Thursday, May 18, 2017

शहद में भीगे आंवले के सेहतमंद गुण

1. फायदे

आंवला के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में तो आपने सुना ही होगा। लेकिन आंवला के साथ शहद का सेवन कहीं अधिक स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक होता है। साथ शहद में मिलाने से आंवले का खट्टा स्‍वाद स्‍वादिष्‍ट हो जाता है। शहद में आंवला भिगोने से न केवल आंवला कई महीनों तक प्रिजर्व रहता है, बल्कि उसके स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और स्‍वाद भी बढ़ जाता है। आंवले और शहद के संयोजन से आप दोनों के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों को फायदा उठा सकते हैं। इसे बनाने के लिए एक जार को आधा शहद से भर लें फिर उसमें आंवला भिगोकर, ढक्‍कन को बंद कर दें। कुछ दिनों के बाद आप पायेंगे बिल्‍कुल घर में बने मुरब्‍बे जैसे थोड़ी से मिश्रण के साथ नर्म आंवला। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से जानें शहद में भीगे आंवले के अद्भुत स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में।

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2.बालों को बनाये हेल्‍दी

शहद और आंवले के मिश्रण को बालों में लगाने से बाल सुंदर, मुलायम और कहीं अधिक घने होते है। साथ ही यह उपाय बालों को झड़ने से बचाता है और कमजोर बालों को मजबूत बनाता है। प्रभावी परिणाम पाने के लिए आप अपने कंडीशनर को शहद और आंवला के मिश्रण से बदल सकते हैं।

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3. एजिंग के लक्षण को रोकें

नियमित रूप से शहद में भीगे आंवला की एक चम्‍मच खाना आपको सदा जवां बनाये रखने में मदद करता है। यह आपको जरूरी एनर्जी प्रदान कर शरीर को फिर से जवां रखता है। साथ ही चेहरे से झुर्रियों और फाइन लाइन को भी हटाता है। तो देर किस बात कि अगर आप फिर से जवां बने रहना चाहते हैं तो इस उपाय को आज से ही अपनायें।

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4. लिवर को मजबूत बनाये और पीलिया रोकें

शहद में भीगे आंवले को खाने से लिवर स्‍वस्‍थ रहता है, और पीलिया के इलाज में भी मदद मिलती है। यह शरीर में संचित पित्‍त दोष और लिवर से विषाक्‍त पदार्थों को दूर करता है, जिससे लिवर को प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलती है।

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5. पाचन समस्याओं में लाभकारी

शहद में भीगा आंवला अपच और एसिडिटी का सबसे अच्‍छा उपाय है। यह आपकी भूख को बढ़ाने के साथ आहार के उचित पाचन में भी मदद करता है। शहद में भीगे आंवला और इसका मिश्रण पीने से कब्‍ज और बवासीर से राहत मिलती है।

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6. अस्थमा से बचाव

शहद में आंवला खाने से अस्‍थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस संबंधी अन्‍य समस्‍याओं से राहत मिलती है। एंटीऑक्‍टसीडेंट से भरपूर होने के कारण यह उपाय फेफड़ों से विषाक्‍त पदार्थों और मुक्‍त कणों को हटाने में मदद करता है, इस तरह फेफड़ों से रक्‍त वाहिआकाओं के संकुचन का कारण बन, अस्‍थमा के अटैक को रोकता है।

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7. सर्दी, खांसी और गले के संक्रमण को दूर करें

शहद में भीगे आंवला की एक बड़ी चम्‍मच खाने से सर्दी, खांसी और गले में खराश से जल्‍द राहत मिलती है। तुरंत राहत पाने के लिए आप इसमें थोड़ा सा अदरक का रस भी मिला सकते हैं। अपने एंटी-इंफेक्टिव गुणों के कारण शहद और आंवला सभी तरह के संक्रमण को दूर करता है।

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8. शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालें

आंवला और शहद से बना काढ़ा शरीर से विषाक्‍त पदार्थ निकालने के साथ सभी हानिकारक मुक्‍त कणों को हटाता है। इससे वजन बढ़ने और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं का जोखिम कम होता है। नियमित रूप से सुबह के समय काढ़ा पीने और शहद में भी‍गा आंवला खाने से आंतों और खून से सभी विषाक्‍त पदार्थ दूर होते हैं। 
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बेदाग निखार चाहिये तो लगाएं मूंग दाल फेस पैक

