Saturday, May 27, 2017

एक अच्‍छी बात बताएं – बीयर बहुत फायदेमंद है, अगर संतुलन में पी जाए


वीकेंड आ रहा है. वीकेंड मतलब काम से छुट्टी और मौज ही मौज. हफ्ता खत्म होते ही कुछ लोगों के पास हफ्ते भर की थकान को दूर करने के लिए एक उपाय होता है बीयर पार्टी. लेकिन कुछ लोग इसे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नुकसानदायक समझते हैं और बीयर देखकर मुंह बिचकाते हैं.

लेकिन यकीन मानिए, दुनिया की सबसे मशहूर ड्रिंक में शुमार बीयर इतनी भी बुरी नहीं, जितना आप समझते हैं. जिस तरह चाय और कॉफी के जितने फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं, लेकिन फिर भी तो आप उसे पीते हैं न. बीयर का भी कुछ ऐसा ही हाल है. अगर आप संतुलित मात्रा में इसका सेवन करें तो यह आपके लिए फायदेमंद होता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में तो किसी भी चीज का सेवन आपके लिए नुकसान दायक ही साबित होगा. इसमें एल्‍कोहल की मात्रा बेहद कम होती है. तो चलिए आज हम जानते हैं बीयर के फायदे.

हड्डियों को मजबूत करती है
बीयर में सिलिकॉन अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है और ये सिलिकॉन आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद होता है. एक शोध के अनुसार जो लोग कभी-कभी बीयर पीते हैं, उनकी हड्डियां बाकी लोगों की अपेक्षा ज्यादा मजबूत होती हैं. लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि ज्यादा बीयर पीना आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है.

हड्डियों को मजबूत करती है बीयर.

विटामिन से भरपूर है बीयर
बीयर बहुत पौष्टिक होती है, लेकिन अगर ये अनफिल्टर या लाइट बीयर हो तो इसकी पौष्टिकता और अधिक बढ़ जाती है. बीयर में पाया जाने वाला फॉलिक एसिड आपको हार्ट अटैक से बचाने में मददगार है. बीयर में मौजूद फाइबर शरीर में जमा फैट को निकालता है और आपको पर्याप्त ऊर्जा भी देता है. इसके साथ ही यह शरीर में मैग्नीशियम और पोटैशियम का स्तर भी बढ़ाने में मदद करती है.

विटामिन से भरपूर है बीयर.

किडनी का ख्याल
शोध के अनुसार संतुलित मात्रा में बीयर पीना आपकी किडनी के लिए फायदेमंद होता है. यह किडनी में स्टोन की संभावना को कम करता है. साथ ही इसमें पानी की मात्रा अत्यधिक होती है, जो किडनी के लिए फायदेमंद है.

दिल को रखता है जवां
बीयर में मौजूद विटामिन आपके दिल का ख्याल रखने में मददगार होते हैं. जहां रेड वाइन आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद है, वहीं डार्क बीयर में अत्यधिक मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आपके दिल का ख्याल रखते हैं और आपको स्वस्थ बनाते हैं.

Source:

http://hindi.news18.com/news/lifestyle/benefits-of-beer-999987.html

फटी एड़ियों व पैरो की अन्य प्रॉब्लम का रामबाण इलाज़ है यह नुस्खा


दुनिया में कई लोग अलग अगल health issues से झुझ रहे है इन्ही health issues में से एक है पैरो के रोग (feet issues) जैसे के :-फटी एडियाँ (Cracked Heels), वेरीकोस विएंस (Varicose Veins), पैरो की डेड स्किन (Corns) और सुखी त्वचा | यह सब issues  moisture की कमी , poor डाइट और असुविधाजनक जूतों की वजेह से उत्पन्न होते है |

अगर आप भी उपर बताये किसी भी feet problem से छुटकारा पाना चाहते हो तो आज आप बिलकुल सही जगेह पर आये हो | आज इस आर्टिकल में हम आपको बतायेगे कैसे आप पैरो की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हो|
आज हम आपको एक ऐसा घरेलू नुस्खा बतायेगे जो आपकी फटी एडियों से लेकर वरिकोस वेंस मात्र 10 दिनों में ठीक कर देगा

