Thursday, August 31, 2017

Asa Diet Plan जापानी तरीका वजन घटाने का, और भी हैं फायदे

वजन घटाने के लिए सुबह की शुरुआत गुनगुने पानी और केले से करें। इस डाइट को जापान में असा (Asa) डाइट के नाम से भी जाना जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इससे वजन तेजी से कम होता है और यह साइंटिफिक प्रूव्ड तरीका है।इस कारण से वजन होता है कम

एक्सपर्ट्स के मुताबिक गुनगुना पानी पीने से बॉडी का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। मेटाबॉलिज्म बढ़ने का मतलब है फैट बर्न करने की पॉवर बढ़ना जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। केले खाने से बॉडी को भरपूर एनर्जी मिलती है और पेट भरा महसूस होता है। इससे शरीर को कुछ और खाने की इच्छा कम होती है। जब व्यक्ति कम खाएगा तो उससे वजन कंट्रोल में रहेगा।

कैसे यूज करना है यह तरीका? (How to use Banana For Weight Loss)
सुबह उठते साथ ही एक गिलास गुनगुना पानी पीना है। उसके आधे घंटे बाद दो केले खाने हैं (केले की संख्या वन प्लस या माइनस कर सकते हैं।) इस डाइट को जापान में असा (Asa) डाइट के नाम से भी जाना जाता है। यह तरीका हितोशी और सुमिको नाम के दो जापानियों ने ईजाद किया था। आज वजन कम करने के लिए जापान में यह सबसे पापुलर तरीका है।

आयुर्वेद के अनुसार रोज सुबह गुनगुने पानी पीने के कुछ देर बाद केला खाने से आपको वजन घटाने के साथ-साथ अन्य फायदे भी मिलते है ।

आइए जानते है अन्य फायदे  (Other Health Benefits of Banana with Hot Water)-

पेट की प्रॉब्लम – गर्म पानी पीने के बाद केला खाएंगे, तो पेट अच्छी तरह साफ़ होगा और डाइजेशन सुधरेगा। इससे कब्ज़, एसिडिटी और गैस की प्रॉब्लम होगी।

हेल्दी स्किन – गर्म पानी पीने से बॉडी के टॉक्सिन्स बाहर निकालेंगे। केले से विटामिन B6 और C भरपूर मिलेंगे। यह कॉम्बिनेशन स्किन का ग्लो बढ़ाने में मदद करेगा।

किडनी – गर्म पानी पीने से बॉडी के टॉक्सिन्स बाहर निकलेंगे। केले से पर्याप्त पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन B6 और C जैसे न्यूट्रिएंट्स मिलेंगे। इससे किडनी डिज़ीज़ का खतरा टलेगा।

खून की कमी – गर्म पानी से बॉडी वेस्ट बाहर निकालने में मदद मिलेगी और ब्लड प्यूरीफाई होगा। केले में मौजूद डायटरी फाइबर्स ब्लड में हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाएंगे। इससे एनीमिया की प्रॉब्लम दूर होगी।

हेल्दी हार्ट – रेग्युलर गर्म पानी और केले का कॉम्बिनेशन लेने से बॉडी का कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल होगा। इससे हार्ट हेल्दी रहेगा और हार्ट डिज़ीज़ का खतरा टलेगा।

ब्लड प्रेशर – गर्म पानी और केले का कॉम्बिनेशन लेने से बॉडी में सोडियम लेवल बैलेन्स होगा। इससे BP कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

इम्यूनिटी – गर्म पानी और केले का कॉम्बिनेशन लेने से बॉडी की इम्युनिटी बढ़ेगी। इससे इंफेक्शन का खतरा टलेगा और बीमारियों से बचाव होगा।

हेल्दी हेयर-  गर्म पानी और केले का कॉम्बिनेशन लेने से बालों की जड़े मजबूत होंगी। इससे बाल घने और लंबे बनाने में मदद मिलेगी।

प्याज के दो टुकड़ों को गर्दन पर रगड़ने से करे थाइराइड का जड़ से सफाया

प्याज​ के दो गोल टुकड़े को गर्दन के दोनों तरफ रगड़ने से थाइराइड का जड़ से सफाया, ये है वैज्ञानिक दावा, जरूर पढ़े और शेयर करे। लाल प्याज से थाइराइड का चमत्कारिक उपचार रूस के एक प्रसिद्ध चिकित्सक का दावा है

थायराइड की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है। थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थाइराइड गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों तरफ होती है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है। थायराइड तितली के आकार की होती है। थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा रही है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस रोग में काफी दिक्कत होती है।

थायराइड को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण व्यक्ति को धीरे-धीरे पता चलते हैं और जब इस बीमारी का निदान होता है तब तक देर हो चुकी होती है। इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से इसकी शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर चिकित्सक एंटी बॉडी टेस्ट नहीं करते हैं जिससे ऑटो-इम्युनिटी दिखाई देती है।

आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में ये समस्या आम सी हो गयी हैं, और अलोपथी में इसका कोई इलाज भी नहीं हैं, बस जीवन भर दवाई लेते रहो, और आराम कोई नहीं।

जुकाम होना : थाइराइड होने पर आदमी को जुकाम होने लगता है। यह नार्मल जुकाम से अलग होता है और ठीक नहीं होता है।

डिप्रेशन : थाइराइड की समस्या होने पर आदमी हमेशा डिप्रेशन में रहने लगता है। उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है, दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है। याद्दाश्त भी  कमजोर हो जाती है।

बाल झड़ना : थाइराइड होने पर आदमी के बाल झड़ने लगते हैं तथा गंजापन होने लगता है। साथ ही साथ उसके भौहों के बाल भी झड़ने लगते है।

थायराइड आखिर क्यो होता है क्या कारण हो सकते है।

जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है।

यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह थायराइड का सबसे अहम कारण है।
कई बार कुछ दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव भी थायराइड की वजह होते हैं।

ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है। ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20 और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।
थायराइड की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती।

थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा) है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है।

भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या पैदा करता है।

इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है।

सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स, लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए विकिरण उपचार के कारण।
रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह बनती है।

थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था, जिसमें प्रसवोत्तर अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है।

थाइराइड का सरल और कारगर उपचार :
सेंट पीटर्सबर्ग, रूस से एक प्रसिद्ध चिकित्सक ने थायराइड ग्रंथि के विकारों का इलाज खोजने का दावा किया है इस अविश्वसनीय उपाए में सिर्फ एक घरेलु औषधि का उपयोग होता है और वो है लाल प्याज।
प्याज के गुणों के बारे में हम सब जानते हैं इसमें बहुत सारे anti-bacterial, anti-fungal, anti-inflammatory, and cancer fighting गुण होते हैं इस में विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो हमारे शारीर को पोषण देते हैं और बिमारियों से बचाते हैं।

Wednesday, August 30, 2017

क्या आप जानते हैं Ketogenic डाइट के बारे में ?? वज़न घटाने का ये डाइट प्लान हैं बिल्कुल हट के और बेहद असरदार

समाज में मोटापे को अनाकर्षक माना जाता है, इसलिए हर कोई अच्छी डाइट लेकर वज़न घटाना चाहता है. इसी काम के लिए आजकल केटोजेनिक डाइट चलन में है, जो साधारण डाइट से काफ़ी अलग होती है।


क्या है KETOSIS?

केटोजेनिक डाइट में ज़्यादा Fat और कम Carbs होते हैं. इसमें पोषक तत्वों का अनुपात कुछ इस तरह होता है, 70 से 80 प्रतिशत Healthy Fats, 10 to 20 प्रतिशत प्रोटीन और 5 प्रतिशत Carbohydrates. जब शरीर में Glucose या प्रोटीन कम होते हैं और Fat ज़्यादा, तब Ketosis की प्रक्रिया शुरू होती है.

इस प्रक्रिया में Fat से एनर्जी बनने लगती है. शरीर में Ketones बनने से इंसान खाना कम खता है पर शरीर से प्रोटीन कम नहीं होता. Ketones से शरीर को एनर्जी मिलती रहती है और इंसान को भूख भी नहीं लगती.

केटोजेनिक डाइट कैसे अलग है साधारण Weight Loss डाइट से?

ये बाकी डाइट्स से ज़्यादा असरदार होती है. ये भूख लगाने वाले हार्मोन 'Ghrelin' पर काम करती है. जब भी हम खाना खाते हैं, इस हार्मोन की मात्र शरीर में कम हो जाती है. साधारण डाइट में ये हार्मोन उसी मात्रा में बनता रहता है और इंसान को भूख लगने लगती है, जबकि कीटोनिक डाइट में ऐसा नहीं होता. इस डाइट के ज़रिये एक आदमी 450 kcals और एक औरत 150 kcals अतिरिक्त कैलोरी हर दिन घटा सकती है.

शुरू में इसे अपनाने में परेशानी ज़रूर होती है, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो जाता है. आजकल लोगों की खाने-पीने की आदतें ऐसी हैं कि ज़्यादातर लोगों को आसानी से मोटापा चढ़ जाता है.

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल, मेवे, मछली जैसी चीज़ों को डाइट में शामिल कर के और Sugar व Carbs को अलविदा कह कर, आप ख़ुद को फ़िट रख सकते हैं

अधिक जानकारी के लिए एक महीने का डाइट प्लान नीचे इंग्लिश में दिया गया है।

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30 Day Ketogenic Diet Plan

Hey guys! So I know you’re all looking for something that’s easy to follow and I set out to make something that’s exactly that. A full one month meal plan of the ketogenic diet, the breakdown, the overview, and of course – the meals. Included are all recipes, all breakdowns of final macros, and the daily breakdown of what you should be eating.

Tips Before Starting

Some people don’t believe in counting calories on a ketogenic diet, but I am one of the few that does.

For most normal people, the amounts of fats and protein will be enough to naturally keep you satiated and naturally keep you in a calorie deficit. Though, the average American is not always normal. There’s tons of hormone, endocrine, and deficiency problems that we need to take into account.

That said, it doesn’t always allow you to lose weight when you are consuming more than your own body is expending.

“Macros” is a shortened version of macronutrients. These are the “big 3” – fats, proteins, and carbs. You can use a calculator to find out how much or how little of each you need in order to attain your goals.

A lot of people take their macros as a “set in stone” type of thing. You shouldn’t worry about hitting the mark every single day to the dot. If you’re a few calories over some days, a few calories under on others – it’s fine. Everything will even itself out in the end. It’s all about a long term plan that can work for you, and not the other way around.

I wanted to put it out there that I made this meal plan specifically with women in mind. I took an average of about 150 women and what their macros were. The end result was 1600 calories – broken down into 136g of fat, 74g of protein, and 20g net carbs a day. This is all built around a sedentary lifestyle, like most of us live. If you need to increase or decrease calories, you will need to do that on your own terms.

To increase calories, it’s quite easy – increase the amounts of fat you eat. Olive oil, coconut oil, macadamia nuts, and butter are great ways to increase fats without getting too much of the other stuff in the way. Drizzle it on salads, slather it on vegetables, snack on it, do what you need to do to make it work in your favor!

To decrease calories, you will have to think about what you need. Most likely, you will need less protein as well. So, keep in mind the portions of sizes of meals. Decrease them as you need to, or see fit.

Last, but certainly not least, is sticking to the diet! Ketosis is a process that happens in your body. You can’t just have “that one” cheat meal. If you do, it can hamper progress for up to a week before your body is back in ketosis and normally functioning again.

You want to keep your cheats to none. Be prepared, make sure you’re eating what you need to be satiated (“full”), and make sure you’re satisfied with what you’re eating. If you have to force yourself to eat something, it will never work out in the end. This is just a guideline on how you can eat on a ketogenic diet, so you’re very welcome to change up what kind of foods you eat!

Meal Plan Introduction

I tried to scale the recipes as best as I could in this meal plan, but not every recipe will be scaled, and some recipes will give leftovers. Make sure you look a few days ahead in the meal plan, as some leftovers are used. Freeze things if you have too much leftovers. You can always re-use this food later on!

Some of the food, for example the Not Your Caveman’s Chili, is used in the first week and then again in the last week. You could use the same batch you cook in the first, which not only saves you energy and time, but also saves money. Just freeze it and bring it out to defrost as needed.

I initially intended to keep the net carb count around 20 a day, but it ended up working out even better than that. The 28 day average for the net carbs is 11.2g Net Carbs per day. The total carbs, on average, is 19.6g per day. Even if you’re not counting net carbs, this would be a great way to quickly get yourself into ketosis.

Although I wanted to get as close to the macros as I could, I was off by a little bit. The 28 day average across all days comes out to 1597 Calories – broken down into 136g Fats, 19.6g Carbs, 8.4g Fiber, 11.2g Net Carbs, and 74.9g Protein.

