Sunday, May 21, 2017

सावधान! दांत चमकाने के घरेलू नुस्खों को पहले परख लें


लंदनः आप अब तक दांतों को चमकाने के लिए स्ट्रॉबेरी, केले के छिलके और नारियल तेल का इस्तेमाल करते आए होंगे लेकिन एक विशेषज्ञ का सुझाव है कि पूरी जांच-परख के बाद ही इन विकल्पों को आजमाएं।

वेबसाइट ‘फीमेलफस्र्ट डॉट को डॉट यूके’ के अनुसार, लंदन स्माइलिंग डेंटल ग्रुप की क्लिनिक निदेशक उछेना ओकोए ने कुछ सुझाव दिए हैं।

1. स्ट्रॉबेरी : इस फल के बारे में कहते हैं कि एक पकी स्ट्रॉबेरी को मसलने के बाद इसमें अपना टूथ ब्रश डुबोने और उसके बाद उस ब्रश से दांत साफ करने से महज 2 सप्ताह में आपके दांत हीरे की तरह चमक उठेंगे।

सच्चाई : यह सच है। स्ट्राबेरी में साइट्रिक एसिड होता है, जो दांतों की सतह की कठोरता कम कर सकता है लेकिन इसमें मैलिक एसिड भी अधिक होता है इसलिए दांत साफ करने के लिए एकदम पकी स्ट्रॉबेरी चुनें। इसे दांत पर मसलें और यह दांतों से गंदगी को हटा देगी।

2. पिसी हल्दी : कहते हैं कि आधी चम्मच पिसी हल्दी में पानी की कुछ बूंद मिलाएं और मोटा घोल बनाने के लिए इसे मिला लें। इसमें अपना ब्रथ डुबोएं और इससे साफ करने से आपके दांत साफ हो जाएंगे।

सच्चाई : झूठ! ऐसा करना मुसीबत को न्योता देना है। दंत चिकित्सा में नियम है कि जो भी चीज सफेद कमीज पर दाग छोड़ेगी, वह आपके दांत पर भी दाग छोड़ेगी। सभी मसाले दांतों पर दाग छोड़ते हैं, लेकिन पीले मसाले ज्यादा खतरनाक होते हैं। दांतों को चमकाना तो दूर हल्दी उन्हें और बदरंग बना देगी।

3.केले का छिलका : कहा जाता है कि केले में मौजूद उच्च पोटेशियम, मैग्नीशियम और मैगनीज दांतों से दाग हटाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए पका केला छीलें और छिलके के अंदरूनी भाग को करीब 2 मिनट उन पर रगड़ें। 3 सप्ताह बाद दांत चमक उठाएंगे।

सच्चाई : यह सच है। अगर आप इसे रगड़ते हैं तो यह पपड़ी उतारने का काम कर सकता है और दांतों की सतह से दाग-धब्बे हटाएगा लेकिन यह दांतों की जड़ों तक नहीं पहुंचेगा इसलिए ‘गहन’ सफाई नहीं करेगा।

4. नारियल तेल : हर सुबह करीब 20 मिनट नारियल, तिल या जैतून के तेल से दांत साफ करना 3,000 साल पुराना आयुर्वेदिक तरीका है।

सच्चाई : इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि तेल रगडऩे से दांत सफेद या उनसे बैक्टीरिया दूर हो जाएंगे। संभावना है कि मुंह में तेल भरकर गरारे करने से मुंह के कुछ बैक्टीरिया या गंदगी निकल जाए लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि तेल लगाने से आपके दांत जगमगाने लगेंगे।

Saturday, May 20, 2017

सावधान ! इन घरेलू नुस्खों से दूर रहें

आज हम आपको ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खों से बचने की सलाह देंगे…


अक्सर देखा जाता है कि स्वास्थ्य से जुड़ी कई छोटी-बड़ी तकलीफों को लोग या तो नजरअंदाज कर देते हैं या फिर उसके लिए दादी-नानी के घरेलू नुस्खों का सहारा लेते हैं. लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि दादी-नानी के समय में खान, पान या प्रदुषण जैसी तकलीफों से जूझना नहीं पड़ता था और इसलिए घरेलु नुस्खे कामयाब हो जाते थे.

लेकिन आज के समय में पहले के मुकाबले कई बड़े बदलाव हैं जिनसे आपकी सहायता केवल एक विशेषज्ञ या चिकित्सक ही कर सकता है और सबसे एहम बात यह भी है कि हर छोटी दिखने वाली तकलीफ छोटी नहीं होती. कोई भी घरेलु उपाए एक सीमा तक ही किया जाए तो बेहतर है ज्यादा असावधानी बरती गई तो छोटी सी तकलीफ कब आपके शरीर को बड़ा नुकसान दे जाये पता भी नही चलता. आज हम आपको ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खों से बचने की सलाह देंगे…कील मुहासे : एक उम्र के बाद कील मुहासों की परेशानी महिलाओं और पुरुषों में आम हो जाती है और उसपर टूथपेस्ट को लगा लेना भी उतनी ही आम बात है. लेकिन ठहरिये क्या आप जानते हैं टूथपेस्ट में कई तरह के केमिकल मिलाये जाते हैं और अगर यह किसी तरह आपकी त्वचा को छू जाएं तो बैक्टीरिया फैल सकता है और आपकी खूबसूरत त्वचा बदसूरत हो सकती है.