तो देर किस बात की आये जानते है इस घरेलू नुस्खे के बारे में |

समग्री :-

1 चम्मच हल्दी पाउडर,10 Aspirin की गोलियां (Aspirin pills),1 कप medicinal alcohol

विधी 

पहल किसी प्लास्टिक कंटेनर में medicinal alcohol को डाल ले और इसमें हल्दी पाउडर भी मिक्स कर दें |

अब Aspirin की गोलियों को पीस कर उनका भी पाउडर बना ले और इस पाउडर को भी मिश्रण में डाल कर मिक्स कर दें |

अब इस मिश्रण को अच्छी तरेह ढक के बंद करे और 24 घंटो के लिए छोड़ दें |

रोजाना रात को इस मिश्रण को अपने पैरो पर अच्छी तरेह रगड़ें और रगड़ने के बाद पैरों पर कोई कॉटन का कपड़ा लपेटे और किस लिफाफे से कवर कर लें और उसके उपर से जुराबें पहन लें |

दुसरे दिन सुबहे पैरो को गुनगुने पानी से धो लें और कोई moisturizing cream लगा लें |

अच्छे नतीजों के लिए इस नुस्खे को लगातार 10 दिनों के लिए दोहराए

Friday, May 26, 2017

शिलाजीत के स्वास्थ्य लाभ :

शिलाजीत के स्वास्थ्य लाभ :

आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र में शिलाजीत का एक विशिष्ट स्थान है | शिलाजीत हिमालय के पहाड़ो में , गिलगिट, बल्तिस्तान , काकेसस और अल्ताई आदि के प्रवतों में पाया जाता है | शिलाजीत भूरा या डामर की तरह काला दोनों रंगो में पाया जाता है | वस्तुतः शिलाजीत प्रवतो के पत्थरों से निकला हुआ निर्यास है एवं कई विद्वान् इसे किसी दिव्य पौधे का निर्यास मानते है | जो भी हो आयुर्वेद ने शिलाजीत की भूरी- भूरी प्रसंसा की है | आयुर्वेद में  बलपुष्टिकारक, ओजवर्द्धक, दौर्बल्यनाशक एवं धातु पौष्टिक अधिकांश नुस्खों में शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। 


स्वाद में शिलाजीत काफी कडवा, कैसेला , उष्ण वीर्य वाला होता है | शिलाजीत के बारे में हमने आज तक इतना ही जाना है की इसे सेक्स पॉवर के लिए प्रयोग में लिया जाता है जबकि शिलाजीत विवाहित हो या कुंवारे जवान हो या बूढ़े , बीमार हो या स्वस्थ सभी के लिए उपयोगी होता है | शिलाजीत का उपयोग सेक्स पॉवर ही नहीं बल्कि इसका उपयोग अन्य रोगों में भी किया जाता है | आज की इस पोस्ट में हम आपको शिलाजीत के स्वस्थ्य लाभों के बारे में बताएँगे |

शिलाजीत सेवन के स्वास्थ्य लाभ

1. यौन शक्ति वर्धक 

नपुंसकता , शीघ्रपतन और धातु दुर्बलता में शिलाजीत रामबाण औषधि की तरह काम करती है | शिलाजीत पौरुष शक्ति एवं प्रजनन प्रणाली की शक्ति को बढाती है इसलिए यौन शक्ति को बढ़ने के लिए इसका उपयोग करना चाहिए | 

अगर आप यौन कमजोरी , स्वप्नदोष या शीघ्रपतन से परेशान है तो - शुद्ध शिलाजीत 25 ग्राम, लौह भष्म 10 ग्राम , अम्बर 2 ग्राम और केशर 2 ग्राम -- इन सब को मिलाकर खरल में खूब घुटाई करे | अच्छी तरह घुटाई होने के बाद 1-1 रति की गोलिया बना ले | एक - एक गोली सुबह - शाम दूध के साथ सेवन करे  | यह औषधि यौन शक्ति के साथ साथ स्मरण शक्ति , पाचन शक्ति एवं शारीरिक शक्ति को भी बढाती है |

2. उम्र घटाती हैं जंवा बनाती है !