I get many questions about intermittent fasting, the health benefits, the weight loss benefits, and the like. People normally use intermittent fasting for both the energy and mental clarity it can offer. But it’s not just good for that. It can offer breakthroughs of plateaus and even benefits in nutrient uptake in exercise. We go more in depth to intermittent fasting in Week 3 and 4, so keep your eyes peeled!

Now, Week 1’s shopping list is going to be long. I have to make the assumption you have nothing in your house. Many of the items are common items that most people will have already. These are all staples in my everyday cooking for keto, and should be considered an investment for your health. Once you have all of the items from week 1, there won’t be too much else to buy.

As you move on to Week 2 and beyond, take a look ahead. Some of the items you bought in Week 1 will need to be restocked. Whether it’s beef, chicken, or some kind of vegetables. In fact, you’ll be going through a lot of spinach on this meal plan – so make sure you keep your pantry restocked!

The last thing I suggest doing is buying the speciality items prior to needing them. Normally some of these items you can only find online, and by the time you need them, you’ll actually have them. There are no speciality items used in Week 1 for that reason. Make sure you order what you need and have it by the time you need it.

Here are some of the order links for the products that I use regularly (and in the meal plan). If you would be so kind to order from these links, I earn a small commission for each sale that happens. I’d really appreciate any support you could offer!

Almond Flour ( Buy on Amazon )

Milled Flaxseed Meal ( Buy on Amazon )

Coconut Flour ( Buy on Amazon )

ErythritolBuy on Amazon )

Liquid Stevia ( Buy on Amazon )

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Since this is my full-time job, donations really help me keep afloat and allow me to post as much to the website as I do. I really appreciate any donation you want to give, but you can change the price yourself. I’ve added in $15 as the suggested price. I think that’s a very fair price considering other websites are charging in the hundreds of dollars, and I’ve seen what they are like on the inside.

I have put a lot of work into this and revised it many times, but if you want it for $20, $0 or $15, feel free to put whatever you want in the amount! You can always download it for free and if you agree that the quality is worth paying for, come back and give a small donation to help me keep doing what I’m doing.

* You will receive the PDF  digital files.

Week 1 & What to Expect

Our main goal here is to stay pretty simple at first. In my eyes, simplicity is key for someone that is just starting out on a low carb diet. You don’t want it to be a difficult transition (kitchen-wise), because it will be hard to just get rid of your cravings.

Leftovers will be another thing we will take into consideration. Not only is it easier on you, but why put yourself through the hassle to cook the same food more than once? Breakfast is something I normally do leftover style, where I don’t have to worry about it in the morning and I certainly don’t have to stress about it. Grab some food out the fridge, pre-made for me, and head out the door. It doesn’t get much easier than that, does it?

The first signs of ketosis are known as the “keto flu” where headaches, brain fogginess, fatigue, and the like can really rile your body up. Make sure that you’re drinking plenty of waterand eating plenty of salt. The ketogenic diet is a natural diuretic and you’ll be peeing more than normal. Take into account that you’re peeing out electrolytes, and you can guess that you’ll be having a thumping headache in no time. Keeping your salt intake and water intake high enough is very important, allowing your body to re-hydrate and re-supply your electrolytes. Doing this will help with the headaches, if not get rid of them completely.

If you need to, drink water with a sprinkling of salt in it. Just keep drinking water (I recommend 4 liters a day), and keep eating salt. It will help, trust me. If you’re worried about high blood pressure and salt, don’t be! Recent studies show that the sodium intake and blood pressure are not as correlated as we so once believed.

Breakfast.

For breakfast, you want to do something that’s quick, easy, tasty, and of course – gives you leftovers. I suggest starting day 1 on a weekend. This way, you can make something that will last you for the entire week. The first week is all about simplicity. Nobody wants to be making breakfast before work, and we’re not going to be doing that either!

Lunch.

We’re also going to keep it simple here. Most of the time, it’ll be salad and meat, slathered in high fat dressings and calling it a day. We don’t want to get too rowdy here. You can use leftover meat from previous nights or use easy accessible canned chicken/fish. If you do use canned meats, try to read the labels and get the one that uses the least (or no) additives!

Dinner.

Dinner will be a combination of leafy greens (normally broccoli and spinach) with some meat. Again, we’ll be going high on the fat and moderate on the protein.

P.S. No dessert for the first 2 weeks.

Week 2 & What to Expect

Wow, week 1 is over. I hope you’re still doing well on the diet and have found it pretty easy breezy to keep on track with everything!

This week we’re going to be keeping it simple for breakfast again. We’re going to introduce ketoproof coffee. It’s a mixture of coconut oil, butter, and heavy cream in your coffee. If this repulses you – and I know some of you are saying “WHAT?” – just put some trust in me!

This concoction is not as strange as it sounds. Butter, after all, is made out of cream. So when you blend the oil, butter, and cream together it just adds a decadent richness to your coffee that I am quite sure you’ll really like!

Breakfast.

For breakfast, we are going to change it up a bit. Here’s where we introduce ketoproof coffee. Now, don’t get me wrong – I know some of you won’t like it. If you’re not a fan of coffee, then try it with tea. If you’re not a fan of the taste (which is very rare), then try making a mixture of the ingredients by themselves and eating it like that. So, why ketoproof coffee?

Fat Loss. Plain and simple, the consumption of medium-chain triglycerides (MCT) has been shown to lead to greater losses in adipose tissue (fat tissue), in both animals and humans.Fats! Do I even need to explain this one? Eating fat has been shown to lead to greater amounts of energy, more efficient energy usage, and more effective weight loss. Not to mention, it’s the main component of this diet.More Energy. Studies have shown that the rapid rate of oxidation in MCFAs (Medium Chain Fatty Acids) leads to an increase in energy expenditure. Primarily, MCFAs are converted into ketones (our best friends), are absorbed differently in the body compared to regular oils, and give us more overall energy.

Feel free to add sweetener and spices to this if you’re not the biggest fan of the taste. Cinnamon, stevia, vanilla extract. Whatever you’d like to make it great tasting. You can even switch up the taste each and every day so you don’t get bored!

If this is your first time drinking ketoproof coffee, I suggest taking 1-2 hours or so to drink it down. Normally when people have a large exposure to coconut oil and they’re not used to it, it can make them go to the bathroom quite often. Make sure you build a tolerance to coconut oil before drinking it within a 20 minute time frame.

Lunch.

We’re still keeping simple here. We can incorporate more meat from the previous night of cooking into each lunch we do. Green vegetables and high fat dressings (or vinaigrettes) are key. Making sure to balance out the fats with the amounts of protein is very important.

Dinner.

Dinner, again, will be pretty simplistic. Meats, vegetables, high fat dressings are the center of our life. Maybe even a slathering of butter on our vegetables since we’re getting friskier. Don’t over think things in the first 2 weeks; simple is success.

P.S. No dessert for this week either, but we’ll be delving into that next week!

Week 3 & What to Expect

This week we’re introducing a slight fast. We’re going to get full on fats in the morning and fast all the way until dinner time. Not only are there a myriad of health benefits to this, it’s also easier on our eating schedule (and cooking schedule). I suggest eating (rather, drinking) your breakfast at 7am and then eating dinner at 7pm. Keeping 12 hours between your 2 meals. This will help put your body into a fasted state.

In a fasting state, our bodies can break down extra fat that’s stored for the energy it needs. When we’re in ketosis, our body already mimics a fasting state, being that we have little to no glucose in our bloodstream, so we use the fats in our bodies as energy.

Intermittent fasting is using the same reasoning – instead of using the fats we are eating to gain energy, we are using our stored fat. That being said, you might think it’s great – you can just fast and lose more weight. You have to take into account that later on, you will need to eat extra fat in order to keep out of a starvation mode state.

There are a number of benefits shown that come from intermittent fasting. Some of these include blood lipid levels, longevity, and the much needed mental clarity.

If you find that you can’t do a fast, then no big deal. Go back to week 1 and experiment as you see fit. You can eat what you want as long as it fits into your macros.

This is where things start to get more fun – less to worry about, more deliciousness to cook!

Breakfast.

We’re going full on fats with breakfast, just like we did last week. This time we’ll double the amount of ketoproof coffee (or tea) we drink, meaning we double the amount of coconut oil, butter, and heavy cream. It should come to quite a lot of calories, and should definitely keep us full all the way to dinner. Remember to continue drinking water like a fiend to make sure you’re staying hydrated.

Lunch.

No lunch, oh no! Don’t worry – the fats from the morning should keep you feeling energized and full all the way through lunch. Normally people start hitting a wall at first at around 2pm, so make sure you have plenty of water to drink, drink, and drink.

Dinner.

Well, dinner is staying the same. Meats, vegetables, and fats are almost always going to be the dinnertime norm. But don’t worry – we’ll mix in some bread-y type things!

And guess what, we get to eat dessert this week! Woo! We’ll be creating some low carb and great tasting treats that will reward you ever so much for doing the fasting. Sweets, treats, and losing weight – lucky us, right?

Week 4 & What to Expect

This week we’re getting stricter with our fasting. We had a full week of intermittent fasting and now we’re going to skip breakfast and lunch. Water is our BEST friend here! Don’t forget that you can drink coffee, tea, flavored water, and the like to get your liquids in. Keep drinking to make sure you’re not thinking about your stomach. It MIGHT start growling, just ignore it – your body will adjust with time.

Now, if you’re the kind of person that can’t fast then you can go back and follow week 2 again. That’s no big deal. Though fasting does take some time for the body to get used to, so I suggest putting your best efforts into it. Not only are the health benefits fantastic, the self-control that you gain from doing so is really a great thing.

This is by far my favorite week because it most closely resembles how I eat on a daily basis. I normally set a window of 6 hours for myself to eat in. From waking up until 5pm, I fast. After that, I am open to eating until 11pm. This is where the real fun begins. Eating copious amounts of food and being full all the way through the next day.

You get to start experimenting more with dessert and dinner. You get to snack as you please inside your window and best of all – you get to eat that protein laden chicken that you’ve been missing so much of!

Breakfast.

We’re fasting! Black coffee if you’re a caffeine addict like me. Tea, if you are not into the coffee so much. Tea can add great health benefits like coffee also. Some of the great benefits of green tea are:

Polyphenols – These function as antioxidants in your body. The most powerful antioxidant in green tea is Epigallocatechin gallate (EGCG), which has shown to be effective against fatigue.Improved Brain Function – Not only does green tea contain caffeine, it also contains L-theanine, which is an amino acid. L-theanine increases your GABA activity, which improves anxiety, dopamine, and alpha waves.Increased Metabolic Rate – Green tea has been shown to improve your metabolic rate. In combination with the caffeine, this can lead up to 15% increased fat oxidization.

Lunch.

Water, water, and then some more water. You don’t get to eat lunch and you don’t get to eat breakfast. So make sure you keep yourself VERY hydrated. It’s imperative here that you do a good job with your hydration. Remember – I recommend 4 liters a day.

Dinner.

Lots and lots of food with dessert to cover the bases! Dinner is a fantastic time for me. I suggest breaking your fast with a small snack, then after 30-45 minutes eat to your hearts content. Normally I need 2 meals to get to my macros, and I think you’ll need to do the same.

Week 5

This is where we have to depart! Sorry to say but you’re on your own. You should have plenty of leftovers that are frozen, ready, and waiting! I know a lot of you out there have trouble with timing and are busy people – so making sure that some nights you make extras to freeze is important. All those leftovers you have in the freezer? Use them up! Create your own meal plan, at first using this as a guide, and then completely doing it yourself. Once you get the hang of it, it’ll be a sinch – I promise you 🙂

Create Your Own Keto Diet Plan!

You can use my plan as a guideline to help you create something that fits into your life and schedule. Keep in mind that hitting your daily macros is the most important thing when it comes to dieting.

Keep in mind that should usually never go above a 15% calorie deficit (to lose weight) or surplus (to gain muscle).

सभी प्रकार के दर्द को ठीक कर सकता है एल्यूमिनियम फॉयल

दर्द को दूर किया जा सकता है। एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण से भरपूर है। फॉयल जुकाम में भी मदद करता है। फॉयल में चिकित्‍सिय गुण होते हैं।

एल्‍यूमिनियम फॉयल का इस्‍तेमाल अक्‍सर खाने को पैक करने के लिए करते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि नियमित रूप से एल्‍यूमिनियम फॉयल का इस्‍तेमाल खाने को रैप करने के अलावा कुछ स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के उपचार के लिए किया जा सकता है। जी हां यह बात एक नये शोध से सामने आई है कि एल्‍यूमिनियम फॉयल के इस्‍तेमाल से शरीर के किसी भी अंग में होने वाले दर्द को दूर किया जा सकता है। आइए इसके बारे में हम विस्‍तार से बताते हैं।दर्द के लिए एल्यूमिनियम फॉयल

अगर आपके गर्दन, पीठ, कंधे, घुटने या पैरों में दर्द है, तो दर्द वाले हिस्‍से में एल्‍यूमिनियम फॉयल का इस्‍तेमाल करें। आप देखेंगे कि समय की एक निश्चित अवधि के बाद आपका दर्द गायब हो जाएगा। एल्‍यूमिनियम फॉयल में चिकित्‍सिय गुण होते हैं और अक्‍सर चीनी और रूसी चिकित्‍सकों द्वारा इसका इस्‍तेमाल किया जाता है।

एल्‍यूमिनियम फॉयल से कैसे करें उपचार?

