Wednesday, August 23, 2017

1 चम्मच जैतून के तेल में 1 नींबू निचोड़ लें, सिर्फ 1 बार उपयोग के बाद आप इसका उपयोग करना कभी बंद नहीं करेंगे !!!

हम एक अत्यंत लाभदायक डिटॉक्स उपचार का नुस्खा बता रहे हैं जो आपके शरीर को शुद्ध करेगा, और थकान और ऊर्जा की कमी जैसी समस्या को हल करेंगे।इसे तैयार करने के लिए "जैतून का तेल" और "नींबू" की ज़रूरत है, और एक बार जब आप इसे आज़माते हैं, तो आप थके हुए और हर समय एक निराश महसूस नहीं करेंगे। यह आपके शरीर को उत्साहित करेगा और आपको ताजा और स्वस्थ होने में मदद करेगा।

विशेषज्ञों का दावा है कि यह उपाय सदियों से कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए इस्तेमाल किया गया है। नींबू और जैतून का तेल का संयोजन कई स्वास्थ्य और सौंदर्य उपचारों के लिए उपयोग किया गया है, लेकिन यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का भी इलाज करता है और रोकता है।

इसके कई स्वास्थ्य गुणों के कारण, यूनानियों और रोमियों ने तरल सोने के रूप में जैतून का तेल का उल्लेख किया इसकी निष्कर्षण प्रक्रिया के दौरान, Extra Virgin जैतून के तेल को निकालने​ के लिए कम से कम देखरेख व संभाल की आवश्यकता​ होती है, इसलिए यह अपने पोषक तत्वों, विटामिन, और खनिजों को रखता है।

दूसरी ओर, नींबू ग्रह पर स्वास्थ्यप्रद फलों में से एक है, कई पोषक तत्व, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन प्रदान करता है, जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और विभिन्न स्थितियों और रोगों को रोकता है।

नींबू विटामिन सी और बी, फास्फोरस, प्रोटीन, पोटेशियम, और कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ फ्लैनोनोइड युक्त होता है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं!

इस सब के कारण, इन दो सामग्रियों का मिश्रण वास्तव में शक्तिशाली होता है जो कई बीमारियों का इलाज करता है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को रोकता है।

तरीका

एक कटोरी में एक बड़ा चम्मच Extra Virgin जैतून का तेल लें, अब इसमें एक नींबू का रस निचोड़ लें। और अब इससे अच्छे से मिक्स कर लें, जब तक यह एक सा मिक्स न बन जाएं। इस मिश्रण को सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले लीजिए।

बस इस मिश्रण का 1 चम्मच आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों(टॉक्सिन्स) को ख़त्म कर सकता है लेकिन इसका केवल ये एक ही लाभ नहीं है. इसके कई अन्य लाभ हैं जो नीचे दिए गए हैं-

1. गठिया ( रूमैटिज़म )

इस संयोजन में शक्तिशाली एंटी-इनफ्लमेटरी गुण होता है, जो गठिया के मामले में बेहद फायदेमंद हैं. इस उपाय के नियमित उपयोग से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.

2. हृदय की समस्यायें (कार्डियोवॅस्क्युलर समस्या)

यह उपाय अपनी उच्च फैटी एसिड की वजह से दिल से संबंधित समस्याओं से बचाता है और इलाज भी करता है. यह खराब कोलेस्ट्रॉल को काबू मे रखता है और रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है.

3. यह गुर्दे, लिवर और पित्ताशय की थैली को बेहतर बनाता है

कई विशेषज्ञों के मुताबिक, रोज़ सुबह खाली पेट इस मिक्स्चर को पीने से पित्त में पथरी बनने में बचाव होता है. नाश्ते से पहले इसे एक गिलास पानी के साथ पीने से यह गुर्दे, लिवर और पित्ताशय की थैली को साफ़ करता है, जिससे उनके कार्य में सुधार आता है। लीवर की सफाई के लिए यह मिश्रण रात को सोते समय लेने से ज्यादा लाभ होगा।

4. कब्ज से राहत मिलती है

जैतून के तेल में लेक्सेटिव प्रभाव होता है, यही कारण है कि कई लोगों का मानना है कि यह कब्ज से राहत दिलाता है. जब इसे नींबू के रस के साथ मिला दिया जाता है तो यह शरीर से अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकाल कर शरीर की सफाई कर देता है और पाचन को बेहतर बनाता है!