1. मूंग की दाल से पाएं बेदाग निखार

मेरे पड़ोस में रहने वाली गीता की त्‍वचा में दिनों-दिन निखार आ रहा था। एक दिन मेरे से रहा नहीं गया और मैंने गीता से उसके निखार का राज जानना चाहा। तो उसने बोला कि इस निखार के पीछे का कारण जानकर शायद तुम्‍हें यकीन नहीं होगा। क्‍योंकि इस निखार का कारण कोई ब्‍यूटी क्रीम नहीं बल्कि हमारी किचन में मौजूद मूंग की दाल है। जी हां वही मूंग की दाल जिसे देखकर ज्‍यादातर लोग नाक-मुंह सिकोड़ने लगते है। लेकिन प्रोटीन से भरपूर यह दाल न केवल सेहत बल्कि त्‍वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। इससे बने मास्‍क की मदद से मेरी त्‍वचा में इतना निखार आ रहा है। आइए मेरी तरह आप भी गीता से मूंग की दाल से बने फेस मास्‍क को बनाने और लगाने के फायदे के बारे में जानें।

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2. त्‍वचा में निखार लाये

मूंग की दाल से बना स्‍क्रब त्‍वचा की रंगत में निखार लाता है। मूंग की दाल में मौजूद विटामिन ए और सी त्‍वचा को सुरक्षा प्रदान करते हैं, इसके अलावा मूंग की दाल में त्‍वचा को एक्‍सफोलिएट गुण होते है। त्‍वचा में निखार के लिए 2 चम्मच मूंग दाल को रात भर पानी में भिगोकर रख दें। फिर अगले दिन सुबह इसका पेस्ट बना लें और इस पेस्‍ट में 1 चम्‍मच बादाम का तेल और 1 चम्मच शहद अच्छी तरह मिलाकर चेहरे पर लगा लें। 15 मिनट के बाद में चेहरे को पानी से धो लें।

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3. त्‍वचा को मुलायम बनाये

अगर आपको भी अपनी त्‍वचा को मुलायम बनाना है तो मूंग की दाल से बना स्‍क्रब इस्‍तेमाल करें। इस स्‍क्रब को बनाने के लिए आपको मूंग की दाल को अच्‍छे से पीसकर इसका पाउडर बना लें। फिर इसमें एक चम्‍मच शहद को मिलाकर बना लें। फिर इस स्‍क्रब से अपने चेहरे की स्‍क्रबिंग करें। फिर कुछ देर ऐसे की छोड़ दें। जब यह सूख जाये तो कॉटन से साफ कर लें और पानी से धो लें। कुछ दिनों के इस्‍तेमाल से ही आपकी त्‍वचा मुलायम हो जायेगी।

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4. डेड स्किन हटाये

मूंग की दाल से बना स्‍क्रब आपकी त्‍वचा से डेड स्किन को निकालता है। अगर आपको भी अपनी त्‍वचा से डेड स्किन को निकालना है, तो मूंग की दाल के पेस्‍ट में एक चम्‍मच घी की मिलानी है। फिर इस स्‍क्रब को अपने चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगा लें। बाद में अपने चेहरे को पानी से धो लें। अगर इस स्‍क्रब को हफ्ते में दो बार भी ट्राई करेंगे तो आपकी त्‍वचा से डेड सेल्‍स और जर्म्‍स निकाल जायेगें।

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5. टैनिंग का उपचार

टैनिंग को दूर करने में मूंग की दाल का पैक बेहद ही उपयोगी है। इसके लिए मूंग की दाल के पेस्‍ट में 2 चम्‍मच दही डालकर अच्‍छे से मिला लें। इस पैक को प्रभावित त्वचा पर अच्छी तरह लगायें और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इसे ठंडे पानी से धो डालें। यह पैक सनबर्न के उपचार में सहायक होता है। 
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चाय और कॉफी में अधिक फायदेमंद कौन?