पीलिया : घर में किसी को पीलिया हुआ और सबने तरह तरह के उपाय बताने शुरू कर दिए. उन्ही में से एक उपाय किसी ने बताया कि बीमार व्यक्ति को चूने का पानी पिलाइये ठीक हो जाएगा. लेकिन क्या वह सही में ठीक हो जाएगा ऐसा करने से पहले अपने एक बार भी सोचा यदि वह और बीमार हो गया तो ? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चूने में मौजूद केमिकल्स पीलिया में सुधर नहीं लाते बल्कि स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी रोगों को और बढ़ा देते हैं.

मस्सा हटाने के नुस्खे : शरीर के किसी हिस्से या चेहरे पर मस्‍सा हो जाना बेहद ही आम बात है और उतने ही आम हैं उसको हटाने के अजीबो गरीब उपाए. अक्सर लोगो को कहते सुना होगा कि मस्सा है तो पतले धागे, तार या ब्लेड से निकल फेंकिए, लेकिन रुकिए ! ऐसा करने से तार और धागे में मौजूद बैक्टीरिया स्किन के अंदर पहुंचकर इंफेक्शन पैदा कर देते हैं.

कोई हिस्सा जल जाएं तो : अक्सर रसोई में काम करते समय महिलाएं बेध्यानी में हाथ जला बैठती हैं. जिस पर कई लोग सलाह देते हैं कि मक्खन लगाइये. और आश्चर्य की बात तो यह है कि आप मान भी लेते हैं लेकिन क्या आपको ऐसा करना चाहिए ? नहीं ! यह आपकी स्किन को और गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, तो जरा सावधान.
 
घाव पर कपड़ा : कभी कहीं अचानक कोई चोट लग जाए तो पहली चीज जो लोगों के दिमाग में आती है वह यह है कि उस पर कपड़ा बांध लें. लेकिन ऐसा हानिकारक है इस बात से आप जानकर भी अनजान बनते हैं. बता दें कि कपड़ा बांधने से घाव में हवा नहीं लग पाती और बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं. इससे घाव ठीक होने में ज्यादा समय लगता है.

तां उम्र रहेंगे जवां अगर ऐसे खाएंगे घी, फायदे सुनकर चौंक जाएंगे आप


दादी, नानी घी के फायदे गिनाते – गिनाते थक गईं लेकिन बच्‍चों को घी ना भाई । लेकिन घी ना खाना उम्र बढ़ने का बड़ा कारण बन सकता है । आपकी जवानी को थामें रखने की ताकत है इसमें ।

New Delhi, Jan 24 : आयुर्वेद कहता है कि घी खाने से ना सिर्फ खाने का स्‍वाद बढ़ता है साथ ही इससे शरीर को एक खास तरह की ऊर्जा भी मिलती है । घी का सेवन सर्दियों में करना लाभदायक तो माना ही जाता है ये शरीर को गर्मी भी पहुंचाता है । गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर आखिर के महीनों में घी खाने की सलाह दी जाती है । लेकिन घी के कुछ ऐसे फायदे भी है जिन्‍हें सुनकर आप घी को अपने भोजन का अभिन्‍न अंग बना लेंगे । रोज एक चम्‍मच घी आपको जवां बनाने की ताकत रखती हैं ।

घी ना सिर्फ एक खास रसायन है साथ ही ऐसे तत्‍वों से भी भरपूर है जो आपके आंखों की ज्‍योति को बढ़ाता है। घी में कुछ ऐसी खूबियां हैं जो शरीर में भोजन को सुपाच्‍य बनाता है । घी में कुद खास तरह के शॉर्ट चेन फैटी एसिड मौजूद होते हैं 

जिनकी वजह से शरीर द्वारा लिया गया भोजन आसानी से पच जाता है । घी में मौजूद ये शॉर्ट चेन फैटी एसिड हमारे शरीर में मौजूद दूसरे हार्मोन के लिए भी प्रभावी होते हैं । घी की तुलना में बटर लॉन चेन फैटी एसिड से युक्‍त होता है जो शरीर को ज्‍यादा नुकसान पहुंचाता है!