एल्‍यूमिनियम फॉयल का एक टुकड़ा लेकर, दर्द वाले जगह लगाकर उसपर बैंडेज बांध दें। एल्यूमिनियम फॉयल गर्दन, पीठ, हाथ, पैर, जोड़ों और इसी तरह के दर्द के इलाज के लिए उत्कृष्ट होता है। इसके अलावा यह गठिया और निशान के इलाज के लिए भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है।


एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण से भरपूर

एल्‍यूमिनियम फॉयल में बहुत अधिक मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। गाउट का इलाज करते समय फॉयल के टुकड़े को निशान पर लगाना या अंगूठे पर लपेटकर बैंडेज बांधना जरूरी होता है। चीनी चिकित्‍सकों का विश्‍वास है कि यह इलाज कम से कम 10 से 12 घंटे के लिए किया जाना चाहिए। शरीर के दर्दनाक हिस्‍से पर एल्‍यूमिनियम फॉयल लगाकर रात भर के लिए छोड़ देना चाहिए। फिर 1 से 2 सप्‍ताह का ब्रेक लेने के बाद यदि आवश्‍यक हो तो इलाज को दोहराना चाहिए।

एल्यूमिनियम फॉयल जुकाम में भी मदद करता है

जुकाम होने पर भी आप एल्‍यूमिनियम फॉयल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 5-7 परतों में फॉयल को अपने पैर पर लपेटें और प्रत्‍येक परत के बीच कागज और पतला सा कपड़ा लगाये। इसे कुछ घंटों के लिए ऐसे ही रहने दें। दो घंटे के बाद इसे निकाल कर रीसेट करें। फिर से कुछ देर के लिए इसे ऐसे ही रहने दें। उपचार को तीन बार दोहराया जाना चाहिए।

Tuesday, August 29, 2017

कई कारण हैं क्यूं आपको अपने बाएं करवट ही सोना चाहिए।

आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में हमारा पूरा दिन काम करते हुए गुजर जाता है, इस पूरे दिन में हमारे खान-पान बैठने उठने के तरीके का हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। सारा दिन काम करने के बाद हम कैसी नींद लेते हैं, वो आरामदायक है या नही, हम किस दिशा में सोते हैं इन सबका भी हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सोते समय हमें किस बात का ध्यान रखना चाहिये जिससे हम स्वस्थ रह सकें।

बांयी करवट सोना

सोते समय हमें बांयी करवट लेकर सोना चाहिये बांयी करवट लेकर सोना हमारे स्वास्थ्य के लिये अच्छा होता है।

एक ही करवट सोना

पूरी रात एक ही करवट लेकर सोना किसी के लिये भी संभव नही है। नींद में हम बार-बार करवट बदलते हैं। दरअसल सोते समय हमें जिस पोजिशन में आराम मिलता है हम सो जाते हैं।

बांयी करवट सोने के फायदे

बांयी करवट सोना स्वास्थ्य की दृष्टिï से बहुत उत्तम होता है। इससे पेट की कई समस्याओं जैसे

जैसे पेट के फूलने की परेशानी, पेट में गैस होने की परेशानी या फिर एसिडिटी बनने की परेशानी, आदि में आराम मिलता है।

डॉक्टरों के अनुसार

बांयी ओर करवट लेकर सोने से शरीर में जमा होने वाले टॉक्सिन धीरे-धीरे लसिका तंत्र द्वारा निकल जाते हैं। दरअसल बांयी ओर सोने से हमारे लीवर पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं पड़ता, इसलिए यह टॉक्सिन शरीर से बाह निकलने में सफल हो जाते हैं।

इससे हमारे पाचन तंत्र को आराम मिलता है। सोने से पेट और अग्न्याशय खाना पचाने का कार्यआराम से करने लगते हैं। अग्न्याशय से एंजाइम सही समय पर निकलना शुरू होता है। खाया गया भोजन भी आराम से पेट के जरिए नीचे पहुंचता है और आराम से खाना हजम हो जाता है। यदि किसी का हाजमा गड़बड़ रहता है और बदहजमी की शिकायत रहती है, तो उन्हें बायीं ओर करवट लेकर ही सोना चाहिए। आप स्वयं इससे मिलने वाले फायदे का अनुभव कर सकेंगे।

पाचन तंत्र

अगला फायदा अपने आप ही दूसरा फायदा मिलने के बाद मिल जाता है। जब पाचन तंत्र मजबूत हो जाएगा, तो अपने आप ही सुबह पेट आसानी से साफ हो जाएगा। बाएं ओर सोने की वजह से ग्रेविटी, भोजन को छोटी आंत से बड़ी आंत तक आराम से पहुंचाने में मदद करती है। इस वजह से सुबह के समय आपका पेट आराम से साफ होगा।

लीवर

बाएं ओर सोने से हमारे लीवर और किडनी दोनों को फायदा मिलता है। बाएं ओर करवट लेकर सोने से लीवर और किडनी पर कोई दबाव नहीं पड़ता, इससे पेट का एसिड ऊपर की जगह नीचे की ओर जाता है, जिससे एसिडिटी और सीने की जलन नहीं होती।

खाना पचाने में दिक्कत

यदि किसी को खाना पचाने में दिक्कत होती हो या फिर पेट में निरंतर एसिड बनने की परेशानी हो तो उन्हें रात में बाएं ओर करवट लेकर ही सोना चाहिए। इससे उन्हें आराम मिलेगा।

दिल को फायदा

बाएं ओर करवट लेकर सोने से मिलने वाले फायदों में अभी तक हमने पेट संबंधी फायदे ही बताए थे। लेकिन इस पोजीशन में सोने का एक फायदा हमारे दिल को भी मिलता है। बाएं करवट सोने से दिल पर जोर कम पड़ता है क्योंकि उस समय दिल तक खून की सप्लाई काफी अच्छी मात्रा में हो रही होती है।

खर्राटे का इलाज़ - खर्राटा, काफी ज्यादा थकान या किसी शारीरिक बीमारी का लक्षण है. इस से आप खुद तो प्रभावित होते ही हैं आपके आस-पास के लोग भी इसका शिकार हो जाते हैं. ऐसे में अगर बायाँ करवट सोना इसे दूर कर सकता है तो बस फिर देर किस बात की. चैन से सोइए और बिना शर्म के जागिये!

पाचन क्रिया की बेहतरी - बायाँ करवट सोने से ग्रुत्वाकर्षण की वजह से भोजन आसानी से छोटी अंत से बड़ी अंत में चला जाता है. अगर सोने की करवट से पाचन क्रिया अच्छी होती है तो आज के दौर में हर आदमी इसे जरूर आजमाएगा.

ह्रदय के लिए राहत - अगर आप बाएं करवट सोते हैं तो आपकी लसिका यानी की लिम्फ सहजता से खून का सञ्चालन करती है, जी से की ह्रदय पर जोर कम पड़ता है. इसका वजह भी ग्रुत्वाकर्षण है।


स्प्लीन यानी तिल्ली को राहत - बाएं करवट सोने से हमारे शरीर का बेहद अहम् अंग तिल्ली के लिए भी ग्रुत्वाकर्षण की वजह से काम करना ज्यादा सहज हो जाता है.

लसीका तंत्र के लिए राहत - हमारे शरीर का ज्यादातर लसिका तंत्र बाएं हिस्से में होता है. जब हम बाएं करवट सोते हैं तो कांख, गर्दन के हिस्सों में जो लसिका है उसके लिए काम करना ज्यादा आसन हो जाता है. इस से शरीर द्वारा पैदा किया गया प्रदूषित द्रव्य आसानी से बाहर निकलने में मदद मिलती है.

गर्भावस्था के लिए लाभदायक - गर्भवती महिलाओं को भी बायीं करवट लेकर ही सोना चाहिये इससे रक्त का प्रवाह सही रहता है, जो गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ के लिए भी उत्तम है। इसके अलावा आपके गुर्दों को काम करने में भी मदद मिलती है। इससे हाथ-पैरों की सूजन भी कम होती है। इस से माँ तथा बच्चे दोनों को लाभ पहुँचता है।

चमत्कारी​ आयुर्वेदिक नुस्खा: यह महिला गुरुवार को 72 किग्रा थी, और शनिवार तक 67 किलोग्राम तक जा चुकी थी।

अजमोद (Parsley) आमतौर पर हमारे व्यंजन के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य-वृद्धि करने वाली जड़ी बूटी उस से अधिक प्रदान करती है। एक बात के लिए, यह एक शक्तिशाली मूत्रवर्धक है जो प्रभावी रूप से मूत्र पथ के संक्रमण और अन्य किडनी से संबंधित स्वास्थ्य का इलाज करता है


अजमोद (Parsley) फायदेमंद भी है क्योंकि यह पानी के प्रतिधारण को रोकता है।

हम यहाँ सुझाए अजमोद चाय बाल्कन के पार व्यापक रूप से लोकप्रिय हैं। इस अद्भुत नुस्खा पर न भूलें जो आपके यूटी समारोह को न केवल बढ़ावा देगा, बल्कि आपके शरीर में अतिरिक्त पानी से छुटकारा पाने में भी मदद करेगा। तैयारी की पद्धति बहुत सरल है

सामग्री :

5 कटा हुआ अजमोद (Parsley)

1 लीटर पानी

दिशा निर्देश:

एक लीटर गर्म पानी में कटा हुआ अजमोद (Parsley) डालकर अच्छे से उबाल लें। गर्म मिश्रण को ठंडा होने दें । सामग्री को अच्छी तरह से मिश्रण करने के लिए 20 मिनट के लिए छोड़ दें। जब पीने लायक हो जाए तो छानकर पी लो!

एक मजबूत मूत्रवर्धक होने के कारण, अजमोद (Parsley) आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों, बैक्टीरिया और हानिकारक पदार्थ को हटाने में मदद करता है। यह भी एक महान एंटीऑक्सीडेंट है जो  free redicals के प्रभावों को बेअसर करता है, इस प्रकार कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करता है।
अजमोद चाय की सिफारिश की दैनिक खुराक एक लीटर है। हालांकि यह नुस्खा बेहद फायदेमंद है, इसके साथ बोर्ड पर मत जाओ।

अजमोद (Parsley) आमतौर पर उपलब्ध हों जाता हैं। यह अजवाइन के पत्ते होते हैं। अजमोद (Parsley) नहीं होने पर आप धनिए के पत्ते भी प्रयोग कर सकते हैं।



Monday, August 28, 2017

हैल्थ टिप्स: शेयर जरूर करें।

घरेलू उपाय: बढ़ती उम्र में जवान रखने की आयुर्वेदिक दवाई

लोग जवान बने रहने के लिए कई तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। लेकिन कॉस्मेटिक्स त्वचा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं जिसके कारण समय से पहले ही अधिक उम्र दिखाई देने लगती है दरअसल उम्र पर असली असर खान-पान का पड़ता है कास्मेटिक्स का नहीं। इसीलिए हमेशा जवान बने रहने के लिए जवानी को फिर पाने के लिए या हमेशा जवान बने रहने के लिए आयुर्वेद में अनेक जड़ीबूटियों के नाम हैं जिनसे बुढ़ापा दूर रहता है।


- ऐन्द्री, ब्राह्मी, आरकाकोली, क्षारपुष्पी, मण्डी, महामुण्डी, शतावरी, विदारीकंद, जीवन्ती, पुनर्नवा, नागबला, शालपर्णी, वचा, छत्रा अतिछत्रा, मेदा, महामेदा और जीवनीय द्रव्यों को दूध के साथ छ: महीने तक सेवन करने से उम्र लंबी होती है और बुढ़ापे के रोग शरीर से दूर रहते हैं। 
- वृद्धों को शक्ति वर्धक चीजें जैसे बादाम किशमिश, सेब, अमरूद, केला, टमाटर लौंग, मुनक्का, आवंला, संतरा, छुआरे, खजूर, अंजीर, अखरोट, घी, दूध, आदि का यथासंभव सेवन करना चाहिए। 
-  ऐसा आहार करना चाहिए जो मीठा व रस युक्त हो। सुबह दूध, दिन के खाने में दाल, चौकर युक्त रोटी, गाय के दूध से लें। रात में गाय के दूध का सेवन करें। 
- सुबह खाली पेट हरड़ खाएं। शाम को दूध जरुर पीएं। रोजाना हरड़ लेते रहने से आंवले का प्रयोग करते रहने से, दूध घी लेते रहने से, आंवले
का प्रयोग करते रहने से भी बुढ़ापा सताएगा नहीं और यौवन हमेशा बना रहेगा।
- रोजाना त्रिफला का सेवन मौसम अनुसार आयुर्वेदिक विधि से करें।
- भृंगराजचूर्ण 1 भाग, आमल की चूर्ण आधा भाग, तिल आधा भाग, इन तीनों को मिलाकर इनमें गुड़ मिलाकर इसका सेवन 10 से 12 ग्राम मात्रा में करें। इस आयुर्वेदिक योग का सेवन बूढ़े को भी जवान बना देगा।