चाय और कॉफी

ऐसे बहुत से कम लोग होंगे जिनको चाय और कॉफी दोनों पसंद होगी। कुछ लोगों को चाय पीना पसंद है और कुछ कॉफी के शौकीन हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनकी आदत दोनों को पीने की है। लेकिन क्‍या आपको पता है दोनों में से सबसे अधिक फायदेमंद कौन है और स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से किसका सेवन अधिक किया जाय। आगे के स्‍लाइडशो में जानिए इन दोनों के बारे में।

2. चाय

चाय के कई प्रकार की होती है, और इसके कई फायदे भी हैं। काली, हरी और नींबू वाली चाय का अच्‍छा असर हमारे शरीर पर पड़ता है। ग्रीन टी वजन घटाने में बहुत महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है साथ ही यह कैंसर के खतरे को भी कम करती है। चाय का अधिक सेवन करने से नुकसान नहीं होता, यानी एक दिन में आप 6 से 7 कप चाय पी सकते हैं।

3. कॉफी

चाय की तरह कॉफी भी स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से बहुत फायदेमंद है। लेकिन इसमें मौजूद कैफीन इसको हानिकारक बनाती है। यदि आप अधिक कॉफी पीते हैं तो यह आपके शरीर को चाय के मुकाबले अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा अधिक कॉफी का सेवन करने से अनिद्रा की शिकायत भी हो सकती है। रोज 3 या 4 कप कॉफी से अधिक नहीं पीना चाहिए।

4. एंटी-ऑक्सीडेंट

चाय और कॉफी दोनों में एंटी-ऑक्‍सीडेंट होता है, यह अलग-अलग प्रकार का होता है। एक तरफ जहां चाय में फ्लेवेनॉइड होता है तो वहीं दूसरी तरफ कॉफी में क्‍यूनाइन और क्‍लोरोजेन एसिड पाया जाता है। इन दोनों का काम एक जैसा होता है और वह है शरीर में फ्री रैडिक्‍स का खात्‍मा करना।

5. वजन घटाने के लिए

चाय और कॉफी दोनों वजन घटाने में मददगार हैं। यदि आप ब्‍लैक कॉफी का नियमित सेवन करें तो वजन कम हो जायेगा। वहीं दूसरी तरफ यदि चाय में भी यदि चीनी, दूध और क्रीम का प्रयोग न किया जाये तो वजन घटाया जा सकता है। यानी ग्रीन टी, लेमन टी, ब्‍लैक टी से वजन कम किया जा सकता है।

6. दिल के लिए फायदेमंद

कॉफी और चाय दोनों दिल के लिए बहुत फायदेमंद हैं। चाय और कॉफी में पाया जाने वाला एंटी-ऑक्‍सीडेंट दिल के दौरे को कम करता है और दिल की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है।

7. कैंसर के लिए

कॉफी और चाय कैंसर से भी बचाव करते हैं। चाय पीने वालों को गर्भ और ब्रेस्‍ट कैंसर होने की संभावना कम होती है, वहीं पर कॉफी पीने वालों को लीवर कैंसर और प्रोस्‍टेट कैंसर होने की संभावना कम होती है। इसलिए कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए चाय और कॉफी का सेवन करना चाहिए।

8.पाचन के लिए

कॉफी की तुलना में चाय पाचन के लिए बेहतर मानी जाती है। यदि चाय को बिना चीनी और दूध के बनाई जाए तो यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह पाचन को सुचारु करती है। वहीं दूसरी तरफ कॉफी का अधिक सेवन करने से भूख मर जाती है और कब्‍ज की शिकायत भी हो सकती है।

9.कैफीन

यदि कैफीन का सेवन कम मात्रा में किया जाये तो यह बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन करने से कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या हो सकती है। हालांकि एक कप कॉफी में 100 मिलीग्राम और एक कप चाय में लगभग 50 मिलीग्राम कैफीन की मात्रा पायी जाती है। इसलिए इन दोनों का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए।

10. अन्‍य समस्‍या

कैफीन का सेवन अधिक करने से शरीर में कोर्टिसोल (स्टीरॉयड हार्मोंस) की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण मधुमेह, सिर दर्द, थकान, अवसाद, एकाग्रता में कमी आना, भूख कम लगना, भ्रम होना, रक्तचाप बढ़ने जैसी समस्‍या हो सकती है।