शिलाजीत के सेवन से उम्र भी घटती है जिससे व्यक्ति जवान बना रहता है , क्योकि शिलाजीत उच्च उर्जा और जैव उत्पादक गुणों से भरी हुई होती है जो शारीर में नयी कोशिकाओ का निर्माण करती है एवं क्षीण कोशिकाओ का बलवर्धन करती है |

3. मधुमेह 

शिलाजीत के नियमित सेवन से मधुमेह में आराम मिलता है | शिलाजीत ब्लड शुगर के लेवल को बैलेंस करती है जिससे मधुमेह रोग में आराम मिलता है |

4. शरीर को उर्जा व स्फूर्ति प्रदान करती है 

शिलाजीत में प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है | इसके नियमित सेवन से शरीर को उर्जा मिलती है और शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है |

5. शरीर में सुजन और दर्द को मिटाती है 

शिलाजीत वात व्याधियो में भी अपना कारगर असर छोडती है | अगर शरीर में वात के कारण किसी जगह पर सुजन और दर्द है तो शिलाजीत का सेवन शुरू करदे जल्दी ही आपको दर्द से छुटकारा मिल जायेगा | इसके आलावा गठिया रोगी को भी इसका सेवन करना चाहिए |

6. रक्त शोधक 

शिलाजीत अच्छी रक्त शोधक है | शिलाजीत के नीयमित सेवन से शारीर के अशुद्ध रक्त का शोधन होता है | यह शरीर में रक्त के सर्कुलेसन को बढाती है जिससे शुद्ध रक्त शरीर के हरेक अवयव तक पंहुचता है |

7. स्मरण शक्ति 

शिलाजीत स्मरण शक्ति को भी बढाती है | नियमित सेवन से भूलने की बीमारी से निजत पा सकते है |

8. तनाव हटाये 

शिलाजीत तनाव पैदा करने वाले हारमोंस को संतुलित रखती जिससे दिमाग और शरीर  शांत रहते है |

9. रोग प्रतिरोधक 

शिलाजीत एक बेहतर रोग प्रतिरोधक औषधि है | शिलाजीत के नियमित सेवन से मौसम के परिवर्तन के समय होने वाली छोटी - छोटी बीमारियों से बचा जा सकता है |

10. हष्ट - पुष्ट शरीर 

शिलाजीत का नियमित सेवन शरीर को हष्ट - पुष्ट रखता है |


शिलाजीत के उपयोग में सावधानियां 

*शिलाजीत का सेवन करते समय खट्टी चीजो से परहेज करे |

*हमेशा शिलाजीत का सेवन दूध  या पानी के साथ करे | 

*शिलाजीत का सेवन करते समय चिकित्सक द्वारा निर्धारित मात्रा से ज्यादा कभी सेवन करे |

*जितने समय के लिए शिलाजीत का सेवन बताया गया हो उससे अधिक दिनों तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए |

*कभी कभार शिलाजीत सेवन से किसी किसी को उलटी या बुखार आ सकती जो एक स्वाभाविक क्रिया है अपने चिकित्सक से सम्पर्क करे |

धन्यवाद |

गर्मियों के सीजन में तरबूज है सेहत की खान - पढ़े और शेयर भी करे

तरबूज प्रकृति द्वारा प्रदत एक ग्रीष्म कालीन ठंडी तासीर का फल है | भारत में यह लगबग हर प्रान्त में होता है | तरबूज को भारत में अलग - अलग नाम से जाना जाता है जैसे - मतिरा , कालिंद, पानिफल , हद्वाना ( हरियाणा के कुछ क्षेत्रो में ) | गर्मी की ऋतू में तरबूज का सेवन अच्छा रहता है क्योकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है और यह ठंडी तासीर का होता है |


तरबूज के 100 ग्राम गुदे में 98.5% पानी , 3.3% कार्बोह्य्द्रेड , 0.2% प्रोटीन , 0.2% वसा , 0.2% फाइबर एवं इसके आलावा फास्फोरस, कैल्शियम , लोह तत्व, विटामिन, थायमिन, रिबोफ्लेविन आदि पोषक तत्व मौजूद होते है |