क्या कहता हैं आपका सिरदर्द ?? आपकी सेहत का हाल।

बात यह है कि कैसे सिरदर्द प्रकट होता है और आपके स्वास्थ्य के साथ क्या​ गलत है और समस्या को स्वाभाविक रूप से ठीक करने के लिए क्या करें।


सभी ने सिर दर्द का अनुभव किया है पीड़ा को कम करने के लिए सबसे ज्यादा जाने-माने तकनीक, बहुत पानी पीना है। हो सकता है कि ऐसा हो कि फायदा मिलें परन्तु​ ये​ हमेशा प्रभावी नहीं लगता है यह आधार पर सिर के अधिकांश भाग के लिए है आप ​जानते हैं ​की सिरदर्द के कुछ प्रकार होते हैं, जिसके लिए सामान्य इलाज से कोई फर्क नहीं पड़ता।

1.साइनस (Cinus) सिरदर्द

साइनस सूजन सिर दर्द का कारण बनती है आप अपने गाल, आंखों और कपाल पर वजन महसूस कर सकते हैं। एक साइनस सिरदर्द इसी तरह बुखार द्वारा वर्णित है।

उपचार: बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से बेहतर गर्म पानी बहुत मूल्यवान है क्योंकि यह जलन को कम करता है और साइनस को खोलता है। इसके अलावा, आपको विटामिन C में समृद्ध फल निरंतर खायें, क्योंकि विटामिन Cell रीनिफोर्समेंट में सहायता कर संदूषणों से लड़ने में शरीर को मदद करता है।

2. तनाव (Tension) सिरदर्द

इस प्रकार के सिरदर्द के साथ, आपको अपने सिर के आसपास पीड़ा या वजन, विशेष रूप से सिर के पीछे, या क कपालो पर महसूस होगा। आपको उल्टी भी महसूस हो सकती हैं।

उपचार: अदरक की चाय और पेपरमिंट ऑयल का मिश्रण पीने से आपको पीड़ा को कम करने में मदद मिलेगी। सिर और सिर की मांसपेशियों को खोलने की उम्मीद के साथ शीतलन सनसनी लाने के लिए हेयरलाइन में कुछ पेपरमिंट ऑयल लागू करें। इसके अलावा, अदरक की चाय से जलन कम हो जाएगी।

3. क्लस्टर( Cluster) सिरदर्द

इस प्रकार की सिरदर्द महिलाओं में अधिकतर होता है और एक आंख से अधिक दिखाई देता है जिसके परिणामस्वरूप आपके सिर के एक तरफ एक तीव्र यातना होती है। यह नियमित रूप से बहते नाक, नाक अवरोध या आंख से पानी के लक्षण दर्शाता हैं हालांकि इसका कारण स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है, मस्तिष्क के आधार पर एक विशिष्ट तंत्रिका पथ सक्रिय हो जाने पर यह अक्सर होता है।

उपचार: आपकी नाक के लिए कुछ कैप्सैसिइन क्रीम लगाएं। यह पीड़ा तंत्रिका के संकेतों को रोकने में सहायता कर सकता हैं।

4. माइग्रेन ( Migraine​)

ये सिरदर्द किसी को भी प्रभावित कर सकता है, अधिकतर यह लगभग 25 और 55 की​ उम्र के आसपास के लोगों को होता हैं। माइग्रेन बहुत रहस्यमयी होते हैं क्योंकि वे कई अन्य विशिष्ट न्यूरोलॉजिकल अभिव्यक्तियां प्रदर्शित करते हैं। ये सिर के एक तरफ ही ज्यादा परेशान करते देखें गये हैं ​।

माइग्रेन के विभिन्न साइड इफेक्ट्स में बीमारी, चक्कर आना, स्पर्श, ध्वनि, दृश्य असंतोषजनक प्रभाव, और आपके चेहरे पर कम्पन या Deadness की क्षमता को प्रभावित करती है। ये अभिव्यक्तियां सामान्यतया सिर के ऊपर से नीचे की तरफ निकलती हैं

उपचार: अध्ययन ने यह दर्शाया है कि मैग्नीशियम, विटामिन बी 12 और ओमेगा -3 वसा, माइग्रेन को कम करने में शक्तिशाली हैं। इसके अलावा, एक हालिया रिपोर्ट में पता चला है कि एरोबिक व्यायाम करना इस दर्द को दूर रखने में बेहद सफल हो सकता है। इसलिए, एक सामान्य कसरत दवाओं स्थान लें सकती हैं। 

Sunday, August 27, 2017

आपके घर में ही छुपे हैं कैंसर के कारण, जानिए क्या-क्या ??

यदि आप समय-समय पर निगरानी रखने के लिए समय लेते हैं कि आप क्या खाते हैं और आप कितना व्यायाम करते हैं, तो यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि आप इन आदतों को अपने घर की देखभाल में नियमित रूप से बढ़ाने के लिए न भूलें। इसका कारण यह है कि आपके घर में अनगिनत चीजें कठोर रसायनों से दूषित होती हैं जो धीरे-धीरे आपके ऊतकों में जमा होती हैं और जहरीले अधिभार पैदा करती हैं। ये प्रोडक्ट्स संभावित रूप से कैंसर पैदा कर सकते हैं ।


यद्यपि केवल जैविक होममेड या पारंपरिक उत्पादों को खरीदने के लिए सबसे अच्छा है, यहां कुछ संभावित कैंसर उत्पाद हैं जिनका प्रयोग आपको जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें​ या बदल देना चाहिए।

1. शैम्पू:

सम्मानित अकादमिक और वैज्ञानिक डेविड सुज़ुकी की रिपोर्ट अनुसार 80% आम घरेलू उत्पाद में कम से कम 12 सबसे अधिक जहरीले रसायन जिसमें कार्सिनोजेन्स और अंतर्गैविक disruptors  जैसे parabens, सोडियम लौरीथ सल्फेट, formaldehyde releasing परिरक्षकों और पी-फेनिलैलेडायमिन (1) शामिल हैं

जब शैम्पू की बात आती है, तो parabens, खुशबू, रंग और कोकामाइड डायथेनोलमाइन सबसे खराब अवयवों में हैं। लेकिन ये रसायन सिर्फ शैम्पू में नहीं हैं: यह अनुमान लगाया गया है कि निजी देखभाल उत्पादों में उपयोग किए गए 82,000 से 8000 में से 1 में औद्योगिक रसायनों, जिनमें कार्सिनोजेन्स, कीटनाशक, प्रजनन विषाक्त पदार्थ, और हार्मोन डिस्प्टर्स शामिल हैं। यहां तक ​​कि कुछ "कार्बनिक" या "प्राकृतिक" शैम्पू ब्रांडों में कठोर रसायनों की भरमार है।

क्या करें
इसके बजाय सिर्फ अपनी खुद की होम मेड शैम्पू तैयार करें।

2. मोमबत्तियाँ:

हालांकि उन्हें "समर ब्रिज़" या "स्ट्रॉबेरी शॉर्टकट" जैसे नाम दिए जा सकते हैं, सुगंधित मोमबत्तियां प्राकृतिक से दूर हैं वास्तव में, अधिकांश मोमबत्तियों, यहां तक ​​कि अनसब्सक्राइव वाले  फ़ार्मल डाइहाइड, एक अविश्वसनीय रूप से हानिकारक रासायनिक होते हैं जो विषाक्त धुएं को दोषपूर्ण बनाते हैं।

आंखों, नाक, गले और त्वचा की जलन और श्वसन संकट, मितली और कैंसर (3,4,5) के रूप में फ़ार्मलाडेहाइड भी जाना जाता है

क्या करें
इसके बजाय अपने घर को उजागर करने के लिए कपास-बाती के साथ सभी प्राकृतिक मोम मोमबत्तियाँ का उपयोग करें

3. एयर फ्रेशनर:

एयर फ्रेशनर और इत्र में खुशबू होती है, जो एक विशेष गंध को बनाने के लिए 3,000 रसायनों का इस्तेमाल करती है। ये न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, खराब इम्युनिटी, ऑटोइम्यून विकार, जिल्द की सूजन, श्वसन संकट, अस्थमा, आंखों की जलन, कैंसर, एलर्जी, बांझपन, गर्भपात, और बहुत कुछ कर सकते हैं।

इससे भी बदतर, सामग्री को उत्पादों पर सूचीबद्ध करने की आवश्यकता नहीं है, जिसका अर्थ है कि आप वास्तव में कभी नहीं जानते हैं कि आप किन में साँस ले रहे हैं।

इसके बजाय 2 औस स्प्रे बोतल में पानी, एक चम्मच बादाम का तेल और अपने पसंदीदा जरूरी तेल की 20 बूंदों के साथ अपना खुद का कमरा स्प्रे करें।

4. शावर पर्दे

जब यह पर्दे स्नान करने की बात आती है, तो पीवीसी और vinyl कुछ वर्षों सेे लोकप्रिय हो गए हैं, लेकिन इस बात को झुठलाया​ नहीं जा सकता सबूत है जो दिखाती है कि इनमें से एक सामग्री सुरक्षित नहीं है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पीवीसी शॉवर पर्दे खतरनाक वायु प्रदूषण (6) के ईपीए की सूची में हैं, जिसमें 7 सहित, 108 वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों तक जारी कर सकते हैं।

हर बार जब आप बौछार करते हैं, तो आप इन यौगिकों में साँस लेते हैं। लंबे समय तक उजागर हुए जिगर, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, श्वसन प्रणाली, प्रजनन प्रणाली की क्षति से जुड़ा हुआ है और विकास संबंधी क्षति में योगदान दे सकता है।

क्या करें
इसके बजाय, कार्बनिक कपास या इस खस-खस के पर्दे खरीदें और मोल्ड को रोकने के लिए उन्हें अक्सर लोहे और लोहे का ढक लेना।

5. कला आपूर्तियाँ

शिल्प (क्राफ्ट) समय के दौरान आपके बच्चों द्वारा गोंद, पेंट और स्थायी मार्कर जैसी कला की आपूर्ति नहीं की जानी चाहिए वास्तव में, उत्पाद सिरदर्द, मितली, जलन, श्वास समस्याओं, फेफड़े और गुर्दे की क्षति के साथ-साथ कैंसर के कारण के लिए भी जाने जाते है।

यही कारण है कि इतने सारे शिल्प उत्पादों में चेतावनी वाले लेबल होते हैं जो चेतावनी देते हैं कि उत्पाद को साँस (मुंह के पास) या त्वचा पर नहीं रखा जाना चाहिए।

क्या करें:
इसके बजाय, उन उत्पादों पर AP या CP मार्क को देखें जो आप बच्चों को देते हैं, जो साबित करता है कि वे गैर विषैले हैं

बेहतर अभी तक, पानी और मसाले जैसे सरसों या हल्दी के साथ पानी की जगह, लकड़ी का कोयला के साथ मार्करों की जगह या आटा और पानी का उपयोग कर घर का बना गोंद बनाने के लिए।

6. कीटनाशक और कीटनाशक

ये उत्पाद सिर्फ बग्स को नहीं मारते, वे धीरे-धीरे अपने परिवार को भी जहर देते हैं! ये उत्पाद न्यूरोटॉक्सिन का उपयोग करके काम करते हैं, जैसे कि पिरेथोइड, जो कि मनुष्यों में पार्किंसंस की बीमारी का कारण बन सकता है। ये उत्पाद विशेष रूप से हानिकारक हैं, जो बच्चों को पर्यावरण के विषाक्त पदार्थों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और यहां तक ​​कि घरेलू पालतू जानवर की बीमारियों और मौत के कारण भी बन सकते हैं।

क्या करें
इसके बजाय, अपने स्वयं के जैविक कीटनाशकों को सामान्य रसोई सामग्री का उपयोग करें।

7. एंटीपीर्सिपार्टर्स (Deodorant)

अब तक, आपने शायद सुना है कि एंटी एंटीपर्सिफायर और डिओडोरेंट्स में अक्सर आपके बगल को सूखा रखने के लिए एल्यूमीनियम होते हैं इन उत्पादों के उपयोग को अल्जाइमर रोग और स्तन कैंसर की शुरुआत से जोड़ा गया है क्योंकि आपके शरीर से एल्यूमीनियम निकालना कठिन है और यें मस्तिष्क और स्तन के ऊतकों में जमा होता है। वास्तव में आप लंबे समय तक डियोड्रेंट प्रयोग करके खुद को बदतर बदबूदार​ बना रहे हैं।

क्या करें:
इसके बजाय, नारियल तेल का उपयोग करके अपने खुद का डियोड्रेंट बनायें और बदबू दूर करें।

Saturday, August 26, 2017

क्या आप जानते हैं कैंसर से जुड़े इन तथ्यों को ??