ना धुआं, ना स्प्रे और ना ही कोई लिक्विड, यह विटामिन खाओ और मच्छर​ भगाओ!!!

विटामिन की इस गोली को खाने से शरीर से एक गंध निकलती है, जो मच्छरों को करीब नहीं आने देगी।


नई दिल्ली। इन्सान ने बड़ी-बड़ी समस्याओं से छुटकारा पा लिया, लेकिन मच्छरों का पुख्ता तोड़ अब तक नहीं मिला है। कहीं कोई क्रीम लगाने को कहता है तो कोई कहता है कि लहसुन खाने से मच्छर पास नहीं आते।

अब विटामिन की एक गोली बाजार में आई है। कहा जा रहा है कि इस गोली को खाने से शरीर से एक गंध निकलती है, जो मच्छरों को करीब नहीं आने देगी। खास बात यह भी है कि कोई दूसरा इन्सान इस गंध को महसूस नहीं कर पाएगा।

यह गोली विटामिन बी-1 की है। इसे थैमाइन भी कहा जाता है। दावा है कि यह मच्छर भगाने का कारगर तरीका है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 25 से 50 एमजी की गोली दिन में तीन बार खाना होगी। बाजार में इस विटामिन के सप्लिमेंट भी उपलब्ध हैं।

एक अन्य तरीका यह भी है कि जिन खाद्य पदार्थों में विटाामिन बी-1 पाया जाता है, उन्हें खाने से मच्छरों से बचा जा सकता है। जैसे- फूलगोभी, सूरजमुखी के बीज, सेम, अनाज और खमीर।

इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है जबकि मच्छरों को भगाने के लिए बाजार में उपलब्ध स्प्रे में कई तरह के केमिकल होते हैं।

जानें बी-1 को लेकर क्या कहता है विज्ञान

जैविक तथ्यों के अनुसार, तंत्रिका तंत्र की मजबूती के साथ ही स्वस्थ्य त्वचा, बाल, आंख, मुंह और लिवर के लिए विटामिन की भूमिका बेहद अहम है। यह विटामिन तनाव कम करता है।

शरीर में शुगर को ऊर्जा में तब्दील करने में बी-1 की भूमिका बेहद अहम है। यह एक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट का काम करता है। विटामिन बी-1 के सेवन से व्यक्ति जल्दी बूढ़ा नहीं होता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह उपयोगी है।

Tuesday, August 22, 2017

फिटकरी: घर में हमेशा रखिए अनगिनत हैं फायदे

परिचय :


★ फिटकरी (fitkari)को संस्कृत में स्फटिका, हिंदी में फिटकरी, इंग्लिश में पोटाश एलम कहते है।
★ फिटकरी सफेद, पीले, लाल और काली रंग की हो सकती है। सफ़ेद रंग की फिटकरी को सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।
★ फिटकरी (fitkari)के बारे में भारतीयों को जानकारी बहुत ही प्राचीन समय से थी।
★ भारत में चिकित्सा के लिए इसका प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता रहा है।
★ चरक संहिता में भी इसके प्रयोग का वर्णन पाया जाता है।
★ रत्न समुच्चय ग्रन्थ में इसे तुवरी कहा गया है। रसतरंगिणी में इसे पित्त-कफ नाशक, ज्वरनाशक, आँखों के रोगों में लाभप्रद, खूनके बहने को रोकने वाली, मुख के रोगों, कान रोगों और नाक से खून बहने से रोकने वाली माना गया है।
★ चिकित्सा के लिए फिटकरी(fitkari) का प्रयोग खून के बहने / रक्तस्राव को रोकने के लिए किया जाता है। शुद्ध फिटकरी या इसकी भस्म को सुजाक, रक्तप्रदर, खांसी, निमोनिया, खून की उलटी, विष विकार, मूत्रकृच्छ, त्रिदोष के रोगों, घाव, कोढ़ आदि में आंतरिक प्रयोग भी किया जाता है।
★ इसे पानी को साफ करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे रंग पक्का करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
Alum Information, Benefits and 20 Medicinal Uses in Hindi