देसी घी कैलोरी ही नहीं बल्कि विटामिन और मिनरल्‍स से भरपूर होती है । घी में विटामिन ए, डी के साथ ही मिनरल्‍स जैसे फॉस्‍फोरस, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे तत्‍व उचित मात्रा में मौजूद हारेते हैं जो हमारे शरीर को फायदा पहुंचाते हैं ।  खाएंगे घीघी का सेवन करने से आप ज्‍यादा समय तक युवा बने रह सकते हैं । आयुर्वेद कहता है कि हर रोज एक गिलास दूध में एक चम्‍मच घी और मीठी मिश्री मिलाकर पीना चाहिए । घी मिले दूध को पीने से शरीर तो मजबूत होता है, दिमाग भी ताकतवर बनता है साथ ही मानसिक रूप से आप तनाव मुक्‍त रहते हैं ।

 गर्भवती महिलाओं को
 आखिरी महीने में घी खाने की खास सलाह दी जाती है । ऐसा करने से महिला को जहां प्रसव के दौरान ज्‍यादा तकलीफ नहीं होती तो वहीं गर्भ में मौजूद शिशु भी मजबूत, और तेज बुद्धि का बनता है ।  खाएंगे घीगाय के घी में दवाई सी ताकत होती है इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने भी माना है कि घी में ऐसे माइक्रोन्यूट्रीयंट्स होते हैं जिनसे कैंसर तक के तत्‍वों से लड़ने की शक्ति मिलती है ।

कैंसर के 10 बड़े लक्षण: समय रहते करें पहचान

हम सभी जानते है की कैंसर एक बड़ी बीमारी है और इस के लक्षण को शुरवाती स्टेज में पकड़ना जरुरी है अगर कैंसर के लक्षण यह लक्षण को पकड़ लिया लिया जाये तो इलाज संभव है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी को हो जाए तो उसकी जान भी ले सकती है।


कैंसर बहुत से प्रकार के होते है और हर कैंसर के अलग अलग लक्षण दिखाई देते है, इसलिए समय रहते अगर लक्षण को पहचान कर उसका इलाज कराया जाए तो कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। निचे आपको इंसान में पाए जाने वाले कैंसर और उसके लक्ष्ण को बताया गया है।

कैंसर के लक्षण / Symptoms of Cancer

पूरी दुनिया में काफी लोग कैंसर से पीड़ित है और साइंटिस्ट इसके ऊपर रिसर्च कर रहे है ताकि परमानेंट इलाज खोजा जा सके. वैसे अगर कैंसर के लक्षण को सुरुवाती स्टेज में पकड़ लिया जाए तो इसका ट्रीटमेंट उपलब्ध है. आइये जानते है कौन से 10 बड़े कैंसर है और उनका लक्षण विस्तार में :

मुंह का कैंसर / Mouth Cancer

माउथ कैंसर को ओरल कैंसर(oral cancer) भी कहा जाता है। ये बीमारी आमतौर पर उन लोगो में पाई जाती है जो लोग जरुरत से ज्यादा गुटका खाते है या फिर ज्यादा सिगरेट पीते है। इस बीमारी के लक्षण कुछ इस प्रकार नजर आते है:-
माउथ कैंसर में सबसे पहले मुंह में छाले हो जाते है साथ ही साथ मुंह के अन्दर पूरा सुजन भी हो जाता है जो की आम छाला या सुजन की तरह जल्दी ठीक नहीं होता।

मुंह के भीतरी हिस्से में जहाँ तहां छोटे छोटे गांठ बनने लगते है ।
थूक घोटने में या फिर खाना,पानी निगलने समय गले में बहुत तकलीफ होता है।

फेफ्ड़ो मेंं कैंसर / Lung Cancer

आमतौर पर ये बीमारी उनमें पाई जाती है जो लोग ज्यादा ध्रूमपान करते है या फिर ज्यादा से ज्यादा धूल व प्रदुषण से प्रभावित होते है ।
lung cancer का लक्षण है :-
lung cancer के मरीज में जब फेफड़ों में ट्यूमर फैलने लगती है तो मरीज को ह्रदय में अक्सर दर्द होता है साथ ही उसे सांस लेने में भी तकलीफ होती है जिसके वजह से उसे घुटन महसूस होने लगती है जो की lung cancer का लक्षण है।
अगर खांसने समय मुंह से खून निकले से ये भी lung cancer का ही लक्षण होता है ।

स्तन कैंसर / Breast Cancer

आमतौर पर ये कैंसर महिलाओं में पाई जाती है जो की सही समय पर ना पता चले तो बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है । इसके लक्षण है :
स्तन(breast) में दर्द व सुजन का होना।
स्तन में गांठ का हो जाना ।
स्तन में किसी भी तरह का परिवर्तन होना या फिर निप्पल से खून आना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है ।

हड्डियों में कैंसर / Bone Cancer

हड्डियों में कैंसर का होना भी बहुत खरतनाक साबित हो सकता है इसलिए हड्डियों से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे। bone cancer को पहचानने का तरीका है:-
अक्सर पीठ व कंधो के हड्डियों में दर्द रहना bone cancer का लक्षण हो सकता है ।
bone cancer में कांधे में ट्यूमर हो जाने की वजह से मरीज को अक्सर पीठ में दर्द की वजह से बुखार व पसीना आ जाता है।

स्किन कैंसर / Skin Cancer

skin cancer किसी को भी हो सकता है। ज्यादातर ये बीमारी उन लोगों को होने की संभावना होती है जो लोग धुप में ज्यादा रहते है। skin cancer तीन तरह के होते है पहला बेसल सेल कार्सिनोमा(BCC), स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा(SCC) और तीसरा मेलानोमा। skin cancer के लक्षण होते है :-
skin पर छोटे छोटे गांठ का पर जाना साथ ही लाल रंग के धब्बे का होना।
skin का रंग बदलना और बहुत खुजली होना।
skin पर अनावश्यक मस्से का निकलना आदि skin कैंसर के लक्षण होते है।