कर्क रोग या कैंसर दुनिया में फैली हुई एक ऐसी भयवाह बीमारी है जिससे लोग बहुत अधिक डरते हैं। आपको बता दूं की कैंसर के बारे में कुछ एक आध ऐसी बातें हैं जो हमे जानना बहुत जरुरी है ताकि हम अपनी और किसी और की भी मदद कर पाएं।


आज आपको ऐसी कुछ बातों के बारे में बताना चाहतें​ है।

क्या है कैंसर?

आमतौर पर कैंसर सेल या कैंसर की कोशिकाएं हम सभी के शरीर में होती हैं। हमारे शरीर में सभी कोशिकाएं निरंतर बनती और खत्म होती रहती हैं पर यूँ ही किसी कोशिका का अचानक तेज़ी से अनियंत्रित तौर पर बढ़ना और एक ट्यूमर में रूप में बन जाना ही कैंसर है। इसे कार्सिनोमा (carcinoma),नियोप्लास्म (neoplasm) और मेलेगनंसी (malignancy) भी कहते हैं।

100 प्रकार के कैंसर

लगभग 100 प्रकार के कैंसर होते हैं, और सभी के लक्षण अलग-अलग होते हैं। एक अंग में कैंसर होने पर ये दूसरे अंगो में भी फैलने लगता हैं लेकिन सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते। ऐसे में जानकारी ही बचाव है।

क्या होते हैं इसके लक्षण

• असामान्य गाँठ होना (tumour)

• रक्त-स्त्राव (bleeding) होना 

• वजन घटना(बिना कारण के)

• भूख कम लगना 

• थकान होना 

• रात को बहुत पसीना आना 

• खून की कमी होना (anaemia) 

• खांसी आना 

• हड्डियों में दर्द होना 

• निगलने में तकलीफ होना 

• मुंह और गले के छाले जो ठीक न हो 

• यूरिन में तकलीफ होना,

• ब्लड आना

• गले में खराश रहना

ये हो सकते हैं सम्भावित कारण

तम्बाकू या पान मसाला के कारणशराब के कारणमेहनत न करने के कारणहेपटाइटिस B और C के कारणअनुवांशिक कारणकिसी प्रकार के इन्फेक्शन के कारणकिसी दवा के कारणआधुनिक जीवन-शैली के कारण

स्टेज के आधार पर ये होतें है प्रकार

ग्रेड द्वारा पता किया जाता हैं कि ट्यूमर सेल्स नॉर्मल सेल्स से कितनी अलग हैं।

कैंसर की ग्रेड निम्न प्रकार की होती हैं

ग्रेड 1- इसमें कैंसर सेल नार्मल सेल के समान दिखती है, और यह धीरे-धीरे बढ़ता है।ग्रेड 2- इसमें भी नॉर्मल सेल के समान होता है, परन्तु यह बहुत तेजी से बढ़ती हैं।ग्रेड 3...इसमें कैंसर सेल बहुत तेजी से बढती हैं, और एब्नार्मल दिखती हैं।

महिलायों के खास लक्षण जिन्हें अनदेखा न करें

ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार का बदलाव आना। निप्पल का अन्दर की और मुड़ना या निपल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होना। किसी भी प्रकार की गठान या scar होना। थकान, ब्लीडिंग, बिना किसी कारण के वजन कम होना। दर्द होना। लिम्फ-नोड में बदलाव होना।

कुछ जानने योग्य बातें

☣ व्यक्ति के जीवन में शरीर में कम से कम छ: बार कैंसर की कोशिकाओं के निर्माण होता है।

☣ जब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है तो कैंसर के सेल अपने आप खत्म हो जाते हैं।

  कैंसर होते ही शरीर में कई कमियाँ हो जाती हैं चाहे वो जेनेटिक हो या भोजन सम्बन्धित या पर्यावरण सम्बन्धित हो या फिर जीवन शैली के कारण, जिससे उभरने के लिए अच्छी डाइट का होना ज़रूरी है।

 निदान के समय की गयी कीमोथेरेपी वास्तव में तेज़ी से बढने वाले इन सेल्स को ज़हरीले पदार्थ से खत्म करने की प्रक्रिया होती है जो उसी समय शरीर के स्वस्थ सेल्स को भी नष्ट करती है।

 इस ट्रीटमेंट से लीवर;किडनी; हृदय; फेफड़े और अन्य अंगों को नुकसान होने की काफी आशंका होती है।

 चीनी से कैंसर के सेल्स को ताकत मिलती है। इसलिए आमतौर पे चीनी का कम इस्तेमाल करके हम कैंसर के सेल्स को बढने से रोक सकते हैं।चीनी के बाजारू विकल्प और भी अधिक हानिकारक होते हैं ऐसे में अधिक ज़रूरत पड़ने पर बहुत ही कम मात्रा में शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है।

 दूध भी हानिकारक साबित हो सकता है। इससे बनने वाला म्यूकस कैंसर सेल्स का भोजन होता है। इसकी जगह हम सोया मिल्क का प्रयोग कर सकते हैं।

 मांसाहारी भोजन भी कैंसर सेल्स को तेज़ी से बढने में मदद करता है क्योंकि इनमे एसिड्स होते हैं जो इन सेल्स को जल्दी ही कई गुना होने का माहौल बना कर देते हैं।

 हरी सब्जियां; कुछ फल; होल ग्रेन; बीज; नट्स और जूस शरीर को ताकत देते हैं। एंजाइमस को बढ़ाने के लिए दिन में २ से ३ बार ताज़ी सब्जियों का जूस पीने या उन्हें कच्चे तौर पर खाने से लाभ होता है।

 ग्रीन टी एक बेहतरीन विल्कप है। शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से कैंसर सेल्स को बनने का माहौल नहीं मिलता है इलसिए नियमित तौर पर व्यायाम करें।

  सुबह ताज़ी हवा में सैर करें और अपने आप को हमेशा सकारात्मक रखें। इस बीमारी से जीतना बहुत मुश्किल काम नही बस अपने अंदर की जिजीविषा बनाये रखिये।

हम सभी को हमारे ब्लड ग्रुप के बारे में इन 10 बातों को जानना चाहिए!

जैसा कि आप शायद पहले से ही जानते हैं, चार अलग-अलग ब्लड ग्रुप हैं ये है, ब्लड ग्रुप A, B, AB, और O.


सबका ब्लड ग्रुप जन्म से निर्धारित होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रत्येक ब्लड ग्रुप में अलग-अलग विशेषताएं हैं। अर्थात किसी के ब्लड ग्रुप के द्वारा उसकी उसके स्वभाव के कई पहलु जान सकते हैं तो, आइए देखें:

रक्त के प्रकार और पोषण

विभिन्न ब्लड ग्रुपस को अलग-अलग खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है, जिनमें से वे सबसे अधिक लाभान्वित होंगे। एक उदाहरण के रूप में, A ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को मांसाहार​ से बचना चाहिए और  इसके अतिरिक्त अधिक veggies शामिल करना​, इसके O ब्लड ग्रुप वाले लोगों के लिए अधिक प्रोटीनों की आवश्यकता होती है, इसलिए उन्हें अधिक मांस और मछली खाने चाहिए। AB ब्लड ग्रुप वाले लोगों को Lean meat और Sea Food का उपभोग करना चाहिए, जबकि टाइप B वाले व्यक्तियों को चिकन मांस से बचने और अधिक लाल मांस खाने की सलाह दी जाती है।

ब्लड ग्रुप और बीमारियां

प्रत्येक ब्लड ग्रुप अलग-अलग​ बीमारी या स्थिति से कम या अधिक प्रभावित होता है। इसलिए, अपने रक्त समूह की मदद से अपने जोखिम का पता लगाएं।

रक्त के प्रकार और व्यक्तित्व

यह माना जाता है कि O ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति आत्मविश्वासी​, रचनात्मक, सामाजिक और निवर्तमान हैं। इसके अलावा, ब्लड ग्रुप A वाले लोग आम तौर पर शांतिपूर्ण, कलात्मक और भरोसेमंद होते हैं, जबकि ब्लड ग्रुप B वाले लोग स्वतंत्र, मजबूत और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समर्पित होते हैं। और आखिर में AB वाले व्यक्ति शर्मीले, जिम्मेदार, विश्वसनीय हैं, और वे दूसरों की देखभाल करना पसंद करते हैं।

ब्लड ग्रुप और गर्भावस्था

एक मेडिकल पहलू से, कुछ ब्लड ग्रुप दूसरों की तुलना में आसान अवधारणा में योगदान करते हैं। उदाहरण के लिए, ब्लड ग्रुप AB के साथ महिलाओं में कूप उत्तेजक हार्मोन का कम उत्पादन होता है जिससे शरीर को आसानी से गर्भ धारण करने की अनुमति मिलती है।

ब्लड ग्रुप और तनाव

ब्लड ग्रुप O वाले लोग गुस्से में बहुत उत्तेजित हो सकते हैं क्योंकि उनके स्तर के एड्रेनालाईन उच्च होते हैं और तनावपूर्ण स्थिति के बाद उन्हें शांत करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है।

ब्लड एंटीजन

खून में न केवल रक्त एंटीजन अन्यत्र प्रस्तुत किए जा सकते हैं उदाहरण के लिए, वे पाचन तंत्र में मौजूद होते हैं, मुंह से बृहदान्त्र तक, और नाक और फेफड़ों में।

ब्लड ग्रुप और वजन की समस्याओं

मानो या न मानो, आपका ब्लड ग्रुप यह निर्धारित कर सकता है कि आपके पेट में वसा होगा या नहीं। अर्थात्, रक्त के प्रकार वाले लोग शायद ही कभी पेट में वसा की समस्याओं का सामना करते हैं, जबकि ब्लड ग्रुप O व्यक्ति इसे अधिक प्रवण होते हैं।

ब्लड ग्रुप और संतान

आरएच कारक के अनुसार, लगभग 85% लोग आरएच पॉजिटिव हैं हालांकि, अगर महिला आरएच नकारात्मक है और जिस व्यक्ति के साथ वह गर्भवती है वह आरएच पॉजिटिव है, तो कुछ स्वास्थ्य समस्या विकसित करने का बच्चा का खतरा अधिक है।

ब्लड ग्रुप और कसरत

जैसे कि ब्लड ग्रुप के लोगों के साथ दूसरों की तुलना में तनाव में अधिक प्रवण होता है, उन्हें योग और ध्यान जैसे विश्राम व्यायाम करना चाहिए। ब्लड ग्रुप बी वाले व्यक्ति अपने जीवन में चुनौतियों की तरह चुनते हैं, इसलिए उन्हें उन क्रियाकलापों का अभ्यास करना चाहिए जो उनके शरीर और आत्मा को संतुलित करेंगे। उदाहरण के लिए, वे टेनिस, पर्वतारोहण, और मार्शल आर्ट से बहुत लाभ ले सकते हैं।

ब्लड ग्रुप और आपातकालीन

यद्यपि ज्यादातर लोग यह भूल जाते हैं, आप को हमेशा आप में अपने ब्लड टाइप के बारे में कुछ व्यक्तिगत सूचनाएं लेना चाहिए, जिसमें आपको आपरेटिंग के मामले में अपने बटुए, बैग, जेब, आदि में रखना चाहिए, क्योंकि आपको रक्त आधान की आवश्यकता होती है और समय बर्बाद हो सकता है आपके रक्त के प्रकार को पता लगाना हानिकारक हो सकता है।

Friday, August 25, 2017

मोटापा दूर करने के लिए, इस​के बाद कुछ नहीं बचा बताने के लिए

मोटापा दूर करने के लिए..