प्रकार: अकार्बनिक खनिज, क्रिस्टलीय

रासयनिक सूत्र Molecular formula: KAl(SO4)2·12H2O हाइड्रेट पोटैशियम एल्युमीनियम सल्फेट

आंतरिक प्रयोग के लिए मात्रा: 250 mg- 1 gram

फिटकरी के स्थानीय नाम:

★ संस्कृत: कांक्षी, तुवरी, स्फटिका, सौराष्ट्री, शुभ्रा, स्फुटिका, स्फटी, रंगदा, दृढरंगा
★ लैटिन: एल्युमीनियम सल्फस
★ हिंदी, बंगाली: फिटकिरी Phitkari
★ मराठी: तुरटी
★ गुजराती: फटकड़ी
★ तमिल: Patikaram, Padikharam, Shinacarum
★ तेलुगु: Pattikaramu
★ कन्नड़: Phatikara
★ फारसी: जाक सफ़ेद Zak safed, Zamah
★ अरब: शवेयमानी Shibe yamani, Zaj abyaz
★ इंग्लिश: एलम Sulphate of Alumina and Potash, Sulphate of Aluminium and Ammonium, Aluminous Sulphate
★ उर्दू: फिटकिरी Phitkari
★ सिन्धी: पटकी
★ तमिल: Patikaram, Padikharam, Shinacarum

फिटकरी के गुण :

★ यह कसैली है।

★ यह वातपित्त, कफ, घाव, कोढ़, और विसर्प नाशक है।
★ यह तासीर में गर्म है।
★ यह रक्तस्राव को रोकती है।
★ यह एसट्रिनजेंट / संकोचक है।
★ फिटकरी की भस्म का सेवन छाती में जमे कफ को निकालती है।
★ यह विष नाशक है। सांप काटने पर तुरंत ही, फिटकरी की भस्म (1 gram) को घी (60 gram) में मिलाकर लेने से ज़हर का आगे बढ़ना रुक जाता है।आइये जाने fitkari ke fayde in hindi

फिटकरी के चिकित्सीय प्रयोग :

★ फिटकरी को बाहरी तथा आंतरिक दोनों तरह से प्रयोग किया जाता है। बाहरी रूप से पानी में डुबा कर खून बहने वाली जगह पर मल लेने से खून का बहना रुक जाता है। फिटकरी को लगाने से संक्रमण भी नहीं होता।

★ खाने या आंतरिक प्रयोग के लिए फिटकरी की बहुत कम मात्रा प्रयोग की जाती है। आंतरिक प्रयोग के लिए हमेशा शुद्ध फिटकरी ही प्रयोग की जानी चाहिए। आग में फुला देने से फिटकरी शुद्ध हो जाती है। इसे तवे पर रख कर फुला कर, खील बना कर, महीन पीस लेने के बाद आंतरिक प्रयोग में ला सकते हैं।

१. नाक से खून आना nose bleed, naksir :

★ गाय के दूध में थोड़ी सी फिटकरी घोल कर नाक में कुछ बूंदे टपकाने से नाक से खून बहना रुकता है।

२. चोट लगने से खून बहना, कटने से खून बहना Bleeding from cut

★ फिटकरी का टुकड़ा या चूरा प्रभावित जगह पर लगायें।

३. योनि की शिथिलता, फ़ैल जाना slackness of vagina

★ २ ग्राम फिटकरी को पानी में १०० मिलीलीटर पानी में घुला कर, रोज़ योनि माग का प्रक्षालन करने से योनि मार्ग को सिकोड़ने में मदद होती है।