ब्लड कैंसर / Blood Cancer
Blood कैंसर तीन प्रकार के होते है पहला लयूकेमिया(leukemia), दूसरा लिंफोमा(lymphoma), और तीसरा मायलोमा (myeloma)। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार दिखाई देते है :-
एनीमिया(anemia) का होना, कमजोरी लगना, ज्यादा थकान महसुस होना।
सीने में दर्द का होना, सांस लेने में तकलीफ होना ।
किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन होने पर जल्दी ठीक न होना ।
lymph नोदेस में सुजन का हो जाना आदि blood कैंसर के लक्षण होते है ।

पेट में कैंसर / Stomach Cancer
पेट में cancer ज्यादातर 50 से 60 उम्र के बाद ही होने की संभावना रहती है । ये कैंसर ज्यादातर उनलोगों में पाई जाती है जो लोग कम उम्र से ही ज्यादा शराब व सिगरेट का सेवन करते है । इसके लक्षण है :-
पेट में हमेशा दर्द रहना ।
कमजोरी व बहुत जल्दी थकान लगना।
एनीमिया का सिकायत होना ।
तेजी से वजन कम होना आदि ।
Note:  As per Ayurveda, the treatment of cancer is possible with the help of Giloy and it also help to prevent it. 

दिमाग में कैंसर / Brain Cancer
इसके मरीज को दिमाद में ट्यूमर हो जाता हो जो की धीरे धीरे बढ़ते जाता है। परिवार में एक भी सदस्य को अगर brain ट्यूमर है तो वो आपको भी हो सकता है। brain ट्यूमर को पहचानने का इसका लक्षण है :-
हमेशा सर में दर्द व उल्टी होना ।
बार बार चक्कर आना ।
धुंधला दिखना ।
दिमाग में गांठ होना साथ ही यादास्त कमजोर होना आदि ।

लीवर कैंसर / Liver Cancer
liver में कैंसर के लक्षण होते है :-
कफ़ (cough) होने पर जल्दी ठीक न होना ।
सीने में हमेशा दर्द रहना ।
किसी भी काम को करने में जल्दी थकना और कमजोरी लगना।

गर्भाशय कैंसर / Uterus Cancer
प्रेगनेंसी के दवरान गर्भाशय(uterus) में किसी भी तरह का घाव हो जाने से अगर वो जल्दी ठीक ना हो रहा हो तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादातर ये समस्या 40 से 45 उम्र के बाद ही होने की संभावना रहती है। पैरों व कमर में अक्सर दर्द रहना इसके लक्षण माने जाते हैं।

कभी सोचा भी नहीं होगा आपने, सौंफ ऐसे घटाएगी आपका वजन


आजकल फैशन इतनी चरम सीमा पर पहुंच गया है कि आपका फिट रहना बहुत जरुरी है। लेकिन अगर आपका वजन जरुरत से ज्यादा है तो आप स्टाइलिश कपड़े नहीं पहन पाते है, जिसके कारण आपको शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। ऐसे में आपको चिंता सताने लगती है कि वेट कैसे कम करें (weight kaise kam kare) जिसके चलते आप थक हार के डाइटिंग और कुछ दवाओं का सहारा लेते है।

लेकिन आपको बता दें कि इन दवाओं का असर तब तक ही सीमित रहता जब तक आप इनका इस्तेमाल करते है। अगर आप भी वजन कम करने (wazan kam karne) की दौड़ में शामिल है तो आपको बता दें कि अब आपको ज्यादा मशक्कत करने की जरुरत नहीं है। आप रसोई में उपलब्ध सौंफ का प्रयोग भी कर सकते है। जी हां! सौंफ का प्रयोग हमारे घरो में मसाले के रूप में लंबे समय से किया जा रहा है।

खास तौर पर हमारे खाने के जायके को बढ़ाने के लिए के लिए किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि सौफ वजन को कम करने में कारगर साबित हुआ है। सौंफ के बीज दिखने में छोटे लगते है लेकिन इनमें गुणों का खजाना होता है। सौंफ के बीज में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन ए और सी जैसे विटामिन्स मौजूद होते है।

इसके अलावा ये प्राकृतिक रुप से आपका मैटाबॉलिज्म रेट (metabolism rate) बढ़ता है जिसके चलते आपका वजन कम हो जाता है। तो चलिए सबसे पहले जानते है कि ये सौंफ के बीज से वजन कम करने के उपाय बताने जा रहे है।

सौंफ के बीज मेटाबॉलिजम को बढ़ावा देता है (Fennel seeds boost metabolism)

वजन कम करने के आसान तरीके, आपको बता दें कि सौंफ के बीज मेटाबॉलिजम को बढ़ाने का सबसे बेहतर उपचार है। वजन बढ़ने से मेटाबॉलिजम का सीधा ताल्लुख होता है। अगर आपका मेटाबॉलिजम बढ़ता है तो वो आपके पेट में मौजूद कैलोरी का बर्न करता है। दूसरी तरह कम मेटाबॉलिजम से हमारे शरीर में फैट जमा रहता है। जिसके चलते सौंफ के बीज प्राकृतिक प्रक्रिया के जरिए मैटाबॉलिजम रेट को बढ़ावा देता है। इसलिए इसका सेवन करने से शरीर का वजन कम होता है।