पहला प्रयोगः केवल सेवफल का ही आहार में सेवन करने से लाभ होता है।

दूसरा प्रयोगः अरनी के पत्तों का 20 से 50 मि.ली. रस दिन में तीन बार पीने से स्थूलता दूर होती है।

तीसरा प्रयोगः चंद्रप्रभावटी की 2-2 गोलियाँ रोज दो बार गोमूत्र के साथ लेने से एवं दूध-भात का भोजन करने से 'डनलप' जैसा शरीर भी घटकर छरहरा हो जायेगा।

चौथा प्रयोगः आरोग्यवर्धिनीवटी की 3-3 गोली दो बार लेने से व 2 से 5 ग्राम त्रिफला का रात में सेवन करने से भी मोटापा कम होता है। इस दौरान केवल मूँग, खाखरे, परमल का ही आहार लें। साथ में हल्का सा व्यायाम व योगासन करना चाहिए।

पाँचवाँ प्रयोगः एक गिलास कुनकुने पानी में आधे नींबू का रस, दस बूँद अदरक का रस एवं दस ग्राम शहद मिलाकर रोज सुबह नियमित रूप से पीने से मोटापे का नियंत्रण करना सहज हो जाता है।


1 : नींबू
25 ग्राम नींबू के रस में 25 ग्राम शहद मिलाकर 100 ग्राम गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से मोटापा दूर होता है।
एक नींबू का रस प्रतिदिन सुबह गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मोटापे की बीमारी दूर होती है।।
1 नींबू का रस 250 ग्राम पानी में मिलाकर थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह-शाम 1-2 महीने तक पीएं। इससे मोटापा दूर होता है।
नींबू का 25 ग्राम रस और करेला का रस 15 ग्राम मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा नष्ट होता है।
250 ग्राम पानी में 25 ग्राम नींबू का रस और 20 ग्राम शहद मिलाकर 2 से 3 महीने तक सेवन करने से अधिक चर्बी नष्ट होती है।
1-1 कप गर्म पीनी प्रतिदिन सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से शरीर की चर्बी कम होती है। इसके सेवन से चर्बी कम होने के साथ-साथ गैस, कब्ज, कोलाइटिस (आंतों की सूजन) एमोबाइसिस और कीड़े भी नष्ट होते हैं।

2 : सेब और गाजर
सेब और गाजर को बराबर मात्रा में कद्दूकस करके सुबह खाली पेट 200 ग्राम की मात्रा में खाने से वजन कम होता है और स्फूर्ति व सुन्दरता बढ़ती है। इसका सेवन करने के 2 घंटे बाद तक कुद नहीं खाना चाहिए।

3 : मूली
मूली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम शहद मिले पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापे की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
मूली के 100-150 ग्राम रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों का चूर्ण 6 ग्राम और ग्राम यवक्षार के साथ खाकर ऊपर से शहद और नींबू का रस मिला हुआ एक गिलास पानी पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
6 ग्राम मूली के बीजों के चूर्ण को 20 ग्राम शहद में मिलाकर खाने और लगभग 20 ग्राम शहद का शर्बत बनाकर 40 दिनों तक पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के चूर्ण में शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।

4 : मिश्री
मिश्री, मोटी सौंफ और सुखा धनिया बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच सुबह पानी के साथ लेने से अधिक चर्बी कम होकर मोटापा दूर होता है।

5 : चूना
बिना बुझा चूना 15 ग्राम पीसकर 250 ग्राम देशी घी में मिलाकर कपड़े में छानकर सुबह-शाम 6-6 ग्राम की मात्रा में चाटने से मोटापा कम होता है।

6 : सहजन
सहजन के पेड़ के पत्ते का रस 3 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा का ढीलापन दूर होता है और चर्बी की अधिकता कम होती है।

7 : विजयसार
विजयसार के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।

8 : अर्जुन
अर्जुन के 2 ग्राम चूर्ण को अग्निमथ के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है।

9 : भृंगराज
भृंगराज के पेड़ के ताजे पत्ते का रस 5 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ प्रयोग करने से मोटापा कम होता है।

10 : शहद
120 से 240 ग्राम शहद 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुना पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से शरीर का थुलथुलापन दूर होता है।

11 : विडंग
विडंग के बीज का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा में लाभ मिलता है।
वायविंडग, सोंठ, जवाक्षार, कांतिसार, जौ और आंवले का चूर्ण शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा में दूर होता है।

12 : तुलसी
तुलसी के कोमल और ताजे पत्ते को पीसकर दही के साथ बच्चे को सेवन कराने से अधिक चर्बी बनना कम होता है।
तुलसी के पत्तों के 10 ग्राम रस को 100 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से शरीर का ढीलापन व अधिक चर्बी नष्ट होती है।
तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद और शहद 2 चम्मच को 1 गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है।

13 : बेर
बेर के पत्तों को पानी में काफी समय तक उबालकर पीने से चर्बी नष्ट होती है।

14 : टमाटर
टमाटर और प्याज में थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर खाना खाने से पहले सलाद के रूप में खाने से भूख कम लगती है और मोटापा कम होता है।

15 : त्रिफला
रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है। त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें।
त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
2 चम्मच त्रिफला को 1 गिलास पानी में उबालकर इच्छानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
त्रिफला का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण 1-1 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से पेट का बढ़ना कम होता है।

16 : हरड़
हरड़ 500 ग्राम, 500 ग्राम सेंधानमक व 250 ग्राम कालानमक को पीसकर इसमें 20 ग्राम ग्वारपाठे का रस मिलाकर अच्छी तरह मिलाकर सूखा लें। यह 3 ग्राम की मात्रा में रात को गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से मोटापे के रोग में लाभ मिलता है।
हरड़ पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और इसे नहाने से पहले पूरे शरीर पर लगाकर नहाएं। इससे पसीने के कारण आने वाली बदबू दूर होती है।
हरड़, बहेड़ा, आंवला, सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, सरसों का तेल और सेंधानमक को एक साथ पीसकर 6 महीने तक लगातार सेवन करने से मोटापा, कफ और वायु रोग समाप्त होता है।

17 : सोंठ
सोंठ, जवाखार, कांतिसार, जौ और आंवला बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पीएं। इससे मोटापे की बीमारी समाप्त हो जाती है।
सोंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, चव्य, सफेद जीरा, हींग, कालानमक और चीता बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण सुबह 6 ग्राम चूर्ण में गर्म पानी के साथ पीने से मोटापा कम होता है।

18 : गिलोय
गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला मिलाकर काढ़ा बनाकर इसमें शुद्ध शिलाजीत मिलाकर खाने से मोटापा दूर होता है और पेट व कमर की अधिक चर्बी कम होती है।
गिलोय 3 ग्राम और त्रिफला 3 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है।
गिलोय, हरड़ और नागरमोथा बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 1-1 चम्मच चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से त्वचा का लटकना व अधिक चर्बी कम होता है।

19 : जौ
जौ का रस व शहद को त्रिफले के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है।
जौ को 12 घंटे तक पानी में भिगोकर सूखा लें और इसका छिलका उतारकर पीसकर एक कप दूध में खीर बनाकर प्रतिदिन सुबह कुछ दिनों तक खाने से कमजोरी दूर होती है।

20 : गुग्गुल
गुग्गुल, त्रिकुट, त्रिफला और कालीमिर्च बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को अच्छी तरह एरण्ड के तेल में घोटकर रख लें। यह चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मोटापा की बीमारी ठीक होती है।
1 से 2 ग्राम शुद्ध गुग्गुल को गर्म पानी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से अधिक मोटापा कम होता है।

21 तिल
तिल के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से शरीर पर बनी हुई अधिक चर्बी कम होती है।

22 : सरसो
सरसो के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से मोटापा नष्ट होता है।

23 : दही
दही को खाने से मोटापा कम होता है।

24 छाछ
छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।

25 आलू
आलू को तलकर तीखे मसाले और घी में मिलाकर खाने से चिकनाई वाले पदार्थो के सेवन से उत्पन्न मोटापा दूर होता है।
आलू को उबालकर गर्म रेत में सेंकर खाने से मोटापा दूर होता है।

26 : अपामार्ग
अपामार्ग के बीजों को पानी में पकाकर खाने से भूख कम लगती है और चर्बी कम होने लगती है।

27 : कुल्थी
100 ग्राम कुल्थी की दाल प्रतिदिन सेवन करने से चर्बी कम होती है।

28 : पीपल
4 पीपल पीसकर आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है।

29 : पालक
पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से शरीर का फैट (चर्बी) समाप्त होती है। 50 ग्राम पालक के रस में 15 ग्राम नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है।

30 : पानी
भोजन से पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पीने से भूख का अधिक लगना कम होता है और शरीर की चर्बी घटने लगती है।
बासी ठंडे पानी में शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से मोटापा में लाभ मिलता है।
250 ग्राम गुनगुने पानी में 1 नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट पीना चाहिए। इससे अधिक चर्बी घटती है और त्वचा का ढीलापन दूर होता है।

31 डिकामाली
डिकामाली (एक तरह का गोंद) लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में गर्म पानी के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापा कम होता है।

32 कूठ
कूठ को गुलाब जल में पीसकर पेट पर लेप करने से पेट की बढ़ती हुई अवस्था में लाभ होता है। इसका लेप हाथ, पांव पर लेप करने से सूजन कम होती है।

33 : माधवी
माधवी के फूल की जड़ 10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम छाछ के साथ सेवन करने से कमर पतली व सुडौल होता है।

34 बरना
बरना के पत्तों का साग नियामित रूप से सेवन करने से मोटापा दूर होता है।

35 : एरण्ड
एरण्ड की जड़ का काढ़ा बनाकर 1-1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
एरण्ड के पत्तों का रस हींग मिलाकर पीने और ऊपर से पका हुआ चावल खाने से अधिक चर्बी नष्ट होती है।

36 : पिप्पली
पिप्पली का चूर्ण लगभग आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ प्रतिदिन 1 महीने तक सेवन करने से मोटापा समाप्त होता है।
पीप्पल 150 ग्राम और सेंधानमक 30 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर कूटकर 21 खुराक बना लें। यह दिन में एक बार सुबह खाली पेट छाछ के साथ सेवन करें। इससे वायु के कारण पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम होती है।
पिप्पली के 1 से 2 दाने दूध में देर तक उबाल लें और दूध से पिप्पली निकालकर खा लें और ऊपर से दूध पी लें। इससे मोटापा कम होता है।

37 जौखार
जौखार 35 ग्राम और चित्रकमूल 175 ग्राम को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। यह 5 ग्राम चूर्ण एक नींबू का रस, शहद और 250 ग्राम गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लगातार 40 दिनों तक पीएं। इससे शरीर की फालतू चर्बी समाप्त हो जाती है और शरीर सुडौल होता है।
जौखार का चूर्ण आधा-आधा ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से मोटापा दूर होता है।

38 लुके मगसूल
50 ग्राम लुके मगसूल को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण 1 ग्राम की मात्रा में सुबह पानी के साथ सेवन करें। इससे मोटापा दूर होता है।

39 माजून मुहज्जिल
माजून मुहज्जिल 10 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी के साथ रात को सोते समय पीने से पेट का बढ़ना कम होता है।

40 बबूल
बबूल के पत्तों को पानी के साथ पीसकर शरीर पर करने से त्वचा का ढीलापन दूर होकर मोटापा कम होता है।

41 : सुगन्धबाला
सुगन्धबाला, नागकेशर और मोतिया के पत्तों को बारीक पीसकर शरीर पर लगाने से पसीने के कारण आने वाली बदबू दूर होती है।

42 : चित्रक
चित्रक की जड़ का बारीक चूर्ण शहद के साथ सेवन करने से पेट की बीमारियां और मोटापा समाप्त होता है।

43 : बेल
बेल के पत्तों के रस में शंख का चूर्ण मिलाकर लेप करने से शरीर के अन्दर से आने वाली बदबू कम हो जाती है।
बेल के पत्ते, काली अगर, खस, सुगन्धवाला और चंदन मिलाकर पीसकर शरीर पर लेप करने से शरीर की बदबू मिटती है।
बेल के पत्ते और हरड़ बारीक पीसकर लगाने से मोटापा दूर होता है।

44 : परवल
परवल और चीते का काढ़ा बनाकर सौंफ और हींग का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है।

45 : समुद्रफेन
समुद्रिफेन को ब्राह्मी के रस में पीसकर शरीर पर लगाने से पसीने की बदबू समाप्त होती है।

46 : हल्दी
हल्दी को दूध में मिलाकर शरीर पर लेप करने से लाभ होता है।

47 : असगंध
असगंध 50 ग्राम, मूसली 50 ग्राम और काली मूसली 50 की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और 10 ग्राम की मात्रा में सुबह दूध के साथ लेने से मोटापे की बीमारी समाप्त होती है।

48 : अजवायन
अजवायन 20 ग्राम, सेंधानमक 20 ग्राम, जीरा 20 ग्राम और कालीमिर्च 20 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट छाछ के साथ पीएं। इससे शरीर की अधिक चर्बी नष्ट होती है।

49 : फलालैन
फलालैन का कपड़ा ढीला करके गले पर लपेटकर रखने से गले की अधिक चर्बी कम होती है।