आयुर्वेद अनुसार तरबूज त्रिदोष नाशक , शरीर को शीतलता देने वाला और मष्तिष्क एवं हृदय को तंदुरुस्त रखने वाला होता है | गर्मियों के समय हमें अत्यधिक पसीना आता है जिसके कारन शरीर के उपयोगी लवण बाहर निकल जाते है एवं प्यास भी अधिक लगती है इसलिए गर्मियों में तरबूज के सेवन से प्यास तो मिटती ही है इसके साथ- साथ हमे पोष्टिक लवणों की पूर्ति भी तरबूज के सेवन से मिल जाती है |

आईये जानते है तरबूज के सेवन से होने वाले फायदों के बारो में 

तरबूज एक प्राकृतिक वियाग्रा की तरह काम करता है | भारतीय और अमेरिकी वज्ञानिको ने दावा किया है की तरबूज के सेवन से हमे वियाग्रा के सामान यौन शक्ति मिलती है | इसलिए जिन्हें सहवास में रूचि न रहती हो या उम्र ढलने के कारण यौन शक्ति क्षीण पड़ गई हो उन्हें इस ऋतू में भरपूर तरीके से तरबूज का सेवन करना चाहिए | यौन शक्ति बढ़ने के लिए आप तरबूज के बीजो का भी उपयोग कर सकते है | 

तरबूज के बीजो को अगर भुन कर खाया जावे तो ये बेहतर यौन्वर्धक औषधि साबित होते है |तरबूज मधुमेह ओर मोटापे को भी ठीक करता है |

टेक्सास शहर के फ्रूट एंड वेजिटेबल इम्प्रूवमेंट सेण्टर के वज्ञानिक डॉ. भीमू पाटिल के अनुसार "जितना हम तरबूज़ के बारे में शोध करते जाते हैं, उतना ही और अधिक जान पाते हैं। यह फल गुणो की खान है और शरीर के लिए वरदान स्वरूप है।

तरबूज़ में सिट्रुलिन नामक न्यूट्रिन होता है जो शरीर में जाने के बाद अर्जीनाइन में बदल जाता है। अर्जीनाइन एक एम्यूनो इसिड होता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है और खून का परिभ्रमण सुदृढ रखता है।"खाना खाने के उपरांत अगर तरबूज के रस का सेवन किया जावे तो इससे भोजन शीघ्र पचता है |

तरबूज के सेवन करने से गर्मियों में लगने वाली लू से बचा जा सकता है |तरबूज मोटापे को रोकता है एवं मधुमेह के कारणों का भी निवारण करता है |

गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द में एक गिलास तरबूज के रस का सेवन करने से तुरंत सिरदर्द से छुटकारा मिलता है |

अगर गर्मियों में सुखी खांसी हो जावे तो इसके लिए आप तरबूज खा सकते है | सुखी खांसी चली जावेगी |

खट्टी डकारे आती हो तो तरबूज की ठंडी फांक पर काला नमक और कालीमिर्च का पाउडर डालकर खाए तुरंत लाभ मिलेगा |

तरबूज में विटामिन A , B, C एवं लोह तत्व प्रचुर मात्र में होता है जिसके कारन शारीर में स्थित खून साफ़ होता है |नियमित तरबूज के सेवन से चर्म रोगों में भी लाभ मिलता है | अगर गर्भवती महिला को तरबूज के बीजो की गिरी को सोंफ और मिश्री मिला कर खिलाया जावे तो गर्भस्थ शिशु के विकास में फायदा होता है अर्थात शिशु का विकास अच्छी तरह से होता है |

कुछ सावधानिया 

तरबूज का सेवन करते समय कुछ छोटी - छोटी सावधानिया बरतनी चाहिए | क्योकि अगर सावधानिया नहीं बरती जाए तो स्वास्थ्य लाभ के वजाय हानिया भी हो सकती है |

कभी भी सड़ा हुआ , बासी या बाजार में कटा हुआ तरबूज नहीं खरीदना चाहिए |

आजकल बाजार में कचे तरबूज में लाल रंग और शक्कर से मिश्रित सुई लगा कर बेचा जाता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है |

इसलिए बाजार से तरबूज खरीदते समय ध्यान से देख कर ही तरबूज को खरीदे |

अगर आपको तरबूज में कंही पर महीन सुई का निशान या गोंद जैसा प्रतीत हो तो उसे न ख़रीदे |