४. रक्तपित्त bleeding disorders

★ फिटकरी को १२५ मिलीग्राम की मात्रा में ३ ग्राम चीनी के साथ मिला कर खाने से लाभ होता है।

५. आँखों से पानी आना, लाली, कीचड़, पकना, दुखना, सूजन diseases of eyes
★ 50 ml गुलाब जल में 500-600 mg, फिटकरी घोलकर रख लें। इसे कुछ बूंदों में आँखों में डालने से लाभ होता है।

६. मजबूत दांत strengthening teeth
★ फिटकरी के चूरे को मौलश्री छल के चूर्ण में मिलाकर दांतों पर मलने से दांत मजबूत होते हैं।

७. दांत दर्द, दांत में मवाद, मुंह में लिसलिसापन tooth ache, stickiness in mouth
★ सेंधा नमक और फिटकरी के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिलाकर दांतों पर रगड़ने से दांत मजबूत होते है, दांत दर्द से राहत मिलती है।

८. दांतों के रोग dental diseases
★ सरसों तेल में फिटकरी चूर्ण मिलाकर दांतों की मालिश करें।

९. दन्त मंजन tooth powder
★ दन्त मंजन बनाने के लिए फुलाई हुई फिटकरी + हल्दी + सेंधा नमक + त्रिफला + नीम की पत्तियां + बबूल की छाल (प्रत्येक 100 gram) तथा 20 ग्राम लौंग का पाउडर मिला लें। इसे दिन में दो बार प्रयोग करने से पायरिया, मुंह की दुर्गध, दांतों का दर्द, कमजोरी, सेंसिटिवटी आदि दूर होते हैं।

१०. शीतपित्त urticaria
★ शुद्ध फिटकरी का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में दूध या पानी के साथ लें।

११. दाढ़ी बनाते समय कट जाना cut in shaving
★ फिटकरी को कट पर पानी लगाकर लगाने से कट से खून निकलना बंद होता है।

इसे भी पढ़े : रसीले नींबू के नायाब 30 घरेलू नुस्खे | Lemon Home Remedies


१२. बवासीर में मस्से hemorrhoids
★ बवासीर के मस्सों पर फिटकरी का लेप लगाने से लाभ होता है।

१३. अंदरूनी चोट के लिए internal injuries
★ एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच शुद्ध फिटकरी का चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ होता है।

१४. पेशाब में खून जाना, गुदा से खून जाना blood in urine
★ आधा चम्मच शुद्ध फिटकरी का चूर्ण, आधा चम्मच मिश्री के साथ मिलाकर लें।

१५. विषम ज्वर, मलेरिया का बुखार intermittent fever
★ चौथाई या आधा चम्मच फिटकरी भस्म, समभाग मिश्री के साथ, २-४ घंटे के अंतराल पर लेना चाहिए।

१६. पेचिश, अतिसार, खूनी बवासीर, रक्त प्रदर loose motions, dysentery, bleeding piles, abnormal uterine bleeding
★ फिटकरी भस्म आधा चम्मच की मात्रा में मुनक्के / दही के साथ लें।

१७. मुंह / जीभ पर छाले, टांसिल mouth blisters, tonsillitis
★ फिटकरी के पानी से कुल्ला करें।

१८. जहरीले कीटों (बर्रे, मधुमक्खी), बिच्छु, आदि के काटने पर insect stings
★ गर्म पानी के साथ फिटकरी पीस कर, प्रभावित जगह पर लगाएं।

१९. मूत्रकृच्छ painful urination
★ गर्म करके फुलाई और पीसी हुई फिटकरी १ ग्राम की मात्रा में फंकी की तरह लेने से और फिर दूध पीने से पेशाब में दर्द आदि दूर होता है।

२०. खांसी, कुक्कुर खांसी whooping cough
★ फुलाई फिटकरी को 500 mg-1 gram की मात्रा में दिन में तीन बार लेने से कफ, खांसी दूर होते हैं।