11. कॉफी पियें या चाय

कॉफी में चाय के मुकाबले लगभग दोगुनी मात्रा में कैफीन की मात्रा पायी जाती है। चाय में भले ही निकोटीन और कैफीन पाया जाता हो लेकिन इसे छान कर पिया जाता है, जिससे इसका असर कम हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ कॉफी के कै‍फीन को पूरी तरह घोल कर पिया जाता है जो घातक होता है। गर्भवती महिलाओं को कॉफी पीने से मना किया जाता है। इसलिए कॉफी की तुलना में चाय का सेवन अधिक फायदेमंद माना जाता है।

ये व्यंजन खाने से दो सप्ताह में ही बढ़ जाएगा आपका हीमोग्लोबिन


अगर आपका हीमोग्लोबिन कम है तो आपको अपनी डायट में खजूर जरूर लेना चाहिए। खजूर न केवल खाने में अच्छे लगते हैं, बल्कि यह न्यूट्रीशियन से भरपूर भी हैं। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनीशियम, विटामिन ए और विटामिन बी होता है।

सामग्री –

खजूर – 2 कप (400 ग्राम)
अखरोट – 1/2 कप (50 ग्राम)
काजू – 1/2 कप (50 ग्राम)
बादाम – 1/2 कप (50 ग्राम )
सूखा पका नारियल – 1/2 कप (25 ग्राम) कद्दूकस किया हुआ
पिस्ते – 2 टेबल स्पून (20 ग्राम)
चिरोंजी – 2 टेबल स्पून (20 ग्राम)
खसखस – 2 टेबल स्पून (20 ग्राम)
जायफल – 1
छोटी इलाइची – 6-7
देशी घी – 2 टेबल स्पून



विधि –

खजूर को छोटा छोटा काट लीजिये और बीज अलग निकाल दीजिए, सारे खजूर बीज निकाल कर काट कर तैयार कर लीजिए. काजू के 7-8 टुकड़े करते हुये काट लीजिए। बादाम के भी 7-8 टुकड़े करते हुये काट लीजिए। अखरोट को छोटा छोटा काट लीजिए। पिस्ते को पतले लम्बे टुकड़ों में काट कर अलग रख लीजिए। छोटी इलाइची को छील कर दाने निकाल लीजिए, और जायफल के साथ में कूट कर पाउडर बना लीजिए।

पैन गरम कीजिए, गरम पैन में काजू, बादाम और अखरोट के टुकड़े डालिए और धीमी आग पर लगातार चलाते हुए 2-3 मिनिट तक भून कर प्लेट में निकाल लीजिए। कढ़ाई में घी डालकर मेल्ट होने दीजिए, अब खसखस डालिए और लगातार चलाते हुए 2 मिनट हल्का सा कलर चेन्ज होने तक भून लीजिए, गैस धीमी रखिए। अब नटमेग और इलाइची का पाउडर डालकर मिक्स कर दीजिए खजूर के टुकड़े, ड्राई फ्रूट के टुकड़े डालिए, नारियल डालिए, चिरोंजी डालकर सारी चीजों के अच्छी तरह मिलने तक मिला लीजिए।

मिश्रण को कढ़ाई से प्लेट या प्याले में निकाल लीजिए, ताकि ये जल्दी ठंडा हो जाय। हाथ पर थोड़ा घी लगाकर हाथ को चिकना कीजिए, थोड़ा सा मिश्रण हाथ में उठाइए और दबा दबा कर बेलनाकार रोल बना लीजिए। किसी प्लेट में कटे पिस्ते डालिए और रोल को पिस्ते के ऊपर रखकर लपेट लीजिए, पिस्ते ऊपर दिखते हुए बहुत अच्छे लगेंगे। इतने मिश्रण से 5-6 रोल बना लीजिए। एक रोल उठाकर फॉइल में टाइट करते हुए लपेट लीजिये, फॉइल के दोंनो किनारे भी अच्छी तरह बन्द कर दीजिए। सारे रोल इसी प्रकार फॉइल में लपेट कर तैयार कर लीजिए। अब ये रोल 2 घंटे के लिये फ्रिज में रख दीजिए, ये सैट हो जाएगे।

