिक मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आपके दिल का ख्याल रखते हैं और आपको स्वस्थ बनाते हैं.

Source:

http://hindi.news18.com/news/lifestyle/benefits-of-beer-999987.html

फटी एड़ियों व पैरो की अन्य प्रॉब्लम का रामबाण इलाज़ है यह नुस्खा


दुनिया में कई लोग अलग अगल health issues से झुझ रहे है इन्ही health issues में से एक है पैरो के रोग (feet issues) जैसे के :-फटी एडियाँ (Cracked Heels), वेरीकोस विएंस (Varicose Veins), पैरो की डेड स्किन (Corns) और सुखी त्वचा | यह सब issues  moisture की कमी , poor डाइट और असुविधाजनक जूतों की वजेह से उत्पन्न होते है |

अगर आप भी उपर बताये किसी भी feet problem से छुटकारा पाना चाहते हो तो आज आप बिलकुल सही जगेह पर आये हो | आज इस आर्टिकल में हम आपको बतायेगे कैसे आप पैरो की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हो|
आज हम आपको एक ऐसा घरेलू नुस्खा बतायेगे जो आपकी फटी एडियों से लेकर वरिकोस वेंस मात्र 10 दिनों में ठीक कर देगा

तो देर किस बात की आये जानते है इस घरेलू नुस्खे के बारे में |

समग्री :-

1 चम्मच हल्दी पाउडर,10 Aspirin की गोलियां (Aspirin pills),1 कप medicinal alcohol

विधी 

पहल किसी प्लास्टिक कंटेनर में medicinal alcohol को डाल ले और इसमें हल्दी पाउडर भी मिक्स कर दें |

अब Aspirin की गोलियों को पीस कर उनका भी पाउडर बना ले और इस पाउडर को भी मिश्रण में डाल कर मिक्स कर दें |

अब इस मिश्रण को अच्छी तरेह ढक के बंद करे और 24 घंटो के लिए छोड़ दें |

रोजाना रात को इस मिश्रण को अपने पैरो पर अच्छी तरेह रगड़ें और रगड़ने के बाद पैरों पर कोई कॉटन का कपड़ा लपेटे और किस लिफाफे से कवर कर लें और उसके उपर से जुराबें पहन लें |

दुसरे दिन सुबहे पैरो को गुनगुने पानी से धो लें और कोई moisturizing cream लगा लें |

अच्छे नतीजों के लिए इस नुस्खे को लगातार 10 दिनों के लिए दोहराए

Friday, May 26, 2017

शिलाजीत के स्वास्थ्य लाभ :

शिलाजीत के स्वास्थ्य लाभ :

आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र में शिलाजीत का एक विशिष्ट स्थान है | शिलाजीत हिमालय के पहाड़ो में , गिलगिट, बल्तिस्तान , काकेसस और अल्ताई आदि के प्रवतों में पाया जाता है | शिलाजीत भूरा या डामर की तरह काला दोनों रंगो में पाया जाता है | वस्तुतः शिलाजीत प्रवतो के पत्थरों से निकला हुआ निर्यास है एवं कई विद्वान् इसे किसी दिव्य पौधे का निर्यास मानते है | जो भी हो आयुर्वेद ने शिलाजीत की भूरी- भूरी प्रसंसा की है | आयुर्वेद में  बलपुष्टिकारक, ओजवर्द्धक, दौर्बल्यनाशक एवं धातु पौष्टिक अधिकांश नुस्खों में शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। 


स्वाद में शिलाजीत काफी कडवा, कैसेला , उष्ण वीर्य वाला होता है | शिलाजीत के बारे में हमने आज तक इतना ही जाना है की इसे सेक्स पॉवर के लिए प्रयोग में लिया जाता है जबकि शिलाजीत विवाहित हो या कुंवारे जवान हो या बूढ़े , बीमार हो या स्वस्थ सभी के लिए उपयोगी होता है | शिलाजीत का उपयोग सेक्स पॉवर ही नहीं बल्कि इसका उपयोग अन्य रोगों में भी किया जाता है | आज की इस पोस्ट में हम आपको शिलाजीत के स्वस्थ्य लाभों के बारे में बताएँगे |

शिलाजीत सेवन के स्वास्थ्य लाभ

1. यौन शक्ति वर्धक 

नपुंसकता , शीघ्रपतन और धातु दुर्बलता में शिलाजीत रामबाण औषधि की तरह काम करती है | शिलाजीत पौरुष शक्ति एवं प्रजनन प्रणाली की शक्ति को बढाती है इसलिए यौन शक्ति को बढ़ने के लिए इसका उपयोग करना चाहिए | 

अगर आप यौन कमजोरी , स्वप्नदोष या शीघ्रपतन से परेशान है तो - शुद्ध शिलाजीत 25 ग्राम, लौह भष्म 10 ग्राम , अम्बर 2 ग्राम और केशर 2 ग्राम -- इन सब को मिलाकर खरल में खूब घुटाई करे | अच्छी तरह घुटाई होने के बाद 1-1 रति की गोलिया बना ले | एक - एक गोली सुबह - शाम दूध के साथ सेवन करे  | यह औषधि यौन शक्ति के साथ साथ स्मरण शक्ति , पाचन शक्ति एवं शारीरिक शक्ति को भी बढाती है |

2. उम्र घटाती हैं जंवा बनाती है !