50 : चावल
चावल का गर्म-गर्म मांड लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा दूर होता है।

51 : करेला
करेले के रस में 1 नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर की चर्बी कम होती है।

52 : चाय
चाय में पोदीना डालकर पीने से मोटापा कम होता है।

53 : दालचीनी
एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी का चूर्ण डालकर उबालतें और इसमें एक चम्मच शहद प्रतिदिन सुबह खाली पेट और रात को सोते समय खाएं। इससे शरीर का अधिक वनज कम होता है और मोटापा दूर होता है।

54 : रस
फलों का रस बहुत उपयोगी है। मोटापा कम करने के लिए 6 से 8 महीने तक फलों का रस लेना लाभदायक होता है। इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्परिणामों का सामना नहीं करना पड़ता। फलों का रस कैलोरी को कम करता है जिससे स्वभाविक रूप से वसा कम हो जाती है। इससे शरीर का वजन और मोटापा कम होता है। गाजर, ककड़ी, पत्तागोभी, टमाटर, तरबूज, सेब व प्याज का रस फायदेमंद होता है।

55 : धनिया
सूखा धनिया 10 ग्राम, गुलाब के सूखे फूल 20 ग्राम और मिश्री को मिलाकर चूर्ण बना लें और यह 2-2 चुटकी सुबह-शाम दूध के साथ लेने से चर्बी नष्ट होती है और मोटापा दूर होता है।

56 : छाछ
मोटापे से परेशान व्यक्ति को प्रतिदिन छाछ पीना चाहिए।

57 : ईसबगोल
ईसबगोल के नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्राल नियंत्रित होता है और शरीर में अधिक चर्बी नहीं बनती।

58 : अनन्नास
प्रतिदिन अनन्नास खाने से स्थूलता नष्ट होती है क्योंकि अनन्नास चर्बी को नष्ट करता है।

मोटापा कम करे यह स्पेशल चाय::

धनिया- इससे मोटापा कम होता है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। अदरक- इसमें जलन कम करने वाला यौगिक ओल्डेरोसिन होता है जो पाचनतंत्र की मांसपेशियों के लिए लाभदायक होता है। गुड़- गुड़ कैल्शियम का मुख्य स्रोत है।
मोटापा कम करे यह स्पेशल चाय एक चम्मच सूखा अदरक पाउडर, आधा चम्मच धनिया पाउडर, दो चम्मच गुड़, आधा चम्मच सौंफ, एक टी बैग और एक कप पानी। सौंफ को दो मिनट पानी में उबालिए और गर्म पानी में 1 मिनट के लिए टी बैग डालें। इससे फ्लेवर आ जाएगा। और चाय का स्वाद भी कुछ बदल जाएगा जो पीने में अच्छा लगेगा। आखिर में सारे पदार्थ इसमें मिला दें और गुड़ मिलाकर इसे घोलें। जब गुड़ मिल जाए तो स्वाद के साथ पीएं।

मालिश की भूमिका ::

सबसे पहले मोटापे से पीड़ित रोगी को समझा देना चाहिए कि जब तक आप अपने खान-पान में सुधार नहीं करेगें, तब तक आपका मोटापा दूर नहीं हो सकता है। सादा भोजन और व्यायाम शरीर में अधिक चर्बी को पिघलाता है। मालिश उसमें सहायता करती है और रोगी के शरीर मे कमजोरी नहीं आने देती है, साथ ही चर्बी घटने पर शरीर के मांस को ढीला नहीं पड़ने देती, बल्कि मालिश शरीर को मजबूत तथा आकर्षक बना देती है। इसलिए मोटापा कम करने वाले व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने भोजन में सुधार करे तथा प्रतिदिन व्यायाम करें। ठण्डी मालिश मोटापा दूर करने में विशेष सहायता करती है, इसके अलावा तेल मालिश या सूखी मालिश भी की जा सकती है। वैसे तेल मालिश का उपयोग कम ही करें तो अच्छा है क्योंकि तेल की मालिश तभी अधिक लाभ देती है जब रोगी उपवास कर रहा हो।

देखा गया है कि मालिश में दलना, मरोड़ना, मांसपेशियों को मसलना, झकझोरना, खड़ी थपकी देना, तेज मुक्की देना और थपथपाना आदि विधियों के प्रयोग से शरीर की फालतू की चर्बी समाप्त हो जाती है।
ये क्रियाएं चर्बी कम करने में महत्त्वपूर्ण साबित होती है। इसके अलावा रोगी को प्रतिदिन 20 मिनट का कटि-स्नान तथा सप्ताह में 2 बार पूरी चादर का लपेट करना चाहिए (इसमें सारे शरीर को गीली चादर में लपेटकर फिर कंबलों से लपेटा जाता है।) इसके अलावा रोगी को कभी-कभी वाष्प-स्नान और `एपसम साल्ट बाथ´ देना चाहिए।

रोगी को उबली हुई सब्जियां, क्रीम निकला हुआ दूध, संतरा, नींबू आदि खट्टे फल तथा 1-2 चपाती नियमित रूप से कई महीने तक लेनी चाहिए। रोगी को तली और भुनी हुई चीजों को अपने भोजन से पूरी तरह दूर रखना चाहिए। उपचार के दौरान रोगी को बीच-बीच में 1-2 दिन का उपवास भी रखना चाहिए। उपवास के दिनों में केवल नींबू पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए। इस प्रकार के भोजन व उपचार से कुछ दिनों तक तो रोगी को कमजोरी महसूस होगी, परन्तु कुछ दिनों के अभ्यास से जब शरीर इसका आदि हो जाएगा, तब रोगी अपने को अच्छा महसूस करने लगेगा।

जिन लोगों को मोटापा थायराइड ग्रंथि की गड़बड़ी के कारण हो गया हो, उन्हें मोटापा दूर करने के लिए क्रीम निकले दूध के स्थान पर गाय का दूध पीना चाहिए, इससे रोगी को कोई नुकसान नहीं होगा। रोगी के लिए आवश्यक यह है कि वह एक समय में ही भोजन करे और सुबह और शाम 250 ग्राम से 300 ग्राम दूध के साथ कुछ फल भी ले, इससे रोगी को जल्दी लाभ होगा।

मोटापा रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-
1. इस रोग को ठीक करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को अपने भोजन करने की आदत पर संतुलन करना चाहिए और इसके बाद प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करना चाहिए।
2. शारीरिक रूप से नियमित व्यायाम करने से काफी हद तक इस बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।
3. भूख से ज्यादा भोजन कभी नहीं करना चाहिए तथा शर्करा और चर्बी वाले पदार्थो का भोजन नहीं खाना चाहिए।
4. जहां तक हो सके तो भोजन में नमक का इस्तेमाल कम करना चाहिए। यदि नमक खाना भी है तो सेंधानमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
5. अपने भोजन में साग-भाजी तथा हरी सब्जियों का रस ज्यादा लें। अंकुरित दालों का सेवन भी करते रहना चाहिए। अधिकतर गेहूं या चावल से बने पदार्थ ही खाएं। अपने आहार की मात्रा को घटाते रहना चाहिए, इससे चर्बी का बनना रुक जाता है।
6. वैसे कहा जाए तो उतना ही भोजन सेवन करना चाहिए जितनी की शरीर को आवश्यकता हो। प्रतिदिन सुबह के समय में खाली पेट स्वास्थ्य पेय या पानी में शहद व नीबू डालकर हल्का गर्म पानी पीएं। इससे कुछ दिनों में ही रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
7. तांबा-चांदी-सोना के बर्तन में पानी रखकर उसे गरम या गुनगुना करके पीने से शरीर की फालतू चर्बी कम हो जाती है।
8. मोटापा रोग से पीड़ित रोगी को एक गिलास पानी में तुलसी का रस मिलाकर पीना चाहिए तथा पेट पर मिट्टी की पट्टी तथा इसके कुछ देर बाद पेट पर गर्म या ठंडा सेंक करना चाहिए। रोगी को एनिमा क्रिया करके अपने पेट को भी साफ करना चाहिए।
9. रोगी व्यक्ति को कुंजल क्रिया करके उसके बाद भाप स्नान करना चाहिए और सप्ताह में एक बार गीली लपेट का शरीर पर प्रयोग करना चाहिए तथा शंख प्रक्षालन, सूर्यस्नान, गर्म पादस्नान तथा सूखा घर्षण करना चाहिए। इससे मोटापा रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
10. सूर्यतप्त नांरगी बोतल का पानी प्रतिदिन पीने तथा गहरी सांस लेते हुए सैर पर जाने और प्रतिदिन 2 मिनट तक ठहाके लगाकर हंसने से मोटापे का रोग ठीक होने लगता है।
11. मोटापे रोग को ठीक करने के लिए कई प्रकार के आसन हैं जिसको करने से यह रोग ठीक हो जाता है। ये आसन इस प्रकार हैं- भुजंगासन, शलभासन, वज्रासन, पश्चिमोत्तानासन, पवनमुक्तासन, उडि्डयान बंध, मूलबंध तथा सूर्य नमस्कार आदि।
12. रोगी व्यक्ति को रात को सोते समय तांबे के लोटे में पानी रखना चाहिए। इस पानी को सुबह के समय में पीने से रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।

एक अद्भुत औषधि ईसबगोल, फायदे गिनते रह जाएंगे

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ईसबगोल को बहुत अधिक महत्त्व प्राप्त है। संस्कृत में इसे स्निग्धबीजम् नाम दिया गया है। विश्व की लगभग हर प्रकार की चिकित्सा पद्धति में ‘ईसबगोल’ का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। अरबी और फारसी चिकित्सकों द्वारा इसके इस्तेमाल के प्रमाण मिलते हैं। दसवीं सदी के फारस के मशहूर हकीम अलहेरवी और अरबी हकीम अविसेन्ना ने ‘ईसबगोल’ द्वारा चिकित्सा के संबंध में व्यापक प्रयोग व अनुसंधान किए। ‘ईसबगोल’ मूलतः फारसी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- ‘पेट ठंडा करनेवाला पदार्थ’, गुजराती में ‘उठनुंजीरू’ कहा जाता है। लेटिन भाषा में यह ‘प्लेंटेगो ओवेटा’ नाम से जाना जाता है। इसका वनस्पति शास्त्रीय नाम ‘प्लेटेगा इंडिका’ है तथा यह ‘प्लेटो जिनेली’ समूह का पौधा है।


ईसबगोल की भूसी में थोड़ा-सा लुवाब होता है| यह पेट के सभी रोगों में काम आती है| इसका लुवाब अंतड़ियों में पहुंचकर उनकी क्रिया को तीव्र कर देता है| इसके फलस्वरूप आंतों में जमा पुराना मल सरलता से शौच के समय बाहर निकल जाता है| इसमें लेस होता है जो आंव (पेचिश) तथा मरोड़ को धो डालता है| ईसबगोल बलवर्द्धक, पौष्टिक तथा नपुंसकता को दूर करता है| इसके नियमित सेवन से व्यक्ति में पौरुष शक्ति बनी रहती है| आइए, देखें कि ईसबगोल की भूसी हमारे लिए कितनी उपयोगी है –

आंव (पेचिश)
एक चम्मच ईसबगोल की भूसी को आधा किलो मीठे दूध में भिगो दें| थोड़ी देर बाद जब वह फूल जाए तो रात को सोने से पूर्व उसका सेवन करें| सुबह के समय इसे दही और सेंधा नमक के साथ खाएं| चार-पांच दिनों तक नियमित रूप से इसका सेवन करने पर आंव साफ हो जाएगी|

संग्रहणी (Dysentery)-
दो चम्मच ईसबगोल की भूसी, दो हर्र और थोड़ा-सा बेल का सूखा गूदा-तीनों चीजों को पीसकर दो खुराक कर लें| फिर सुबह-शाम इसे दूध से खाएं| इसके प्रयोग से संग्रहणी रोग चला जाता है|

बवासीर-
रात को दूध में भिगोकर कुछ दिनों तक ईसबगोल की भूसी का प्रयोग करें| बवासीर से शर्तिया छुटकारा मिल जाएगा|

पेशाब में जलन-
तीन चम्मच ईसबगोल की भूसी को एक गिलास पानी में भिगो दें| उसमें एक चम्मच कच्ची खांड़ मिला लें| इसे दिन में दो बार सेवन करने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है|

दमा -
प्रतिदिन दो बार दो-दो चम्मच ईसबगोल की भूसी को पानी में भिगोकर सेवन करें| 40 दिनों तक उपयोग करने पर दमा का रोग चला जाएगा|

अतिसार – पेट दर्द, आंव, दस्त व खूनी अतिसार में भी ईसबगोल बहुत जल्दी असर करता है, और आपकी तकलीफ को कम कर देता है। बस एक चम्मच ईसबगोल की भूसी की फंकी लगाकर ऊपर से पानी पी लें।

पाचन तंत्र – यदि आपको पाचन संबंधित समस्या बनी रहती है, तो ईसबगोल आपको इस समस्या से निजात दिलाता है। प्रतिदिन (everyday) भोजन के पहले गर्म दूध के साथ ईसबगोल का सेवन पाचन तंत्र को दुरूस्त करता है।

दर्द भगाने का यह तरीका जानकर आप आजमाएं बिना नहीं रह पाएंगे

ह अतुल्य दर्द राहत पद्धति आपके कान पर एक कपड़े के रूप में डाल के रूप में सरल है 

हम लोग इस प्रकार के नहीं है जो हर बार जब थोड़ा बहुत दर्द महसूस करते है तो डॉक्टर के पास चलें जातें है।

जब मैं सोचता हूं कि दर्द सबके जीवन का एक हिस्सा हैं। तो मुझे लगता है कि मेरे अपने शरीर पर थोड़ा अधिक नियंत्रण कर लेता हूं।, जैसे जब मैं इन दर्द से राहत का प्रयास करता हूं तो मैं अपनी कुर्सी छोड़े बिना क्या कर सकता हूं ??