फ्रिज से रोल निकालिए, एक रोल उठाइए, फॉइल को खोल कर निकाल दीजिए, सैट हुए रोल से आधा सेमी. मोटे गोल टुकड़े काट कर प्लेट में रख लीजिए। सारे रोल को इसी तरह काट कर तैयार कर लीजिए। खजूर ड्राई फ्रूट बर्फी तैयार है, 3-4 घंटे तक इसे एसे ही प्लेट में खुला छोड़ दीजिए, बर्फी थोड़ी खुश्क हो जाएगी, बर्फी को कन्टेनर में भर कर रख लीजिए और 2-3 महिने तक खाते रहिए।

सुझाव:

खजूर ड्राई फ्रूट बर्फी के लिये कोई भी ड्राई फ्रूट जो आपको पसन्द हो वह ले सकते है, किसी भी ड्राई फ्रूट को छोड़ सकते हैं। किसी भी ड्राई फ्रूट को अपनी पसन्द के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं।

Wednesday, May 17, 2017

आखिर 99 प्रतिशत महिलाएं क्यों रहती है बीमार, ये है इसकी वजह और इलाज !

कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स से ये बात सिद्ध हो चुकी है, कि अंग्रेजी दवाईयां साइड इफेक्ट जरूर पैदा करती है. इसके इलावा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम करने के साथ साथ ये दवाईयां पाचन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव डालती है. ऐसे में अगर पेट बीमार रहे तो पूरे शरीर का बीमार होना तो लाजिमी है. इसलिए आज कल की महिलाओ को ये बात समझनी होगी कि उन्हें फिर से अपनी रसोई में रखी आयुर्वेदिक दवाईयों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. वैसे अगर आपको कुछ समझ न भी आए तो हम आपको बताते है, कि आप अपने शरीर को कैसे स्वस्थ रख सकती है.

१. मात्र पांच ग्राम अजवाइन से दूर होगा बुखार, सर दर्द और थकान.. यदि आपको बुखार या सर दर्द हो या हलकी सी भी हरारत हो तो ऐसे में आप पांच ग्राम अजवाइन सादे पानी में डॉल कर पी लीजिये. इससे आपकी हर बीमारी ठीक हो जाएगी. इसके इलावा हमेशा याद रखे कि दवाईयां केवल अनियमित समय के लिए ही काम करती है, जिसका नुकसान आपको बाद में झेलना भी पड़ सकता है.

२. ज्यादा पानी पीने की आदत.. आपको जान कर हैरानी होगी कि पत्थरी, जोड़ों का दर्द, मोटापा, कब्ज़, गैस बनना आदि सब बीमारियां मात्र पानी पीने से ही छू मन्त्र हो जाती है. इसलिए महिलाओ को बचपन से ही ज्यादा पानी पीने की आदत होनी चाहिए.

३. चेहरे से झुर्रियों को गायब करने का इलाज.. यदि आपके चेहरे पर झाईयां हो तो दो चम्मच मंगरेले को सिरके में पीस कर उसका पेस्ट बनाए और रोज रात को लगा कर सो जाये. इससे आपका चेहरा कुछ ही दिनों में साफ़ हो जाएगा. वैसे आपको बता दे कि कॉस्मेटिक के ज्यादा प्रयोग से चेहरे पर झुर्रियां आ जाती है, जिससे चेहरे की ताजगी भी चली जाती है. इसके साथ ही चेहरे पर कभी हल्दी और बेसन का पेस्ट, कभी खीरे का रस या कभी टमाटर का रस और चेहरे को फिटकरी के पानी से धो कर सोना भी एक अच्छा कॉस्मेटिक उपाय है.

४. खांसी का इलाज.. यदि आप खून साफ़ रखना और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना चाहते है या अपनी स्किन को जवान रखना चाहते है तो, एक चम्मच हल्दी का पाउडर सुबह पानी से ऐसे ही निगल जाये. इससे गले की भी सभी बीमारियां दूर होती है.