शिलाजीत के सेवन से उम्र भी घटती है जिससे व्यक्ति जवान बना रहता है , क्योकि शिलाजीत उच्च उर्जा और जैव उत्पादक गुणों से भरी हुई होती है जो शारीर में नयी कोशिकाओ का निर्माण करती है एवं क्षीण कोशिकाओ का बलवर्धन करती है |

3. मधुमेह 

शिलाजीत के नियमित सेवन से मधुमेह में आराम मिलता है | शिलाजीत ब्लड शुगर के लेवल को बैलेंस करती है जिससे मधुमेह रोग में आराम मिलता है |

4. शरीर को उर्जा व स्फूर्ति प्रदान करती है 

शिलाजीत में प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | इसके नियमित सेवन से शरीर को उर्जा मिलती है और शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है |

5. शरीर में सुजन और दर्द को मिटाती है 

शिलाजीत वात व्याधियो में भी अपना कारगर असर छोडती है | अगर शरीर में वात के कारण किसी जगह पर सुजन और दर्द है तो शिलाजीत का सेवन शुरू करदे जल्दी ही आपको दर्द से छुटकारा मिल जायेगा | इसके आलावा गठिया रोगी को भी इसका सेवन करना चाहिए |

6. रक्त शोधक 

शिलाजीत अच्छी रक्त शोधक है | शिलाजीत के नीयमित सेवन से शारीर के अशुद्ध रक्त का शोधन होता है | यह शरीर में रक्त के सर्कुलेसन को बढाती है जिससे शुद्ध रक्त शरीर के हरेक अवयव तक पंहुचता है |

7. स्मरण शक्ति 

शिलाजीत स्मरण शक्ति को भी बढाती है | नियमित सेवन से भूलने की बीमारी से निजत पा सकते है |

8. तनाव हटाये 

शिलाजीत तनाव पैदा करने वाले हारमोंस को संतुलित रखती जिससे दिमाग और शरीर  शांत रहते है |

9. रोग प्रतिरोधक 

शिलाजीत एक बेहतर रोग प्रतिरोधक औषधि है | शिलाजीत के नियमित सेवन से मौसम के परिवर्तन के समय होने वाली छोटी - छोटी बीमारियों से बचा जा सकता है |

10. हष्ट - पुष्ट शरीर 

शिलाजीत का नियमित सेवन शरीर को हष्ट - पुष्ट रखता है |


शिलाजीत के उपयोग में सावधानियां 

*शिलाजीत का सेवन करते समय खट्टी चीजो से परहेज करे |

*हमेशा शिलाजीत का सेवन दूध  या पानी के साथ करे | 

*शिलाजीत का सेवन करते समय चिकित्सक द्वारा निर्धारित मात्रा से ज्यादा कभी सेवन करे |

*जितने समय के लिए शिलाजीत का सेवन बताया गया हो उससे अधिक दिनों तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए |

*कभी कभार शिलाजीत सेवन से किसी किसी को उलटी या बुखार आ सकती जो एक स्वाभाविक क्रिया है अपने चिकित्सक से सम्पर्क करे |

धन्यवाद |

गर्मियों के सीजन में तरबूज है सेहत की खान - पढ़े और शेयर भी करे

तरबूज प्रकृति द्वारा प्रदत एक ग्रीष्म कालीन ठंडी तासीर का फल है | भारत में यह लगबग हर प्रान्त में होता है | तरबूज को भारत में अलग - अलग नाम से जाना जाता है जैसे - मतिरा , कालिंद, पानिफल , हद्वाना ( हरियाणा के कुछ क्षेत्रो में ) | गर्मी की ऋतू में तरबूज का सेवन अच्छा रहता है क्योकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है और यह ठंडी तासीर का होता है |


तरबूज के 100 ग्राम गुदे में 98.5% पानी , 3.3% कार्बोह्य्द्रेड , 0.2% प्रोटीन , 0.2% वसा , 0.2% फाइबर एवं इसके आलावा फास्फोरस, कैल्शियम , लोह तत्व, विटामिन, थायमिन, रिबोफ्लेविन आदि पोषक तत्व मौजूद होते है |