दमे के मरीजो को तरबूज का सेवन नहीं करना चाहिय |

तरबूज का सेवन हमेशा ठंडा करके ही करे , गरम तरबूज कभी भी न खाए |

तरबूज के सेवन के बाद कभी भी दूध और दही का सेवन ना करे इससे हैजे की सिकायत हो सकती है |

भोजन के बाद सेवन करे तो तरबूज पर हमेशा काला नमक या सेंध नमक छिड़कर ही उपयोग में लावे |

खली पेट तरबूज का सेवन नहीं करना चाहिए |

धन्यवाद |

Thursday, May 25, 2017

हाई ब्लड प्रेशर को काबू में कैसे करें और हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए

आज कल की इस तेज रफ्तार से चलती दुनिया में हम लोगो को अपने शारीर का खयाल रखने के बारे में बहुत ही कम समय मिलता है जिसके चलते हमारे शारीर में अलग- अलग तरहां की बीमारियाँ उत्पन हो जाती है| जिसमे से एक है Blood Pressure की बीमारी जिसे High Blood Pressure और Low Blood Pressure कहते है| ब्लड प्रेशर की बीमारी अनुमन देश के 100 में से 90% लोगों को होती है| तो आज हम आपको हाई ब्लड प्रेशर के उपायों के बारे में बताने जा रहें है, तो आइये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि लो ब्‍लड प्रेशर क्‍या होता है। नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होने से कोई फर्क नही पड़ता लेकिन 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रेशर कहते है और यही 130 के ऊपर हो जाये तो इसे हाई  ब्लड प्रेशर कहते है

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण

ज़्यादातर लोगो में कोई खास लक्षण नहीं होते है। कुछ लोगो में ज्यादा Blood Pressure बढ़ जाने पर सरदर्द होना, ज़्यादा तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना या धुंदला दिखाई देना जैसे लक्षण दिखाई देते है

हाई ब्लड प्रेशर किन व्यक्ति को हो सकता है?

मोटापा- शोध एवं अनुसंधानो से स्पष्ट हो चुका है की मोटापा उच्च रक्त चाप का बहुत बढ़ा कारण है। एक मोटे व्यक्ति मे उच्च रक्त चाप का खतरा एक समान्य व्यक्ति की तुलना मे बहुत बढ़ जाता है।

व्यायाम की कमी- खेल-कूद, व्यायाम, एवं शारीरिक क्रियाओ मे भाग न लेने से भी उच्च रक्त चाप का खतरा बढ़ जाता है।

विभिन्न बीमारियां- हृदयघात, हृदय की बीमारियाँ, गुर्दो का फ़ेल होना, रक्त वाहिकाओ का कमजोर होना आदि बीमारियो के कारण उच्च रक्त चाप हो जाता है।

ज्यदा खाने से- मैदा से बने खाद्य, चीनी, मसाले, तेल-घी अचार, मिठाईयां, मांस, चाय, सिगरेट व शराब आदि का ज्यदा सेवन करने से

आयु- जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है रक्त वाहिकाओ मे दिवारे कमजोर होती जाती है जिससे उच्च रक्त चाप की समस्या पैदा हो जाती है।

इन कारणो के अलावा अधिक नमक का सेवन और अत्यधिक मात्रा मे अल्कोहल, धूम्रपान अवम कॉफी का सेवन करने से उच्च रक्त चाप की समस्या पैदा हो सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर को कम/काबू करने के लिए क्या करना चाहिए

अगर हाई ब्लड प्रेशर होने तक इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम न उठाया जाए, तो यह बहुत बड़ी गलती होगी। कम उम्र से ही हमें अपनी सेहत का अच्छा खयाल रखना चाहिए। अगर आज हमने खुद की अच्छी देखभाल की, तो भविष्य में एक बेहतरीन ज़िंदगी जी पाएँगे।

तरबुज का सेवन- कभी आपने सोचा की तरबुज हमारे शरीर के उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने मे भी कारगर हो सकता है। तरबुज मे एक यौगिक मौजुद होता है। जिसका नाम कुकुरबोकिटरीन होता है यह हमारे शरीर मे मौजुद रक्त कोषिकाओं का चौड़ा करने मे मदद करता है। जिससे उच्च रक्त चाप धीरे-धीरे नियंत्रित होने लगता है। तरबुतज का एक और फायदा है। यह हमारे शरीर के गुर्दे की कार्य प्रणाली मे भी सुधार लाता है।