५.सुंदरता के लिए अपनाए ये नुस्खे.. एक महीना सुबह के समय हल्दी का पाउडर, मेथी का पाउडर, नीम की दस पत्तियां, तुलसी की दस पत्तियां, दस काली मिर्च के दाने और सौ ग्राम गुड़ का शरबत पीये. इस दौरान एक महीना और कुछ मत लीजिये. इससे एक महीने में ही आपको अपने बाल, चेहरा सुंदर लगने लगेंगे और इससे आपका मोटापा भी गायब हो जाएगा. इससे आपको ताजगी के साथ साथ खुद में और क्या बदलाव नजर आएंगे ये आप खुद जान जायेगे.

६.कंट्रासेप्टिव पिल्स आपको बना सकती है बाँझ.. शायद बहुत सी महिलाओ को ये बात मालूम होगी कि बच्चा न होने के लिए खाई जाने वाली कन्ट्रासेप्टिव पिल्स उन्हें हमेशा के लिए बाँझ बना सकती है. साथ ही उनकी सेक्स के प्रति रूचि भी खत्म हो सकती है. इसके इलावा गर्भाशय से सम्बन्धित और कई बीमारियां भी हो सकती है. ऐसे में यदि महिलाएं अपने रसोई घर में ध्यान दे तो उन्हें पता चलेगा कि इसका इलाज तो घर में ही है. जी हां गौरतलब है, कि जिस दिन आपके पीरियड खत्म हो उस दिन एक अरण्डी का बीज या एक लौंग पानी के साथ निगल ले. इससे आपको पिल्स की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.

७.गर्भवती महिलाओ के लिए.. अगर गर्भवती महिलाएं साढ़े आठ महीने बाद तीन ग्राम हल्दी दिन में एक बार पानी के साथ ले ले तो यक़ीनन सामान्य बच्चा ही होगा. ऐसे में आपको किसी आपरेशन या सर्जरी की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.

८.बच्चा पैदा होने के पांच या छह दिन बाद.. बच्चा पैदा होने के पांच या छह दिन बाद मंगरेले यानि कलौंजी के बीज का काढ़ा तीन या चार दिन तक पीये. इससे आपका पेट बाहर नहीं निकलेगा. वैसे भी 90 प्रतिशत महिलाएं यही शिकायत करती है, कि बच्चा होने के बाद उनका पेट बाहर निकल जाता है. इस दौरान शरीर की मालिश और हल्दी के लड्डू खाना बेहद जरुरी है. जो शरीर को नव जीवन तो देते ही है और साथ ही ज्वॉइंट से सम्बन्धित कोई बीमारी भी नहीं होने देते. इसके इलावा ये ब्रेस्ट कैंसर और स्किन कैंसर से भी बचाते है.

९. सफ़ेद पानी गिरने का इलाज.. सफ़ेद पानी गिरना या ल्योकोरिया या श्वेत प्रदर की बीमारी शरीर को पूरी तरह खोखला कर देती है. इस बीमारी के चलते किसी चीज में मन नहीं लगता. ऐसे में कमर दर्द, चेहरा निस्तेज होना, हर समय बुखार रहना ये सब इस बीमारी की वजह से होने लगता है. इसलिए अगर महिलाओं को सफ़ेद पानी गिरने की शिकायत हो तो दो केले, दो चम्मच देसी घी और आधा चम्मच शहद में मसल कर चटनी बना ले. इसे एक महीने तक लगातार रोज खाए. इससे आपकी ये समस्या दूर हो जाएगी.

नाभि पर तेल लगाने के ये चमत्कारी फायदे जान, इसका प्रयोग किए बिना नहीं रह पाएंगे आप !


हमारे शरीर के सारे कनेक्शन नाभि से ही होते है. आपको बता दे कि नाभि का सीधा संबंध हमारे चेहरे से होता है. इसलिए आप अपनी किचन में मौजूद अलग अलग तरह के तेलों को नाभि पर लगाकर त्वचा से जुड़ी काफी समस्याओं से राहत पा सकते है. तो आइए जानते हैं कि नाभि पर तेल लगाने के क्या चमत्कारी फायदे है.

१.मुहांसो से छुटकारा .. जवान होते होते मुहांसों की समस्या लगभग हर किसी को होती है. इसके लिए हम बहुत से उपचार भी करते हैं. वो इसलिए क्योंकि इनकी वजह से बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. ऐसे में अगर आपको अपने मुहांसें दूर करने हैं तो इसका सबसे आसान और सरल तरीका यह हैं कि आप अपनी नाभि में नीम का तेल लगाना शुरू कर दीजिए. फिर इसका असर आपको बहुत ही जल्दी दिखने भी लग जाएगा. इससे आपके चेहरें के सारे मुहांसें भी दूर हो जाएंगे.