सौंफ के बीज भूख को कम करता है (Fennel seeds suppress appetite)

ये समझना काफी आसान है कि जितनी कम कैलोरी हम लेंगे उतना ही कम हमारे शरीर में फैट जमा होगा। इसलिए जब आप वजन कम करने की प्रक्रिया पर है तो ये पता होना बेहद जरुरी है कि आप दिन में कितनी कैलोरी ले रहे है। आपको बता दें कि सौंफ के बीज में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जिसके चलते ये आपकी भूख को दबा देता है। दरअसल फाइबर आपकी भूख मिटा देता है जिसके चलते आपको ज्यादा भूख लगनी कम हो जाती है। इस प्रक्रिया के जरिए आप के पेट में कम कैलोरी जाएगी और आपका वजन तेजी से कम होगा।

सौंफ के बीज देते है बेहतर नींद (Fennel seeds can promote better sleep)

सौंफ के बीज पीट्यूटरी ग्लैंड (pituitary gland) को मेलाटोनिन (melatonin ) को निकालने के लिए उत्तेजित करते है जो की बेहतर नींद के लिए जिम्मेदार होता है। मोटापा कम करने के घरेलू नुस्खे, आपको बता दें कि अधयय के माध्यम से कई बार सिद्ध हो चुका है कि अच्छी नींद लेने से वजन और तनाव कम होता है। जिसका आपकी पूरी सेहत पर असर पड़ता है और पाचन, शरीर में अवशोषण और मेटाबॉलिजम में सुधार आता है।

सौंफ के बीज शरीर में अतिरिक्त पानी को निकालता है (Fennel seeds help in reducing water retention)

जब शरीर में अतिरिक्त पानी मौजूद होता है उससे आपका शरीर वास्तव से ज्यादा भारी लगता है। सौंफ के बीज में डी-यूरेटिक प्रॉपर्टी (di-uretic property) होती है जिसकी मदद से आपके शरीर में अतिरिक्त पानी नहीं रहता है। अतिरिक्त पानी के साथ-साथ ये आपके  शरीर में से टॉक्सिन्स (toxins) भी निकालता है जो आपके शरीर के वजन को कम करने में मदद करता है।

जानें वजन कम करने के लिए कैसे करें सौंफ का सेवन (How to eat fennel seeds for weight loss)

वजन घटाने के उपाय, अगर आप सौंफ के बीज से अपना वजन कम करना चाहते है तो बेहतर होगा अगर उसके पानी का सेवन करें। ऐसे में आपको सुबह और खाने से आधे घंटे पहले सौंफ के पानी का सेवन करना लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा आप सौंफ के बीज को खाना खाने से पहले चबा भी सकते है। खाना खाने के बाद सौंफ के बीज को चबाने से आपकी पाचन क्रिया में सुधार आता है। ये आपकी सूजन जैसी परेशानी में सहायता करता है और आपके पेट और कमर की एक इंच चर्बी कम करता है। इसी के साथ इस बात को जरुर ध्यान रखें कि ज्यादा सौंफ के बीज खाने से आप जल्दी या ज्यादा वजन नहीं घटा सकते है। आपको एक प्रक्रिया और दिनचर्या के अनुसार चलना होगा। तो सौंफ के बीज का पानी आप दिन भर में 1 लीटर पानी का सेवन कर  सकते है। आपका दिन में 1 चम्मच से ज्यादा सौंफ के बीज खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है।

इसके अलावा सौंफ के बीज खाने से पहले और बाद में खाने की बजाय सुबह सौंफ का पानी पीना ज्यादा लाभदायक होता है। इससे आपका जल्दी वजन भी घटेगा। तो चलिए जानते है कि आपको कैसे सौंफ के बीज का पानी बनाना होगा।

वेट लॉस टिप्स – विधि 1 (Method 1 se patla hone ke upay)

वजन कम करने के घरेलू उपाय, सौंफ के बीज का पानी बनाने के लिए 1 लीटर पानी कमरे के तापमान के बराबर लें और इसमें 2 चम्मच सौंफ ड़ाल दें। एक बर्तन में इसे कर के रात भर भीगे रहने दें। सुबह उठकर आप देखेंगे कि पानी का रंग बदल चुका होगा। पानी का रंग पीला हो चुका होगा। इस पानी को आप हर सुबह खाली पेट 1 ग्लास पानी पिएं। इसके बाद आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाने से पहले ले सकते है। फिर बची सौंफ को आप फैकने की बजाय चबा सकते है। ये एक पहली प्रक्रिया जिसके तहत आप अपना वजन आसानी से घटा सकते है। अब हम आपको सौंफ के बीज को लेने का दूसरा तरीका बताएंगे।