मोटापे को नियंत्रित करें-  नियमित व्यायाम करें गहरी नींद लेने, तनाव मुक्त रहने और उचित आहार लेने से उच्च रक्त चाप को नियंत्रित किया जा सकता है।

लहसुन का सेवन – लहसुन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है लहसुन न केवल खाद्य पदार्थो के स्वाद को बढाने के लिए प्रयोग मे लिया जाता है अपितु लहसुन का आयुर्वेद के अनुसार कई उपयोग होते है जिनमे से एक होता है उच्च रक्त चाप, उच्च रक्त चाप को नियंत्रित करने मे लहसुन एक काफी फायदे मंद घरेलु उपचार है। लहसुन मे मौजुद नाइटिक आॅक्साइड और हाइडोजन जो हमारी रक्त वाहिकाओं को आराम पहुॅचाता है।

अदरक का सेवन- प्याज और लहसुन की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। इनसे धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।

फाइबर का सेवन- फाइबर आपके सिस्टम को साफ़ करते हैं और पाचन को नियमित करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं | कई फलों, नट्स और फलियों जैसे बीन्स और मटर में समग्र अनाज के उत्पादों के समान फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है |

सौंफ, जीरा, शक्‍कर का सेवन- सौंफ, जीरा, शक्‍कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पीते रहें।

अजवाइन का सेवन- आप प्रतिदिन एक ग्लास पानी मे साथ अजवाइन को सेवन कर सकते है। आप चाहे, तो दिन मे दो या तिन बार अजवाइन को खा भी सकते है। इससे भी आपके उच्च रक्तचाप को फायदा होगा।

काली मिर्च का सेवन- जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गर्म पानी में काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के अंतराल पर पीते रहें।

नींबू का सेवन- बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें।

आंवले और शहद का सेवन- एक बडा चम्मच आंवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।

हरी घास-  नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट चलें। रोजाना चलने से ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है।

हर इंसान को 30 साल की उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार अपने Blood Pressure की जांच जरूर करानी चाहिए। जिन लोगो की family में Blood Pressure का ईतिहास हैं उन्हे 20 साल की उम्र के बाद सेही हर साल Blood Pressure की जांच कराना चाहिए।

लो ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए और क्यों

आज कल की इस तेज रफ्तार से चलती दुनिया में हम लोगो को अपने शारीर के बारे में सोचने का समय बहुत ही कम मिलता है जिस की चलते हमे अलग- २ तरहां की बीमारियाँ हो जाती है| जिसमे से एक है लो ब्लडप्रेशर की बीमारी जो अनुमन 100 में से 90% लोगों को होती है| तो आइये सबसे पहले यह जान लेते हैं कि लो ब्‍लड प्रेशर क्‍या होता है। नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होने से कोई फर्क नही पड़ता लेकिन 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रेशर, निम्न रक्तचाप कहते हैं।

लो ब्लडप्रेशर के लंक्षण 

यदि आप को लो ब्‍लड प्रेशर की जानकारी नहीं है और आपको इसके लंक्षण के बारे में नहीं पता है तो हम आप को बतातें है अगर आपको अक्सर चक्कर आते हैं, कमजोरी महसूस होती है, हाथ पैरों में थरथराहट होने लगती है या फिर दिल जोर जोर से धड़कने लगता है तो आप उसी समय अपना BP जाँच करवाये।

लो ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए

अगर आपको लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको कुछ एसी चीजें खानी चाहिए जिससे आपका ब्लड प्रेशर  नार्मल हो जाए और आप एक स्वस्थ जीवन असानी से जी सकें|

खाने में नमक की मात्रा बढाएं – लो ब्लड प्रेशर हो तो ज्यादा नमक लें, नमक में सोडियम मौजूद होता है, जो ब्‍लड प्रेशर बढ़ाता है। कम ब्लड प्रेशर में एक गिलास पानी में 1 चम्मच नमक मिलाकर पीने से फायदा मिलता है।