२१.खुजली
★ महिलाओं को श्वेत प्रदर या गुप्तांग में खुजली , जलन आदि हो तो ऐसे में फिटकरी घुले पानी से योनि को दिन ने तीन चार बार धोने से बहुत आराम मिलता है। योनि में यदि ढीलापन हो तो वो खत्म होता है।

२२. जुएँ
★ सिर में जुएँ हो गई हों तो फिटकरी मिले पानी से कुछ दिन सिर धोने से जुएँ खत्म हो जाएँगी।

विशेष : फिटकरी को आमतौर पर बाहरी प्रयोग के लिए ही प्रयोग किया जाता है। बाहरी प्रयोग से किसी भी तरह की हानि नहीं है। लेकिन आंतरिक प्रयोग में सावधानी रखने की ज़रूरत है। आंतरिक प्रयोग के लिए केवल उपयुक्त फिटकरी (शुद्ध या भस्म) ही प्रयोग की जानी चाहिए और वो भी बहुत ही कम मात्रा में। अधिक मात्रा में प्रयोग फेफड़े, आँतों और पेट के लिए नुकसानदायक है।

गेहूं के आटे में थोड़ा सा फेर-बदल, बन जायेगा आपका हैल्थ सिक्रेट

अधिकतार घरों में मूलत: सादी गेंहू रोटियां बनी हुई खाई जाती हैं, परंतु गेहूं की रोटी स्वादिष्ठ अधिक, पौष्टिक कम होती है. अगर गेहूं में यदि अन्य अनाज को मिला कर आटा पिसवाया जाए तो ऐसे आटे से बनी रोटी की पौष्टिकता बढ जाती है. इस प्रकार के आटे को मल्टीग्रेन आटा या कौबिनेशन फ्लोर कहा जाता है.


मल्टीग्रेन आटे से बनी रोटी विभिन्न प्रकार के रोगों में भी बहुत फायदेमंद साबित होता है.

• मल्टीग्रेन आटा का मतलब की अन्य अनाज जैसे दालों को गेहूं के​ आटे के साथ मिलाकर उसे मल्टी ग्रेन आटा बना दिया जाता है और यह बाजार में मल्टी ग्रेन आटे के नाम से बिकता है. लेकिन अगर आप यह आटा खरीद रहे हैं तो पहले उसमें मिला आई जाने वाली सामग्री को अच्छी तरह से जाचं कर लें.

• मल्टीग्रेन आटे में मक्का, चना, जौ, सोयाबीन आदि अनाज की मात्रा 500-500 ग्राम रखें.

• मधुमेह के व्यक्ति के लिए 5 किलोग्राम गेहूं के आटे में डेढ किलोग्राम चना, 500 ग्राम जौ व मेथीदाना मिलाकर पिसवाएं,मेथी,ब्लडशुगर,को,नियंत्रित,करती,है.

• पांच किलोग्राम गेहूं के आटे में प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत 500 जौ, 500 ग्राम सोयाबीन, 1 किलोग्राम चना मिलाकर पिसवाएं गए आटे की चापाती खाने से बढती उम्र के बच्चों विकास के लिए बहुत फायदेमंद है.

• मिक्स आटे से बनी यह रोटियां पौष्टिक सुबह का नाश्ता बनाती है जिसमें लोहातत्व, फायबर, प्रोटीन और विटामिन,बी 3 है. यह एक संपूर्ण पौष्टिक सुबह का नाश्ता है।


आइए जानते हैं किस तरह बनाए मिक्स ग्रेन आटा आपकी आवश्यकताओं के अनुसार

1. मोटापा और अधिक वजन

over weight and fatness

अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो सिर्फ गेहूँ के आटे से बनी रोटी का सेवन नही करना चाहिए। ऐसे में आपको बाजरा, चना और ज्वार जैसे अनाज से बने आटे की रोटी का प्रयोग करना चाहिए। इससे वजन संतुलित रहता हैं।

