Showing posts with label आपकी पिछली पाकेट में रखा पर्स तो नहीं. Show all posts
Showing posts with label आपकी पिछली पाकेट में रखा पर्स तो नहीं. Show all posts

Monday, May 8, 2017

कहीं आप की कमर दर्द का कारण, आपकी पिछली पाकेट में रखा पर्स तो नहीं


पुरुष अक्सर अपना पर्स पेंट की पीछे वाली जेब में ही रखते हैं और इसके लिए पेंट या जींस में पीछे एक पॉकेट भी बनाई होती है ! लेकिन अगर डॉक्टर्स की मानें तो ऐसा करने से हम एक गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं ! शायद आप भी यह खबर सुनकर पर्स को पेंट की पीछे वाली जेब में रखना छोड़ देंगे ! डॉक्टर के मुताबिक जो लोग पर्स को पैंट की पिछली जेब में रखते हैं उन्हें पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नामक एक बीमारी होने की संभावना बनी रहती है ! इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द शुरू हो जाता है !

यदि हम पेंट की पीछे वाली जेब में पर्स रखकर कई घंटो तक बैठे रहते हैं तो हमारी पायरी फोर्मिस मसल्स दबती है और ऐसे में हमारे पैर में बहुत तेज दर्द होने लगता है ! हमारे देश में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या आए दिन बढ़ रही है ! डॉक्टरों की मानें तो आज के समय में इस बीमारी से ज्यादातर युवा लोग पीड़ित हैं क्योंकि वह घंटों तक कंप्यूटर पर काम करते हैं ! इसके अलावा जिन लोगों की घंटों तक बैठे रहने वाली जॉब है उनको भी यह समस्या ज्यादा होती है !


अगर इस बीमारी का समय रहते उपचार नहीं किया जाए तो फिर अंत में इससे निजात पाने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती है और इस बीमारी की सर्जरी काफी महंगी होती है ! तो अगर आप भी अपना पर्स पैंट की पिछली जेब में रखते हैं तो संभल जाएं जहां तक हो सके घंटो तक बैठे रहने की स्थिति में पेंट की पिछली जेब से पर्स को निकालकर कहीं और रखें वरना आप भी इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं और इससे आपके पैर काफी कमजोर हो सकते हैं !

देखा गया है कि खास तौर पर यह बीमारी सरकारी कर्मचारी जैसे बैंक, रेलवे इत्यादि में काम करने वाले या फिर कंप्यूटर इंजीनियर्स को ज्यादा होती है क्योंकि इन यह लोग दिन में कई घंटों तक बैठे रहते हैं !

इसके अलावा एम्स के ऑर्थोपैडिक डॉ. सीएस यादव के मुताबिक, जहां बैक पॉकेट में पर्स रखा जाता है वहां से हिप्स की साइटिका नस गुजरती है और पर्स के ऊपर बैठने से नस पर लगातार प्रेशर बनता है जो कि बैक और हिप्स पेन का कारण बन सकता है. बैक पॉकेट में पर्स की आदत से 2 से 3% डीप वेन थांब्रोसिस (पैर की नसों में सूजन) की शिकायत भी हो सकती है. एम्स के आर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट द्वारा भी साइटिका पेन का कारण जानने के लिए 2008 में फैटी पर्स पर रिसर्च की गई थी। एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, यदि आप तकरीबन 70 ग्राम पर्स को बैक पॉकेट में रखकर बैठते हैं तो आधे घंटे के भीतर आपको बैकपेन फील हो सकता है।