कॉफी का सेवन करें – ब्लड प्रेशर को नार्मल करने के लिए कॉफी बहुत फायदेमंद होती है, इसके सेवन के लिए पहले यह जांच ले कि ब्‍लड प्रेशर कम ही हो। आपको रोजाना सुबह एक कप कॉफी पीना चाहिए।

बादाम का सेवन करें –  रात को बादाम की तीन-चार गिरी जल में डालकर रखें। प्रातः उठकर गिरी को पीसकर मिस्री और मक्खन के साथ खायें और ऊपर से दूध पीने से निम्न रक्तचाप नष्ट होता

किशमिश के सेवन करें – 10-15 किशमिश के दाने रात में भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। जिस पानी में किशमिश भिगोई थी आप उस पानी को भी पी सकते हैं।

छुहारे और खजूर का सेवन करें – रात्रि में 2-3 छुहारे दूध में उबालकर पीने या खजूर खाकर दूध पीते रहने से निम्न रक्तचाप में सुधार होता है।

खट्टे फलों का सेवन करे – लो ब्लड प्रेशर में आप संतरे, मोसमी जैसे फलों का सेवन करे और लेमन जूस में हल्का सा नमक और चीनी डालकर पीने से लो ब्लड प्रेशर में काफी फायदा होता है। इससे शरीर को एनर्जी तो मिलती ही है साथ ही लीवर भी सही काम करता है।

आंवले और शहद को मिलाकर सेवन करें – आंवले के 2 ग्राम रस में 10 ग्राम शहद मिलाकर कुछ दिन प्रातःकाल सेवन करने से लो ब्लड प्रेशर दूर करने में मदद मिलती है।

लो ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए पैदल चलना, साइकिल चलाना और तैरना जैसी कसरतें बेहद फायदेमंद साबित होती हैं। इन सबके अलावा सबसे जरूरी यह है कि व्यक्ति तनाव और काम की अधिकता से बचें।

गैस और कब्ज के घरेलू उपचार

आज की इस तेज चलती जिन्दगी में हम लोग अपने शरीर पर ज्यदा ध्यान नहीं दे पाते है जिस के चलते हम में से अधिक्तर लोगों को पेट में गैस और कब्ज रहती है| पेट में गेस और कब्ज होने के कई अलग अलग कारण होते है और हम लोग को जब कभी गैस, कब्ज होती है तो हम अधिकतर डॉक्टर से या मेडिकल की दुकान से गैस की दवा ला कर खा लेतें है पर उससे हमारे शरीर को फायदा कम नुकसान ज्यदा होता है| और इसका उल्टा की हमारे घर पर ही कई ऐसी चीजें मोजूद होती है जिनसे हम असानी से अपनी गैस की समस्या से अराम पा सकतें है| तो आज हम आपको बताने जा रहें है पेट में गैस और कब्ज के कुछ घरेलू उपचार


पेट में गैस और कब्ज से राहत के उपाये

नींबू का रस – नींबू के रस में अदरक का रस मिलाकर और थोड़ी सी शक्कर मिलाकर पीने से पेट दर्द में राहत मिलती है।

काला नमक – काला नमक गर्म पानी में थोड़ी मात्र में काले नमक को मिलकर आप अपनी पेट की तकलीफ से आराम पा सकते है |

गर्म पानी – गर्म पानी में नींबू का रस रात्रि में लेने से कब्ज दूर होती है।

मेथी पानी – मेथी पानी और मेथी के बीजो से तैयार काढ़ा आपके पेट की गैस की तकलीफ को काफी हद तक कम कर सकता है। इसलिए इसका इस्तेमाल भी आप कर सकते है |

अदरक – अदरक के छोटे छोटे टुकड़े कर उस पर नमक डालकर दिन मे कई बार उसका सेवन करे गैस की परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हल्का होगा और भूख भी खुलकर लगेगी

अदरक – अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा दातों से अच्छे से चबाये और उसके बाद गर्म पानी का एक ग्लास पियें या इसके अलावा आप अदरक को पानी में उबाल कर भी पी सकते है |

सलाद – सलाद भोजन के साथ सलाद के रूप मे टमाटर,मुली,खीरे पर काला नमक डालकर खाने से पेट की गैस खत्म होती है। और पेट साफ भी रहता है।