2. रक्तचाप

doctor checking blood pressure

रक्तचाप के रोगियों को केवल गेहूँ के आटे की जगह इसमें कुछ दालों को मिला कर उनका सेवन करना चाहिए, जैसे 1 किलोग्राम गेहूँ में 100 ग्राम सोयाबीन, 250 ग्राम चना और 50 ग्राम अलसी मिला कर पिसवा लें। इस मल्टीग्रेन आटे का सेवन करने से रक्तचाप में लाभ होता हैं।

3. मधुमेह

diabetes checking

मधुमेह के शिकार लोगो को 10 किलोग्राम गेहूँ के आटे में 1 किलोग्राम जौ और 100 ग्राम मेथीदाना पिसवा कर और मिला कर सेवन करने से मधुमेह संतुलित रहती हैं। मेथी मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक हैं।

4. बच्चों के विकास के लिए

multigraing atta ingredients

बच्चों के लिए भी मल्टिग्रेन आटा बहुत लाभदायक हैं। 5 किलोग्राम गेहूँ में 500 ग्राम सोयाबीन, 1 किलोग्राम चना और 500 ग्राम जौ मिला लें और इस आटे को पिसवा कर इसकी रोटी का सेवन बच्चों को करना चाहिए। यह मल्टिग्रेन आटा बच्चों के विकास में बहुत लाभदायक हैं।

5. कमजोरी या दुर्बलता में

मल्टिग्रेन आटा

कमजोर या दुर्बल लोगो के लिए भी मल्टिग्रेन आटे का सेवन बेहद लाभदायक हैं। इसके लिए 10 किलोग्राम गेहूँ में 2 किलोग्राम चना और 2 किलोग्राम जौ मिला कर आटा पिसवाएं। दुबले लोगो को हरी सब्जियां और फलों के साथ मल्टिग्रेन आटे का सेवन अच्छे परिणाम देता हैं। कमजोरी और दुबलापन दूर होता हैं।

6. गर्भवती महिलायों के लिए

pregnant women

गर्भवती महिलायों के लिए केवल गेहूँ के आटा पर्याप्त नही होता, बल्कि गेहूं के आटे में सोया, पालक, मेथी, बथुआ या अन्य हरी सब्जियां और अजवायन डाल कर इसकी रोटी का सेवन करना चाहिए। इससे पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व गर्भवती महिला को मिलते हैं।

7. महिलायों के लिए

multigrain atta in bowl

महिलायों में हार्मोन्स का असन्तुलन होने से उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्टेरॉल और मधुमेह जैसे रोग हो जाते हैं। इन स्थितियों में 10 किलोग्राम गेहूँ, 2 किलोग्राम सोयाबीन, 3 किलोग्राम चना और 1 किलोग्राम जौ को मिला कर पिसवा लें और इसका सेवन करें। इन रोगों में अवश्य लाभ होगा।

मल्टिग्रेन आटा से बनाई रोटियों में आयरन फायबर, प्रोटीन और विटामिन बी 3 भरपूर मात्रा में होते हैं, यह पूरी तरह से पौष्टिक हैं और स्वादिष्ट होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। आप अपने और अपने स्वास्थ्य के अनुसार दालों का चुनाव कर के गेहूँ के आटे को पौष्टिक बना सकते हैं।

सोने से पहले पीजिए एक गिलास पानी, फायदे हैं हैरान करने वाले

शरीर के लिए पानी बहुत जरूरी होता है। व्यक्ति का शरीर 70 प्रतिशत पानी से ही बना होता है। इससे शरीर कई तरह की बीमारियों से दूर रहता है। पूरे दिन में चाहे जितना पानी पीएं लेकिन रात को सोने से पहले 1 गिलास पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है। इससे शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और वजन भी कम होता है। इसके अलावा सोने से पहले पानी पीना शरीर को कई तरह की परेशानियों से दूर रखता है। आइए जानिए इसके फायदों के बारे में