२. पीरियड्स के दर्द को कर देगा गायब.. महिलाओं को पीरियड्स में बहुत सी परेशानीयों से दो चार होना पड़ता हैं. ऐसे में अगर किसी भी लड़की को पीरियड्स के दिनों में बहुत ज्यादा दर्द होता हैं तो वो अपनी नाभि के जरिये अपने पीरियड्स के दर्द को मिटा सकती हैं. जी हां इस उपाय में एक रुई में थोड़ी सी ब्रांडी भिघोकर महिला को अपनी नाभि में लगा लेना चाहिए. इससे उनका यह दर्द थोड़ी ही देर में बिलकुल खत्म हो जाएगा.

३.फटे होंठो के लिए भी है काफी मददगार.. अगर आपके होंठों के फटने की समस्या आपके साथ आम ही होती रहती है, तो इसके लिए आपको अपनी नाभि में सरसो का तेल लगाना चाहिए. इससे आपकी होंठ फटने की परेशानी भी काफी आसानी से ठीक हो जाती हैं.

४,चेहरे को चमकदार बनाने का एक अलग उपाय.. अगर आप अपने चेहरें को एक अलग तरह का ग्लो देना चाहते हैं तो आपको अपनी नाभि में बादाम का तेल लगाना चाहिए. इससे आपको अपने चेहरें पर बहुत ही जल्दी फर्क दिखने लगेगा. साथ ही आपका चेहरा बहुत ही जल्दी चमकदार भी बन जाएगा.

५.खुजली से राहत.. वैसे अगर आप अपनी नाभि को साफ रखते हैं तो आपको खुजली से भी राहत मिलेगी.

आप ये जान कर हैरान होंगे कि अलग-अलग किस्म के तेल लगाने के अलग-अलग फायदे भी होतें है?

आइये जानते हैं इसके कुछ और फायदों के बारे में

1. अगर आपके होंठ फाटे हुए हैं या आपको जोड़ों का दर्द है तो आप सरसों के तेल की कुछ बूंदों को लेकर अपनी नाभि पर रगड़े आपको इस समस्या से राहत मिलेगा.

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2. अगर आप सर्दी जुकाम से परेशान हैं तो आप रुई के फोहे को एल्कोहाल में डुबाकर पेट की नाभि पर लगाएं. आपको सर्दी जुकाम से राहत मिल जायेगी.

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3. अगर आपको मासिक धर्म के दौरान दर्द व् ऐंठन जैसी समस्या होती है तो आप रुई के फोहे को ब्रांडी में फिगोयें और इसे पेट की नाभि पर रखें. आपको राहत मिल जाएगा.

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4. नीम की तेल की कुछ बूंदों को पेट के बीच में रखकर मालिश करने से आपके किल मुंहासे ठीक हो सकते हैं.

5. ऐसा माना जाता है कि बादाम के तेल की कुछ बूंदों को पेट की नाभि पर लगाने से चेहरे पर निखार आता है.

6. अगर आपको अपनी प्रजनन क्षमता को बढानी है तो आप नारियल की तेल की कुछ बूंदों को नाभि पर रख कर धीरे-धीरे मसाज करे.

जानिए, आपकी जीभ का रंग कैसे खोलता है, आपके स्वास्थ्य के कई अनदेखे राज़ !

वैसे तो हम रोज़ सुबह अपने दांतों को बड़ी मेहनत करके चमकाते हैं, लेकिन दांतों को चमकाते वक्त हम अपनी जीभ पर ध्यान देना भूल ही जाते है. हालांकि कुछ लोग जीभ की सफाई तो करते हैं, लेकिन इसके रंग और बनावट पर कभी ध्यान नहीं देते है. इसलिए आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि आपकी जीभ का रंग आपके स्वास्थ्य के बारे में बहुत सी बातें बताता है.

वैसे जीभ के रंग के इलावा जीभ का आकार भी आपके व्यक्तित्व के बारे में कई बातें उजागर करता है . इन बातों को जानने के बाद आप अपनी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को भी आसानी से समझ पाएंगे.