लहसुन – एक लहसुन की फाक को छिलकर सुबह शाम खाली पेट या खाना खाने के बाद चबाकर निगल जाए यह पेट की गैस मे काफी लाभकारी माना जाता है।

पानी और मेथी – पानी और मेथी के बीजो से तैयार काढ़ा आपके पेट की गैस की तकलीफ को काफी हद तक कम कर सकता है इसलिए इसका इस्तेमाल भी आप कर सकते है |

हिंग – हिंग चूरन एक गिलास पानी के साथ 5 gm हिंग का चूरन खाने से सभी प्रकार के वायु विकार (Gas) की बीमारी दूर हो जाती है।

नींबू का रस – नींबू का रस एक नींबू को निचोड़कर उसका रस निकल ले इसमें आधा चम्मच बेकिंग सोडा  तथा एक कप पानी मिश्रित करें। इसे तब तक हिलाएं जब तक बेकिंग सोडा पानी में अच्छे से ना घुल जाए। इसे पी लें तथा गैस की समस्या से मुक्त हो जाएं।

मूली – मूली सबसे पहले मुली का juice निकाल ले और इसमें एक चुटकी हिंग और काली मिलाकर इसका सेवन करे यह एक बहुत ही फायदेमंद घरेलू नुस्खा है।

दालचीनी – पेट की गैस मे दालचीनी का उपयोग पेट की गैस दूर करने के लिए आधा चमच्च दालचीनी का पाउडर गुनगुने पानी के साथ ले यह गैस दूर करने का कामयाब Aurvedic घरेलू नुस्खा है।

हल्दी – हल्दी एक गुणकारी औषदी के रूप मे उपयोग होती है। हल्दी को पिस कर उसमे सेंध नमक मिलाकर पानी के साथ लेना इस बीमारी मे लाभकारी होता है।

पानी – पानी गैस की समस्या होने पर दिन मे कई बार ज्यादा से ज्यादा पानी पिए क्योकि पानी ज्यादा पीने से पेट साफ रहता है। तथा गैस होने से भी रोकता है।

पेट में गैस बनने के कुछ मुख्य कारण

चाय और कॉफ़ी से गैस- यह हमारी पेट में गैस बनने की समस्या का मूल कारण है क्योंकि चाय और कॉफ़ी का सेवन अगर संतुलित हो तो इतनी परेशानी नहीं होती है लेकिन आज के खानपान के अनुसार काम की भार अधिक होने पर हम काफी दबाव महसूस करते है और खुद को अधिक देर तक तरोताजा बनाये रखने के लिए हम अक्सर चाय और कॉफ़ी का अधिक सेवन करते है कभी कभी हम यह देर रात तक जागने के लिए भी करते है | चूँकि कॉफी अम्लीय होती है इसलिए यह हमारे पेट में गैस की समस्या को बहुत बढ़ा देती है |

खाली पेट होने से गैस- चूँकि हमारे पेट की आंते और अन्य पाचन के अंग तब भी काम करते है जब हमे भूख लगती है और हम समय पर कुछ नहीं खा पाते और क्योंकि भोजन पचाने के लिए हमारे पेट में कई तरह के अम्ल बनते है इसी वजह से लम्बे समय तक भूखे रहने से हमारे पेट में (Acidity) बढ़ जाती है और हम पेट की गैस के शिकार हो जाते है |

पेट में गैस पैदा करने वाले भोज्य पदार्थो- राजमा, सफेद चने, फूल गोभी भारी दालें और देर से पचने वाले भोजन को खाने से भी पेट की परेशानियो से हमे दो चार होना पड़ता है |

गलत भोज्य पदार्थो के मिश्रण से गैस- हम जब भी खाना खाते है तो ध्यान रखने की जरुरत है कि कुछ भी ऐसा नहीं खाएं जो भोजन की प्रकृति के अनुसार बेमेल हो जैसे कि खाने के बाद तरबूज का सेवन हमारे पेट में गैस बनाता है इसलिए इस तरह के बेमेल खाद्य पदार्थो के सेवन से जितना हो सके बचे | जल्दी जल्दी और बिना चबा कर किया गया भोजन भी पेट में गैस पैदा करता है ।