1. अच्छी नींद
रात को सोने से पहले पानी पीने से नींद अच्छी आती है। इससे शरीर में मिनरल्स और विटामिन्स की मात्रा संतुलित रहती है। सोने से पहले पानी पीने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और सारे दिन की थकान उतारकर अच्छी नींद लाने में मदद करता है।


2. वजन कम करे
मोटापे की समस्या आजकल सामान्य देखने को मिलती है। इसके लिए रात को सोने से पहले 1 गिलास ठंडा पानी जरूर पीएं। इससे शरीर की एक्सट्रा कैलोरी बर्न होती है और मोटापा भी कम होता है।


3. तनाव
आजकल के बिजी शैड्यूल में लोगों को काम का काफी प्रैशर रहता है और वे तनाव से घिरे रहते हैं। ऐसे में रात को सोने से पहले पानी पीएं जिससे नींद सही तरीके से आएगी और तनाव कम होगा।

4. विषैले पदार्थ बाहर
रात को सोने से पहले पानी पीने से सुबह यूरिन के रास्ते शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और पेट भी साफ रहता है। इसके अलावा जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है उन्हें भी रात को सोने से पहले जरूर पानी पीने चाहिए।


5. पाचन शक्ति
गलत खान-पान की वजह से लोगों की पाचन शक्ति खराब हो जाती है और उन्हें कुछ भी खाने पर उनका पेट खराब हो जाता है। ऐसे में सोने से पहले पानी पीने से पाचन क्रिया मजबूत होती है।


6. हार्ट प्रॉब्लम
सोने से पहले पानी पीने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिस से दिल की धमनियों तक खून सही तरीके से पहुंचता है। ऐसे में जिन लोगों को हार्ट प्रॉबल्म हो उनके लिए सोने से पहले पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है।

क्या होगा अगर आप खाली पेट पानी बेकिंग सोडा डालकर पीते हैं ??

आप बेकिंग सोड़ा के बारे में तो अच्छी तरह जानते होगे। इसका इस्तेमाल खाने बनाने वाली चीजों में सबसे अधिक किया जाता हैं। आमतौर पर इससे कुकीज, पेस्टी या फिर दूध को फटने से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता हैं। लेकिन आप जानते हैं कि यह हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद हैं। इसका सेवन करने से आपके कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।


रोजाना खाली पेट एक गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग सोड़ा डालकर पीने से आप कई गंभीर बीमारियों से भी निजात पा सकते हैं। यह शरीर में जाकर पीएच की मात्रा को ठीक रखता है। जो कि ब्लड बनने में हमारी सहायता करता है। अगर आप सिर्फ 15 दिन रोजाना खाली पेट इसका सेवन करे, तो आपको कई फायदे मिलेंगे। जानिए इन फायदो के बारें में।

एसिड की समस्या से दिलाएं निजात
अगर आपको एसिड की समस्या हो गई हैं। जिसके कारण डाइजेशन ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा हैं, तो इस पानी का सेवन करें।

पेट फूलने की समस्या से दिलाए निजात
फास्ट फूड खाने के बाद पेट फूलने की समस्या हो, तो सोडे का पानी पिएं। इससे आपका पेट फूलने की शिकायत खत्म हो जाएगी।

किडनी के स्टोन
अगर आपकी किडनी में स्टोन हैं, तो इसका सेवन करने से आपको स्टोन से निजात मिल सकती हैं। स्टोन होने का मुख्य कारण शरीर में एसिड की अधिक मात्रा हो जाना होता हैं। सोड़ा का पानी शरीर में एसिड को बैलेंस कर स्टोन से निजात दिलाता हैं।

स्किन संबंधी समस्याओं से दिलाएं निजात
कभी-कभी शरीर में एसिड की मात्रा अधिक होने से स्किन संबंधी समस्या, इंफेक्शन हो जाता हैं। इससे बचाव के लिए बेकिंग पानी आपके लिए मददगार साबित हो सकता हैं।
यूरिनरी इंफेक्शन
अगर आपको बार-बार यूरिन आ रही हैं। या फिर किसी प्रकार का इंफेक्शन हो, तो इस पानी का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता हैं।