वेट लॉस टिप्स – विधि 2 (Method 2 se patla hone ke upay


वजन घटाने में मददगार सौंफ के बीज के दूसरे तरीके से भी आप लाभ उठा सकती है। वेट लॉस करने का तरीका, ये तरीका ज्यादा प्रभावी साबित हो सकता है क्योंकि आपको इसमें सौंफ के बीज को पानी में ड़ालकर उबालना होगा। ये ज्यादा प्रभावी इसलिए होगा क्योंकि आपको इस प्रक्रिया के तरह गर्म पानी भी मिल रहा है। गर्म पानी के बारे में तो हर कोई जानता है कि इसका सेवन करने से वजन घटाया जा सकता है। ऐसे में सौंफ के बीज का पानी आपके लिए लाभदायक साबित होगा। इस विधि में 1 ग्लास पानी लें और उसमें 2 चम्मच सौंफ के बीज ड़ाल दें। सौंफ के बीज ड़ालते ही उसमें उबाल आने तक का इंतजार करें। इसके बाद उस पानी को ढ़क दें और ठंड़ा होने दें। जब मिश्रण कमरे के तापमान के बराबर आ जाएं तब आप इसका सेवन कर सकते है।

सौंफ के बीज को अपने खाने में शामिल करें (Include fennel seeds in your dishes)

वेट लॉस करने के उपाय, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सौंफ की भारतीय व्यंजन में अह्म भूमिका निभाता है।सौंफ का प्रयोग नमकीन और मीठा दोनों ही चीजों में किया जाता है। सौंफ की तासीर काफी ठंडी होती है। इस कारण इसका उपयोग ठंडी चीजों में भी किया जाता है। इसके अलावा आप इसका इस्तेमाल सुबह नाश्त में सब्जी के साथ या फिर चटनी में कर सकते है। ये मसाला खाने के स्वाद को दोगुना करने की क्षमता रखता है। जिसके चलते आप आसानी से घर बैठे अपना वजन कम कर सकते है।

हालांकि इस बात का हमेशा ध्यान रखें की सौंफ का सेवन करने से आपका मैटाबॉलिजम रेट बढ़ता है जिसके चलते आपके शरीर का फैट तेजी से बर्न होता है। ये आपके शरीर की फाइबर की मात्रा की पूर्ती करता है और शरीर में से अतिरिक्त पानी को बहार निकाल फैकता है। जिससे आपका वजन तेजी से घटने लगता है। अगर आप सौंफ के बीज सावधानी से रोजाना और योजना के अनुसार सौंफ को लें तो आपके शरीर पर जल्दी असर पड़ेगा। आपके लिए बेहतर होगा अगर आप इसके साथ साथ रोजना व्यायाम करें अगर बेहतर परिणाम प्राप्त करने की उम्मीद करते है।

तो सबसे पहले अपने दिनचर्या में बदलाव कर नियमित रुप से उचित आहार लें। इसी के साथ वो व्यायाम करें जिसकी आपके शरीर को जरुरत है। इसके बाद सौंफ के बीज को अपनी डाइट में शामिल करें। इस प्रक्रिया से आपका तेजी से वजन कम होगा और आप मनचाही काया पा सकेंगे।

Fiber Richa Foods – फाइबर फूड या रेशेदार आहार – जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहतर है

फाइबर क्या है और आपको इसे कितनी मात्रा में लेना चाहिए?

फाइबर एक ऐसा न पचने वाला पदार्थ है, जो पौधे से कार्बोहाइड्रेट के रूप में निकाला जाता है। यह दो प्रकार का होता है- एक घुलने वाला और एक न घुलने वाला। नाम से जाने जा रहे घुलने वाला फाइबर, पानी में मिल जाता है। अगर आप अपने आहार में इस फाइबर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह पेट में जाकर जैल (गाढ़ा तरल पदार्थ) बन जाता है, जो कि शरीर द्वारा अवशोषित अनावश्यक खाने के भाग को रोकने में मदद करता है।

इसका मतलब घुलने वाला फाइबर शरीर में कोलेस्टेरॉल बनने से रोकता है। दूसरी ओर, न घुलने वाला फाइबर लेने से पेट आसानी से साफ हो जाता है। अगर आप अपनी डाइट में फाइबर नहीं लेते हैं, तो इससे आपको कब्ज की परेशानी हो सकती है।

दिल्ली आधारित न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. रितिका समद्दार के अनुसार “दोनों ही तरह के फाइबर को आहार में शामिल करना बहुत ज़रूरी होता है। साथ ही यह स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है। घुलने वाला फाइबर अक्सर ज़्यादा शुगर वालों और डायबिटीज़ वालों को लेने के लिए कहा जाता है। साथ ही यह शुगर लेवल को भी बनाए रखता है। वहीं, न घुलने वाला फाइबर वज़न कम करने के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। सिर्फ यही नहीं, यह गैस्ट्रिक सिस्टम को भी सही ढंग से काम करने में मदद करता है। एक मध्य युवा को रोज़ाना 15 ग्राम फाइबर अपने आहार में ज़रूर शामिल करना चाहिए”।

फाइबर की मात्रा अपने आहार में बढ़ाने से पहले ध्यान रहे कि शरीर को पूरी तरह हाइड्रेट (जल मिश्रित) रखना न भूलें। फाइबर आंतों में पानी को खींचता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए अपने आहार में पानी की मात्रा ज़रूर बढ़ाएं।

तो आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसा फाइबर निर्मित खाना, जिसे न आप सिर्फ एक नई तरह से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, बल्कि कई डिशिज़ भी बना सकते हैं।

फाइबर के फायदे – क्यों फाइबर महत्वपूर्ण है? (Why Fiber is Important?)