इसलिए जब मैंने अपने कानों के माध्यम से मामूली दर्द से राहत देने के लिए यह विशिष्ट तरीका देखा, तो मैं स्पष्ट रूप से उलझन में था, लेकिन उत्सुक भी था।

मैं हमेशा अपने आफिस के बीच में हिस्सों नहीं कर सकता, और मुझे पता है कि डॉक्टर हमेशा मामूली दर्द के साथ मदद नहीं कर सकता है - लेकिन कुछ के रूप में मेरे कान पर एक clothe's pin (कपड़ों की चिमटी) डाल के रूप में सरल?

खैर, यह अजीब​ लग रहा है, लेकिन यह समझने वाली बात है।

हालांकि इस पद्धति को चिकित्सा सलाह की जगह नहीं लेनी चाहिए, लेकिन मैं निश्चित रूप से यह कान रिफ्लेक्सोलॉजी पद्धति का प्रयास करूँगा - चाहे कपड़े की चिमटी या मेरी उंगलियों के साथ

क्या यह कान रिफ्लेक्सोलॉजी विचार आपके लिए काम करता है? हमें कमेंट में बताएं।

कान के इन 6 अलग-अलग बिंदुओं को शरीर के किसी विशेष भाग में दर्द और पीड़ा से जुड़ा होता है। प्रत्येक स्थान पर दबाव डालने से, आप उन दर्द को दूर कर सकते हैं

शरीर के उस अंग को खोजने के लिए स्क्रॉल करें जो आपको बीमार कर रहे हैं!

कान का ऊपरी भाग सीधे-सीधे​ आपके पीठ और कंधों से जुड़ा हुआ है लगभग एक मिनट के लिए एक कपड़ों को लागू करना, बिल्ट-अप तनाव कम करने के लिए लंबा रास्ता तय करना चाहिए। इस पीठ और कंधे के दर्द को कम करने के लिए एक दिन में कई बार कोशिश करें


कान पर अगले स्थान नीचे है जो शरीर के आंतरीक अंगों (Organs) से जुड़ा होता है। जाहिर है, अगर आपको गंभीर दर्द हो, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लेकिन मामूली आंतरिक भारीपन या बेचैनी के लिए, इस जगह पर एक कपड़ों की चिमटी या अपनी उंगलियों का उपयोग करें यह प्रयोग आपको आंतरिक राहत प्रदान कर सकता है जिसे आप ढूंढ रहे हैं।


कान के ऊपरी-मध्य भाग का वह हिस्सा है जो जोड़ों में दर्द और कठोरता से सीधे-सीधे​ जुड़ा हुआ है। कपड़े की चिमटी या अपनी उंगलियों के साथ दबाव डालने से बहुत राहत हो सकती है क्रोनिक समस्याओं को डॉक्टर को ही दिखाना चाहिए, लेकिन पहले इस सरल विधि की कोशिश क्यों नहीं करें?


कान का निचला मध्य हिस्सा वह है जो साइनस और गले से जुड़ा होता है। ठंड या साइनस संक्रमण से राहत के समय, इस स्थान पर दबाव डालने से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है। एक कपड़ों की चिमटी से गले दर्द की पीड़ा की यह व्यथा व परेशानी दूर हो जाएंगी​।


कान के लोब के ठीक ऊपर एक जगह सबसे अधिक पाचन के साथ जुड़ा हुआ है। दबाव लागू करने के लिए एक कपड़ों की चिमटी का उपयोग करके पाचन संबंधी मुद्दों और छोटी मोटी पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। और अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अक्सर पाचन असुविधा महसूस करते हैं, तो आप इस पद्धति का उपयोग बचाव करने में प्रयोग कर सकते हैं।


कान पर सबसे कम जगह - लोब - वह स्थान है जो शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से दो से जुड़ा हुआ है: सिर और दिल। कान की लोब के लिए दबाव लागू करने से हृदय को बढ़ावा देने और सिर में अवांछित दबाव को दूर करने के लिए काम किया जा सकता है।


यह कान रिफ्लेक्सोलॉजी इतनी आसान है और आपको जरूरत पड़ने पर बहुत बड़ा फर्क दिला सकता है!

क्या आप इनमें से किसी एक को प्रयास करेंगे? हमें बताएं कि टिप्पणी में कौन सी चीजें हैं

मित्रों और परिवार के साथ इस महत्वपूर्ण दर्द से राहत विधि को साझा करें।

Thursday, August 24, 2017

पित्त की पथरी को जड़ से खत्म करने के कारगर घरेलू उपचार

आमतौर पर यह देखा जाता है कि हम बिना सोचे समझे कुछ भी खा  लेते है। जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। आज कल पथरी एक बहुत ही आम समस्या बन गयी है। यह कई तरह की होती है। अगर समय पर इसका इलाज करवा लिया जाये तो यह ठीक हो सकता है। आज हम आपको गाल ब्लैडर स्टोन यानी पित्त की पथरी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देने वाले है।


आज पूरी दुनिया में हजारों-लाखों लोग ऐसे है जिन्हें गाल ब्लैडर स्टोन की समस्या है। यह बहुत ही कष्ट दयाक होती है। इस तरह के स्टोन में पित्ताशय के दो तरफ पथरी बनती है। जिसमे पहली पथरी कोलेस्ट्रोल से तथा दूसरी पिग्मेंट से बनती है। यह रोग किसी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस रोग की सम्भावना बहुत कम होती है।

पित्त की थैली में पथरी होने पर डॉक्टर हमेशा सर्जरी की सलाह देते है। इस सर्जरी में पित्त की थैली को शरीर से बाहर निकल दिया जाता है। इसमें पैसा तो अधिक लगता है ही साथ ही साइड इफेक्ट्स होने के चान्सेस भी होते है। इन सभी दुविधाओं से आपको बचने के लिए यहाँ हम आपको कुछ घरेलु उपचार बता रहे है। जो आपके शरीर में मौजूद पथरी को जड़ से खत्म कर देंगे। तो आइये अब हम जानते है 

जानें इसके लक्षण और उपचार

गुडहल का पाउडर

गुडहल के फूल को तो आप पहचानते ही होंगे। आप इसके फूलों की पंखुड़ियों को तोड़कर धुप में सूखा लें और पीसकर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को रात में सोने से पहले तथा खाना-खाने के 1-2 घंटे बाद पानी से ले लें। यह थोड़ा कड़वा हो सकता है, लेकिन ध्यान रखें, इसे लेने के बाद आपको कुछ खाना नहीं है।

हल्दी का प्रयोग

हर घर में हल्दी का प्रयोग खाना बनाते समय जरूर होता है। यह बहुत अच्छी बात है, क्योंकि पित्ताशय की पथरी को ठीक करने में हल्दी पाउडर की बहुत अहम् भूमिका होती है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पथरी को शरीर के अंदर ही अंदर गला देते है। अगर आप नियमित रूप से एक चम्मच हल्दी पाउडर का प्रयोग करते है तो यह शरीर में मौजूद पथरी को 80% तक गलाने का काम करती है।

नाशपाती का रस

आधा गिलास नाशपाती का रस लें और उसमें आधा गिलास गर्म पानी तथा 1 चम्मच शहद मिलकर दिन में 2 से 3 बार पियें। दरअसल पित्ताशय की पथरी के बढ़ने का मुख्य कारण कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना होता है। नाशपाती में पाया जाने वाला पेक्टिन इसे बढ़ने से रोकता है। इसलिए नाशपाती का यह प्रयोग बहुत हद तक कारगर साबित होता है।

पुदीना

पित्ताशय की पथरी को गलाकर बाहर निकालने में पुदीना का रास भी बहुत सहायक होता है। इसमें टेपरिन नामक तत्व होता है जो कि पथरी को गलाने का काम करता है। पुदीने की पत्तियों को पानी में अच्छी तरह उबाल लें और इसके पानी को छलनी से छानकर अलग कर लें। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर मियमित पिए।

खीर, गाजर और चुकंदर का रस 

खीर, गाजर और चुकंदर को बराबर मात्रा में लेकर, इनका रस निकल लें और दिन में 2 बार पिए। इसके सेवन से पित्ताशय की पथरी होने के चांसेस भी बहुत कम हो जाते है।

Wednesday, August 23, 2017

ये​ हैं वो संकेत जिनसे पता चलता है आप खा रहे हैं अधिक चीनी


पास्ता, ब्रेड और डायट सोडा जैसी सभी चीजों में शुगर की मात्रा अधिक होती है। भले ही आप दोपहर में डेजर्ट या शाम को कुकीज नहीं खाते हों लेकिन अनजाने में शुगर का अधिक सेवन कर लेते हैं। हम आपको कुछ संकेत बता रहे हैं, जिनसे मालूम होता है कि आप शुगर का अधिक सेवन कर रहे हैं।

बार-बार भूख लगना- शरीर में हाई ब्लड शुगर ग्लूकोज को सेल्स में जाने से रोकता है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है और इसलिए आपको बार-बार भूख लगती है।

थकावट- वैसे तो ये माना जाता है कि मीठा खाने से आपको​तुरंत शक्ति मिलती है परंतु वह सिर्फ कुछ ही समय में क्षीण हो जाती हैं। अगर आप ज्यादा मीठे खाने के शौकीन हैं और आपको अक्सर थकान महसूस होती हैं तो आपको मीठा खाना ​कम कर देना चाहिए।

कैविटीज- जर्नल बीएमसी ओरल हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जब बैक्टीरिया आपके मुंह में शुगर को पचाते हैं, तो वे एक एसिड का उत्पादन करते हैं, जो प्लेक के रूप में आपकी लार के साथ जुड़ा होता है, इससे आपको कैविटी का खतरा होता है।

वजन बढ़ना- अगर आप अधिक मात्रा में सोडा जैसी चीजों का सेवन करते हैं, तो आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, शुगर वाले ब्रेवरेज़ पीने से आपकी कमर के आसपास मोटापा बढ़ सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल- जर्नल मेडिसन फूड में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शुगर का अधिक सेवन शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है।


अक्सर सर्दी-जुकाम या वायरस होना- अगर आपको लगता कि आपको अक्सर सर्दी-जुकाम या वायरस हों जाता हैं, तो इसका कारण आपका ज्यादा मीठे का सेवन भी हो सकता हैं। अक्सर फैलने वालें वायरस की चपेट में आसानी से आ जातें हैं तो इसका कारण भी आप की मीठे को दी गई प्राथमिकता हो सकती हैं। अत्यधिक मात्रा में मीठा खाने से आप का शरीर वायरस, बैक्टीरिया और  पुरानी श्वसन रोग से लड़ने में सक्षम नहीं होता।

स्किन व पैरों में प्रॉब्लम्स - जब चीनी का सेवन होता है, यह शरीर में विभिन्न संक्रमणों का कारण बनता है, लेकिन अक्सर लोग त्वचा की सूजन की शिकायत करते हैं। यदि लगातार सूखापन, एक्जिमा, मुँहासे और फुंसियो से पीड़ित हो, चीनी इसका कारण हो सकता है अपने आहार से चीनी कम कर के आपकी त्वचा की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। अमेरिका में प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ ने पाया कि चीनी के पैर पर एक भयानक प्रभाव है। पैर के नीचे, एड़ी, और पूरे पैर में चलने वाले ऊतक के मोटी परतों में दर्द का कारण बनने के लिए यह पैर के तल में फैल सकता है। शर्करा के अत्यधिक उपयोग से अधिवृक्क ग्रंथियों की समस्याएं हो सकती हैं, और माना जाता है कि शरीर में बड़ी मात्रा में चीनी की शुरूआत के कारण आंखों के आसपास काले घेरे होते हैं।