ब्लेडर इंफेक्शन
ब्लेडर से एसिडीटी बढ़ने से इंपेक्शन की संभावना सबसे अधिक रहती हैं। सोडा पानी का सेवन करने से ये बॉडी में एसिड की मात्रा ठीक रखता हैं। जिसके कारण आप इस इंफेक्शन निजात पा सकते हैं।

गले का दर्द
अगर इंफेक्शन की वजह से गले में दर्द है, तो यह पानी काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं। यह दर्द पैदा करने वाले एसिड को कम करता हैं।

Monday, August 21, 2017

अपने किचन से ही करें वजन घटाने की शुरुआत

आप अपने पेट की चर्बी को कम करने क्या कुछ नहीं करते ढीले ढाले कपड़े पहनते हैं, हमेशा तनाव में रहते हैं। न जाने किन किन तरीकों से आप अपने पेट की चर्बी को छिपाते फिरते हो। पर समय आ गया है कि इस चीज से न भागा जाए और डट कर इसका सामना किया जाए।


पेट पर जमा चर्बी न सिर्फ आपके रूप बिगड़ता है, बल्कि इससे आपको गंभीर बीमारियां भी सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि इससे जल्द से जल्द निजाद पाया जाये। इसको कम करने के लिए आपको कोई जिम जाने की जरुरत नहीं है। डाइटीशियन डॉ. विभा वाजपये कुछ ऐसे क्योंकि हम आपको कुछ ऐसे पौष्टिक आहार बताएगें जिन्हें खा कर आप अपने वजन पर कम कर सकते हैं। च‍लिए जानते हैं इन आहार के बारे में।

तरबूज :

पेट की चर्बी कम करने के लिए तरबूज एक बहुत आसान और कारगर उपाय है। इसमें 91 प्रतिशत पानी होता है और जब आप इसे खाने से पहले खाते हैं तो आप पहले से ही भरा हुआ महसूस करते हैं। इसमें विटामिन बी-1, बी-6 और सी पर्यापत मात्रा में उपलब्ध होता है. साथ ही पोटैशियम और मैग्नीशि‍यम भी। एक स्टडी के अनुसार, हर रोज दो गिलास तरबूज का जूस पीने से आठ सप्ताह में पेट के आस-पास की चर्बी घट जाती है।

खीरा :

गर्मियों में एक ओर जहां खीरा प्यास बुझाने और ताजगी के लिए खया जाता है वहीं इसके सेवन से बेली फैट को भी कम किया जा सकता है। इसमें 96 प्रतिशत तक पानी ही होता है। इसमें मिनरल्स, फाइबर और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं। हर रोज एक प्लेट खीरा खाने से शरीर के अंदर बनने वाले कई विषाक्त पदार्थ खुद ही साफ हो जाते हैं।

छाछ :

छाछ पौष्टिक पेय है जिसे पीनें से आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और बीमारियां कोसों दूर रहेगी। छाछ में फैट और कैलोरी कम होती है जिससे मोटापा, पाचन क्रिया और डीहाइड्रेशन जैसी बीमारियों से बचाव होता है। गर्मियों के लिये तो छाछ अमृत के समान होती है। अगर आप अपने खान-पान में रोज़ एक गिलास मट्ठा शामिल कर लें तो यह आपका मोटापा कम करने में काफी मदद करेगा। क्योंकि छाछ में लो कैलोरी और फैट भी कम होता है।

नींबू :

गर्मियों में नींबू पानी का सेवन खूब किया जाता है। यह आपके शरीर में अधिक मात्रा में ऊर्जा देने के साथ-साथ तरलता बनाए रखने में मदद करता है। अगर आप चाहते है कि आपका वजन आसानी से कम हो जाए तो इसका सेवन करना शुरू कर दें। यह आपके मोटापे को कम करने में काफी फायदेमंद है।