आयुर्वेद अनुसार तरबूज त्रिदोष नाशक , शरीर को शीतलता देने वाला और मष्तिष्क एवं हृदय को तंदुरुस्त रखने वाला होता है | गर्मियों के समय हमें अत्यधिक पसीना आता है जिसके कारन शरीर के उपयोगी लवण बाहर निकल जाते है एवं प्यास भी अधिक लगती है इसलिए गर्मियों में तरबूज के सेवन से प्यास तो मिटती ही है इसके साथ- साथ हमे पोष्टिक लवणों की पूर्ति भी तरबूज के सेवन से मिल जाती है |

आईये जानते है तरबूज के सेवन से होने वाले फायदों के बारो में 

तरबूज एक प्राकृतिक वियाग्रा की तरह काम करता है | भारतीय और अमेरिकी वज्ञानिको ने दावा किया है की तरबूज के सेवन से हमे वियाग्रा के सामान यौन शक्ति मिलती है | इसलिए जिन्हें सहवास में रूचि न रहती हो या उम्र ढलने के कारण यौन शक्ति क्षीण पड़ गई हो उन्हें इस ऋतू में भरपूर तरीके से तरबूज का सेवन करना चाहिए | यौन शक्ति बढ़ने के लिए आप तरबूज के बीजो का भी उपयोग कर सकते है | 

तरबूज के बीजो को अगर भुन कर खाया जावे तो ये बेहतर यौन्वर्धक औषधि साबित होते है |तरबूज मधुमेह ओर मोटापे को भी ठीक करता है |

टेक्सास शहर के फ्रूट एंड वेजिटेबल इम्प्रूवमेंट सेण्टर के वज्ञानिक डॉ. भीमू पाटिल के अनुसार "जितना हम तरबूज़ के बारे में शोध करते जाते हैं, उतना ही और अधिक जान पाते हैं। यह फल गुणो की खान है और शरीर के लिए वरदान स्वरूप है।

तरबूज़ में सिट्रुलिन नामक न्यूट्रिन होता है जो शरीर में जाने के बाद अर्जीनाइन में बदल जाता है। अर्जीनाइन एक एम्यूनो इसिड होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है और खून का परिभ्रमण सुदृढ रखता है।"खाना खाने के उपरांत अगर तरबूज के रस का सेवन किया जावे तो इससे भोजन शीघ्र पचता है |

तरबूज के सेवन करने से गर्मियों में लगने वाली लू से बचा जा सकता है |तरबूज मोटापे को रोकता है एवं मधुमेह के कारणों का भी निवारण करता है |

गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द में एक गिलास तरबूज के रस का सेवन करने से तुरंत सिरदर्द से छुटकारा मिलता है |

अगर गर्मियों में सुखी खांसी हो जावे तो इसके लिए आप तरबूज खा सकते है | सुखी खांसी चली जावेगी |

खट्टी डकारे आती हो तो तरबूज की ठंडी फांक पर काला नमक और कालीमिर्च का पाउडर डालकर खाए तुरंत लाभ मिलेगा |

तरबूज में विटामिन A , B, C एवं लोह तत्व प्रचुर मात्र में होता है जिसके कारन शारीर में स्थित खून साफ़ होता है |नियमित तरबूज के सेवन से चर्म रोगों में भी लाभ मिलता है | अगर गर्भवती महिला को तरबूज के बीजो की गिरी को सोंफ और मिश्री मिला कर खिलाया जावे तो गर्भस्थ शिशु के विकास में फायदा होता है अर्थात शिशु का विकास अच्छी तरह से होता है |

कुछ सावधानिया 

तरबूज का सेवन करते समय कुछ छोटी - छोटी सावधानिया बरतनी चाहिए | क्योकि अगर सावधानिया नहीं बरती जाए तो स्वास्थ्य लाभ के वजाय हानिया भी हो सकती है |

कभी भी सड़ा हुआ , बासी या बाजार में कटा हुआ तरबूज नहीं खरीदना चाहिए |

आजकल बाजार में कचे तरबूज में लाल रंग और शक्कर से मिश्रित सुई लगा कर बेचा जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है |

इसलिए बाजार से तरबूज खरीदते समय ध्यान से देख कर ही तरबूज को खरीदे |

अगर आपको तरबूज में कंही पर महीन सुई का निशान या गोंद जैसा प्रतीत हो तो उसे न ख़रीदे |

दमे के मरीजो को तरबूज का सेवन नहीं करना चाहिय |

तरबूज का सेवन हमेशा ठंडा करके ही करे , गरम तरबूज कभी भी न खाए |

तरबूज के सेवन के बाद कभी भी दूध और दही का सेवन ना करे इससे हैजे की सिकायत हो सकती है |

भोजन के बाद सेवन करे तो तरबूज पर हमेशा काला नमक या सेंध नमक छिड़कर ही उपयोग में लावे |

खली पेट तरबूज का सेवन नहीं करना चाहिए |

धन्यवाद |