फाइबर एक ऐसा तत्व है जो आपके शरीर को ज़रूरत होती है लेकिन पचा नही सकती। मुख्यता फाइबर दो प्रकार के होते है- घुलनशील और अघुलनशील। बहुत सारे पौधे आधारित भोजनों में दोनों प्रकार के फाइबर पाये जाते है। घुलनशील फाइबर जेल में बदलकर पेट में धीरे-धीरे  पच जाता है। अघुलनशील पाचनक्रिया के दौरान पचते नहीं और मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।

हाई फाइबर फूड – फाइबर भरपूर आहार जो पर्याप्त मात्रा में अत्यधिक लाभ पहुंचाते है

फाइबर के स्रोत – भूंसी (Bran hai fiber wala food)

भूंसी प्राय: उन सभी अनाजों में पाया जाता है जो विटामिन B6 और मैग्नीशियम के स्रोत है। आप अपने नाश्ते की सूची में जई और कूटू को शामिल करके अच्छी मात्रा में फाइबर पा सकते है।

फाइबर के स्रोत – सूखी जड़ी, मसाले (Dried herbs, spices and peppers)

आपके खाने में सूखे मसाले जैसे मिर्च, शिमला मिर्च की आदत बहुत सारे विटामिन और खनिजों को पाने में मदद कर सकती है। जमीनी दालचिनी बहुत अधिक फाइबर उपलब्ध कराती है।

कोको पाउडर और चॉकलेट (Cocoa powder and dark chocolate)

आज चॉकलेट बहुत अधिक प्रचलित हो रहा है और गाढ़े रंग की चॉकलेट का तो प्रचलन आ गया है। कोको पाउडर आयरन और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। जिसके प्रति 100 ग्राम उपभोग से 33.2 ग्राम फाइबर मिल सकता है।

फाइबर युक्त भोजन – पटुआ बीज, तिल बीज और तिल तेल (Flax seeds, sesame seeds and sesame butter)

पटुआ और तिल के बीज अच्छी मात्रा में खाद्य फाइबर रखते हैं। पटुआ बीज के प्रति 100 ग्राम सेवन से 27.3 ग्राम फाइबर होता है। सिके हुये तिल बीज के प्रति 100 ग्राम सेवन से 14 ग्राम फाइबर होता है।

सूखे भुने सोयाबीन (Dry roasted soybeans hai fiber wala food)

निम्न और मध्यम प्रकार का सोयाबीन कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर सकता है। यह किसी भी समय लिया जाने वाला स्वास्थ्यवर्धक आहार जिसे आप भूलना नहीं चाहेंगे।

धूप में सूखाया टमाटर (Sun-dried Tomatoes se reshedar khana ke fayde)

धूप में सुखाया टमाटर आयरन और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। ये सॉस, पिज़्ज़ा और सलाद में गहरे लाल रंग के साथ शोभा बढ़ाते है।

फाइबर युक्त भोजन – नट्स (Nuts,almonds, pistachios, pecans)


नट्स के लाभ किसी से छुपा नही है। बादाम इन सभी का राजा है। ये सभी सलाद में या नाश्ते में उपभोग किये जा सकते है। बादाम में प्रति 100 ग्राम लगभग 12.2 ग्राम फाइबर पाया जाता है।

फाइबर फूड के लाभ – सूर्यमुखी बीज (Sunflower seeds)

इसके बीज बहुत सारे सलाद की सामग्री के साथ नाश्ते में उपभोग किया जा सकता है। सूर्यमुखी बीज विटामिन E, B1, B6, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सेलेनियम और ताम्बे का अच्छा स्रोत है।

रेशेदार सब्जियां – बींस (Beans hai reshedar khana)

बींस बहुपोषक होते है। जब इन्हें उबाला जाता है तो यह बहुत अच्छी मात्रा में फाइबर देते हैं। नेवी बींस प्रति 100 ग्राम में 10.5 ग्राम फाइबर देती है।

फाइबर फूड के लाभ – पैशन फल (Passion fruit)

ये उष्णकटिबंधीय फल है जो प्रचलन में आ रहे हैं। इसके प्रति 100 ग्राम में 10.4 ग्राम फाइबर पाया जाता है।

बज्रांगी(आर्टीचोक्स) (Artichokes)

फाइबर से भरपूर इस फल के मध्यम आकार में 10.3 ग्राम फाइबर पाया जाता है। आप अपने घर पर अदरख, लह्सुन, नमक और पीपर से आसानी से बनाया जाता है।

रेशेदार आहार – ब्रोकल्ली (Broccoli se fiber wala bhojan)