१. एक स्वस्थ व्यक्ति की जीभ का रंग होता है गुलाबी.. गौरतलब है, कि आमतौर पर किसी भी स्वस्थ्य व्यक्ति की जीभ का रंग गुलाबी होता है और उस पर हल्के सफ़ेद रंग की परत भी होती है . ऐसे व्यक्ति की जीभ का आकर भी मध्यम मोटा होता है और इस पर दरारें, अल्सर्स या दाँतों के निशान नहीं बने होते हैं .

 

२.लाल रंग.. अगर आपकी जीभ का रंग लाल है, तो इसका मतलब ये हुआ कि आप में पौषक तत्वों, ख़ास तौर से लौह तत्वों और विटामिन बी की कमी है . दरअसल इन तत्वों की कमी से शरीर में ऊर्जा का स्तर कम होना, कोशिकाओं की वृद्धि में बाधा उत्पन्न होना और नर्वस सिस्टम का सही तरीके से काम न करना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है .

३. जीभ का रंग फीका हो जाना.. यदि आपकी जीभ पेल या फीके लाल रंग की हो तो इसका मतलब ये है, कि आपके खून में हीमोग्लोबिन की कमी है . गौरतलब है, कि हीमोग्लोबिन शरीर में ऑक्सीजन को डिलीवर करने लिए जिम्मेदार होता है और इसकी कमी होने से शरीर में भी कमजोरी बनी रहती है . इसके इलावा जीभ का रंग फीका होना आपकी जीभ पर जीवाणुओं, डेड सेल्स और डेब्रिस का होना भी दर्शाता है .

४.जीभ का रंग पर्पल होना.. जीभ का रंग पर्पल होने का अर्थ ये है, कि आपके शरीर में तरल पदार्थ और खून सही तरीके से सर्क्युलेट नहीं हो पा रहा है. जिस वजह से सुस्ती बनी रहती है और व्यक्ति भावनात्मक रूप से भी कमजोर हो जाता है. वहीं कुछ मामलों में तो बात डिप्रेशन तक भी पहुँच जाती है. इसके इलावा इन लोगों में कोलेस्ट्रॉल भी अधिक मात्रा में होता है और हृदय संबंधी रोग होते हैं . इसलिए उनकी जीभ पर्पल रंग की होती है.


५. जीभ का रंग काला और जीभ का बालदार होना.. वैसे सामान्य तौर पर किसी भी व्यक्ति की जीभ का रंग काला नहीं होता. अगर काला रंग हो भी जाये यह कुछ समय के लिए ही रहता है और यह नुकसानदायक भी नहीं होता. दरअसल जीभ का रंग काला होने के पीछे जीभ पर बैक्टीरिया और अन्य प्रकार की गन्दगी जमने जैसे कारण होते हैं . गौरतलब है, कि पुअर ओरल हाइजीन, तम्बाकू का सेवन, एंटीबायोटिक्स और पेट संबंधी रोगों की दवाइयां लेने से मुंह में ज्यादा मात्रा में बैक्टीरिया पनपने लगते है . जिससे यह समस्या होता है .

६. जीभ का रंग पीला होना.. इसके इलावा पीली जीभ भी बैक्टीरिया की ही निशानी है. आपको बता दे कि जीभ पर बने छोटे छोटे दानों पर डिहाइड्रेशन, मुँह से सांस लेने, स्मोकिंग करने और बुखार होने पर सूजन आ जाती है . इसलिए यह समस्या होती है .

७. जीभ का रंग सफ़ेद होना.. वैसे जीभ का रंग सफ़ेद होने के पीछे मुख्य कारण डिहाइड्रेशन, मुँह के छाले, और ओरल ल्यूकोप्लेकिया होते हैं . दरअसल ओरल ल्यूकोप्लेकिया की स्थिति स्मोकिंग करने और अन्य टंग इर्रिटेन्ट्स की वजह से उत्पन्न होती है .

८. जीभ का रंग ब्राउन होना.. आपको बता दे कि ब्राउन जीभ को मेलेनोमा का संकेत माना जाता है . इसलिए अगर आपको अपनी जीभ पर इस रंग की परत दिखाई दे तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करे .