ब्रोकल्ली में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है। उबली ब्रोकल्ली के प्रति एक कप में 5.1 कप फाइबर पाया जाता है।

रेशेदार आहार – ब्लैक्बेरी (Blackberries)

ब्लैक्बेरी एक मौसमी फल है जिसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर के साथ उच्च मात्रा अन्य तत्वों की भी पायी जाती है। एक कप कच्चे ब्लैक्बेरी में 7.6 कप फाइबर पाया जाता है। आप इसे अन्य फलों के साथ मिलाकर सलाद बनाकर खा सकते हैं।

रेशेदार सब्जियां – मटर (Peas hai fiber wala khana)

मटर को बहुत ही आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। इसमें कई लाभदायक तत्व पाये जाते है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। एक कप उबली हुई मटर में 8 ग्राम फाइबर पाया जाता है।

40 जादूई आयुर्वेदिक स्वास्थ्य युक्तियाँ |

1- सुबह उठ कर कैसा पानी पीना चाहिए

उत्तर : हल्का गर्म

2–पानी पीने का क्या तरीका होता है
उत्तर : सिप सिप करके व नीचे बैठ कर

3 -खाना कितनी बार चबाना चाहिए
उत्तर : 32 बार

4– पेट भर कर खाना कब खाना चाहिए
उत्तर : सुबह

5–सुबह का खाना कब तक खा लेना चाहिए
उत्तर : सूरज निकलने के ढाई घण्टे तक

6–सुबह खाने के साथ क्या पीना चाहिए
उत्तर : जूस

7 -दोपहर को खाने के साथ क्या पीना चाहिए
उत्तर : लस्सी/छाछ

8 -रात को खाने के साथ क्या पीना चाहिए
उत्तर : दूध

9 -खट्टे फल किस समय नही खाने चाहिए
उत्तर : रात को

10 -लस्सी खाने के साथ कब पीनि चाहिए
उत्तर : दोपहर को

11 -खाने के साथ जूस कब लिया जा सकता है।
उत्तर : सुबह

12 -खाने के साथ दूध कब ले सकते है
उत्तर : रात को

13 -आईसक्रीम कब कहानी चाहिए
उत्तर : कभी नही

14- फ्रीज़ से निकाली हुई चीज कितनी देर बाद कहानी चाहिए
उत्तर : 1 घण्टे बाद

15- क्या कोल्ड ड्रिंक पीना चाहिए
उत्तर : नही

16 -बना हुआ खाना कितनी देर बाद तक खा लेना चाहिए
उत्तर : 40 मिनट

17–रात को कितना खाना खाना चाहिए
उत्तर : न के बराबर

18 -रात का खाना किस समय कर लेना चाहिए
उत्तर ;सूरज छिपन

से पहले

19 -पानी खाना खाने से कितने समय पहले पी सकते हैं
उत्तर : 48 मिनट

20- क्या रात को लस्सी पी सकते हैं
उत्तर : नही

21 -सुबह खाने के बाद क्या करना चाहिए
उत्तर : काम

22 -दोपहर को खाना खाने के बाद क्या करना चाहिए
उत्तर : आराम

23 -रात को खाना खाने के बाद क्या करना चाहिए
उत्तर : 500 कदम चलना चाहिए

24 -खाना खाने के बाद हमेशा क्या करना चाहिए
उत्तर : वज्र  आसन

25 -खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर करना चाहिए
उत्तर : 5-10मिनट

26 -सुबह उठ कर आखों मे क्या डालना चाहिए
उत्तर :मुंह की लार

27 -रात को किस समय तक सो जाना चाहिए
उत्तर  : 9-10बजे तक

28- तीन जहर के नाम बताओ
उत्तर  : चीनी मैदा  सफेद नमक

29 -दोपहर को सब्जी मे क्या डाल कर खाना चाहिए
उत्तर : अजवायन

30 -क्या रात को सलाद खानी चाहिए
उत्तर  : नहीं

31 -खाना हमेशा कैसे खाना चाहिए
उत्तर : नीचे बैठकर व खूब चबाकर

32 -क्या विदेशी समान खरीदना चाहिए
उत्तर : कभी नही

33 -चाय कब पीनी चाहिए
उत्तर : कभी नहीं

33- दूध मे क्या डाल कर पीना चाहिए
उत्तर  : हल्दी

34–दूध में हल्दी डालकर क्यों पीनी चाहिए।
उत्तर : कैंसर ना हो इसलिए

35 -कौन सी चिकित्सा पद्धति ठीक है
उत्तर : आयुर्वेद

36 -सोने के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए
उत्तर : अक्टूबर से मार्च (सर्दियों मे)

37–ताम्बे के बर्तन का पानी कब पीना चाहिए
उत्तर : जून से सितम्बर(वर्षा ऋतु)

38 -मिट्टी के घड़े का पानी कब पीना चाहिए
उत्तर : मार्च से जून (गर्मियों में)

39 -सुबह का पानी कितना पीना चाहिए
उत्तर : कम से कम 2-3गिलास

40 -सुबह कब उठना चाहिए
उत्तर : सूरज निकलने से डेढ़ घण्टा पहले।